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ज़ैतून

सूची ज़ैतून

ज़ैतून के फल यूनान में ज़ैतून के वृक्ष ज़ैतून अँग्रेजी नाम ओलिव (olive), वानस्पतिक नाम 'ओलेआ एउरोपैआ', (Olea europaea); प्रजाति ओलिया, जाति थूरोपिया; कुल ओलियेसी; एक वृक्ष है, जिसका उत्पत्तिस्थान पश्चिम एशिया है। यह प्रसिद्ध है कि यूनान के ऐटिका (एथेंस) प्रांत की पहाड़ियों में, चूनेदार चट्टानों द्वारा बनी हुई मिट्टी में, ज़ैतून के वृक्ष सर्वप्रथम पैदा किए गए। ये अब भूमध्य सागर के आस-पास के देशों, जैसे स्पेन, पुर्तगाल, ट्यूनीशिया और टर्की आदि में भली भाँति पैदा किए जाते हैं। यूनान के पर्वतीय प्रांतों में ज़ैतून की खेती व्यापारिक अभिप्राय से की जाती है। अफ्रीका के केप उपनिवेश, चीन तथा न्यूज़ीलैंड में भी इसकी खेती सफलता पूर्वक की जाती है। अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत में ज़ैतून के बाग लगाए गए हैं। यूरोप में ज़ैतून के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक जंगली काँटेदार और दूसरा बिना काँटे का होता है। जंगली वृक्ष छोटा या झाड़ी की भाँति होता है और उसकी डालियों पर काँटे होते हैं। पत्तियाँ विपरीत, दीर्घवत्‌ और नुकीली होती हैं। इसके पुष्प सफेद होते हैं तथा प्रत्येक पुष्प में चार विदरित बाह्यदलपुंज (calyx) तथा दलपुंज (corolla), दो पुंकेसर तथा द्विशाख वर्तिंकाग्र (stigma) होते हैं। बागों में लगाए गए वृक्ष ऊँचे, सुगठित और बिना काँटे के होते हैं। इनकी कई किस्में हैं। इस वृक्ष के फल से व्यापारिक महत्व का तेल प्राप्त किया जाता है। इसके फल में सूखे पदार्थ के आधार पर 50 से 60 प्रति शत तक तेल रहता है। इसे भली भाँति कुचल कर, दबाकर या दाबक से तेल निकालते हैं। फल का अचार बनाया जाता है। ये तिक्त होते हैं। नमक के पानी मे फल का रखने स तिक्तता दूर हो जाती है। ज़ैतून के नए पौधे कलम द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। प्रौढ़ डालियों के 6 इंच के टुकड़े काट कर अक्टूबर या रवरी में कर्तन (Cutting) लगाते हैं। जब जड़ें निकल आती हैं तब उन्हें रोपण क्यारी में लगा देते हैं। दो वर्ष बाद स्थायी स्थान में 30-40 फुट की दूरी पर लगा कर बाग तैयार करते हैं। 5 वर्ष बाद वृक्ष फल देने लगते हैं। सर्वाधिक फल 15-20 वर्ष की अवस्था होने पर ही प्राप्त होते हैं। प्रति वर्ष वृक्षों की डालियों की कटाई-छँटाई की जाती है। नाइट्रोजन की खाद इसके लिय सबसे उपयोगी है। .

20 संबंधों: दियाला प्रान्त, बालिकेसिर प्रांत, बेनगाज़ी, भूमध्य द्रोणी, मरूद्यान, मार्जरीन, यहूदी एवं बाइबलीय मापन इकाइयाँ, यूरोप, रसायन विज्ञान, सिरेनेइका, सिसिली, हरीसा, हाइल प्रान्त, जैतून का तेल, वसा, ओजोन थेरेपी, कैन, कोर्सिका, अत-तिन, अफ़्रीका

दियाला प्रान्त

दियाला प्रान्त, जिसे अरबी में मुहाफ़ज़ात​ दियाला कहते हैं इराक़ का एक प्रान्त है। यह राष्ट्रीय राजधानी बग़दाद से पूर्वोत्तर में शुरू होकर ईरान की सीमा तक विस्तृत है। .

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बालिकेसिर प्रांत

तुर्की में बालिकेसिर प्रांत की स्थिति। बालिकेसिर (तुर्कः Balıkesir) पश्चिमी तुर्की में एक प्रांत है। इसका तटीय क्षेत्र मरमारा एजीनामेरिन किनारे पर है। वर्ष २००१ में यहा की जनसंख्या १०,७६,३४७ थी और २००७ के अनुमानुसार इस प्रांत की जनसंख्या ११,०४,१०० है। इस प्रांत का यह नाम फ़ारसी भाषा के एक शब्द से पड़ा जिसका अर्थ है "बहुत सारा शहद"। इस प्रांत के मुख्य कृषि उत्पाद फल और सब्ज़ियां हैं। यहाँ आय के प्रमुख स्रोत हैं: पर्यटन और जैतून। इसके अतिरिक्त यहाँ खादानें भी हैं। प्रांत की राजधानी का नाम भी बालिकेसिर है। २००५ में बालिकेसिर तब समाचारों की सुर्ख़ियों में छाया जब तुर्की का पहला बर्ड फ़्लू का मामला यहाँ प्रकाश में आया। .

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बेनगाज़ी

बेनगाज़ी या बेंगाज़ी (अरबी: بنغازي बंगाज़ी) लीबिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर और सिरेनेइका क्षेत्र में सबसे बड़ा शहर है। लिबिया में भूमध्य सागर पर स्थित बंदरगाह के रूप में बेनगाज़ी, त्रिपोली के साथ संयुक्त रूप से राजधानी के है, जोकि संभवतः राजा और सेनुसी शाही परिवार के त्रिपोलिटानिया की बजाय साइरेनिका से जुड़े होने के कारण था। यह शहर राष्ट्रीय संक्रमणकालीन परिषद की अस्थायी राजधानी भी थी। बेनगाज़ी में आमतौर पर राष्ट्रीय राजधानी शहर में होने वाले संगठन, जैसे कि देश की संसद, राष्ट्रीय पुस्तकालय, और लीबिया एयरलाइंस के मुख्यालय, राष्ट्रीय एयरलाइन और नेशनल ऑयल कॉर्पोरेशन आदि संस्थान स्थित है। जिसके कारण बेनगाज़ी और त्रिपोली और साइरेनाका और ट्रिपोलिटानिया के बीच प्रतिद्वंद्विता और संवेदनशीलता का निरंतर वातावरण बना रहता है। 2006 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 670,797 थी।.

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भूमध्य द्रोणी

जैवभूगोल में भूमध्य द्रोणी (Mediterranean Basin) भूमध्य सागर के छोरों पर स्थित वह भूमीय क्षेत्र हैं जहाँ भूमध्य मौसम रहता है, यानि हलकी ठंड व वर्षा वाली शीतऋतु और मध्यम गरमी वाली व शुष्क ग्रीष्मऋतु। इसमें भूमध्यीय वन, वनित क्षेत्र और क्षुप वनस्पति मिलते हैं। कुछ विवरणों के अनुसार यह पूर्वजगत के वह इलाक़ें हैं जहाँ प्राकृतिक रूप से ज़ैतून (ऑलिव) के वृक्ष उगते थे। ध्यान दें कि इस परिभाषा के अनुसार भूमध्य सागर के तटवर्ती सभी क्षेत्र भूमध्य द्रोणी में शामिल नहीं माने जाएँगे। .

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मरूद्यान

ईनकेल्ट, यहूदिया मरूस्थल, इस्राइल में एक नखलिस्तान भौगोलिक संदर्भों में मरूद्यान, शाद्वल, मरूद्वीप अथवा नख़लिस्तान, किसी मरूस्थल में किसी झरने, चश्मा या जल-स्रोत के आसपास स्थित एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां किसी वनस्पति के उगने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध होती हैं। यदि यह क्षेत्र पर्याप्त रूप से बड़ा हो, तो यह पशुओं और मनुष्यों को भी प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराता है। मरूस्थलीय इलाकों में मरूद्यानों का हमेशा से व्यापार तथा परिवहन मार्गों के लिए विशेष महत्व का रहा है। पानी एवं खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए काफिलों का मरूद्यानों से होकर गुज़रना आवश्यक है इसीलिए अधिकतर मामलों में किसी मरूद्यान पर राजनीतिक अथवा सैन्य नियंत्रण का तात्पर्य उस मार्ग पर होने वाले व्यापार पर नियंत्रण से भी है। उदहारण के तौर पर आधुनिक लीबिया में स्थित औजिला, घडामेस एवं कुफ्रा के मरूद्यान कई अवसरों पर सहारा के उत्तर-दक्षिणी एवं पूर्व-पश्चिमी व्यापार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। इका, पेरू में हुआकाचीना नखलिस्तान मरूद्यान किसी जलस्रोत जैसे कि भूमिगत नदी अथवा आर्टीसियन कूप आदि से निर्मित होते हैं, जहां जल दबाव द्वारा प्राकृतिक रूप से अथवा मानव निर्मित कुओं द्वारा सतह तक पहुंच सकता है। समय समय पर होने वाली वृष्टि भी किसी मरूद्यान के भूमिगत स्रोत को प्राकृतिक को जल उपलब्ध कराती है, जैसे कि टुयात.

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मार्जरीन

एक टब में मार्जरीन मार्जरीन (या), सामान्य शब्द के रूप में, विस्तृत मक्खन स्थानापन्न पदार्थों में किसी भी एक को सूचित करता है। दुनिया के कई भागों में, मार्जरीन और स्प्रेड का बाज़ार अंश मक्खन से आगे निकल गया है। मार्जरीन कई खाद्य पदार्थों और व्यंजनों की तैयारी का एक घटक है, तथा बोलचाल की भाषा में इस कभी-कभी ओलियो कहा जाता है। मार्जरीन स्वाभाविक रूप से सफेद या लगभग सफेद दिखाई देता है: कृत्रिम रंजन कारकों को मिलाने की मनाही द्वारा, विधायकों ने कुछ क्षेत्राधिकारों में पाया है कि मार्जरीन के उपभोग को हतोत्साहित करते हुए वे अपने डेयरी उद्योग की रक्षा कर सकते हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रलेशिया और कनाडा में रंग मिलाने पर रोक आम बात हो गई; और कुछ मामलों में, ये प्रतिबंध लगभग 100 साल तक बने रहे। उदाहरण के लिए, 1960 तक, ऑस्ट्रेलिया में रंगीन मार्जरीन की बिक्री वैध नहीं थी। .

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यहूदी एवं बाइबलीय मापन इकाइयाँ

यहूदी धर्म का अपनी स्वयं की मापन पद्धति है, जो कि टणख से मिश्ना और ताल्मुद के समय तक से भी सामन्जस्य रखती है। निम्न तिथि मानक ताल्मुद पाठ्य पुस्तक से ली गयी है "द प्रैक्टिकल ताल्मुद डिक्श्नरी" लेखकः रब्बी रित्ज्हाक फ्रैंक्, एरियल संस्थान्, येरुशलम्, इज्राइल, 1994.

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रसायन विज्ञान

300pxरसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस+अयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है। पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। .

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सिरेनेइका

लीबिया के परम्परागत प्रदेश सिरेनेइका (Cyrenaica) लीबिया के पूर्वी भाग में स्थित एक प्रदेश है। भूमध्यसागर तट पर स्थित इस प्रदेश के पूर्व में मिस्र, पश्चिम में ट्रिपोलीटेनिया एवं दक्षिण में चाड गणतंत्र है। इसमें कूफा मरुद्यान भी सम्मिलित है। तटीय भाग की जलवायु भूमध्यसागरीय है। गर्मी की ऋतु उष्ण एवं शुष्क होती है। भीतरी भागों में वर्षा की मात्रा कम होती है तथा तट से १२५ किमी की दूरी पर मरुस्थलीय दशाएं पायी जाती हैं। तटीय क्षेत्र में बेनगाजी और डेरना के बीच में तथा गेबल-एल-अखदार (Gebel-el-Akhdar) पठार में जनसंख्या केंद्रित है जहां वार्षिक वर्षा १६ इंच के आसपास हो जाती है। जौ, गेहूं, जैतून एवं अंगूर मुख्य कृषि उपज हैं। कफ्रू एवं जिआलो नामक मरुद्यानों से खजूर की प्रचुर मात्रा में प्राप्ति होती है। खानाबदोश पशुचारियों ने भेड़, बकरे और ऊँट पर्याप्त मात्रा में पाल रखे हैं। यहाँ से भेड़, बकरा, पशु, ऊन, चमड़ा, मछली तथा स्पंज का निर्यात मुख्यत: ग्रीस और मिस्र को होता है। उपजाऊ भूमि का अधिकांश भाग चरागाह के लिए ही उपयुक्त है। विकसित सिंचाई के साधनों द्वारा तरकारी की उपज की जा सकती है। फिर भी पशुपालन एवं बागवानी खेती प्रधान उद्योग रहेंगे। यहाँ २,७२,००० एकड़ में प्राकृतिक वन हैं। खनिज तेल भी पाया जाता है। मुख्य नगर तोब्रक, डेरना, सिरएन, बार्स और बेनगाजी हैं जो तटीय सड़क मार्ग द्वारा एक-दूसरे से संबद्ध हैं। १५० किमी लंबा रेलमार्ग है। वायु मार्ग द्वारा त्रिपोली, काहिरा, रोम, माल्टा, ट्यूनिस, नैरोबी, एथेंस और लंदन यहाँ की राजधानी बेनगाजी से संबद्ध हैं। श्रेणी:लीबिया श्रेणी:भूगोल.

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सिसिली

इटली का '''सिसिली''' द्वीप सिसिली (Sicily; इतालवी: Sicilia / / सिचिल्या) भूमध्य सागर का सबसे बड़ा द्वीप है जो इटली प्रायद्वीप से मेसीना जलमडरूमध्य के द्वारा अलग होता है। यह इटली का स्वायत्त क्षेत्र है। यह ट्यूनीसिया से ९० मील चौड़े सिसली जलमडरूमध्य द्वारा अलग है तथा सार्डीनिया से इसकी दूरी २७२ किलोमीटर है। इसकी आकृति त्रिभुजाकार है, उत्तर में कुमारी बोओ (Boeo) से कुमारी पेलोरो तक लंबाई २८० किलोमीटर, पूर्वी किनारा १९२ किलोमीटर और दक्षिणी पश्चिमी किनारा २७२ किलोमीटर लम्बा है। तट की कुल लंबाई १०८८ किलोमीटर है और क्षेत्रफल ९८३० वर्ग मील है परंतु आस-पास के अन्य द्वीपों को मिलाकर क्षेत्रफल ९९२५ वर्गमील है। द्वीप में ९ प्रांत हैं। पलेरमो इसकी राजधानी है। सिसली के निवासियों की औसत ऊँचाई ५ फुट २ इंच है। उनकी आँखें और बाल काले होते हैं। इनकी भाषा इटली से भिन्न है। लोग अतिथि का स्वागत एवं आदर करते हैं। पलेरमो, कटनिया और मसीना में विश्वविद्यालय हैं। .

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हरीसा

हरीसा (अरबी: هريسة‎‎, Harissa) एक तूनिसीयाई मिर्च का पेस्ट होता है जो लाल मिर्च, बकलौती मिर्च (उत्तर अफ़्रीका के मग़रेब क्षेत्र में मिलने वाली एक विशेष लाल मिर्च), सेर्रानो मिर्च और अन्य मिर्चियों को पीसकर लहसुन, धनिये के बीज, कई मसालों और बूटियों, केसर, गुलाब और ज़ैतून के तेल के साथ मिलाकर बनता है। यह तूनिसीया, अल्जीरिया और लीबिया की पाकशैलियों का एक महत्वपूर्ण भाग है। .

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हाइल प्रान्त

हाइल प्रान्त, जिसे अरबी में मिन्तक़ाह​ हाइल कहते हैं, सउदी अरब के उत्तरी भाग में स्थित एक प्रान्त है। यह सउदी अरब के नज्द क्षेत्र में आता है और इसके उत्तर में अन-नफ़ूद का महान रेगिस्तान है। .

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जैतून का तेल

जैतून का तेल (इटली से) जैतून का तेल (Olive oil) जैतून के फलों से प्राप्त किया जाता है। यह खाना पकाने में, सौंदर्य प्रसाधन के लिये, दवाओं के निर्माण में, साबुन निर्माण में तथा पारम्परिक दीपों को जलाने के लिये तेल के रूप में प्रयुक्त होता है। जैतून का तेल लगभग पूरे विश्व में प्रयुक्त होता है किन्तु भूमध्य सागरीय क्षेत्रों में इसका प्रयोग अधिक होता है। .

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वसा

lipid एक ट्राईग्लीसराइड अणु वसा अर्थात चिकनाई शरीर को क्रियाशील बनाए रखने में सहयोग करती है। वसा शरीर के लिए उपयोगी है, किंतु इसकी अधिकता हानिकारक भी हो सकती है। यह मांस तथा वनस्पति समूह दोनों प्रकार से प्राप्त होती है। इससे शरीर को दैनिक कार्यों के लिए शक्ति प्राप्त होती है। इसको शक्तिदायक ईंधन भी कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए १०० ग्राम चिकनाई का प्रयोग करना आवश्यक है। इसको पचाने में शरीर को काफ़ी समय लगता है। यह शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को कम करने के लिए आवश्यक होती है। वसा का शरीर में अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाना उचित नहीं होता। यह संतुलित आहार द्वारा आवश्यक मात्रा में ही शरीर को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अधिक मात्रा जानलेवा भी हो सकती है, यह ध्यान योग्य है। यह आमाशय की गतिशीलता में कमी ला देती है तथा भूख कम कर देती है। इससे आमाशय की वृद्धि होती है। चिकनाई कम हो जाने से रोगों का मुकाबला करने की शक्ति कम हो जाती है। अत्यधिक वसा सीधे स्रोत से हानिकारक है। इसकी संतुलित मात्रा लेना ही लाभदायक है। .

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ओजोन थेरेपी

एक चिकित्सकीय ओज़ोन जनरेटर।सौजन्य: http://www.medpolinar.com/eng_version/ozon.htm www.medpolinar.com ओजोन थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण को मनुष्य के शरीर के लाभ हेतु प्रयोग किया जाता है। ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है, इसलिए यह ऑक्सीडेटिव मानसिक तनाव को कम कर सकता है। ओजोन का यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक तंत्र विकिरण और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संतुलित करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१० चाहे शरीर में शीघ्र थकान होने की शिकायत हो, सुस्ती अनुभव होती हो, छाती में दर्द की समस्या हो या उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राल वृद्धि, मधुमेह आदि की चिंता हो, या कैंसर से लेकर एचआईवी जैसे घातक रोगों में, ओजोन थेरेपी इन सभी में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में समान रूप से सहायक हो सकती है। यह अल्पजीवी गैस शरीर के अंदर जाकर ऑक्सीकरण प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक ले जाने की क्षमता बढ़ा देती है। इससे शरीर द्वारा बनाये गए अफल विषैले तत्वों को बाहर निकालने एवं क्षय हो रही ऊर्जा के पुनर्संचय में मदद मिलती है। .

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कैन

कैन (Cannes) फ्रांस के आल्प्ससमुद्रतटीय प्रदेश एवं पत्तन। यह नगर अपनी स्वास्थ्यकर तथा समशीतोष्ण जलवायु के लिये संसारप्रसिद्ध है और जाड़े की ऋतु का प्रमुख प्रवासकेंद्र (Resort Centre) है। यहाँ नारंगी, नीबू, जैतून, बादाम, अंगूर, पिस्ता आदि फलों की उपज होती है जिनके निर्यात एवं उद्योगों के लिए यह प्रसिद्ध हैं। फलों के अतिरिक्त निर्यात वस्तुओं में इत्र, सत (Essences) साबुन, तेल, मछलियां आदि प्रमुख हैं। .

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कोर्सिका

कोर्सिका (Corse; Corsican and Italian: Corsica) भूमध्य सागर में स्थित एक द्वीप है। यह फ्रान्स के १३ क्षेत्रों में से एक है। यह दक्षिणी फ्रांस से 105 मील और उत्तर-पश्चिमी इटली से 56 मील की दूरी पर स्थित है। इस द्वीप का दो तिहाई भाग एक ही पर्वत-शृंखला से निर्मित है। .

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अत-तिन

अंजीर का फलित वृक्ष जॉर्डन का जैतून वृक्ष सूरा अत-तिन (التين, अंजीर, अंजीर वृक्ष) कुरान का 95वां सूरा है। इसमें 8 आयतें हैं। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

जैतून, जैतून (फल)

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