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फ़रग़ना वादी

सूची फ़रग़ना वादी

अंतरिक्ष से फ़रग़ना वादी का दृश्य उज़्बेकिस्तान में फ़रग़ना वादी में कुछ खेत-बाग़ान फ़रग़ना वादी का क्षेत्र उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में बंटा हुआ है फ़रग़ना वादी या फ़रग़ना घाटी (फ़ारसी:, वादी-ए-फ़रग़ना; ताजिकी: водии Фарғона, वोदी-ए-फ़रग़ोना; अंग्रेजी: Fergana Valley) मध्य एशिया का एक क्षेत्र है जो पूर्वी उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में विस्तृत है। मध्य एशिया का यह इलाक़ा वैसे तो काफ़ी शुष्क और रेगिस्तानी है, लेकिन इस त्रिकोण अकार की वादी में नरयिन नदी, कारा दरिया और उनके विलय से बनने वाले सिर दरिया की वजह से यह घाटी हरी-भरी और उपजाऊ है। फ़रग़ना वादी की मध्य एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहासों पर गहरी छाप है और मुग़ल साम्राज्य का पहला सम्राट बाबर इसी घाटी का एक उज़बेक निवासी था। फ़रग़ना वादी में बहुत भिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। घाटी की कुल जनसँख्या १.२ करोड़ अनुमानित की गई है और यह मध्य एशिया की सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।, S. Frederick Starr, Baktybek Beshimov, Inomjon I. (CON) Bobokulov, M.E. Sharpe, 2011, ISBN 978-0-7656-2999-9,...

33 संबंधों: ताजिकिस्तान, तुर्किस्तान शृंखला, तैमूरी राजवंश, नमन्गान प्रान्त, नारीन नदी, फ़रग़ना प्रान्त, बातकेन, बातकेन प्रांत, बाबर, बाबरनामा, बाबरी मस्जिद, मर्व, मुग़ल साम्राज्य, सिर दरिया, सुलयमान पहाड़, सुग़्द प्रान्त, जलालाबाद (किर्गिज़स्तान), जलालाबाद प्रांत (किर्गिज़स्तान), ख़ुजन्द, ख़ोक़न्द, गोलोदनाया स्तेपी, ओश, ओश प्रांत, कारा दरिया, काराख़ानी ख़ानत, काश्गर, अन्दीझ़ान, अन्दीझ़ान प्रान्त, अलाय पर्वत शृंखला, अलाय वादी, उत्तरी रेशम मार्ग, उज़्बेकिस्तान, उज़्बेकिस्तान के प्रांत

ताजिकिस्तान

अंतरिक्ष से ताजिकिस्तान का मंज़र ताज़िकिस्तान (ताजिक: Тоҷикистон,, तोजिकिस्तोन) मध्य एशिया मे स्थित एक देश है जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा (स्थलवेष्ठित) है। यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था और उस देश के विघटन के बाद सन् १९९१ में एक स्वतंत्र देश बना। १९९२-९७ के काल में गृहयुद्धों की मार झेल चुके इस देश की कूटनीतिक-भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह उज़बेकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, किर्गिज़स्तान तथा चीन के मध्य स्थित है। इसके अलावा पाकिस्तान के उत्तरी इलाके से इसे केवल अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त का पतला-सा वाख़ान गलियारा ही अलग करता है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशानबे शहर है और यहाँ की भाषा को ताजिक कहा जाता है जो फ़ारसी भाषा का एक रूप माना जाता है। इस भाषा को सीरीलिक अक्षरों में लिखा जाता है जिसमें रूसी तथा कुछ अन्य भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। .

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तुर्किस्तान शृंखला

तुर्किस्तान पर्वत शृंखला मध्य एशिया में स्थित एक पर्वत शृंखला है जो पामीर-अलाय पर्वत मंडल का एक भाग है। यह पर्वतों की कतार ज़रफ़शान पर्वत शृंखला से उत्तर में स्थित है और किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान की सरहद पर अलाय पर्वत शृंखला से शुरू होकर पश्चिम में ३४० किमी दूर उज़्बेकिस्तान में समरक़ंद के नख़्लिस्तान (ओएसिस) पर ख़त्म होती है। .

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तैमूरी राजवंश

अपने चरम पर तैमूरी साम्राज्य तैमूरी राजवंश (फ़ारसी:, तैमूरियान), जो स्वयं को 'गुरकानी राजवंश' कहते थे, मध्य एशिया और उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के विस्तृत इलाक़ों पर राज करने वाला तुर्की-मंगोल नस्ल का एक सुन्नी मुस्लिम वंश था। अपने चरम पर इसके साम्राज्य में समस्त ईरान, अफ़्ग़ानिस्तान और उज़बेकिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान, उत्तर भारत, आनातोलिया, कॉकस और मेसोपोटामिया के बड़े भूभाग शामिल थे। इस राजवंश की नीव १४वीं शताब्दी ईसवी में तैमूरलंग नामक आक्रामक और विजेता ने रखी थी।, Maria Subtelny, BRILL, 2007, ISBN 978-90-04-16031-6 १६वीं सदी में उज़बेकिस्तान की फ़रग़ना वादी से भारत पर आक्रमण करके मुग़ल सलतनत की स्थापना करने वाला बाबर भी इसी तैमूरी राजवंश का हिस्सा था। क्योंकि तैमूरलंग को अक्सर 'अमीर तैमूर' कहा जाता था इसलिए इस राजघराने के वंशज अपने नामों में अक्सर 'मिर्ज़ा' जोड़ लिया करते थे जो 'अमीरज़ादा' (यानि 'अमीर का पुत्र') का संक्षिप्त रूप है।, Mansura Haidar, Mukhtar Ahmad Ansari, Department of History, Jamia Millia Islamia (India), Aakar Books, 2003, ISBN 978-81-87879-11-4,...

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नमन्गान प्रान्त

उज़बेकिस्तान के नक़्शे में नमन्गान प्रान्त (लाल रंग में) नमन्गान प्रान्त (उज़बेक: Наманган вилояти, नमन्गान विलोयती; अंग्रेज़ी: Namangan Province) मध्य एशिया में स्थित उज़बेकिस्तान देश का एक विलायात (प्रान्त) है जो उस देश के सुदूर पूर्वी भाग की फ़रग़ना घाटी के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। प्रान्त का कुल क्षेत्रफल ७,९०० वर्ग किमी है और २००५ में इसकी अनुमानित आबादी १९,७०,००० थी। इस सूबे के ६०% से अधिक लोग ग्रामीण इलाक़ों में रहते हैं। नमन्गान प्रान्त की राजधानी नमन्गान शहर है।, Нурислам Тухлиев, Алла Кременцова, Ozbekiston milliy ensiklopediasi, 2007 .

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नारीन नदी

किर्गिज़स्तान के नारीन शहर के पास नारीन नदी अंतरिक्ष से ली गई कारा दरिया और नारीन नदी के संगम क्षेत्र की तस्वीर, जिसके इर्द-गिर्द बहुत से खेत नज़र आ रहे हैं नारीन नदी (किरगिज़: Нарын, अंग्रेज़ी: Naryn) मध्य एशिया क्षेत्र में किर्गिज़स्तान और उज़बेकिस्तान में बहने वाली सिर दरिया नदी की एक प्रमुख उपनदी है। यह ८०७ किमी लम्बी नदी किर्गिज़स्तान के तियान शान पहाड़ों में उभरती है और पश्चिम में फ़रग़ना वादी और उज़्बेकिस्तान में दाख़िल होकर कारा दरिया से संगम करती है जिसके बाद इस मिश्रित धारा को मध्य एशिया की दूसरी सबसे बड़ी नदी, सिर दरिया, के नाम से जाना जाता है। नारीन नदी पर बहुत से बाँध हैं। इसके जलसम्भर का क्षेत्रफल ५९,१०० वर्ग किमी है।, James R. Penn, ABC-CLIO, 2001, ISBN 978-1-57607-042-0,...

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फ़रग़ना प्रान्त

उज़बेकिस्तान के नक़्शे में फ़रग़ना प्रान्त (लाल रंग में) फ़रग़ना प्रान्त (उज़बेक: Фарғона вилояти, फ़रग़ोना विलोयती; अंग्रेज़ी: Fergana Province) मध्य एशिया में स्थित उज़बेकिस्तान देश का एक विलायात (प्रान्त) है जो उस देश के सुदूर पूर्वी भाग की फ़रग़ना घाटी में स्थित है। प्रान्त का कुल क्षेत्रफल ६,८०० वर्ग किमी है और २००५ में इसकी अनुमानित आबादी २५,९७,००० थी। इसकी राजधानी फ़रग़ना शहर है और इस राज्य में ऐतिहासिक ख़ोक़न्द शहर भी स्थित है।, Нурислам Тухлиев, Алла Кременцова, Ozbekiston milliy ensiklopediasi, 2007 .

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बातकेन

बातकेन शहर के नज़दीक एक पाठशाला का द्वार बातकेन (किरगिज़: Баткен, अंग्रेज़ी: Batken) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश में एक छोटा सा शहर है। यह किर्गिज़स्तान के दक्षिण में प्रसिद्ध फ़रग़ना वादी में स्थित है और किर्गिज़स्तान के बातकेन प्रांत की राजधानी है। इस शहर का नाम प्राचीन सोग़दाई भाषा से आया है और इसका अर्थ 'हवाओं का शहर' है। बातकेन के क्षेत्र में १९९० के शतक के बाद चरमपंथी इस्लामी उग्रवाद शुरू हुआ जिसका असर पड़ोसी उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान पर भी था। इस कारणवश किर्गिज़स्तान की सरकार ने सन् १९९९ में ओश प्रांत को विभाजित करके बातकेन शहर पर केन्द्रित एक नया प्रांत बनाया ताकि प्रांतीय सरकार यहाँ की व्यवस्था पर पूरा ध्यान दे।, Laurence Mitchell, Bradt Travel Guides, 2008, ISBN 978-1-84162-221-7,...

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बातकेन प्रांत

बातकेन प्रांत (किरगिज़: Баткен областы, अंग्रेज़ी: Batken Province) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का एक प्रांत है। इसकी राजधानी का नाम भी बातकेन शहर ही है। इस प्रांत का उत्तरी हिस्सा उपजाऊ फ़रग़ना वादी में आता है जबकि दक्षिण-पूर्व में अलाय पर्वत और दक्षिण-पश्चिम में तुर्किस्तान पर्वत स्थित हैं। २००९ की जनगणना के अनुसार इस प्रांत के ७६.५% लोग किरगिज़ समुदाय के, १४.७% उज़बेक समुदाय के और ६.९% ताजिक समुदाय के थे। यहाँ रूसी और तातार लोग भी रहते हैं। इस प्रांत की सरहदें पश्चिम और उत्तर में ताजिकिस्तान से और उत्तर-पूर्व में उज़बेकिस्तान से लगतीं हैं। .

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बाबर

ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, एक मुगल शासक था, जिनका मूल मध्य एशिया था। वह भारत में मुगल वंश के संस्थापक था। वो तैमूर लंग के परपोते था, और विश्वास रखते था कि चंगेज़ ख़ान उनके वंश के पूर्वज था। मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है! .

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बाबरनामा

मुग़ल सम्राट बाबर की बाबरनामा नामक जीवनी में एक गेंडे के शिकार का चित्रण बाबरनामा से एक दृश्य बाबरनामा (चग़ताई/फ़ारसी) या तुज़्क-ए-बाबरी मुग़ल साम्राज्य के पहले सम्राट बाबर की आत्मलिखित जीवनी है। यह उन्होंने अपनी मातृभाषा चग़ताई तुर्की में लिखी थी। इसमें उन्होंने अपना उज़्बेकिस्तान की फ़रग़ना वादी में गुज़ारा हुआ बचपन और यौवन, बाद में अफ़्ग़ानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण और क़ब्ज़ा और अन्य घटनाओं का विवरण दिया है। उन्होंने हर क्षेत्र की भूमि, राजनीति, अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक वातावरण, शहरों-इमारतों, फलों, जानवरों, इत्यादि का बखान किया है। इसमें कुछ फ़ारसी भाषा के छोटे-मोटे छंद भी आते हैं, हालांकि फ़ारसी बोलने वाले इसे समझने में अक्षम हैं। हालांकि चग़ताई भाषा विलुप्त हो चुकी है आधुनिक उज़बेक भाषा उसी की वंशज है और उसे बोलने वाले उज़बेक लोग बाबरनामा पढ़ सकते हैं। इस किताब को चग़ताई और उज़बेक भाषाओं के साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।, Calum MacLeod, Bradley Mayhew, Odyssey, 2008, ISBN 978-962-217-795-6,...

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बाबरी मस्जिद

बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद ज़िले के अयोध्या शहर में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक मस्जिद थी। रैली के आयोजकों द्वारा मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने देने की भारत के सर्वोच्च न्यायालय से वचनबद्धता के बावजूद, 1992 में 150,000 लोगों की एक हिंसक रैली.

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मर्व

मर्व के प्राचीन खँडहर सुलतान संजर का मक़बरा मर्व (अंग्रेज़ी: Merv, फ़ारसी:, रूसी: Мерв) मध्य एशिया में ऐतिहासिक रेशम मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण नख़लिस्तान (ओएसिस) में स्थित शहर था। यह तुर्कमेनिस्तान के आधुनिक मरी नगर के पास था। भौगोलिक दृष्टि से यह काराकुम रेगिस्तान में मुरग़ाब नदी के किनारे स्थित है। कुछ स्रोतों के अनुसार १२वीं शताब्दी में थोड़े से समय के लिए मर्व दुनिया का सबसे बड़ा शहर था। प्राचीन मर्व के स्थल को यूनेस्को ने एक विश्व धरोहर घोषित कर दिया है। .

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मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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सिर दरिया

तियन शान पर्वतों से अरल सागर तक सिर दरिया का मार्ग ख़ुजन्द, ताजिकिस्तान से गुज़रता हुआ सिर दरिया सिर दरिया (फ़ारसी:, ताजिकी: Сирдарё, अंग्रेज़ी: Syr Darya) मध्य एशिया की एक बड़ी नदी है। यह २,२१२ किलोमीटर लम्बी नदी किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान और काज़ाख़स्तान के देशों से निकलती है। आमू दरिया और सिर दरिया को मध्य एशिया की दो सब से महत्वपूर्ण नदियाँ माना जाता है, हालांकि आमू दरिया में सिर दरिया से कहीं ज़्यादा पानी बहता है।, Michael Kort, Infobase Publishing, 2004, ISBN 978-0-8160-5074-1,...

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सुलयमान पहाड़

किर्गिज़स्तान का सुलयमान पर्वत सुलयमान पर्वत पर मुग़ल सम्राट बाबर द्वारा १५१०ई में बनवाई मस्जिद पर्वत से ओश शहर का नज़ारा सुलयमान पहाड़ (किरगिज़: Сулайман Тоо, सुलईमान तू; अंग्रेज़ी: Sulaymaan Mountain), जिसे तख़्त​-ए-सुलयमान और सुलयमान चट्टान भी कहते हैं, किर्गिज़स्तान के ओश शहर के पास स्थित एक पहाड़ है। यह मध्य एशिया की मशहूर फ़रग़ना वादी के मैदानी इलाक़े में दूर तक इकलौता पहाड़ होने से और भी महान दिखता है। हज़ारों साल से यह पहाड़ पूज्य रहा है और आज यह एक मान्य विश्व धरोहर स्थल है। .

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सुग़्द प्रान्त

सुग़्द प्रान्त (ख़ाक़ी रंग में) ताजिकिस्तान के उत्तर में स्थित है ख़ुजन्द में स्थित सुग़्द ऐतिहासिक संग्राहलय सुग़्द (ताजिकी: Суғд) या विलोयत-इ-सुग़्द ताजिकिस्तान की एक विलायत (प्रान्त) है। यह मध्य एशिया के प्राचीन सोग़दा क्षेत्र में स्थित है जिस से इस प्रान्त का नाम भी पड़ा है। सुग़्द प्रान्त ताजिकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल २५,४०० वर्ग किमी है और सन् २००८ में इसकी आबादी १८.७ लाख अनुमानित कि गई थी। ताजिकिस्तान के ३०% लोग इस प्रान्त में रहते हैं। सुग़्द प्रान्त की राजधानी ख़ुजन्द शहर है।, Bradley Mayhew, Greg Bloom, Paul Clammer, Lonely Planet, 2010, ISBN 978-1-74179-148-8 .

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जलालाबाद (किर्गिज़स्तान)

जलालाबाद शहर का रेवोल्यूत्योन मैदानी (क्रांती मैदान) जलालाबाद, जिसे किरगिज़ भाषा में जलालाबात (किरगिज़: Жалалабат, अंग्रेज़ी: Jalalabat) कहते हैं, मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह किर्गिज़स्तान के पश्चिम में जलालाबाद प्रांत की राजधानी है और उज़बेकिस्तान के साथ लगी सरहद के पास प्रसिद्ध फ़रग़ना वादी के पूर्वोत्तरी छोर पर स्थित है। जलालाबाद अपने पानी के चश्मों के लिए मशहूर है। कहा जाता है कि इनका पानी पीने से और उसमें स्नान करने से बहुत सी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। सोवियत संघ के ज़माने में यहाँ बहुत से हस्पताल बनाए गए थे और यहाँ से पानी बोतलों में किर्गिज़स्तान के अन्य हिस्सों में और दुनिया के अन्य भागों में निर्यात होता है। जलालाबाद के अधिकतर लोग उज़बेक समुदाय के हैं।, Laurence Mitchell, Bradt Travel Guides, 2008, ISBN 978-1-84162-221-7,...

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जलालाबाद प्रांत (किर्गिज़स्तान)

ताश कोमुर शहर का नज़ारा ('मगरमच्छ पहाड़ी' से) जलालाबाद प्रांत (किरगिज़: Жалалабат областы, अंग्रेज़ी: Jalal-Abad Province) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का एक प्रांत है। इस प्रांत की राजधानी भी जलालाबाद नाम का ही शहर है। .

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ख़ुजन्द

ख़ुजन्द में स्थित सुग़्द ऐतिहासिक संग्राहलय ख़ुजन्द चौक ख़ुजन्द (ताजिकी: Хуҷанд,, ख़ुजन्द; रूसी: Худжанд, ख़ुदझ़न्द), जो १९३६ तक ख़ोदजेंद के नाम से और १९९१ तक लेनिनाबाद (Ленинобод) के नाम से भी जाना जाता था, मध्य एशिया के ताजिकिस्तान देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर और उस राष्ट्र के सुग़्द प्रान्त की राजधानी है। यह नगर सिर दरिया के किनारे फ़रग़ना वादी के मुख पर स्थित है। ख़ुजन्द की आबादी १९८९ की जनगणना में १.६ लाख थी लेकिन २०१० में घटकर १.४९ लाख हो गई। यहाँ के अधितर लोग ताजिक समुदाय से हैं और ताजिकी फ़ारसी बोलते हैं। .

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ख़ोक़न्द

ख़ोक़न्द में ख़ान का महल ख़ोक़न्द (उज़बेक: Қўқон, ताजिकी: Хӯқанд, फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Kokand) मध्य एशिया में पूर्वी उज़्बेकिस्तान के फ़रग़ना प्रान्त में स्थित एक शहर है। यह फ़रग़ना वादी के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर क़ायम है। ख़ोक़न्द उबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद से २२८ किमी दक्षिण-पूर्व में, अन्दीझ़ान शहर से ११५ किमी पश्चिम में और फ़रग़ना शहर से ८८ किमी पश्चिम में स्थित है। इसे कभी-कभी 'हवाओं का शहर' या 'जंगली सूअर का शहर' भी बुलाया जाता है। ख़ोक़न्द कुछ बहुत ही ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण व्यापर मार्गों पर स्थित है। एक तो यहाँ से पहाड़ों से होता हुआ पश्चिमोत्तर में ताशकंद को जाता है और दूसरा पश्चिम में ख़ुजन्द की ओर। फ़रग़ना वादी में यातायात का यह एक मुख्य पड़ाव है। सन् १९९९ की जनगणना में इसकी आबादी १,९२,५०० अनुमानित की गई थी।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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गोलोदनाया स्तेपी

किरगिज़ परिवार गोलोदनाया स्तेपी में रोमानोव्सकी नहर का स्रोत बाँध (१९१३ की तस्वीर) गोलोदनाया स्तेपी (अंग्रेज़ी: Golodnaya Steppe, रूसी: Голодная степь), जिसे उज़बेक भाषा में मिर्ज़ाचोल (Mirzachol) या मिर्ज़ाचोल सहरा कहते हैं, उज़बेकिस्तान में सिर दरिया के बाहिने किनारे पर लगा हुआ १०,००० वर्ग किमी का एक लोयस मैदान है। यह एक शुष्क स्तेपी क्षेत्र है जो १९वीं सदी तक रेगिस्तानी इलाक़ा हुआ करता था लेकिन १९५० और १९६० के दशकों में सोवियत संघ की सरकार द्वारा नहर सिंचाई विकसित करने से उज़बेकिस्तान में कपास और अन्न का एक मुख्य स्रोत बन चुका है। सिरदरिया प्रान्त के गुलिस्तोन और यांगियेर शहर गोलोदनाया स्तेपी के मुख्य आबादी के केंद्र हैं। .

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ओश

ओश और उसके पीछे के पर्वतों का नज़ारा ओश बाज़ार में ख़ुश्क मेवे की दुकानें ओश (किरगिज़:, अंग्रेज़ी: Osh) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का दूसरा सबे बड़ा शहर है। यह किर्गिज़स्तान के दक्षिण में प्रसिद्ध फ़रग़ना वादी में स्थित है और इसे कभी-कभी 'किर्गिज़स्तान की दक्षिणी राजधानी' भी कहा जाता है। माना जाता है कि ओश शहर कम-से-कम ३,००० सालों से बसा हुआ है और यह शहर सन् १९३९ से किर्गिज़स्तान के ओश प्रांत की राजधानी भी है। फ़रग़ना वादी में बहुत से जाति-समुदाय रहते हैं और ठीक यही ओश में भी देखा जाता है - यहाँ किरगिज़ लोग, उज़बेक लोग, रूसी लोग, ताजिक लोग और अन्य समुदाय बसते हैं। .

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ओश प्रांत

ओश (किरगिज़: Ош; अंग्रेज़ी: Osh) किर्गिज़स्तान के दक्षिण-पूर्व में स्थित उस देश का एक ओब्लास्त (यानि प्रांत) है। इस प्रांत की राजधानी का नाम भी ओश शहर ही है। इस प्रांत की चीन के शिनजियांग प्रांत, ताजिकिस्तान के कूहिस्तोनी-बदख़्शान स्वशासित प्रांत और गणतंत्र-अधीन ज़िलों और उज़बेकिस्तान के अन्दीझ़ान प्रांत और फ़रग़ना प्रांत से सीमाएँ लगती हैं। .

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कारा दरिया

अंतरिक्ष से ली गई कारा दरिया और नारीन नदी के संगम क्षेत्र की तस्वीर, जिसके इर्द-गिर्द बहुत से खेत नज़र आ रहे हैं। कारा दरिया (किरगिज़: Кара-Дарыя, अंग्रेज़ी: Kara Darya), जिसे कभी-कभी क़ारादरियो (Qaradaryo) भी उच्चारित किया जाता है, मध्य एशिया क्षेत्र में किर्गिज़स्तान और पूर्वी उज़बेकिस्तान में बहने वाली सिर दरिया नदी की एक प्रमुख उपनदी है। .

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काराख़ानी ख़ानत

१००० ईसवी में काराख़ानी ख़ानत अर्सलान ख़ान द्वारा ११२७ में आज़ान के लिए बनवाई गई बुख़ारा की कलयन मीनार काराख़ानी ख़ानत (Kara-Khanid Khanate) मध्यकाल में एक तुर्की क़बीलों का परिसंघ था जिन्होंने मध्य एशिया के आमू-पार क्षेत्र और कुछ अन्य भूभाग में ८४० से १२१२ ईसवी तक अपनी ख़ानत (साम्राज्य) चलाई। इसमें कारलूक, यग़मा, चिग़िल​ और कुछ अन्य क़बीले शामिल थे जो पश्चिमी तियान शान और आधुनिक शिनजियांग इलाक़ों के रहने वाले थे। काराख़ानियों ने मध्य एशिया में ईरानी मूल के सामानी साम्राज्य का ख़ात्मा कर दिया और इसके बाद मध्य एशिया में तुर्की-भाषियों का अधिक बोलबाला रहा। काराख़ानी दौर में ही महमूद काश्गरी ने अपनी प्रसिद्ध 'दीवान-उ-लुग़ात​-उत-तुर्क' नामक तुर्की भाषा के कोष की रचना की।, Rafis Abazov, pp.

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काश्गर

ईद गाह मस्जिद, काशगर काश्गर, कशगार, काशगुर या काशी (उईगुर:, चीनी: 喀什, फारसी) मध्य एशिया में चीन के शिनजियांग प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित एक नख़लिस्तान (ओएसिस) शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग ३,५०,००० है। काश्गर शहर काश्गर विभाग का प्रशासनिक केंद्र है जिसका क्षेत्रफल १,६२,००० किमी² और जनसंख्या लगभग ३५ लाख है। काश्गर शहर का क्षेत्रफल १५ किमी² है और यह समुद्र तल से १,२८९.५ मीटर (४,२८२ फ़ुट) की औसत ऊँचाई पर स्थित है। यह शहर चीन के पश्चिमतम क्षेत्र में स्थित है और तरीम बेसिन और तकलामकान रेगिस्तान दोनों का भाग है, जिस वजह से इसकी जलवायु चरम शुष्क है।, S. Frederick Starr, M.E. Sharpe, 2004, ISBN 978-0-7656-1318-9 पुराकाल से ही काश्गर व्यापार तथा राजनीति का केंद्र रहा है और इसके भारत से गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहे हैं। भारत से शिनजियांग का व्यापार मार्ग लद्दाख़ के रस्ते से काश्गर जाया करता था।, Prakash Charan Prasad, Abhinav Publications, 1977, ISBN 978-81-7017-053-2 ऐतिहासिक रेशम मार्ग की एक शाखा भी, जिसके ज़रिये मध्य पूर्व, यूरोप और पूर्वी एशिया के बीच व्यापार चलता था, काश्गर से होकर जाती थी। काश्गर अमू दरिया वादी से खोकंद, समरकंद, अलमाटी, अक्सू, और खोतान मार्गो के बीच स्थित है। .

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अन्दीझ़ान

अन्दीझ़ान। अन्दीझ़ान या अन्दीजान (उज़बेक: Андижон, रूसी: Андижан, चग़ताई:, अंग्रेज़ी: Andijan) मध्य एशिया के उज़्बेकिस्तान देश का चौथा सबसे बड़ा शहर है और उस देश के अन्दीझ़ान प्रान्त की राजधानी है। यह फ़रग़ना वादी में उज़्बेकिस्तान की किर्गिज़स्तान की सीमा के साथ स्थित है। सन् १९९९ की जनगणना में इसकी आबादी ३,२३,९०० अनुमानित की गई थी। यह भारत के मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक और पहले सम्राट बाबर का जन्मस्थल भी है।, Jl Mehta, Sterling Publishers Pvt.

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अन्दीझ़ान प्रान्त

उज़बेकिस्तान के नक़्शे में अन्दीझ़ोन प्रान्त (लाल रंग में) अन्दीझ़ान प्रान्त (उज़बेक: Андижон вилояти, अन्दीझ़ोन विलोयती; अंग्रेज़ी: Andijan Province) मध्य एशिया में स्थित उज़बेकिस्तान देश का एक विलायात (प्रान्त) है जो उस देश के सुदूर पूर्वी भाग की फ़रग़ना घाटी में स्थित है। प्रान्त का कुल क्षेत्रफल ४,२०० वर्ग किमी है और २००५ में इसकी अनुमानित आबादी १८,९९,००० थी। यह उज़बेकिस्तान का सबसे घनी आबादी वाला राज्य है। इसकी राजधानी अन्दीझ़ान शहर है।, Нурислам Тухлиев, Алла Кременцова, Ozbekiston milliy ensiklopediasi, 2007 .

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अलाय पर्वत शृंखला

इस नक़्शे में अलाय (Alai) पर्वत देखे जा सकते हैं अलाय पर्वत शृंखला (किरगिज़: Алай тоо кыркасы, अंग्रेज़ी: Alay Mountains) मध्य एशिया में किर्गिज़स्तान के तियान शान पर्वतों से पश्चिम में ताजिकिस्तान तक ३५० किमी की लम्बाई तय करने वाली पामीर-अलाय पर्वतों की एक शाखा है। इस शृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ ५,५४४ मीटर लम्बा 'पिक तन्दिकूल' (пик Тандыкуль, Pik Tandykul) है। इस शृंखला की दक्षिणी ढलानों से कई नदी-झरने वख़्श नदी में एकत्रित होते हैं जो आमू दरिया की एक उपनदी है। इसकी उत्तरी ढलानों से उभरने वाले झरनों का पानी फरग़ना वादी की तरफ़ उतरता है और सिर दरिया की उपनदियों को जल देता है। .

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अलाय वादी

अलाय वादी और अलाय-पार पर्वत अलाय वादी (किरगिज़: Алай өрөөнү, अंग्रेज़ी: Alay Valley) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश के ओश प्रांत के दक्षिणी भाग में पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत एक चौड़ी और शुष्क वादी है। यह घाटी पूर्व-पश्चिम दिशा में १८० किमी लम्बी और उत्तर-दक्षिण दिशा में ४० किमी चौड़ी है और इसकी औसत ऊँचाई २५००-३००० मीटर है। घाटी के उत्तर में अलाय पर्वत हैं जिनकी ढलानें फ़रग़ना वादी पर अंत होती हैं। अलाय वादी के दक्षिण में अलाय-पार पर्वत हैं जो ताजिकिस्तान के साथ लगी सरहद पर स्थित हैं। पूर्व में ताउनमुरुन दर्रा (Taunmurun Pass) है जहाँ से चीन की सरहद पर स्थित इरकेश्तम (Irkeshtam) नाम की आख़री किरगिज़ बस्ती है। अलाय वादी की परिस्थितियाँ यहाँ बसने वालों के लिए काफ़ी कठिन हैं। यहाँ से गुज़रे एक यात्री ने इस वादी का ब्यौरा देते हुए कहा कि 'बिना नौकरियों के, कठोर सर्दियों और खेती के लिए ख़राब हालत में यहाँ जीवन बहुत मुश्किल है और यहाँ के अधिकतर पुरुष अन्य जगहों पर काम ढूँढने जा चुके हैं'।, Laurence Mitchell, pp.

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उत्तरी रेशम मार्ग

टकलामकान रेगिस्तान उत्तरी रेशम मार्ग (Northern Silk Road) वर्तमान जनवादी गणतंत्र चीन के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक मार्ग है जो चीन की प्राचीन राजधानी शिआन से पश्चिम की ओर जाते हुए टकलामकान रेगिस्तान से उत्तर निकलकर मध्य एशिया के प्राचीन बैक्ट्रिया और पार्थिया राज्य और फिर और भी आगे ईरान और प्राचीन रोम पहुँचता था। यह मशहूर रेशम मार्ग की उत्तरतम शाखा है और इसपर हज़ारों सालों से चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापारिक, फ़ौजी और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहीं हैं। पहली सहस्राब्दी (यानि हज़ार साल) ईसापूर्व में चीन के हान राजवंश ने इस मार्ग को चीनी व्यापारियों और सैनिकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए यहाँ पर सक्रीय जातियों के खिलाफ़ बहुत अभियान चलाए जिस से इस मार्ग का प्रयोग और विस्तृत हुआ। चीनी सम्राटों ने विशेषकर शियोंगनु लोगों के प्रभाव को कम करने के बहुत प्रयास किये।, Frances Wood, University of California Press, 2004, ISBN 978-0-520-24340-8,...

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उज़्बेकिस्तान

एशिया के केन्द्रीय भाग में स्थित एक देश है जो चारो ओर से जमीन से घिरा है। इतना ही नहीं, इसके चहुँदिश के देश की खुद भी समुद्र तक कोई पहुँच नहीं है। इसके उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पूरब में ताज़िकिस्तान दक्षिण में तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान स्थित है। यह 1991 तक सोवियत संघ का एक घटक था। उज़्बेकिस्तान के प्रमुख शहरों में राजधानी ताशकंत के अलावा समरकंद तथा बुख़ारा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ के मूल निवासी मुख्यतः उज़्बेक नस्ल के हैं, जो बोलचाल में उज्बेक भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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उज़्बेकिस्तान के प्रांत

उज़बेकिस्तान के प्रांत - नीला रंग अरल सागर है और 1 द्वारा नामांकित लाल क्षेत्र राजधानी ताशकंत शहर है उज़बेकिस्तान बारह प्रान्तों में बंटा हुआ है जिन्हें उज़बेक भाषा में 'विलोयत' (viloyat) बुलाया जाता है। इसके अलावा उस देश में एक स्वशासित गणतंत्र (क़ाराक़ालपाक़स्तान गणतंत्र) और एक स्वतन्त्र शहर (ताशकंत) है।, Michael M. Cernea, Ayşe Kudat, pp.

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