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पीला

सूची पीला

पीला एक रंग है जो कि मानवीय चक्षु के शंकुओं में लम्बे एवं मध्यम, दोनों तरंग दैर्घ्य वालों को प्रभावित करता है। यह वह वर्ण है, जिसमें लाल एवं हरा वर्ण बाहुल्य में, एवं नीला वर्ण न्यून हो। इस का तरंग दैर्घ्य 570–580 nm है। .

61 संबंधों: चेन्नई सुपर किंग्स, तरंगदैर्घ्य, तेलुगु देशम पार्टी, नीबू, पश्च-प्रदीप, प्रत्यक्ष वर्णक्रम, प्रकाश-संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक, पूड़ी, पीएच मापक, बादाम, बाल गंगाधर तिलक, बौद्ध ध्वज, बेज रंग, भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची, भारत का ध्वज, भारतीय मीडिया, भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट, भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव, भीमबेटका शैलाश्रय, माधवराव सप्रे, यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन), रायसेन ज़िला, रंग, रंग शीर्षकों की सूची, रंग का नाम, रंगों की सूची २, लाल मिट्टी, लाल हरा नीला रंग प्रतिरूप, लाइम (रंग), लिथुआनिया का ध्वज, लेज़र प्रिंटर, श्वेत, सड़न, सरसों, सिडनी थंडर, संयोजी वर्ण, सुनहरा, स्माइली, स्वतंत्र पूर्वी तिमोर के लिए क्रांतिकारी मोर्चा, सोना, सी एम वाई के वर्ण प्रतिरूप, हल्दीघाटी, हिंदी केसरी, हीरा, जिब्राल्टर सोशल डैमोक्रैट्स, जुगनू, वसन्त पञ्चमी, वामन शिवराम आप्टे, वासुदेव वामन शास्त्री खरे, विश्व में बौद्ध धर्म, ..., विष्णु कृष्ण चिपलूणकर, वेब रंग, गोपाल गणेश आगरकर, ओलीवाइन, इन्द्रधनुष, इलेक्ट्रानिक अवयवों का वर्ण संकेतन, कनक चम्पा, अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस, अमेथिस्ट, अरुणाचल प्रदेश, अजरक सूचकांक विस्तार (11 अधिक) »

चेन्नई सुपर किंग्स

चेन्नई सुपर किंग्स इंडियन प्रीमियर लीग की एक चेन्नई स्थित फ़्रैन्चाइज़ी है। जिसके २००८ से २०१५ तक कप्तान भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी रहे तथा टीम के कोच न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग थे। २०१६ में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में आने के कारण टीम को २ सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। जो न तो २०१६ में हिस्सा ले पाई और न ही २०१७ में खेल पाएगी। २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की जगह राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स खेल रही है जिसके कप्तान भी महेन्द्र सिंह धोनी है। टीम का मूल ग्राउंड चिदंबरम स्टेडियम, चेपौक, चेन्नई है। इसके ब्रैंड एम्बैसेडर प्रसिद्ध ड्रमर शिवमणि है। स्थापना के समय टीम का नाम चेन्नई सुपरस्टार्स रखा गया था जो कि बाद में बदल दिया गया था। २०१५ इंडियन प्रीमियर लीग के हिसाब से अब तक इंडियन प्रीमियर लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी चेन्नई सुपर किंग्स सुरेश रैना रहे हैं जो अभी २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग में गुजरात लॉयन्स टीम के कप्तान थे। .

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तरंगदैर्घ्य

साइन-आकारीय अनुप्रस्थ तरंग का तरंगदैर्घ्य, '''λ''' भौतिकी में, कोई साइन-आकार की तरंग, जितनी दूरी के बाद अपने आप को पुनरावृत (repeat) करती है, उस दूरी को उस तरंग का तरंगदैर्घ्य (wavelength) कहते हैं। 'दीर्घ' (.

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तेलुगु देशम पार्टी

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) भारत के आंध्र प्रदेश प्रांत की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी है। तेलुगू फिल्मों के अभिनेता एन टी रामाराव के जमाने में इस पार्टी का अभ्युदय हुआ था। बाद में चंद्रबाबू नायडू इसे नयी उँचाइयों पर ले गये। .

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नीबू

नीबू का वृक्ष नीबू (Citrus limon, Linn.) छोटा पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियाँ छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है। प्रारूपिक (टिपिकल) नीबू गोल या अंडाकार होता है। छिलका पतला होता है, जो गूदे से भली भाँति चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या हरापन लिए हुए होता है। गूदा पांडुर हरा, अम्लीय तथा सुगंधित होता है। कोष रसयुक्त, सुंदर एवं चमकदार होते हैं। नीबू अधिकांशत: उष्णदेशीय भागों में पाया जाता है। इसका आदिस्थान संभवत: भारत ही है। यह हिमालय की उष्ण घाटियों में जंगली रूप में उगता हुआ पाया जाता है तथा मैदानों में समुद्रतट से 4,000 फुट की ऊँचाई तक पैदा होता है। इसकी कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरणार्थ फ्लोरिडा रफ़, करना या खट्टा नीबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके उत्पादन के स्थान मद्रास, बंबई, बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा बड़ौदा हैं। नीबू की उपयोगिता जीवन में बहुत अधिक है। इसका प्रयोग अधिकतर भोज्य पदार्थों में किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के पदार्थ, जैसे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) आदि तैयार किए जाते हैं। .

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पश्च-प्रदीप

चित्र:LCD layers.svg पश्च-प्रदीप (कभी कभी पश्चालोक) या पश्च-प्रदीपक द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी (एलसीडी) को प्रकाशित करने की एक युक्ति है। पश्च-प्रदीपक किसी एलसीडी को पीछे से या पार्श्व से प्रकाशित करते हैं जबकि इसके विपरीत अग्र-प्रदीपक को प्रकाशन हेतु एलसीडी के सामने रखा जाता है। पश्च-प्रदीपकों का प्रयोग छोटे प्रादर्शी पटलों में कम प्रकाश की स्थितियों में पठनीयता को बढ़ाने के लिए,संगणक प्रादर्शी पटलों और एलसीडी टेलीविजन में सीआरटी प्रादर्शी पटलों की भांति प्रकाश उतपन्न करने के लिए किया जाता है। सामान्य प्रकार के एलसीडी प्रादर्शी पटलों का निर्माण बिना किसी आंतरिक प्रकाश स्रोत के बिना किया जाता है और उपयोगकर्ता के लिए संप्रेषित छवि प्रदर्शित करने के लिए एक बाहरी प्रकाश स्रोत की आवश्यकता होती है। हालांकि, आधुनिक एलसीडी स्क्रीन एक आंतरिक प्रकाश स्रोत के साथ बनाये जाते हैं। ऐसी एलसीडी स्क्रीन कई परतों से मिलकर बनी होती है और आमतौर पर पश्च-प्रदीपक पीछे से पहली परत होती है। स्क्रीन पर छवियों के सर्जन हेतु स्क्रीन के पिक्सल के प्रकाश की तीव्रता को विनियमित करने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता होती है और इस के लिए, प्रकाश वाल्व का प्रयोग किया जाता है। प्रकाश वाल्व लक्ष्य तक पहुँचने वाले प्रकाश का मार्ग अवरुद्ध करके इसकी मात्रा को किसी तरह नियंत्रित करता है। ऐसा करने का सबसे आम तरीका ध्रुवीकरण फिल्टर का प्रयोग है जो एक स्रोत से निकलने वाले प्रकाश का ध्रुवण एक या दो अनुप्रस्थ दिशाओं में कर, इसे फिर एक स्विचन ध्रुवीकरण फिल्टर के माध्यम से पारित कर अवांछनीय प्रकाश का रास्ता रोक देता है। पश्च-प्रदीपक किसी भी रंग का हो सकता है। एकवर्णी (मोनोक्रोम) एलसीडी आमतौर पर पीले, हरे, नीले या सफेद रंग के होते हैं, जबकि बहुवर्णी एलसीडी सफेद रंग का प्रयोग करते हैं क्योंकि सफेद रंग में वर्णक्रम के अधिकतर रंग समाहित होते हैं। .

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प्रत्यक्ष वर्णक्रम

प्रत्यक्ष वर्णक्रम या दृष्य वर्णक्रम विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम का एक भाग है, जो मानवीय चक्षुओं को दिखाई देता है। इस श्रेणी की विद्युत चुम्बकीय तरंगों को प्रकाश कहते हैं। एक आदर्श मानवी चक्षु वायु में देखती है 380 नैनोमीटर से 750 नैनोमीटर तरंगदर्घ्य की प्रकाश को देख सकती है।। इसके अनुसार जल में और अन्य माध्यमों में यह उस माध्यम के अपवर्तन गुणांक (refractive index) के गुणक में दृश्यता घट जाती है। आवृत्ति के अनुसार, यह 400-790 टैरा हर्ट्ज के बराबर की पट्टी में पङता है। आँख द्वारा देखे गए प्रकाश की अधिकतम संवेदनशीलता 555 nm (540 THz) होती है (वर्णक्रम के हरे क्षेत्र में)। वैसे वर्णक्रम में वे सभी रंग नहीं होते जो कि मानवी आँख या मस्तिष्क देख या पहचान सकता है जैसे भूरा, गुलाबी या रानी अनुपस्थित हैं। यह इसलिए क्योंकि ये मिश्रित तरंग दैर्घ्य से बनते हैं, खासकर लाल के छाया। प्रत्यक्ष प्रकाश के वर्णक्रम का sRGB अनुवाद .

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प्रकाश-संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक

कार्बन चक्र प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया अनेक कारकों द्वारा प्रभावित होती है। इसके कुछ कारक बाह्य होते हैं तथा कुछ भीतरी। इसके अतिरिक्त कुछ सीमाबद्ध कारक भी होते हैं। बाह्य कारण वे होते है जो प्रकृति और पर्यावरण में स्थित होते हुए प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करते हैं जैसे प्रकाश, कार्बनडाई ऑक्साइड, तापमान तथा जल। आंतरिक कारण वे होते हैं जो पत्तियों में स्थित होते हुए प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करते हैं जैसे- पर्ण हरिम, प्ररस, भोज्य पदार्थ का जमाव, पत्तियों की आंतरिक संरचना और और पत्तियों की आयु। इसके अतिरिक्त प्रकाश संश्लेषण को इन सभी वस्तुओं की गति भी प्रभावित करती है। जब प्रकाश संश्लेषण की एक क्रिया विभिन्न कारकों द्वारा नियन्त्रित होती है तब प्रकाश संश्लेषण की गति सबसे मन्द कारक द्वारा नियंत्रित होती है। प्रकाश, कार्बनडाइऑक्साइड, जल, क्लोरोफिल इत्यादि में से जो भी उचित परिमाण से कम परिमाण में होता है, वह पूरी क्रिया की गति को नियन्त्रित रखता है। यह कारक समय विशेष के लिए सीमाबद्ध कारक कहा जाता है। .

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पूड़ी

पूरी या वास्तविक नाम पूड़ी (बहुवचन: पूड़ियाँ) एक एशियाई अखमीरी रोटी है जिसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में खाया जाता है। पुड़ी को सबसे अधिक नाश्ते में परोसा जाता है, इसके अतिरिक्त यह विशेष या औपचारिक समारोहों में परोसी जाती है। कभी कभी प्रसाद के रूप में भी पूड़ियाँ बाँटी जाती हैं। जॉर्जियाई भाषा में रोटी को पूड़ी कहा जाता है। .

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पीएच मापक

एक पीएच मापक यंत्र पीएच मापक द्रव्यों की अम्लीयता और क्षारीयता यानि पीएच का स्तर मापन करने हेतु उपकरण होता है। इसके द्वारा जांचे गए द्रव्य में अम्लीयता और क्षारीयता का स्तर बराबर रहता है, तो वह द्रव्य उदासीन होता है। कई अर्ध-तरल पदार्थों की जांच हेतु विशेष प्रोब्स का प्रयोग भी किया जाता है। एक पीएच मापक यंत्र में एक मापक प्रोब (कांच की इलेक्ट्रोड) एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर से जुड़ी रहती है, व पीएच का स्तर मीटर पर दिख जाता है। पहला वाणिज्यिक पीएच-मापक १९३६ में ब्रिटेन के डॉ॰ आर्नल्ड ओरविले बैकमैन ने बनाया था। कैलिफॉर्निया इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर बैकमैन को एक ऐसी युक्ति बनाने को कहा गया, जो नींबू के रस की अम्लीयता जल्दी और सही माप सके। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बाल गंगाधर तिलक

बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक,; २३ जुलाई १८५६ - १ अगस्त १९२०), जन्म से केशव गंगाधर तिलक, एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुएँ; ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें "भारतीय अशान्ति के पिता" कहते थे। उन्हें, "लोकमान्य" का आदरणीय शीर्षक भी प्राप्त हुआ, जिसका अर्थ हैं लोगों द्वारा स्वीकृत (उनके नायक के रूप में)। इन्हें हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है। तिलक ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, तथा भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच" (स्वराज यह मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेताओं से एक क़रीबी सन्धि बनाई, जिनमें बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष, वी० ओ० चिदम्बरम पिल्लै और मुहम्मद अली जिन्नाह शामिल थे। .

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बौद्ध ध्वज

बौद्ध ध्वज या पंचशील ध्वज यह ध्वज बौद्ध धर्म के प्रतीक एवं बौद्धों के सार्वभौमिक प्रतिनिधित्व के लिए 19 वीं सदी में बनाया गया है। यह दुनिया भर में बौद्धों द्वारा प्रयोग किया जाता है। .

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बेज रंग

बेज रंग एक बहुत ही मद्धिम पीला ish - क्रीम रंग है। शब्द बेज रंग कपड़े, एक सूती कपड़े छोड़ दिया अपने प्राकृतिक रंग में से बनती है। यह बाद से प्रकाश रंग s अपने तटस्थ या अच्छा दिखने के लिए चुना की एक श्रृंखला के लिए इस्तेमाल किया जा करने के लिए आ गया है। 1920 के दशक के बाद से, इस बिंदु जहाँ इसे अब भी उपयोग पीला भूरे रंग, जो नीचे दिखाया गया है की अधिक उल्लेखनीय में से कुछ की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए होता है के लिए शब्द बेज रंग का अर्थ का विस्तार किया।  .

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भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची

भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची। भारत ने सर्वाधिक हिंदी भाषा के समाचार पत्र सर्कुलेट होते हैं उसके बाद इंग्लिश और उर्दू समाचारपत्रों का स्थान है। .

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भारत का ध्वज

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।। भास्‍कर डॉट कॉम। १५ अगस्त २००९ इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।। भारत के राष्ट्रीय पोर्टल पर इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात ३:२ है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ आरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप मै ही भारत की निति को दर्शाता हुआ दिखाई देता है। आत्मरक्षा, शांति, समृद्धि और सदैव विकास की ओर अग्रसर। राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादीमें ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है। ध्वज का हेराल्डिक वर्णन इस प्रकार से होता है: .

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भारतीय मीडिया

भारत के संचार माध्यम (मीडिया) के अन्तर्गत टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, तथा अन्तरजालीय पृष्ट आदि हैं। अधिकांश मीडिया निजी हाथों में है और बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा नियंत्रित है। भारत में 70,000 से अधिक समाचार पत्र हैं, 690 उपग्रह चैनेल हैं (जिनमें से 80 समाचार चैनेल हैं)। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा समाचार पत्र का बाजार है। प्रतिदिन १० करोड़ प्रतियाँ बिकतीं हैं। .

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भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट

भारत के द्वि-वर्ण राज्य कूट भारत में सभी मोटरचालित वाहनों को एक पंजीकरण संख्या (या लाइसेंस नम्बर) दिया जाता है। लाइसेंस पट्ट को नामपट्ट भी कहते हैं। यह संख्या सभी प्रदेशों में जिला स्तर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा दिया जाता है। यह चालन अनुज्ञप्‍ति पट्ट वाहन के आगे और पश्च दिशा में लगाया जाता है। नियमानुसार सभी पट्टियाँ लातिन वर्णों सहित आधुनिक भारतीय अंक प्रणाली में होने चाहिए। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भीमबेटका शैलाश्रय

भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। यह स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ४५ किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८ में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी। भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त १९९० में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई २००३ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यहाँ पर अन्य पुरावशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष सम्मिलित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका (कालांतर में भीमबेटका) पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। .

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माधवराव सप्रे

माधवराव सप्रे माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) हिन्दी के आरंभिक कहानीकारों में से एक, सुप्रसिद्ध अनुवादक एवं हिन्दी के आरंभिक संपादकों में प्रमुख स्थान रखने वाले हैं। वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं। .

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यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन)

क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में वारेगो राजमार्ग पर एक "मार्ग पुष्टि" संकेत, जो चालकों को सूचीबद्ध स्थानों से उनकी दूरी (किलोमीटर में) के बारे में जानकारी देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संकेत जो मील प्रति घंटे में स्थानीय गति सीमा के बारे में बताता है आगे आने वाले एक दोहरे मोड़ की चेतावनी देने वाले एक ताइवान संकेत के डिजाइन विनिर्देश एक स्तंभ पर दो या इससे अधिक संकेतों को प्रदर्शित किया जा सकता है। यहाँ एक कनाडाई सड़क-अंत का निशान एक ग्रामीण हवाई अड्डे के संकेत के साथ दिखाई देता है। यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन) या सड़क संकेत (रोड साइन), सड़क का उपयोग करने वालों को जानकारी प्रदान करने के लिए सड़कों के किनारे लगाए गए संकेतों को कहते हैं। पिछले आठ दशकों में वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सुविधाजनक बनाने (जहाँ भाषा संबंधी अंतर अवरोध पैदा करते हैं) तथा आम तौर पर यातायात सुरक्षा को बढ़ाने में मदद के लिए सचित्र संकेतों को अपनाया है या अन्यथा अपने संकेतों को सरलीकृत और मानकीकृत किया है। इस तरह के सचित्र संकेतों में शब्दों के स्थान पर चिन्हों (अक्सर छायाचित्रों) का उपयोग किया जाता है और ये आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पर आधारित होते हैं। ऐसे संकेतों को सबसे पहले यूरोप में विकसित किया गया था और इन्हें देशों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अपनाया गया है। .

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रायसेन ज़िला

रायसेन ज़िला भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है। रायसेन मालवा क्षेत्र का मध्यकालीन नगर मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले की विंध्य पर्वत शृंखला की तलहटी में अवस्थित है। मध्यकाल में रायसेन सिलहारी राजपूत सरदारों का मज़बूत गढ़ था। बाबर के समय यहाँ का शासक शिलादित्य था, जो ग्वालियर के विक्रमादित्य, चित्तौड़ के राणा सांगा, चंदेरी के मेदनीराय तथा अन्य राजपूत नरेशों के साथ खानवा के युद्ध में बाबर के विरुद्ध लड़ा था। 1543 ई. में रायसेन के दुर्ग पर शेरशाह ने आक्रमण किया था। उसने इस क़िले पर अधिकार तो कर लिया किंतु इसके बाद विश्वासघात करके उसने दुर्ग की रक्षा नियुक्त उन राजपूतों को मार डाला, जिनकी रक्षा का वचन उसने पहले दिया था। इस बात से राजपूत शेरशाह के शत्रु बन गये और कालिंजर के युद्ध में उन्होंने शेरशाह का डटकर मुक़ाबला किया। रायसेन मुग़लों का एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था। अकबर के शासनकाल में यह नगर उज्जैन के सूबे में शामिल 'सरकार' था। यहाँ बलुआ पत्थर से निर्मित क़िला है, जिसकी दीवारों पर शिकार के दृश्य अंकित है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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रंग

रंग प्रकाश का गुण है। इसके तीन गुण होते है- रंगत,मान,सघनता।वर्ण, चाक्षुक या आभासी कला के महत्वपूर्ण अंग हैं। वर्ण या रंग होते हैं, आभास बोध का मानवी गुण धर्म है, जिसमें लाल, हरा, नीला, इत्यादि होते हैं। रंग, मानवी आँखों की वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से से उत्पन्न होते हैं। रंग की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश जो हैं, जुड़े होते हैं वस्तु, प्रकाश स्त्रोत, इत्यादि की भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश अन्तर्लयन, विलयन, समावेशन, परावर्तन या वर्णक्रम उत्सर्ग पर निर्भर भी करते हैं। .

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रंग शीर्षकों की सूची

यह रंग शीर्षकों की सूची है; (रंगों की सूची को भी देखें), जो कि विशिष्ट नामित रंगों या वर्णों संबंधित लेखों की सूची है। श्रेणी सूची:श्रेणी:रंग भी देखें, जो कि इस लेख से कहीं अधिक विस्तृत बनने वाली है।.

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रंग का नाम

एक रंग शब्द, यह भी एक रंग का नाम के रूप में जाना जाता है, एक शब्द या वाक्यांश है कि एक विशिष्ट रंग को संदर्भित करता है। रंग अवधि (जो दृश्य संदर्भ से प्रभावित है) कि रंग के मानव धारणा का उल्लेख है, या हो सकता है एक अंतर्निहित भौतिक संपत्ति (जैसे दृश्य प्रकाश की एक विशिष्ट तरंगदैर्घ्य के रूप में)। वहाँ भी रंग विनिर्देश की संख्यात्मक प्रणाली, रंग रिक्त स्थान के रूप में करने के लिए भेजा। .

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रंगों की सूची २

यह लेख केवल रंगों की सूची लेख की सूची को अँग्रेजी़ वर्णक्रम में रखने हेतु बना है। इस हेतु इसे ना तो बदलें, ना ही हटाएं,। आवश्यकता हो तो उस पृष्ठ के संवाद पर जाकर चर्चा करें (कृपया)। | .

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लाल मिट्टी

लाल मिट्टी लाल मिट्टी (Red soil) लाल, पीली एवं चाकलेटी रंग की होती है। शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। यह मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है। इस मिट्टी में बाजरा की फसल अच्छी पैदा होती है, किन्तु गहरे लाल रंग की मिट्टी कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, के लिए उपयुक्त है। भारत में यह मिट्टी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड से लेकर दक्षिण के प्रायद्वीप तक पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, मेघालय, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में मिलती है। छत्तीसगढ़ में लाल-पीली मिट्टी को स्थानीय रूप से "मटासी मिट्टी" के नाम से जाना जाता है, इसका विस्तार राज्य के लगभग साठ प्रतिशत भूभाग पर है। .

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लाल हरा नीला रंग प्रतिरूप

संयोजी वर्ण मिश्रण का प्रदर्शन। प्राथमिक रंग के प्रकाश का प्रक्षेपण एक पटल पर, दर्शित करता है द्वितीयक या माध्यमिक रंग, जहाँ दो रंग आच्छादित होते हैं; एवं तीनों रंग लाल, हरा, व नीला जहाँ मिलते हैं, वहाँ श्वेत प्रकाश बनता है। RGB वर्ण प्रतिरूप मिश्रित वर्ण प्रतिरूप ही है, जिसमें तीनों रंग लाल, हरा, व नीला वर्णों के प्रकाश विभिन्न प्रकार से मिश्रित होकर वर्णों की एक विस्तृत सारणी का निर्माण करते हैं। इस प्रतिरूप का नामकरण तीनों रंगों, तीनों रंग लाल, हरा, व नीला के अँग्रेजी़ नाम के प्रथम अक्षर से जोङकर बना है। An RGB image, along with its separate R, G and B components; Note that the white snow consists of strong red, green and blue; the brown barn is composed of strong red and green with little blue; the dark green grass consists of strong green with little red or blue; and the light blue sky is composed of strong blue and moderately strong red and green. A set of primary colors, such as the sRGBprimaries, define a '''color triangle'''; only colors within this triangle can be reproduced by mixing the primary colors. Colors outside the color triangle are therefore shown here as gray. The primaries and the D65 white point of sRGB are shown. RGB pixels in an LCD TV (on the right: an orange and a blue color; on the left: a close-up of pixels) The RGB color model mapped to a cube. Values increase along the x-axis (red), y-axis (green) and z-axis (blue). श्रेणी:रंग.

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लाइम (रंग)

लाइम हरा रंग पीला एवं हरा के बीच का होता है। इसका नाम नीबू नामक फल पर किया गया है, जो कि दांए दर्शित है। यह रंग वेब रंग चार्ट्रियूस एवं पीले के मध्य मार्ग में वर्ण चक्र पर है। Maerz and Paul A Dictionary of Color New York:1930 McGraw-Hill; The index refers to Plate 20 Color Sample J1 for Lime Green, though Plate 20 has no such label; this color is shown on Plate 20 as being halfway between yellow-green (the old name for the color that is now called chartreuse) and yellow on the color wheel.

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लिथुआनिया का ध्वज

लिथुआनिया का ध्वज लिथुआनिया का राष्ट्रीय ध्वज है। रंग.

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लेज़र प्रिंटर

HP लेज़रजेट 4200 सिरीज़ प्रिंटर HP लेज़रजेट 1200 प्रिंटर एक लेज़र प्रिंटर कम्प्यूटर प्रिंटर का एक आम प्रकार है, जो तीव्र गति से किसी सादे कागज़ पर उच्च गुणवत्ता वाले अक्षर और चित्र उत्पन्न (मुद्रित) करता है। डिजिटल फोटोकॉपियर्स या बहु-कार्यात्मक प्रिंटर्स (MFPs) की ही तरह लेज़र प्रिंटर में भी एक ज़ेरोग्राफिक प्रिंटिंग प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह एनालॉग फोटोकॉपियर्स से इस रूप में अलग होता है कि प्रिंटर के फोटोकॉपियर पर एक लेज़र किरण की प्रत्यक्ष स्कैनिंग के द्वारा छवि उत्पन्न की जाती है। .

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श्वेत

श्वेत रंग प्रत्यक्ष प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है।.

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सड़न

अंगूठाकार अंगूठाकार सड़न (en:Putrefaction) मृत्यु के बाद शरीर की पांचवीं अवस्था होती है। मरने के बाद सबसे पहले शरीर पीला पड़ना शुरू हो जाता है। उसके बाद अलगोर क्षण आता है। फिर शरीर कठोर होना शुरू हो जाता है। उसके बाद लिवोर (livor) क्षण आता है। और ये सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंत में शरीर सड़ना शुरू होता है। इस प्रक्रिया के दौरान मानव या जानवर का मृत शरीर नष्ट होना शुरू हो जाता है, अथवा सड़ना शुरू हो जाता है। विस्तार से देखें तो सडन का मतलब प्रोटीन का विघटन होना, ऊतकों के बीच सामंजस्य का टूटना तथा अंगों का द्रवीकरण हो जाना होता है। यह बैक्टीरिया या कवक पाचन द्वारा कार्बनिक पदार्थ के अपघटन के कारण होता है। जोकि शरीर में गैसों का उत्पादन करते हैं, जो उतकों और शारीरिक अंगो के क्षय का कारण बनती हैं। शरीर के सड़ने का सटीक समय कई विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। अंदरूनी कारक जो कि शरीर के सड़ने के समय को प्रभावित करते हैं, उनमे मुख्यता है, उम्र अर्थात किस उम्र में व्यक्ति कि मृत्यु हुई, मरने का कारण क्या था और कैसी चोट कि वजह से मृत्यु हुई। बाहरी कारक जो सडन कों प्रभावित करते हैं, उनमे जगह का तापमान, नमी, हवा का बहाव, कपड़े तथा रौशनी इत्यादि आते हैं। सड़न का पहला लक्षण त्वचा के बाहर पेट पर, जहा से बड़ी आंत शुरू होती है और साथ ही जिगर की सतह के नीचे एक हरे रंग का पदार्थ बनना शुरू हो जाता है। कुछ रसायन सडन की प्रक्रिया में विलम्ब करने के लिए भी इस्तेमाल किये जाते हैं। .

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सरसों

भारतीय सरसों के पीले फूल सरसों क्रूसीफेरी (ब्रैसीकेसी) कुल का द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक जातीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। पौधे की ऊँचाई १ से ३ फुट होती है। इसके तने में शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पर्व सन्धियों पर एक सामान्य पत्ती लगी रहती है। पत्तियाँ सरल, एकान्त आपाती, बीणकार होती हैं जिनके किनारे अनियमित, शीर्ष नुकीले, शिराविन्यास जालिकावत होते हैं। इसमें पीले रंग के सम्पूर्ण फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। फूलों में ओवरी सुपीरियर, लम्बी, चपटी और छोटी वर्तिकावाली होती है। फलियाँ पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं। प्रत्येक फली में ८-१० बीज होते हैं। उपजाति के आधार पर बीज काले अथवा पीले रंग के होते हैं। इसकी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है। सामान्यतः यह दिसम्बर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। भारत में इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है। .

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सिडनी थंडर

कोई विवरण नहीं।

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संयोजी वर्ण

संयोजी वर्ण मिश्रण: लाल में हरा मिलाने से पीला मिलता है, पीला में नीला मिलाने पर सफेद मिलता है। एक संयोजी वर्ण प्रतिरूप (additive color model) में संसक्त या एकल स्रोत से निकले प्रकाश का प्रयोग होता है। संयोजी मिश्रण में लाल, हरा एवं नीला प्रकाश प्रयोग होता है, अन्य प्रकाशों को निर्मित करने हेतु। देखें लाल हरा नीला रंग प्रतिरूप.

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सुनहरा

सुनहरे रंग छायांकित प्रतिरूप सुवर्ण, जिसे सुनहरा भी कहा जाता है, एक पीत-वर्ण का निकटवर्ती साथी है। यह रंग हल्के भूरे से लेकर नारंगी (रंग) रंग तक की छायाओं में दिखाया जा सकता है। ठीक वैसे ही जैसे कि रूपहला रंग धातु चाँदी का रंग होता है, यह धातु सोना का रंग होता है, जिसमें कि धात्विक आभा होती है। अतः इसे ठीक-ठीक नहीं दिखाया जा सकता है। .

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स्माइली

स्माइली (या हॅपी फेस) एक मुस्कुराते चेहरे का प्रतित है जो चलित संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। १९६३ में बनी पहली स्माइली का रूप सरल था जो एक पीले गोल में दो काले बिन्दु और एक गोलाकार चाप के साथ बना था। ये दो बिन्दु आँखे और गोलाकार चाप मुंह का प्रतिनिधित्व करते। दिसंबर १९६३ में डिजाइनर हार्वे रॉस बॉल ने इस स्माइली को सर्वप्रथम बनाया था। .

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स्वतंत्र पूर्वी तिमोर के लिए क्रांतिकारी मोर्चा

स्वतंत्र पूर्वी तिमोर के लिए क्रांतिकारी मोर्चा (पुर्तगाली: Frente Revolucionária de Timor-Leste Independente or FreTiLIn (फ्रेटिलिन)), पूर्वी तिमोर की एक वामपंथी राजनीतिक पार्टी है। फिलहाल पार्टी का राष्ट्रीय संसद में बहुमत है और स्वतंत्रता से लेकर 2007 तक पूर्वी तिमोर में पार्टी की सरकार रही है। पार्टी की शुरुआत एक विरोध आंदोलन के रूप में हुई थी जो पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था, यह स्वतंत्रता उसे पहले पुर्तगाल से चाहिए थी और उसके बाद इंडोनेशिया से क्योंकि 1974 से लेकर 1998 तक पूर्वी तिमोर पर इंडोनेशिया का कब्ज़ा था। पार्टी का मूल नाम तिमोरी सामाजिक लोकतांत्रिक संघ (ASDT) था। पूर्वी तिमोर की इंडोनेशिया से स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पार्टी, देश की बहुदलीय प्रणाली का हिस्सा बन सत्ता के लिए होड़ में शामिल हो गयी है। सोशलिस्ट इंटरनेशनल में पार्टी की स्थिति एक परामर्शदाता की है। .

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सोना

सोना या स्वर्ण (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान धातु है। यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। .

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सी एम वाई के वर्ण प्रतिरूप

क्यान, रानी, पीला एवं कुंजी (काला) अर्ध-पारदर्शी काँच की रंगीन पर्तें दिखाती हैं, कि कैसे रंगों की पर्तें कागज़ पर मिश्रित होकर CMY वर्णों का वर्णक्रम बनाती हैं। .

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हल्दीघाटी

हल्दीघाटी इतिहास में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध के लिए प्रसिद्ध है। यह राजस्थान में एकलिंगजी से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। यह अरावली पर्वत शृंखला में एक दर्रा (pass) है। यह राजसमन्द और पाली जिलों को जोड़ता है। यह उदयपुर से ४० किमी की दूरी पर है। इसका नाम 'हल्दीघाटी' इसलिये पड़ा क्योंकि यहाँ की मिट्टी हल्दी जैसी पीली है। .

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हिंदी केसरी

हिन्दी केसरी एक हिन्दी समाचार पत्र था जिसे पंडित माधवराव सप्रे ने १३ अप्रैल १९०७ को छापना आरम्भ किया। यह मराठी में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा प्रकाशित केसरी का हिन्दी संस्करण था जिसे सप्रे जी ने तिलक जी से अनुमति लेकर प्रकाशित करना आरम्न्ह किया था। श्रेणी:पत्रकारिता श्रेणी:हिन्दी के ऐतिहासिक पत्र.

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हीरा

कोहिनूर की काँच प्रति कोहिनूर की एक और प्रति हीरों की आकृतियां हीरा एक पारदर्शी रत्न है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। हीरा में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है। कार्बन परमाणुओं के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध में भाग ले लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान संवतंत्र नहीं होता है। इसलिए हीरा ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालन होता है। हीरा में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदा‍र्थ है इसकी कठोरता के कारण इसका प्रयोग कई उद्योगो तथा आभूषणों में किया जाता है। हीरे केवल सफ़ेद ही नहीं होते अशुद्धियों के कारण इसका शेड नीला, लाल, संतरा, पीला, हरा व काला होता है। हरा हीरा सबसे दुर्लभ है। हीरे को यदि ओवन में ७६३ डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिल्कूल ही राख नहीं बचती है। इससे यह प्रमाणित होता है कि हीरा कार्बन का शुद्ध रूप है। हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व ३.५१ होता है। बहुत अधिक चमक होने के कारण हीरा को जवाहरात के रूप में उपयोग किया जाता है। हीरा उष्मीय किरणों के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए अतिशुद्ध थर्मामीटर बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। काले हीरे का उपयोग काँच काटने, दूसरे हीरे के काटने, हीरे पर पालिश करने तथा चट्टानों में छेद करने के लिए किया जाता है। .

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जिब्राल्टर सोशल डैमोक्रैट्स

जिब्राल्टर सोशल डैमोक्रैट्स (Gibraltar Social Democrats), जिसका संक्षिप्तकरण अंग्रेज़ी वर्णमाला के तीन अक्षरों जीएसडी के साथ किया जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर का एक मुख्य राजनीतिक दल है। पार्टी की विचारधारा सामाजिक लोकतंत्र है। 2011 के आम चुनाव में पार्टी ने जिब्राल्टर संसद की सात सीटें जीती थीं तथा जिब्राल्टर सोशलिस्ट लेबर पार्टी के साथ यह सीटों की तुलना में जिब्राल्टर की सबसे बड़ी पार्टी है। निवर्तमान समय में जिब्राल्टर संसद की 17 सीटों में से दस जिब्राल्टर सोशलिस्ट लेबर पार्टी और जिब्राल्टर लिबरल पार्टी के गठबंधन के पास है और यह गठबंधन ही सरकार में है। सात सीटों के साथ जिब्राल्टर सोशल डैमोक्रैट्स सबसे बड़ा और एकमात्र विपक्षी राजनीतिक दल है। पार्टी ने वर्ष 1996 से 2011 तक जिब्राल्टर में अपनी सरकार बनाई थी। जिब्राल्टर के पूर्व मुख्यमंत्री पीटर करुआना पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष हैं। .

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जुगनू

जुगनू जुगनू या खद्योत (Firefly) कीटों का एक परिवार (family) है। इनके पंख होते हैं। ये जीवदीप्ति उत्पन्न करके अपने संगी को आकृष्ट करते हैं या दूसरे जानवरों का शिकार करने के लिये इसका उपयोग करते हैं। इनके द्वारा उत्पन्न प्रकाश पीला, हरा, लाल आदि हो सकता है। यह प्रकाश रासायनिक क्रिया द्वारा उत्पन्न किया जाता है। इसमें अवरक्त (infrared) और पराबैंगनी (ultraviolet) आवृत्तियाँ नहीं होतीं। .

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वसन्त पञ्चमी

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं। प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। .

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वामन शिवराम आप्टे

वामन शिवराम आप्टे वामन शिवराम आप्टे (1858-1892) संस्कृत के महान पंडित थे। उनकी पुस्तकों में "स्टूडेंट्स् गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन" तथा इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश विशेष प्रसिद्ध हैं। इनमें प्रथम पुस्तक के रूप में उनकी कीर्ति चिरस्थायी है। इस पुस्तक में संस्कृत वाक्यरचना के संबंध में उनके विचार नवीन हैं और उनकी बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। यह पुस्तक हिंदुस्थान में ही नहीं, बाहर भी सर्वत्र मान्य है। .

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वासुदेव वामन शास्त्री खरे

वासुदेव वामन शास्त्री खरे (जन्म सं. १८५८, मृत्यु सं. १९२४) प्रसिद्ध शिक्षाविद तथा इतिहासकार थे। .

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विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

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विष्णु कृष्ण चिपलूणकर

विष्णु कृष्ण चिपलूणकर (१८५०-१८८२) आधुनिक मराठी गद्य के युगप्रवर्तक साहित्यिकार और संपादक थे। श्री विष्णु शास्त्री चिपलूणकर का जन्म पूना के एक विद्वान् परिवार में हुआ। इनके पिता श्री कृष्ण शास्त्री अपनी स्वाभाविक बुद्धिमत्ता, रसिकता, काव्यप्रतिभा, अनुवाद करने की अपनी अनूठी शैली इत्यादि के लिये लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार के रूप में प्रसिद्ध थे। इन्होंने संस्कृत, अंग्रेजी और प्राचीन मराठी का गहरा अध्ययन किया और बी.ए. की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की। बाद में वे शासकीय हाई स्कूल में अध्यापक हुए पर ईसाई मिश्नरियों के भारतीय संस्कृति के विरोध में किए जानेवाले प्रचार से इनका स्वधर्म, स्वसंस्कृति, स्वदेश और स्वभाषा संबंधी अभिमान जाग्रत हुआ। नवशिक्षितों की अकर्मण्यता पर भी इनको दु:ख हुआ। अत: इन्होंने लोकजागरण और लोकशिक्षा की दृष्टि से "निबंधमाला" नामक मासिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ किय। इनके लेख ओजस्वी, स्वाभिमानपूर्ण, स्वधर्म और स्वभाषा के प्रति प्रेम से ओतप्रोत होते थे। जिस प्रकार अनुभूति और विषय की दृष्टि से इनके निबंध श्रेष्ठ हैं उसी प्रकार मौलिकता, प्रतिपादन की प्रभावकारी शैली और कलाविकास की दृष्टि से भी वे रमणीय हैं। इनमें राष्ट्रीयता, ओज, लोकमंगल की कामना और रमणीयता ओतप्रोत हैं। निबंधमाला में भाषाशुद्धि, भाषाभिवृद्धि, अंग्रेजी शैली की समीक्षा, शास्त्रीय ढंग से इतिहासलेखन, कलापूर्ण जीवनी की रचना, साहित्य और समाज का अन्योन्य संबंध और सामाजिक रूढ़ियों के गुण दोष इत्यादि के विषयों में विचारप्रवर्तक लेख हैं। इनकी निबंधशैली में मैकाले, एडीसन, स्टील, जॉन्सन इत्यादि की लेखनशैलियों के गुणों का समन्वय है। इनकी शैली में ओज, विनोद और व्यंग्य तथा सजीवता हैं। इसी प्रकार इन्होंने अंग्रेजी समीक्षा के अनुसार संस्कृत के पाँच प्रसिद्ध कवियों की उत्कृष्ट कृतियों की सरस समीक्षा कर मराठी में नई समीक्षा शैली की उद्भावना की। इनके "आमच्या देशाचीं सद्यस्थिति" (हमारे देश की वर्तमान स्थिति) नामक विस्तृत एवं ओजस्वितापूर्ण निबंध लिखने पर अंग्रेजी शासन इनपर रुष्ट हुआ। पर इन्होंने स्वयं शासकीय सेवा की स्वर्णशृंखला तोड़ डाली। इन्होंने चित्रशाला नामक एक प्रेस की भी स्थापना की जो भारत में रंगीन चित्रों को प्रकाशित करनेवाले सबसे पहले छापेखानों में से एक थी। पूना में आकर इन्होंने श्री जी. जी. अगरकर और श्री बाल गंगाधर तिलक ने मिलकर १ जनवरी, १८८१ से मराठी में "केसरी" और अंग्रेजी में "मराठा" नामक दो समाचारपत्र प्रकाशित करना प्रारंभ किया। इसी प्रकार नई पीढ़ी में स्वदेशप्रेम जागृत करने के उद्देश्य से इन्होंने न्यू इंग्लिश स्कूल नामक पाठशाला स्थापित की। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और श्री आगरकर से चिपलूणकर को बड़ी सहायता मिली। ३२ वर्ष की अल्पायु में युगप्रवर्तक साहित्यिक सेवा कर इनकी असामयिक मृत्यु हुई। ये मराठी भाषा के "शिवाजी" कहलाते हैं। इन्होंने डॉ॰ जॉन्सन के "रासेलस" उपन्यास का मराठी में सरस एवं कलापूर्ण अनुवाद किया। .

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वेब रंग

वेब रंग वे रंग होते हैं, जो कि वेब पन्ने रूपांकन हेतु प्रयोग होते हैं। वेब रूपांकन के कर्ताओं के पास बहुत विकल्प होते हैं, इन रंगों को वेब घटकों का विवरण देने हेतु। इन्हें बताया जा सकता है जैसे षड्दशमलव रूपाकार में RGB ट्रिप्लेट। वेब रंग वे रंग होते हैं, जो कि वेब पन्ने रूपांकन हेतु प्रयोग होते हैं। वेब रूपांकन के कर्ताओं के पास बहुत विकल्प होते हैं, इन रंगों को वेब घटकों का विवरण देने हेतु। इन्हें बताया जा सकता है जैसे षड्दशमलव रूपाकार में RGB ट्रिप्लेट। .

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गोपाल गणेश आगरकर

गोपाल गणेश आगरकर गोपाल गणेश आगरकर (१४ जुलाई, १८५६ - १८९५) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के समाज सुधारक एवं पत्रकार थे। वे मराठी के प्रसिद्ध समाचार पत्र केसरी के प्रथम सम्पादक थे। किन्तु बाल गंगाधर तिलक से वैचारिक मतभेद के कारण उन्होने केसरी का सम्पादकत्व छोड़कर सुधारक नामक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया। आगरकर, विष्णु कृष्ण चिपलूणकर तथा तिलक "डेकन एजुकेशन सोसायटी" के संस्थापक सदस्य थे। .

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ओलीवाइन

ओलीवाइन या चन्द्रकान्त जो कि रत्न स्तर के होने पर जबरज़द कहलाता है, एक खनिज है। यह The mineral olivine (also called chrysolite and, when gem-quality, peridot) is a मैग्नेशियम लौह सिलिकेट है जिसका रसायन सूत्र है: (Mg,Fe)2SiO4। यह पृथ्वी पर सर्वाधिक सामान्य खनिज है, एवं उल्का पिंड (टूटता तारा) में भी पाया जात है। ओलीवाइन से आपना नाम खनिज श्रेणी में दिया है, जहाँ कि यह ओलीवाइन समूह बनाता है। इस समूह में आते हैं टैफ्रॉइट (Mn2SiO4), मॉन्टीसेलाइट (CaMgSiO4), and किर्श्स्टेनाइट (CaFeSiO4)। .

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इन्द्रधनुष

अर्धवृत्ताकार दोहरा-इन्द्रधनुष आकाश में संध्या समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है। वर्षा अथवा बादल में पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है। सूर्य की किरणें वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित होने के कारण इन्द्रधनुष बनाती हैं। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है। .

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इलेक्ट्रानिक अवयवों का वर्ण संकेतन

१०० किलोओम तथा ५% टॉलरेंस वाले प्रतिरोधक का वर्ण संकेतन वर्ण संकेतन (color coding) का प्रयोग प्रतिरोधक तथा कुछ अन्य इलेक्ट्रानिक अवयवों का मान या रेटिंग दर्शाने के लिए किया जाता है। इस संकेतन का विकास १९२० के दशक में रेडियो मैनुफैक्चरर्स एशोसिएशन द्वारा किया गया था। इसे EIA-RS-279 के नाम से प्रकाशित किया गया था। वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय मानक IEC 60062 है। छोटे इलेक्ट्रानिक अवयवों का मान एवं रेटिंग को संख्या के रूप में सीधे लिखने के बजाय वर्ण-संकेतों के रूप में लिखने के कुछ लाभ हैं, जैसे बहुत छोटी संख्याओं के रूप में लिखने की कठिनाई तथा उसे पढ़ पाने की कठिनाई। किन्तु इसकी कुछ हानियाँ भी हैं, जैसे वर्णांध व्यक्ति के लिये वर्ण संकेत पढ़ना कठिन है। .

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कनक चम्पा

कनक चम्पा कनक चंपा (वैज्ञानिक नाम: Pterospermum acerifolium) माध्यम ऊँचाई का एक वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जता है। मुख्यतः यह भारत और म्यांमार (बर्मा) में पाया जाता है। हिंदी में ही इसके कई नाम हैं - कनक चंपा, मुचकुंद तथा पद्म पुष्प। बंगाली में 'रोसु कुंडा' तथा सिक्किम में इसे 'हाथीपैला' कहते हैं। इसकी लकड़ी लाल रंग की होती है और इसके तख्ते बनते हैं। कनक चम्पा के वृक्ष को खुशबू के साथ-साथ खाने की थाली के पेड़ के रूप में जाना जाता है। इसके पत्ते ४० से.मी.

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अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस

अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस या (ए एन सी)) दक्षिण अफ़्रीका की शासन करने वाली पार्टी है। यह कांग्रेस ऑफ साउथ अफ़्रीकन ट्रेड यूनियंस (कोसाटू (COSATU)) एवं साउथ अफ़्रीकन कम्यूनिस्ट पार्टी (एस ए सी पी) के संग त्रिपार्टीय गठबंधन में है। यह अप्रैल 1994 से ही गैर-रंगभेद लोकतंत्र सरकार के स्थापित होने के साथ ही शसन कर रही है। अपने को बाएँ बाजू की अनुशासित शक्ति कहलाती है। यह सका मूल रूप ८ जनवरी १९१२ में ब्लोयम्फ़ाउंटेन में स्थापित हुआ था। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस का ध्वज .

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अमेथिस्ट

अमेथिस्ट बैंगनी क़िस्म का स्फटिक है जिसका अक्सर गहनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसका नाम प्राचीन यूनानी ἀ a- ("नहीं") और μέθυστος methustos ("मादकता") से आया है, इस विश्वास के संदर्भ में कि रत्न नशे से अपने मालिक की रक्षा करता है; प्राचीन यूनानी और रोमवासी अमेथिस्ट पहना करते थे और इस विश्वास के साथ उनसे मद्य पात्र बनाते थे कि वह मदहोशी को रोकेगा.

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अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश ('अरुणांचल' नहीं) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' .

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अजरक

अरजक (اجرڪ) सिन्ध, कच्छ, तथा बाड़मेर आदि में निर्मित एक विशेष प्रकार की ब्लॉक-प्रिन्ट की गयी शाल का नाम है। इन शालों की डिजाइन और पैटर्न कुछ विशेष होती है। इनको बनाने में उपयोग किये जाने वाले सामान्य रंग ये हैं- नीला, लाल, काला, पीला और हरा। समय के साथ अरजक सिन्धी संस्कृति एवं परम्परा की पहचान बन चुका है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नैवेजो श्वेत, नीबू (रंग), नीबू शीफॉन (रंग), पपीता व्हिप, पुरातन हरा, पीला रंग, पीले रंग, फ्लैक्स (रंग), सरसों (रंग), सुनहरा (रंग), स्कूल बस पीला, सेलेक्टिव पीला, टैंगराइन पीला, गहरा पीला, गहरा गोल्डन रॉड, गहरा केसरिया, गोल्डन रॉड (रंग), केसरिया (रंग), केसरी, कॉर्न (रंग)

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