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दक्षिणी कमान (भारत)

सूची दक्षिणी कमान (भारत)

दक्षिणी कमान 18 9 5 से सक्रिय भारतीय सेना का गठन है। इसमें 1 9 61 के गोवा के भारतीय अनुबंध के दौरान, और 1 9 65 और 1 9 71 के भारत-पाकिस्तानी युद्धों के दौरान आधुनिक भारत में कई प्रिंसिपल राज्यों के एकीकरण के दौरान कार्रवाई हुई है। लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम.

7 संबंधों: दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह 2017, भारतीय थलसेना, भारतीय सेना के सेवारत जनरलों की सूची, रॉबर्ट लॉकहार्ट, लांस नायक आश कुमार गुरुंग, हवलदार एलुमलाई एम, १९७१ का भारत-पाक युद्ध

दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह 2017

दक्षिण कमान का अलंकरण सामारोह,भोपाल में 14 सितम्बर 2017 को आयोजित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हैरिज़,जनरल ऑफिसर कमांडिंग - इन - चीफ, दक्षिणी कमान (भारत) ने 63 अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी एवं अन्य पदों को वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया। इन पुरस्कारों को वीरता अदम्य साहस और राष्ट्र के प्रति असाधरण कर्तव्यनिष्ठा प्रदर्शन करने के लिए दिया गया। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय सेना के सेवारत जनरलों की सूची

यह भारतीय सेना के सेवारत जनरलों की सूची है। .

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रॉबर्ट लॉकहार्ट

जनरल सर रॉबर्ट मैकग्रेगर मैकडोनाल्ड लॉकहार्ट (जन्म: 23 जून 1893) स्वतंत्र भारत के प्रथम थलसेनाध्यक्ष थे। वो 15 अगस्त 1947 से 31 दिसम्बर 1947 तक इस पद पर रहे। .

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लांस नायक आश कुमार गुरुंग

लांस नायक आश कुमार गुरुंग भारतीय सेना के दक्षिणी कमान (भारत) के ३५ वर्षीय सैनिक एवं नेपाल के निवासी थे और सेना में १५ वर्षो तक कार्यरत रहे। २५ मई २०१५ को सुबह ९:५० पर जब लांस नायक आश कुमार गुरुंग एक इन्टर -बतलियन पैट्रोल पार्टी के हिस्से के रूप में कुपवाड़ा के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त पर थे तो उनका सामना घसपैठ कर रही उग्रवादियों की टोली से हुआ। लांस नायक आश कुमार गुरुंग ने समय बर्बाद किये बिना आक्रामक तरीके से १५ मीटर आगे भाग कर अपनी ए के -४७ राइफल से फायर कर, एक आतंकवादी को घायल किया और दूसरे को रोका, जो पीछे भागने की कोशिश कर रहा था। बुरी तरह घायल होहे क बावजूद अपनी फायरिंग से दूसरे आतंकवादी को भी घायल किया और लड़ते लड़ते आईं साँस ली। बहादुरी के इस कारनामे में एक उग्रवादी मौके पर मारा गया और दूसरे ने नियंतरण रेखा के उस पार दम तोडा। बहादुरी और साहस की मिसाल के इन कारनामे को अंजाम देने के लिए अपना सर्वोच्चा बलिदान करने वाले लांस नायक आश कुमार गुरुंग को मरनोमारनोपरांत "सेना मैडल (वीरता) से सम्मानित किया गया। इनके मरणोपरांत इनके परिवार में इनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीता गुरुंग और इनकी सुपुत्री आयुषा शामिल है। .

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हवलदार एलुमलाई एम

हवलदार एलुमलाई एम भारतीय सेना के दक्षिणी कमान (भारत) के मद्रास रेजिमेंट में हवलदार के पद पर थे। हवलदार एलुमलाई एम जो की तमिलनाडु प्रदेश के निवासी थे इन्होने १९ वर्ष भारतीय सेना में अपनी ड्यूटी का निर्वाहण किया। ३ फरवरी २०१६ को सियाचिन की सोनम पोस्ट पर हिमस्खलन के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए। हिमस्खलन के दौरान हवालदार एलुमलाई एम ने अपनी कंपनी कमांडर को रेडियो सेट पर बर्फ में ३५ फुट नीचे से सबसे पहले सूचना देने वालो में से एक थे। इन्होने मुसीबत से समय सैंयम कायम रखते हुए स्थिति पर नियत्रण किया। इनकी अद्भुत साहस सूझ बूझ और समझदारी से बचाव दल ने पहुंच कर बचाव कार्य को पूरा किया। दृढ कर्त्तव्य निष्ठां,अकल्पनीय पहल,कर्मठता और सराहनीय बहादुरी के लिए दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह 2017 में हवलदार एलुमलाई एम को " सेना पदक (वीरता) " (मरणोपरांत) से सम्म्मानित किया गया। मरणोपरांत इनके परिपर में इनकी पत्नी श्रीमती ई जमुना रानी और दो पुत्र कविरासु और श्री प्रियदर्शन हैं। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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