'''दक्षिणहस्त नियम''': सदिश '''a''' और '''b''' के सदिश गुणनफल की दिशा '''c''' की तरफ होगी। अर्थात सदिश गुणा किये जा रहे दो सदिश प्रथम दो अंगुलियों की दिशा में हों तो उनका गुननफल तीसरी अंगुली (मध्यमा) की दिशा में होगा। '''दाहिने हाथ की मुट्ठी का नियम''': यदि अंगुठा तार में बहने वाली धारा की दिशा में रखें तो मुड़ी हुई अंगुलियाँ धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा बताती हैं। गणित (सदिश कैलकुलस) और भौतिकी में दक्षिणहस्त नियम (right-hand rule) एक बहु-उपयोगी स्मारक युक्ति (mnemonic) है जिसकी सहायता से सदिश राशियों (जैसे चुम्बकीय बल) की दिशा ज्ञात करने की सुविधा मिलती है। इस नियम को 'abc नियम', 'xyz नियम' या 'IBF नियम' भी कहा जाता है। यह नियम कई प्रकार से बताया जाता है जो आपस में सम्बन्धित हैं, जैसे-.
1 संबंध: फ्लेमिंग वामहस्त नियम।
'''फ्लेमिंग वामहस्त नियम''' चुम्बकीय बल की दिशा बताता है। फ्लेमिंग वामहस्त नियम या फ्लेमिंग के बायें हाथ का नियम (Fleming's left hand rule (for motors)) एक स्मृतिसहायक विधि है जो चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी धारावाही चालक पर लगने वाले चुम्बकीय बल की दिशा बताने के लिये प्रयोग किया जाता है। चित्र में दिखाया गया है कि यदि बायें हाथ की प्रथम तीन अंगुलियाँ एक-दूसरे के लम्बवत फैलायी जाँय और तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में हो एवं मध्यमा चालक में बहने वाली धारा की दिशा में हो तो उस चालक पर लगने वाला चुम्बकीय बल अंगुठे की दिशा में होगा। .
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
दाँये हाथ का नियम, फ्लेमिंग दक्षिणहस्त नियम।