3 संबंधों: आर्थिक समस्या, अभाव, अर्थशास्त्र।
आर्थिक समस्या
आर्थिक समस्या का कथन है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के सीमित संसाधन मानव की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते। इसका मानना है कि मानव की आवश्यकताएँ असीम हैं, जबकि उनको पूरा करने के साधन कम होते हैं। 'आर्थिक समस्या को ही 'मूलभूत आर्थिक समस्या' भी कहते हैं। इसके कारण तीन प्रश्न उठते हैं-.
नई!!: दुर्लभता और आर्थिक समस्या · और देखें »
अभाव
अभाव का सामान्य अर्थ है - 'किसी वस्तु का न होना'। कुमारिल भट्ट के अनुसार अभावज्ञान प्रत्यक्ष से नहीं होता क्योंकि वहाँ विषयेंद्रियसंबंध नहीं है। अभाव के साथ लिंग की व्याप्ति नहीं होती, अत: अनुमान भी नहीं हो सकता। अभाव ज्ञान के लिए मीमांसा में 'अनुपलब्धि' नामक अलग प्रमाण माना गया है। अभावज्ञान के लिए इंद्रियसंबंध की आवश्यकता नहीं होती। जहाँ वस्तु का अभाव होता है वहाँ वस्तु का अभाव उस स्थान का विशेषण बन जाता है। यह अभाव विशिष्ट आधार का ज्ञान प्रत्यक्ष जैसा हो, किंतु विशेष्य-विशेषण-भाव नामक एक अलग संनिकर्ष से होता है। अत: घर के अभाव का ज्ञान सर्वदा भूतलज्ञान के कारण होता है। बौद्ध दर्शन में अभाव के साथ कोई संबंध नहीं है। इसलिए अभावज्ञान संभव नहीं है। जहाँ अभावज्ञान होता है वहाँ किसी न किसी प्रकार का भावात्मक ज्ञान ही होता है। न्यायवैशेषिक दर्शन में भावात्मक और अभावात्मक दो प्रकार के पदार्थ मान गए हैं। अभाव उतना ही सत्य है जितना वस्तु का सद्भाव। वैशेषिक दर्शन में चार प्रकार के अभावों का उल्लेख है-.
नई!!: दुर्लभता और अभाव · और देखें »
अर्थशास्त्र
---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.
नई!!: दुर्लभता और अर्थशास्त्र · और देखें »