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डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट

सूची डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट

घरों के ऊपर डीटीएच की डिश घर पहुँच सेवा या डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट (डीबीएस) या डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) उपग्रह से सीधे टीवी प्रसारण सेवा सुविधा है। इस प्रसारण में उपभोक्ता को अपने घर में डिश लगानी होती है। इस प्रसारण में केबल टीवी ऑपरेटर की भूमिका खत्म हो जाती है और प्रसारणकर्त्ता सीधे उपभोगताओं को सेवा प्रदान करता है।|हिन्दुस्तान लाइव। २२ जनवरी २०१० डीटीएच नेटवर्क प्रसारण केन्द्र, उपग्रह, एनकोडर, मल्टीपिल्क्सर, मॉडय़ूलेटर और उपभोगताओं से मिलकर बनता है। एक डीटीएच सेवा प्रदाता को उपग्रह से केयू बैंड ट्रांसपोंडर को लीज या किराए पर लेना होता है। इसके बाउ एनकोडर ऑडियो, वीडियो व डाटा सिगनल को डिजिटल फॉरमेट में बदल देता है। मल्टीपिल्कसर इन संकेतों को मिश्रित करता है और इसके बाद उपभोगता के घर पर लगे सैट टॉप बॉक्स या डिश एंटीना डी-कोड कर कार्यक्रमों को टीवी पर प्रसारित करते हैं। डीबीएस को प्रायः पर मिनी डिश सिस्टम भी कहा जाता है। डीबीएस में ४ बैंड के ऊपरी हिस्से व बैंड के कुछ हिस्सों को उपयोग में लिया जाता है। संशोधित डीबीएस को सी-बैंड उपग्रह से भी संचालित किया जा सकता है। अधिकांश डीबीएस डीवीबी-एस मानकों को अपने प्रसारण के लिए उपयोग में लाते हैं। इन मानको को पे-टीवी सेवाओं के तहत रखा गया है। .

9 संबंधों: टीवी कॉम्बो बॉक्स, एबीऍस फ़्री डिश, डिश टीवी, बिग टीवी, भूसमकालिक कक्षा, मुम्बई, मुंबई में मीडिया, इंटरनेट टीवी, इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन

टीवी कॉम्बो बॉक्स

सेट्टौप बौक्स टीवी कॉम्बो बॉक्स कम्प्यूटर पर जुड़ने वाला एक ऐसा बाहरी उपकरण है जिसे कंप्यूटर मॉनीटर से जोड़ा जा सकता है। यह कंप्यूटर की स्क्रीन पर टीवी के प्रोग्राम देखने के काम आता है।।हिन्दुस्तान लाइव।।१ नवंबर, २००९ यह कार्य प्रायः टीवी ट्यूनर कार्ड से ही लिया जाता है। इससे भी मॉनीटर स्क्रीन पर टीवी देखा जा सकता है, लेकिन, टीवी कांबो बॉक्स से बिना कंप्यूटर चलाए (सीपीयू की पॉवर ऑन किए बिना) ही टीवी के कार्यक्रम देखे जा सकते हैं। इस कोंबो बॉक्स में अंदर स्थित स्पीकर भी लगे होते हैं, जिनकी मदद से टीवी की आवाज भी सुनी जा सकती है, तथा इसमें बाहरी स्टीरियो स्पीकर जोड़कर आवाज सुनने का भी विकल्प होता है। इसके अलावा इसमें कैलकुलेटर, कंप्यूटर गेम्स और टाइमर जैसे प्रकार्य-प्रोग्राम भी उपलब्ध होते हैं। इसका प्रयोग इसके साथ उपलब्ध रिमोट नियंत्रण से किया जाता है। रिमोट पर सभी विकल्प उपलब्ध होते हैं। यह टीवी और कंप्यूटर के प्रकार्यों को बिना जोड़े या हटाये उपयोक्ता की इच्छानुसार रिमोट से बदल कर देखने के काम आता है। यानी जब चाहें टीवी देखें और जब मन हो कंप्यूटर पर काम करें। रिमोट पर ही इसके लिए विकल्प उपलब्ध होता है। इसके रिमोट पर ही सब तरह के नियंत्रक बटन उपल्ब्ध होते हैं। जिनमें सामान्य केबल या डिश टीवी रिमोट जैसी सभी सुविधाएं होती हैं। कोंबो बॉक्स में ऑपरेटर से प्राप्त केबल, डीटीएच केबल, यूएसबी केबल को जोड़ा जा सकता है। कोंबो बॉक्स के रिमोट की मदद से ऐसे १००० तक चैनल तक देख सकते हैं, जिनकी सेवा स्रोत से उपलब्ध हो। .

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एबीऍस फ़्री डिश

ABS फ्री डीस या ABS2 एक भारतीय फ्री-टू-एयर डिजिटल प्रत्यक्ष प्रसारण उपग्रह टेलीविजन सेवा है। यह भारत का दूसरा फ्री-टू-एयर उपग्रह टेलीविजन सेवा है। इससे पहले भारत मे डीडी फ्री डीस कार्यरत है और डीस टीवी का सेटेलाइट डीडी के सेटेलाइट के पास होने का फायदा उठाने के लिए डीस टीवी ने अपने फ्री टु एयर चैनलो को अनइंक्रिप्टेड रखता है जिससे वो डीडी फ्री डीस के साथ एक ही सेट टॉप बॉक्स पे देखा जा सकता है। ABS फ्री डीस का राह आसान नही है ये डीटीएच के दौर मे काफी बाद मे आया है तबतक डीडी फ्री डीस दो कड़ोर से अधिक सक्रिय दर्शक अपने साथ जोड़ चुका है। फिलहाल ABS2 75° पुर्वी उपग्रह पे 97 एफटीए MPEG-2 चैनलों, और एक MPEG4 चैनल है। .

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डिश टीवी

डिश टीवी भारत की पहली डीटीएच मनोरंजन सेवा है। इस पर डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच), पे-पर-वियु आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह एमपेग-2 डिजिटल संपीड़न तकनीक की मदद से कर एनएसएस-6 उपग्रह के द्वारा अपनी सेवाएं संचारित करता है। 2011 में "भारत फॉर्च्यून 500" द्वारा प्रकाशित भारत के सबसे बड़े मीडिया कंपनियों की सूची में डिश टी० वी० इंडिया लिमिटेड को #437 और # 5 स्थान मिला था। एस्सेल समूह द्वारा प्रारम्भ की गई इस उपग्रह प्रसारण सेवा के उपभोगता भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान के अलावा दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी हैं | वर्तमान में डिश टीवी के पास २८५ से भी ज़्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैनल्स और २५ रेडियो चैनल्स हैं | .

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बिग टीवी

बिग टीवी बिग टीवी या रिलाइंस बिग टीवी भारत का एक डीटीएच सेटेलाइट टेलिविज़न प्रदाता है| बिग टीवी एमपीईजी-४ डिजिटल संपीडन प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल करता है | यह एमईऐएसऐटी-४ (MEASAT-4) द्वारा 91.5° ई पर संचारण करता है| यह भारत की पांचवीं डीटीएच सेवा है | .

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भूसमकालिक कक्षा

इस एनिमेशन में किसी भूस्थिर कक्षा में चक्कर काट रहे उपग्रह की गति दर्शायी गयी है। भूसमकालिक कक्षा (geosynchronous orbit या GSO) धरती के चारों ओर स्थित वह दीर्घवृत्ताकार कक्षा है जिसमें घूमने वाले पिण्ड (जैसे, कृत्रिम उपग्रह) का आवर्तकाल १ दिन (धरती के घूर्णन काल के बराबर .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुंबई में मीडिया

हिन्दी चलचित्र उद्योग- बॉलीवुड बसा हुआ है। मुंबई में बहुत से समाचार-पत्र, प्रकाशन गृह, दूरदर्शन और रेडियो स्टेशन हैं। मराठी पत्रों में नवकाल, महाराष्ट्र टाइम्स, लोकसत्ता, लोकमत, सकाल आदि प्रमुख हैं। मुंबई में प्रमुख अंग्रेज़ी अखबारों में टाइम्स ऑफ इंडिया, मिड डे, हिण्दुस्तान टाइम्स, डेली न्यूज़ अनालिसिस एवं इंडियन एक्स्प्रेस आते हैं। अन्य भारतीय भाषाओं में भी समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। मुंबई में ही एशिया का सबसे पुराना समाचार-पत्र बॉम्बे समाचार भी निकलता है। यह गुजराती में १८२२ से प्रकाशित हो रहा है। बॉम्बे दर्पण प्रथम मराठी समाचार-पत्र था, जिसे बालशास्त्री जाम्भेकर ने १८३२ में आरंभ किया था। यहां बहुत से भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनल्स उपलब्ध हैं। यह महानगर बहुत से अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया निगमों और मुद्रकों एवं प्रकाशकों का केन्द्र भी है। राष्ट्रीय टेलीवीज़र प्रसारक दूरदर्शन, दो टेरेस्ट्रियल चैनल प्रसारित करता है, और तीन मुख्य केबल नेटवर्क अन्य सभी चैनल उपलब्ध कराते हैं। केबल चैनलों की विस्तृत सूची में ईएसपीएन, स्टार स्पोर्ट्स, ज़ी मराठी, ईटीवी मराटःई, डीडी सह्याद्री, मी मराठी, ज़ी टाकीज़, ज़ी टीवी, स्टार प्लस, सोनी टीवी और नये चैनल जैसे स्टार मांझा आइ कई मराठी व अन्य भाषाओं के चैनल शामिल हैं। मुंबई के लिए पूर्ण समर्पित चैनलों में सहारा समय मुंबई आदि चैनल हैं। इनके अलावा डी.टी.एच प्रणाली अपनी ऊंची लागत के कारण अभी अधिक परिमाण नहीं बना पायी है। प्रमुख डीटीएच सेवा प्रदाताओं में डिश टीवी, बिग टीवी, टाटा स्काई और सन टीवी हैं। मुंबई में बारह रेडियो चैनल हैं, जिनमें से नौ एफ़ एम एवं तीन ऑल इंडिया रेडियो के स्टेशन हैं जो ए एम प्रसारण करते हैं। मुंबई में कमर्शियल रेडियो प्रसारण प्रदाता भी उपलब्ध हैं, जिनमें वर्ल्ड स्पेस, सायरस तथा एक्स एम प्रमुख हैं। बॉलीवुड, हिन्दी चलचित्र उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है। इस उद्योग में प्रतिवर्शः १५०-२०० फिल्में बनती हैं। बॉलीवुड का नाम अमरीकी चलचित्र उद्योग के शहर हॉलीवुड के आगे बंबई का ब लगा कर निकला हुआ है। २१वीं शताब्दी ने बॉलीवुड की सागरपार प्रसिद्धि के नये आयाम देखे हैं। इस कारण फिल्म निर्माण की गुणवत्ता, सिनेमैटोग्राफ़ी आदि में नयी ऊंचाइयां दिखायी दी हैं। गोरेगांव और फिल सिटी स्थित स्टूडियो में ही अधिकांश फिल्मों की शूटिंग होतीं हैं। मराठी चलचित्र उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है। .

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इंटरनेट टीवी

इंटरनेट टेलीविज़न (आइ.टीवी, ऑनलाइन टीवी या इंटरनेट टीवी भी कहते हैं) इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित दूरदर्शन सेवा होती है। ये सेवा २१वीं शताब्दी में काफी प्रचलित हो चुकी है। इसके उदाहरण हैं संयुक्त राज्य में ह्यूलु एवं बीबीसी आईप्लेयर, नीदरलैंड्स में नीदरलैंड २४ सेवा। इसके लिये तेज गति वाला ब्रॉडबैंड कनेक्शन चाहिये, जिसके द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध टीवी चैनलों की स्ट्रीमिंग करके लाइव खबरें व अन्य सामग्री देख सकते हैं। अभी तक उपभोक्ता पहले सीधे उपग्रह, फिर केबल टीवी और उसके बाद डीटीएच यानी डायरेक्ट टू होम डिश के माध्यम से टीवी देखते रहे हैं। इंटरनेट अब नया माध्यम है, जिस पर टीवी देखा जा सकता है। यह आम आदमी तक देश और दुनिया के समाचार व मनोरंजन सामग्री पहुंचाने का नया तरीका है और एकदम वैसा ही, जैसे बाकी माध्यम है। भारत में इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत को इंटरनेट प्रोटोकाल टेलीविजन (आईपीटीवी) के रूप में समझ सकते हैं। इसमें इंटरनेट, ब्राडबैंड की सहायता से टेलीविजन कार्यक्रम घरों तक पहुंचाता है। इस नेट नियोजित प्रणाली में टेलीविजन के कार्यक्रम डीटीएच या केबल नेटवर्क के बजाय, कंप्यूटर नेटवर्क में प्रयोग होने वाली तकनीकी मदद से देखे जाते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव। १८ मार्च २०१० संभवत: दुनिया में एबीसी का वर्ल्ड न्यूज नाउ पहला टीवी कार्यक्रम रहा है, जिसे इंटरनेट पर प्रसारित किया गया था। इंटरनेट के लिए एक वीडियो उत्पाद तैयार किया गया, जिसका नाम आईपीटीवी रखा गया था। लेकिन सबसे पहले जो टेलीविजन के कार्यक्रम इंटरनेट ब्राडबैंड के द्वारा प्रसारित किए गए तो उस फार्मेट को भी आईपीटीवी का ही नाम दिया गया। भारत सरकार ने भी इसे स्वीकृति दे दी है और भारत के कई शहरों में यह सेवा चालू हो चुकी है। .

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इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन

इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन (आईपीटीवी) में इंटरनेट, ब्रॉडबैंड की सहायता से टेलीविजन कार्यक्रम घरों तक पहुंचता है। इस प्रणाली में टेलीविजन के कार्यक्रम डीटीएच या केबल नेटवर्क के बजाय, कम्प्यूटर नेटवर्क में प्रयोग होने वाली टेक्नोलॉजी की सहायता से देखते हैं। वर्ष १९९४ में ए.बी.सी का व‌र्ल्ड न्यूज नाउ पहला टेलीविजन कार्यक्रम था, जिसे इंटरनेट पर प्रसारित किया गया था। १९९५ में इंटरनेट के लिए एक वीडियो उत्पाद तैयार किया गया, जिसका नाम आई.पी.टी.वी रखा गया था। लेकिन सबसे पहले संयुक्त राजशाही में टेलीविजन के कार्यक्रम इंटरनेट ब्रॉडबैंड की सहायता से प्रसारित किए गए और इस फॉर्मेट को भी आईपीटीवी नाम दिया गया। २० अगस्त, २००८ को भारत सरकार ने भी इसे मंजूरी दे दी है, व भारत के कई शहरों में ये सेवा चालू हो चुकी है। इस सेवा के भारत में वर्तमान प्रदाताओं में भारत संचार निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड और भारती एयरटेल हैं। यह सेवा विश्व भर में बहुत से देशों में प्रचालन में है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

डीटीएच

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