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काराकोरम

सूची काराकोरम

काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। विश्व के किसी भी स्थान की अपेक्षा, काराकोरम पर्वतमाला में पाँच मील से भी ऊँची सबसे अधिक चोटियों स्थित हैं (60 से ज़्यादा), जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के2, (8611 मी / 28251 फुट) भी शामिल है। के2 की ऊँचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट पर्वत (8848 मी / 29029 फुट) से सिर्फ 237 मीटर (778 फीट) कम है। काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी (311 मील) तक है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं। काराकोरम, पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व, गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है, जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिणपश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती हैं। काराकोरम श्रृंखला का सब से ऊंचा पहाड़ के टू .

110 संबंधों: चोरबत घाटी, चोगोलीसा, चोंग्तर कांगरी, टग़ाफ़री, ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट, तिब्बत का पठार, तिरिच मीर, त्रिवोर, तेरम कांगरी, दिस्तग़िल सर, द्रांग द्रुंग हिमानी, दौलत बेग ओल्दी, दीरन, नमचा बरवा, नगर वादी, पनमाह मुज़ताग़, पर्वतारोहण, पसू सर, पामीर पर्वतमाला, पुमरी छिश, बल्तिस्तान, बातूरा मुज़ताग़, बातूरा सर, बाल्तोरो मुज़ताग़, बाल्तोरो हिमानी, बाल्तोरो कांगरी, बाइंथा ब्राक, बछेंद्री पाल, बुबली मोतीन, ब्रॉड पीक, भारत सारावली, भारत के हिमनदों की सूची, भारत के अभयारण्य, मलंगुत्ती सर, मामोस्तोंग कांगरी, मालूबितिंग, माशेरब्रुम, माशेरब्रुम पर्वत शृंखला, मिन्या कोन्का, मुज़ताग़ टावर, मोमहिल सर, यारकन्द नदी, युतमरु सर, युकशिन गर्दन सर, राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ (चीन), राकापोशी, राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला, रिमो मुज़ताग़, रिमो १, रॉबर्ट श्लागिंटवाईट, ..., लद्दाख़, लुपग़र सर, शिस्पर, शक्सगाम नदी, शेरपी कांगरी, ससेर मुज़ताग़, ससेर कांगरी, साल्तोरो पर्वतमाला, साल्तोरो कांगरी, सासाइनी हिमनद, सियाचिन, सियाचिन मुज़ताग़, सियाचिन हिमनद, सियाचिन विवाद, सिंघी कांगरी, सिआ कांगरी, संगेमरमर सर, स्कर्दू, स्कर्दू ज़िला, स्किल ब्रुम, स्क्यांग कांगरी, हरामोश, हिन्दु कुश, हिन्दू राज, हिम तेन्दुआ, हिमालय के हिमनद, हिस्पर मुज़ताग़, हुन्ज़ा नदी, जम्मू और कश्मीर, घेंट कांगरी, वाख़ान, विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची, वेस्म पर्वतमाला, ख़ुंजराब दर्रा, खुनयंग छिश, गाशरब्रुम, गाशरब्रुम १, गाशरब्रुम २, गाशरब्रुम ३, गाशरब्रुम ४, गाशरब्रुम ५, गाशरब्रुम ६, गिलगित, गुलमित, गूगल धरती, ऑपरेशन मेघदूत, इर्शाद दर्रा, इश्कोमन, इंदिरा कोल, कनजुत सर, क़ाराक़ोरम दर्रा, काराकाश नदी, काराकोरम राजमार्ग, क्राउन पर्वत, के१२ पर्वत, के२, के६ पर्वत, कोयो ज़ुम, अप्सरासस कांगरी, उल्तर सर सूचकांक विस्तार (60 अधिक) »

चोरबत घाटी

चोरबत घाटी (Chorbat Valley) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के गान्चे ज़िले की खपलू तहसील में स्थित एक पर्वतीय घाटी है। इसका कुछ भाग भारत द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में आता है और प्रशासनिक रूप से जम्मू व कश्मीर राज्य के लेह ज़िले का भाग है। .

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चोगोलीसा

चोगोलीसा पाक अधिकृत कश्मीर के बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित काराकोरम पर्वतों के माशेरब्रुम पर्वत समूह का एक ऊँचा पर्वत है। माशेरब्रुम समूह बाल्तोरो हिमानी से दक्षिण में स्थित है। इस पर्वत के कई शिखर हैं, जिनमें दक्षिण-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मुख्य हैं। इसके दक्षिण-पश्चिमी मुख वाला शिखर, जिसे चोगोलीसा-१ (Chogolisa I) भी कहते हैं, सबसे ऊँचा है और ७,६६५ मीटर (२५,१४८ फ़ुट) की बुलंदी रखता है। इसका दूसरा सबसे ऊँचा मुख पूर्वोत्तर वाला है, जिसे चोगोलीसा-२ (Chogolisa II) भी कहते हैं और जिसकी ऊँचाई ७,६५४ मीटर है। मार्टिन कॉनवे ने सन् १८९२ में चोगोलीसा-२ को दुल्हन पर्वत (Bride Peak) का नाम भी दिया था। .

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चोंग्तर कांगरी

चोंग्तर कांगरी (Chongtar Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह चीन द्वारा अधिकृत शक्सगाम घाटी क्षेत्र में आता है और पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के समीप है। यह के२ से लगभग १० किमी दूर है। चीन इसे प्रशासनिक रूप से शिंजियांग प्रान्त में डालता है लकिन भारत के अनुसार यह क्षेत्र उसकी सम्प्रभुता में आता है। यह विश्व का ८१वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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टग़ाफ़री

राकापोशी (7788 मी) टग़ाफ़री आधार शिविर सेटग़ाफ़री या टगाफ़री, नगर की ओर से राकापोशी शिखर का आधार शिविर है। राकापोशी पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की काराकोरम पर्वतमाला में स्थित एक पहाड़ है। .

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ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट

शक्स्गाम वादी कश्मीर के इस नक़्शे के मध्य उत्तर में देखी जा सकती है काराकोरम-पार क्षेत्र (अंग्रेज़ी: Trans-Karakoram Tract, ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट) या शक्सगाम वादी एक लगभग ५,८०० वर्ग किमी का इलाक़ा है जो कश्मीर के उत्तरी काराकोरम पर्वतों में शक्सगाम नदी के दोनों ओर फैला हुआ है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा हुआ करता था जिसे १९४८ में पाकिस्तान ने अपने नियंत्रण में ले लिया। १९६३ में एक सीमा समझौते के अंतर्गत पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को चीन को भेंट कर दिया। पाकिस्तान की दलील थी कि इस से पाकिस्तान और चीन के बीच में मित्रता बन जाएगी और उनका कहना था की ऐतिहासिक रूप से इस इलाक़े में कभी अंतरराष्ट्रीय सीमा निर्धारित थी ही नहीं इसलिए इस ज़मीन को चीन के हवाले करने से पाकिस्तान का कोई नुक़सान नहीं हुआ। भारत इस बात का पुरज़ोर खंडन करता है और शक्सगाम को अपनी भूमि का अंग बताता है। उसके अनुसार यह पुरा क्षेत्र भारतीय जम्मू एवं कश्मीर राज्य का अभिन्न भाग है।, Routledge, 2009, ISBN 978-1-134-07956-8,...

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तिब्बत का पठार

तिब्बत का पठार हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक फैला हुआ है तिब्बत का बहुत सा इलाक़ा शुष्क है तिब्बत का पठार (तिब्बती: བོད་ས་མཐོ།, बोड सा म्थो) मध्य एशिया में स्थित एक ऊँचाई वाला विशाल पठार है। यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है। इसमें चीन द्वारा नियंत्रित बोड स्वायत्त क्षेत्र, चिंग हई, पश्चिमी सीश्वान, दक्षिण-पश्चिमी गांसू और उत्तरी यून्नान क्षेत्रों के साथ-साथ भारत का लद्दाख़ इलाक़ा आता है। उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार १,००० किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक २,५०० किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्र से ४,५०० मीटर (यानी १४,८०० फ़ुट) है और विशव के ८,००० मीटर (२६,००० फ़ुट) से ऊँचे सभी १४ पर्वत इसी क्षेत्र में या इसे इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इस इलाक़े को कभी-कभी "दुनिया की छत" कहा जाता है। तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल २५ लाख वर्ग किमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का ७५% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना। .

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तिरिच मीर

तिरिच मीर (Tirich Mir) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में चित्राल शहर के पास स्थित एक पर्वत है, जो हिन्दु कुश पर्वत शृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ भी है। ७,७०८ मीटर (२५,२८९ फ़ुट) ऊँचा यह पर्वत हिमालय-काराकोरम श्रेणी के बाहर का सबसे ऊँचा पहाड़ है और दुनिया भर का ३३वाँ सबसे ऊँचा शिखर है (बाक़ी ३२ हिमालय-काराकोरम में स्थित हैं)। चित्राल शहर से तिरिच मीर दिखता ही है लेकिन यह पहाड़ इतना विशाल है कि इसे पाकिस्तान की सरहद के पार अफ़्ग़ानिस्तान के कुछ सीमाई इलाक़ों से भी देखा जा सकता है।, Michael Palin, Basil Pao, Macmillan, 2005, ISBN 978-0-312-34162-6,...

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त्रिवोर

त्रिवोर काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का चौथा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। त्रिवोर विश्व का ३९वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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तेरम कांगरी

तेरम कांगरी (Teram Kangri) काराकोरम की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी में एक पर्वतीय पुंजक है। तेरम कांगरी १ इसका सर्वोच्च पर्वत है और यह विश्व का ५६वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। तेरम कांगरी भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और इसका कुछ भाग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में स्थित है जिसे चीन शिंजियांग प्रान्त के अधीन प्रशासित करता है। .

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दिस्तग़िल सर

दिस्तग़िल सर या दिस्तेग़िल सर काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान खंड के गोजल क्षेत्र में स्थित है। दिस्तग़िल सर विश्व का १९वाँ सबसे ऊँचा और पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्रों का ७वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। इसके ऊपरी भाग में एक ३ किमी लम्बा और तंग क्षेत्र है जिसपर तीन मुख्य शिखर हैं। पश्चिम/पश्चिमोत्तर में ७,८८५ मी ऊँचा, मध्य में ७,७६० मी ऊँचा और पूर्व/पूर्वोत्तर में ७,६९६ मी ऊँचा। .

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द्रांग द्रुंग हिमानी

द्रांग द्रुंग हिमानी (Drang-Drung Glacier) या दुरुंग द्रुंग हिमानी (Durung Drung Glacier) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र के कर्गिल ज़िले में स्थित एक हिमानी है। यह हिमालय की ज़ंस्कार पर्वतमाला में कर्गिल-ज़ंस्कार राजमार्ग पर स्थित पेन्सी ला नामक पहाड़ी दर्रे के पास उत्पन्न होती है और डोडा नदी (स्तोद नदी) का स्रोत है। डोडा नदी आगे चलकर ज़ंस्कार नदी की एक मुख्य उपनदी बनती है, जो स्वयं सिन्धु नदी की एक उपनदी है। लद्दाख़ में काराकोरम से बाहर यह सियाचिन हिमानी के बाद दूसरी सबसे बड़ी हिमानी है। .

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दौलत बेग ओल्दी

दौलत बेग ओल्दी भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य के लद्दाख़ प्रदेश में स्थित एक स्थान है। यहाँ भारत की एक सैनिक चौकी है और यह ऐतिहासिक रूप से भारत और पूर्वी तुर्किस्तान के बीच के व्यापारिक मार्ग पर एक पड़ाव हुआ करता था। इस से ठीक दक्षिण में पूर्व से पश्चिम बहने वाली चिपचप नदी गुज़रती है। दौलत बेग ओल्दी के नाम का परिवर्णी (ऐक्रोनिम) बनाकर इसे कभी-कभी डी॰बी॰ओ॰ भी कहा जाता है। .

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दीरन

दीरन (Diran) काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 93वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की नगर वादी में स्थित है। यह राकापोशी से पूर्व में खड़ा हुआ है। इस से होने वाले हिमस्खलन में हर वर्ष मृत्युएँ होती हैं। .

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नमचा बरवा

नमचा बरवा (तिब्बती: གནམས་ལྕགས་འབར་བ།, अंग्रेज़ी: Namcha Barwa) दक्षिणपूर्वी तिब्बत में हिमालय पर्वतमाला का एक पर्वत है। ७,७८२ मीटर (२५,५३१ फ़ुट) ऊँचा यह पहाड़ हिमालय के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित है और विश्व का २८वाँ सबसे लम्बा पहाड़ है। यह हिमालय की नमचा बरवा हिमाल नामक पर्वतीय उपशृंखला का सदस्य माना जाता है। यरलुंग त्संगपो नदी (जो आगे चलकर ब्रह्मपुत्र नदी बन जाती है) इस पहाड़ तक तो पूर्व की ओर चलती है लेकिन फिर इसके इर्द-गिर्द मुड़कर दक्षिण का रुख़ करती है और भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य की तरफ़ निकल जाती है। पर्वत के आसपास इस नदी से बनने वाली तंग घाटी बहुत ही विशाल है और यरलुंग त्संगपो महान घाटी के नाम से प्रसिद्ध है। घाटी के पार ग्याला पेरी पर्वत खड़ा है। .

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नगर वादी

हुन्ज़ा नदी के पार नगर वादी का दृश्य नगर वादी (Nagar Valley) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की एक प्रमुख घाटी है। यह हुन्ज़ा-नगर ज़िले में स्थित है और प्रशासनिक रूप से दो तहसीलों में बंटी है जिन्हें नगर-१ और नगर-२ कहते हैं। यह वादी काराकोरम पर्वतक्षेत्र में २,४३८ मीटर (७,९९९ फ़ुट) की औसत ऊँचाई पर स्थित है और इस से राकापोशी और दीरन जैसे पर्वत देखे जा सकते हैं। इस घाटी में पहले नगर रियासत हुआ करती थी जो १९७४ में 'शुमाली इलाक़े' नामक प्रशासनिक इकाई में विलय कर दी गई। यही 'शुमाली इलाक़े' वर्तमान में गिलगित-बलतिस्तान कहलाते हैं। इस रियासत की राजधानी नगर ख़ास आज भी नगर वादी का प्रमुख शहर है। .

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पनमाह मुज़ताग़

पनमाह मुज़ताग़ (Panmah Muztagh) काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है। काराकोरम के कई अन्य पहाड़ों की तुलना में इसके पर्वत अधिक ऊँचे नहीं हैं लेकिन वे अपनी लम्बी शिलाओं की मीनारनुमा आकृतियों के लिए जाने जाते हैं।Andy Fanshawe and Stephen Venables, Himalaya Alpine-Style, Hodder and Stoughton, 1995, ISBN 0-340-64931-3.

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पर्वतारोहण

2004 में नेपाल के इम्जा से (आइलैंड पीक) के 20,305 (6189 मीटर) ऊँचे शिखर पर अपने अंतिम कदम बढ़ाता हुआ पर्वतारोही एक खुली खाई पर्वतारोहण या पहाड़ चढ़ना शब्द का आशय उस खेल, शौक़ अथवा पेशे से है जिसमें पर्वतों पर चढ़ाई, स्कीइंग अथवा सुदूर भ्रमण सम्मिलित हैं। पर्वतारोहण की शुरुआत सदा से अविजित पर्वत शिखरों पर विजय पाने की महत्वाकांक्षा के कारण हुई थी और समय के साथ इसकी 3 विशेषज्ञता वाली शाखाएं बन कर उभरीं हैं: चट्टानों पर चढ़ने की कला, बर्फ से ढके पर्वतों पर चढ़ने की कला और स्कीइंग की कला.

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पसू सर

पसू सर (Passu Sar) या पस्सू सर या पसू १ विश्व का 54वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का एक ऊँचा पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। यह पसू पुंजक का सर्वोच्च बिन्दु है, जिसमें पसू दियार (Passu Diar, जिसे पसू पूर्व और पसू २ भी कहते हैं) भी शामिल है। पसू सर बातूरा सर से ७ किमी पूर्व में स्थित है। .

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पामीर पर्वतमाला

पामीर (अंग्रेजी: Pamir Mountains, फ़ारसी), मध्य एशिया में स्थित एक प्रमुख पठार एवं पर्वत शृंखला है, जिसकी रचना हिमालय, तियन शान, काराकोरम, कुनलुन और हिन्दू कुश शृंखलाओं के संगम से हुआ है। पामीर विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में से हैं और १८वीं सदी से इन्हें 'विश्व की छत' कहा जाता है। इसके अलावा इन्हें इनके चीनी नाम 'कोंगलिंग' के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ उगने वाले जंगली प्याज़ के नाम पर इन्हें प्याज़ी पर्वत भी कहा जाता था।, John Navazio, pp.

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पुमरी छिश

पुमरी छिश (Pumari Chhish) काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का पाँचवा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। यह विश्व का ५३वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह खुनयंग छिश से ४ किमी पूर्व और हिस्पर हिमनद से उत्तर में स्थित है। .

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बल्तिस्तान

बल्तिस्तान (गहरा नीला एवं हल्का नीला) स्कर्दू नगर कारगिल की बलती बालिकायें बल्तिस्तानतान (बलती, लद्दाख़ी व तिब्बती: སྦལ་ཏི་སྟཱན) राजनैतिक रूप से विवादित क्षेत्र है जो काराकोरम के दक्षिण तथा सिन्धु नदी के उत्तर में स्थित है। यह अत्यन्त पर्वतीय क्षेत्र है और इस क्षेत्र की औसत ऊँचाई ३३५० मीटर से अधिक है। इसे 'लघु तिब्बत' भी कहते हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 27,400 किमी2 है। इस क्षेत्र में बलती भाषा बोली जाती है जो तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। इस क्षेत्र के अधिकांश लोग मुसलमान हैं। स्कर्दू तथा कारगिल यहाँ के मुख्य कस्बे हैं। इस क्षेत्र का अधिकांश भाग पाकिस्तान के अधीन (गिलगित-बल्तिस्तान) है और कुछ भाग भारत के अधीन (जम्मू और कश्मीर)। यह क्षेत्र सिन्धु नदी की घाटियों से बना है। बल्तिस्तान के दक्षिण-पूर्व में भारत और पाकिस्तान के बीच की नियन्त्रण रेखा है। .

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बातूरा मुज़ताग़

बातूरा मुज़ताग़ (Batura Muztagh) काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र पर भारत अपनी सम्प्रभुता होने का दावा करता है। यहाँ कई पर्वत हैं जो विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची में शामिल हैं। बातूरा मुज़ताग़ गिलगित ज़िले की हुन्ज़ा घाटी के पश्चिम में स्थित है। .

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बातूरा सर

बातूरा सर (Batura Sar), जो बातूरा १ (Batura I) भी कहलता है, विश्व का 25वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का सबसे ऊँचा पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। बातूरा मुज़ताग़ में एक रीढ़ की तरह ऊँची दीवार-सी प्रतीत होने वाली "बातूरा दिवार" (जो एक-के-बाद-एक पर्वतों की कतार है) का सर्वोच्च बिन्दु भी बातूरा सर ही है। .

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बाल्तोरो मुज़ताग़

बाल्तोरो मुज़ताग़ काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रृंखला है। विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के2 इसी श्रृंखला में ही स्थित है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में और चीन द्वारा नियंत्रित शिनजिआंग प्रान्त में आता है। भारत लगभग इस पूरे क्षेत्र को अपना भाग मानता है। .

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बाल्तोरो हिमानी

बाल्तोरो हिमानी पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के बल्तिस्तान उपक्षेत्र में काराकोरम पर्वतमाला में स्थित एक ६२ किमी लम्बी हिमानी (ग्लेशियर) है। यह पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर स्थित सबसे लम्बी हिमानियों में से एक है। इसके उत्तर और पूर्व में बाल्तोरो मुज़ताग़ के पर्वत हैं और इसके दक्षिण में माशेरब्रुम पर्वत शृंखला हैं। ८,६११ मीटर (२८,२५१ फ़ुट) ऊँचा के२ इस क्षेत्र का सबसे बुलंद पर्वत है। इसके अलावा यहाँ के बीस किलोमीटर के दायरे के अन्दर तीन और ८,००० मीटर से ऊँचे पहाड़ हैं।, Mike Searle, pp.

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बाल्तोरो कांगरी

बाल्तोरो कांगरी (Baltoro Kangri), जो सुनहरा सिंहासन या सुनहरा तख़्त (Golden Throne) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 82वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के स्कर्दू ज़िले में गाशरब्रुम उपश्रेणी से दक्षिण में और चोगोलीसा पर्वत से पूर्व में स्थित है। भारत इस पूरे क्षेत्र पर सम्प्रभुता का दावा करता है। प्रसिद्ध बाल्तोरो हिमानी (ग्लेशियर), जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर विश्व की पाँचवी सबसे लम्बी हिमानी है, इसी पर्वत की ढलानों से आरम्भ होती है। बाल्तोरो कांगरी की उत्तरी ढलान से अब्रूज़ी हिमानी उत्पन्न होती है। ध्यान दें कि मिलते-जुलते नाम के बावजूद यह पर्वत बाल्तोरो मुज़ताग़ का हिस्सा नहीं है। .

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बाइंथा ब्राक

बाइंथा ब्राक (Baintha Brakk), जिसे दानव (The Ogre, द ओगर) भी कहा जाता है, काराकोरम पर्वतमाला की पनमाह मुज़ताग़ उपश्रेणी का सबसे ऊँचा पर्वत है और विश्व का 87वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता और अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग होने का दावा करता है। यह एक तीखी ढलान और पत्थरीली चट्टानों वाला पर्वत है जिसे चढ़ना बहुत कठिन माना जाता है। यह बियाफ़ो हिमानी की उत्तरी तरफ़ खड़ा हुआ है। .

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बछेंद्री पाल

बछेंद्री पाल (जन्म: 24 मई 1954) माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं। वे एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की 5वीं महिला पर्वतारोही हैं। वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, जहां वह चुने हुए लोगो को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं। .

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बुबली मोतीन

बुबली मोतीन (Bublimotin) या लेडीफ़िंगर पीक (Ladyfinger Peak) काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का एक पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। .

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ब्रॉड पीक

ब्रॉड पीक (Broad Peak, अर्थ: चौड़ा पर्वत), जिसे बलती में फ़ल्चन कांगड़ी (ཨིྰན་ཨངརི་) अनुवादित किया जाता है, विश्व का १२वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के हिमनदों की सूची

यह भारत के प्रमुख हिमनदों की सूची है। भारत में ज्यादातर हिमनद जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में पाए जाते हैं। .

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भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

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मलंगुत्ती सर

मलंगुत्ती सर (Malangutti Sar) काराकोरम पर्वतमाला का एक पहाड़ है जो विश्व का 104वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान में शिमशाल घाटी के पास खड़ा हुआ है। हालांकि यहाँ पाकिस्तान का नियंत्रण है, भारत इस क्षेत्र को अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का भाग मानता है और इस इलाके में अपने सम्प्रभुत्व का दावा करता है। .

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मामोस्तोंग कांगरी

मामोस्तोंग कांगरी (Mamostong Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की रिमो मुज़ताग़ उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 48वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह सियाचिन हिमानी से 30 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में स्थित है और प्रशासनिक रूप से भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में आता है। .

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मालूबितिंग

मालूबितिंग (Malubiting), जो मालूबितिंग पश्चिम (Malubiting West) भी कहलाता है काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 58वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के गिलगित ज़िले में स्थित है। यह राकापोशी से 40 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और गिलगित शहर से 50 किमी पूर्व में खड़ा हुआ है। चोगो लुंगमा हिमानी (ग्लेशियर) मालूबितिंग की ढलानों पर ही आरम्भ होता है। .

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माशेरब्रुम

माशेरब्रुम पाक अधिकृत कश्मीर के बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित काराकोरम पर्वतों के माशेरब्रुम पर्वत समूह का सबसे ऊँचा पर्वत है। ७,८२१ मीटर (२५,६५९ फ़ुट) की बुलंदी के साथ यह विश्व का २२वाँ सबसे ऊँचा और पाकिस्तान-नियंत्रित क्षेत्रों का ९वाँ सबसे ऊँचा पहाड़ है। इसे के१ (K1) भी बुलाया जाता है क्योंकि १९वीं सदी में काराकोरम शृंखला के निरिक्षण के दौरान यह पहला मापा गया पर्वत था। माशेरब्रुम समूह बाल्तोरो हिमानी से दक्षिण में स्थित है। .

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माशेरब्रुम पर्वत शृंखला

माशेरब्रुम पर्वत शृंखला पाक अधिकृत कश्मीर के बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित काराकोरम पर्वतों की एक उप-शृंखला है। .

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मिन्या कोन्का

मिन्या कोन्का (Minya Konka) या गोंगा पर्वत (Mount Gongga) चीन के सिचुआन प्रान्त का सर्वोच्च पर्वत और विश्व का 41वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह हेंगदुआन पर्वतमाला में स्थित है और विश्व का पूर्वतम 7,000 मीटर से अधिक ऊँचाई का पर्वत है। तिरिच मीर और कोंगुर ताग़ के बाद यह हिमालय व काराकोरम से बाहर विश्व का तीसरा सर्वोच्च पर्वत भी है।Arnold Heim:.

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मुज़ताग़ टावर

मुज़ताग़ टावर (Muztagh Tower) काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा अधिकृत शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार यह क्षेत्र उसकी सम्प्रभुता में आता है। यह विश्व का ९१वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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मोमहिल सर

मोमहिल सर (Momhil Sar) काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला एक पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। यह विश्व का ६४वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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यारकन्द नदी

तारिम नदी के जलसम्भर क्षेत्र का नक़्शा जिसमें यारकन्द नदी नज़र आ रही है यारकन्द नदी (उईग़ुर:, चीनी: 叶尔羌河, अंग्रेजी: Yarkand River) मध्य एशिया में चीन के शिनजियांग प्रांत में बहने वाली एक नदी है। यह शिनजियांग के काश्गर विभाग में काराकोरम पहाड़ों में उत्पन्न होती है। कुछ दूरी में इसमें शक्सगाम नदी (जिसे केलेचिन नदी और मुज़ताग़ नदी के नामों से भी जाना जाता है) आकर विलय करती है। यहाँ के स्थानीय किरगिज़ लोग इस इलाक़े की यारकन्द नदी को रस्काम नदी के नाम से जानते हैं। आगे चलकर यह नदी तारिम नदी में विलय हो जाती है। अपनी शुरुआत से तारिम नदी में विलय तक यारकन्द नदी लगभग ९७० किमी (६०० मील) लम्बी है।, Jun Ma, EastBridge, 2004, ISBN 978-1-891936-27-2,...

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युतमरु सर

युतमरु सर (Yutmaru Sar) काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला एक पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। यह विश्व का ८८वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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युकशिन गर्दन सर

युकशिन गर्दन सर (Yukshin Gardan Sar) काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का छठा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। यह विश्व का ५५वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ (चीन)

तिब्बत के रुतोग ज़िले में तिब्बत-शिंजियांग राजमार्ग पर लगी एक शिला राजमार्ग २१९ अक्साई चिन (गुलाबी रंग वाला क्षेत्र) से निकलता हुआ शिंजियांग और तिब्बत को जोड़ता है राष्ट्रीय राजमार्ग २१९, जिसे तिब्बत-शिंजियांग राजमार्ग भी कहा जाता है, चीन द्वारा निर्मित एक राजमार्ग है जो भारत की सीमा के नज़दीक शिंजियांग प्रान्त के कारगिलिक शहर से लेकर तिब्बत के शिगात्से विभाग के ल्हात्से शहर तक जाता है। इसकी कुल लम्बाई २,७४३ किलोमीटर है। इसका निर्माण सन् १९५१ में शुरू किया गया था और यह सड़क १९५७ तक पूरी हो गई। यह राजमार्ग भारत के अक्साई चिन इलाक़े से निकलता है जिसपर चीन ने १९५० के दशक में क़ब्ज़ा कर लिया था और जिसको लेकर १९६२ का भारत-चीन युद्ध भी भड़क गया। .

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राकापोशी

राकापोशी (उर्दु:راکا پہشئ), पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित शहर से १०० किलोमीटर दूर स्थित नगर घाटी में स्थित एक 7788 मीटर (25550 फुट) ऊँचा पर्वत है। स्थानीय भाषा में 'राकापोशी' का अर्थ है - बर्फ से ढका हुआ। यह काराकोरम पर्वतश्रेणी में स्थित है। यह विश्व का 27वां सर्वोच्च पर्वत है। इस पर सबसे पहले चढ़ने वालों में दो ब्रिटिश पर्वतारोही माइक बैंक्स और टॉम पैटी हैं जिन्होने 1958 में, इस चोटी पर चढ़ने में सफलता पाई थी। राकापोशी को दुमानी (धुंध की माँ) भी कहते हैं। .

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राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला

राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला (Rakaposhi-Haramosh Mountains) जम्मू और कश्मीर के काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित बल्तिस्तान क्षेत्र के गिलगित ज़िले में स्थित है। इसके उत्तर में बरपु व चोगो लुंगमा हिमानियाँ (ग्लेशियर), पूर्व में शिगर नदी, दक्षिण में गिलगित व सिन्धु नदियाँ और पश्चिम में हुन्ज़ा नदी इसे घेरे हुए हैं।Jerzy Wala, Orographical Sketch Map of the Karakoram, Swiss Foundation for Alpine Research, Zurich, 1990.

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रिमो मुज़ताग़

रिमो मुज़ताग़ (Rimo Muztagh) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पर्वतमाला है, जो महान काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है। .

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रिमो १

रिमो १ (Rimo I) काराकोरम पर्वतमाला की रिमो मुज़ताग़ उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 71वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह रिमो पुंजक का सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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रॉबर्ट श्लागिंटवाईट

रॉबर्ट श्लागिंटवाईट​ (Robert Schlagintweit, जन्म: २४ अक्टूबर १८३३, देहांत: ६ जून १८८५) एक जर्मन खोजयात्री था जिसने १९वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के लिए मध्य एशिया में कई यात्राएँ करीं और अपने संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरों के बारे में भी लिखा। .

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लद्दाख़

नेपाल में लद्दाख़ का स्थान |- style.

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लुपग़र सर

लुपग़र सर (Lupghar Sar) काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला एक पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जिसे भारत अपना हिस्सा बताता है। यह विश्व का १०९वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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शिस्पर

शिस्पर (Shispare), जो शिस्पर सर (Batura I) और शिस्पारे सर भी कहलता है, विश्व का 38वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का एक ऊँचा पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। शिस्पर पर्वत बातूरा मुज़ताग़ में एक रीढ़ की तरह ऊँची दीवार-सी प्रतीत होने वाली "बातूरा दिवार" (जो एक-के-बाद-एक पर्वतों की कतार है) से पूर्व में स्थित है। .

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शक्सगाम नदी

शक्सगाम नदी काराकोरम पर्वतों के यहाँ दिख रहे उत्तरपूर्वी क्षेत्र से उत्पन्न होती है शक्सगाम नदी (चीनी: 沙克斯干河, अंग्रेजी: Shaksgam River) सुदूर उत्तरी कश्मीर के काराकोरम पर्वतों से उभरने वाली एक नदी है जो यारकन्द नदी की एक उपनदी भी है। शक्सगाम नदी को केलेचिन नदी और मुज़ताग़ नदी के नामों से भी जाना जाता है। यह काराकोरम शृंखला की गाशेरब्रुम, उरदोक, स्ताग़र, सिन्ग़ी और क्याग़र हिमानियों (ग्लेशियरों) से शुरू होती है और फिर शक्सगाम वादी में काराकोरम शृंखला के साथ-साथ पश्चिमोत्तरी दिशा में चलती है। इसमें शिमशाल ब्रल्दु नदी और फिर ओप्रांग नदी का विलय होता है और इन दोनों संगमों के बीच में शक्सगाम नदी पाकिस्तान और चीन के आपसी समझौते के अनुसार उन दोनों देशों के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा है। भारत इस बात से पूरा इनकार करता है और इस पूरे क्षेत्र को अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा मानता है। सर्दियों में पास के शिमशाल गाँव के लोग इस क्षेत्र का प्रयोग अपने मवेशी चराने के लिए करते हैं और यह तारिम द्रोणी में स्थित इकलौता पाकिस्तान-नियंत्रित इलाक़ा है।, Sharad Singh Negi, Indus Publishing, 1991, ISBN 978-81-85182-61-2,...

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शेरपी कांगरी

शेरपी कांगरी (Sherpi Kangri) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 74वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह सियाचिन हिमानी से पश्चिम में स्थित है। यह घेंट कांगरी से 5 किमी दक्षिण और साल्तोरो कांगरी से 10 किमी पश्चिमोत्तर में खड़ा हुआ है। .

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ससेर मुज़ताग़

ससेर मुज़ताग़ (Saser Muztagh) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पर्वतमाला है, जो महान काराकोरम पर्वतमाला की पूर्वतम उपश्रेणी है। दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर में इसे श्योक नदी घेरती है जो श्रेणी के दक्षिणपूर्व कोने में मोड़ लेती है। पश्चिम में नुब्रा नदी इसे कैलाश श्रेणी से अलग करती है। ससेर ला नामक पहाड़ी दर्रा इसे उत्तर के रिमो मुज़ताग़ नामक श्रेणी से अलग करता है। .

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ससेर कांगरी

ससेर कांगरी (Saser Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की ससेर मुज़ताग़ नामक उपश्रेणी के एक पुंजक का नाम है। इसमें कई पर्वत आते हैं जिनमें से ससेर कांगरी १ सबसे ऊँचा है। यह सब भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित हैं। .

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साल्तोरो पर्वतमाला

साल्तोरो पर्वतमाला (Saltoro Mountains) या साल्तोरो मुज़ताग़ (Saltoro Muztagh) जम्मू और कश्मीर में स्थित काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है। यह काराकोरम के हृदय में सियाचिन हिमानी से दक्षिणपश्चिम में स्थित है, जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर स्थित सबसे बड़ी दो हिमानियों में से एक है (सबसे बड़ी ताजिकिस्तान की फ़ेदचेन्को हिमानी है)। साल्तोरो पर्वतमाला पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र की सीमा पर स्थित है, जहाँ पर्वतमाला की पश्चिमी तरफ़ साल्तोरो घाटी स्थित है। .

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साल्तोरो कांगरी

साल्तोरो कांगरी (Saltoro Kangri) या के१० (K10) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का सर्वोच्च पर्वत है और विश्व का 31वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से पश्चिम में स्थित है। .

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सासाइनी हिमनद

सासैनी या सासाइनी हिमनद काराकोरम में स्थित है। यह एक विस्तृत हिमनद है जिसका रूप बहुत सुपरिभाष्य नहीं है। सासाइनी का निरिक्षण मई, १९३२ में मेजर ट्रेवेलिन (W. R. F. Trevelyan) और कप्तान बर्कले (Captain M. H. Berkeley) ने किया था। श्रेणी:हिमालय के हिमनद .

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सियाचिन

कोई विवरण नहीं।

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सियाचिन मुज़ताग़

सियाचिन पर्वतमाला अथवा सियाचिन मुज़ताग़ काराकोरम पर्वतमाला की सुदूर पूर्वी उप-श्रेणी है। इसका लगभग ६०% भाग चीन द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में है तथा ४०% क्षेत्र भारत द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में। .

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सियाचिन हिमनद

सियाचिन हिमानी या सियाचिन ग्लेशियर हिमालय की पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास लगभग स्थित एक हिमानी (ग्लेशियर) है। यह काराकोरम की पांच बड़े हिमानियों में सबसे बड़ा और ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर (ताजिकिस्तान की फ़ेदचेन्को हिमानी के बाद) विश्व की दूसरी सबसे बड़ा हिमानी है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई इसके स्रोत इंदिरा कोल पर लगभग 5,753 मीटर और अंतिम छोर पर 3,620 मीटर है। सियाचिन हिमानी पर 1984 से भारत का नियंत्रण रहा है और भारत इसे अपने जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ खण्ड के लेह ज़िले के अधीन प्रशासित करता है। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र से भारत का नियंत्रण अन्त करने के कई विफल प्रयत्न करे हैं और वर्तमानकाल में भी सियाचिन विवाद जारी रहा है। .

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सियाचिन विवाद

सियाचिन हिमनद के लिये देखें सियाचिन हिमनद सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय पूर्वी कराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास लगभग देशान्तर: ७७.१० पूर्व, अक्षांश: ३५.४२ उत्तर पर स्थित है। यह काराकोरम के पांच बड़े हिमनदों में सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हिमनद है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई इसके स्रोत्र इंदिरा कोल पर लगभग 5753 मीटर और अंतिम छोर पर 3620 मीटर है। यह लगभग ७० किमी लम्बा है। निकटवर्ती क्षेत्र बाल्टिस्तान की बोली बाल्टी में "सिया" का अर्थ है एक प्रकार का "जंगली गुलाब" और "चुन" का अर्थ है "बहुतायत", इसी से यह नाम प्रचलित हुआ। सामरिक रूप से यह भारत और पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। इस पर सेनाएँ तैनात रखना दोनों ही देशों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि सियाचिन में भारत के १० हजार सैनिक तैनात हैं और इनके रखरखाव पर प्रतिदिन ५ करोड़ रुपये का खर्च आता है। सियाचीन समुद्र तल से करीब 5,753 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। कश्मीर क्षेत्र में स्थित इस ग्लेशियर पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है। सियाचिन विवाद को लेकर पाकिस्तान, भारत पर आरोप लगाता है कि 1989 में दोनों देशों के बीच यह सहमति हुई थी कि भारत अपनी पुरानी स्थिति पर वापस लौट जाए लेकिन भारत ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। पाकिस्तान का कहना है कि सियाचिन ग्लेशियर में जहां पाकिस्तानी सेना हुआ करती थी वहां भारतीय सेना ने 1984 में कब्जा कर लिया था। उस समय पाकिस्तान में जनरल जियाउल हक का शासन था। पाकिस्तान तभी से कहता रहा है कि भारतीय सेना ने 1972 के शिमला समझौते और उससे पहले 1949 में हुए करांची समझौते का उलंघन किया है। पाकिस्तान की मांग रही है कि भारतीय सेना 1972 की स्थिति पर वापस जाए और वे इलाके खाली करे जिन पर उसने कब्जा कर रखा है। क़रीब 18000 फुट की ऊँचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊँचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर सैन्य गतिविधियाँ बंद करने के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच क़रीब सात साल बाद एक बार फिर बातचीत हुई है। इस बातचीत में भारतीय रक्षा सचिव अजय विक्रम सिंह भारतीय दल के मुखिया थे जबकि पाकिस्तानी शिष्टमंडल का नेतृत्व वहाँ के रक्षा सचिव सेवानिवृत्त लैफ़्टिनेंट जनरल हामिद नवाज़ ख़ान ने किया। उजाड़, वीरान और बर्फ़ से ढका यह ग्लेशियर यानी हिमनद सामरिक रूप से दोनों ही देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन इस पर सेनाएँ तैनात रखना दोनों ही देशों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच 1989 तक सात दौर की वार्ता हुई थी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पिछले सात सालों में सियाचिन पर यह पहली बातचीत है जिसे सकारात्मक कहा जा रहा है। गुरूवार को बातचीत के पहले दौर के बाद पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मुलाक़ात भी की है। .

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सिंघी कांगरी

सिंघी कांगरी (Singhi Kangri) काराकोरम की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी में एक पर्वत है। यह विश्व का १०८वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और इसका एक अंग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में स्थित है जिसे चीन शिंजियांग प्रान्त के अधीन प्रशासित करता है। .

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सिआ कांगरी

सिआ कांगरी (Sia Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है जो जम्मू और कश्मीर में भारत-नियंत्रित क्षेत्र, पाक-अधिकृत कश्मीर और चीन-अधिकृत शक्सगाम घाटी के मिलन बिन्दु के पास स्थित है। इसे भारत पूर्णतः अपना इलाका मानता है। यह विश्व का ६३वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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संगेमरमर सर

संगेमरमर सर (Sangemarmar Sar) काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का एक पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। .

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स्कर्दू

250pxस्कर्दू, गिलगित-बल्तिस्तान, पाकिस्तान, का एक प्रमुख शहर और जिला है। स्कर्दू शहर काराकोरम पर्वतमाला के पहाड़ों में घिरा हुआ एक ख़ूबसूरत शहर है। श्रेणी:स्कर्दू ज़िला श्रेणी:गिलगित-बल्तिस्तान श्रेणी:आज़ाद कश्मीर.

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स्कर्दू ज़िला

स्कर्दू ज़िला​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का एक ज़िला है। इसकी राजधानी स्कर्दू नामक शहर ही है, जो बलतिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। दक्षिण में इस ज़िले की सीमाएँ भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य के करगिल ज़िले से लगती हैं। उत्तर में इसकी सरहद शक्सगाम वादी से लगती हैं जिसे भारत अपना भाग मानता है लेकिन जिसे पाकिस्तान ने चीन के नियंत्रण में दे दिया है - चीन इस शिनजियांग प्रान्त का भाग मानकर प्रशासित करता है। .

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स्किल ब्रुम

स्किल ब्रुम (Skil Brum) काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में के२ से ९ किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में स्थित है। भारत के अनुसार यह क्षेत्र उसकी सम्प्रभुता में आता है। यह विश्व का ६६वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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स्क्यांग कांगरी

स्क्यांग कांगरी (Skyang Kangri) या सीढ़ी पर्वत (Staircase Peak) काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा अधिकृत शक्सगाम घाटी की सीमा पर के२ से ७ किमी पूर्वोत्तर में स्थित है। भारत के अनुसार यह क्षेत्र उसकी सम्प्रभुता में आता है। इसके पूर्वी मुख पर पाँच भीमकाय सीढ़ीयों वाली चट्टानी स्थलाकृति है जिस से इसे "सीढ़ी पर्वत" भी कहते हैं। यह विश्व का ४४वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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हरामोश

हरामोश (Haramosh), जो पर्वत 58 (Peak 58) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक पर्वत है जो विश्व का 67वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह राकापोशी के समीप स्थित है और काराकोरम की जिस उपश्रेणी में यह दोनों खड़े हैं उसे राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला कहा जाता है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है, जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का भाग मानता है। हरामोश गिलगित शहर से 65 किमी दूर सिन्धु नदी के उत्तरी किनारे पर खड़ा है। .

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हिन्दु कुश

हिन्दु कुश उत्तरी पाकिस्तान के विवादीत भाग से मध्य अफ़्ग़ानिस्तान तक विस्तृत एक ८०० किमी चलने वाली पर्वत शृंखला है। इसका सबसे ऊँचा पहाड़ पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले में स्थित ७,७०८ मीटर (२५,२८९ फ़ुट) लम्बा तिरिच मीर पर्वत है।, Michael Palin, Basil Pao, Macmillan, 2005, ISBN 978-0-312-34162-6,...

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हिन्दू राज

हिन्दू राज (ہندو راج) उत्तरी पाकिस्तान में हिन्दु कुश पर्वतमाला और काराकोरम पर्वतमाला के बीच स्थित एक पर्वत शृंखला है।, Marshall Cavendish, Marshall Cavendish, 2006, ISBN 978-0-7614-7571-2,...

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हिम तेन्दुआ

हिम तेन्दुआ (Uncia uncia) एक विडाल प्रजाति है जो मध्य एशिया में रहती है। यद्यपि हिम तेन्दुए के नाम में "तेन्दुआ" है लेकिन यह एक छोटे तेन्दुए के समान दिखता है और इनमें आपसी सम्बन्ध नहीं है। .

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हिमालय के हिमनद

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमालय के हिमनद से तात्पर्य उन हिमनदों से है जो हिमालय पर्वत श्रेणी पर पाए जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के बाद हिमालय पर सबसे ज्यादा बर्फ़ पायी जाती है और हिमालय के हिमनद लगभग ४०,००० वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्र पर फैले हैं और इनकी संख्या लगभग १०,००० है। इनमें से ज्यादातर हिमनद सर्क हिमनद हैं। हिमालय की श्रेणी में ही ध्रुवीय क्षेत्रों के आलावा अन्य कई बड़े हिमनद पाए जाते हैं। बाल्तोरो, बियाफो, सियाचिन, गंगोत्री और जेमू इत्यादि ऐसे ही हिमनद हैं। बियाफो हिमनद हिस्पर के साथ संयुक्त रूप से विश्व का सबसे लम्बा हिमनद तंत्र (ध्रुवीय क्षेत्र के बाहर) बनाता है। इन हिमनदों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये वर्ष भर बहने वाली हिमालयी नदियों के स्रोत हैं। इसके आलावा ये हिमनद पर्यावरणीय-पर्यटन (इको-टूरिज्म) और ट्रेकिंग के लिये विश्व-विख्यात हैं। चूँकि हिमालय का जलवायु के नियंत्रण में काफी महत्व है और हिमनद जलवायु परिवर्तन के सूचक के तौर पर माने जाते हैं, हिमालय के हिमनदों का जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से काफ़ी अध्ययन हुआ है। इन अध्ययनों के निष्कर्ष मिश्रित हैंऔर अभी भी ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि जलवायु परिवर्तन का हिमालय के हिमनदों पर क्या प्रभाव पड़ा है। .

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हिस्पर मुज़ताग़

हिस्पर मुज़ताग़ (Hispar Muztagh) काराकोरम पर्वत शृंखला की एक उपशृंखला है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान खंड के गोजल क्षेत्र में स्थित है। इसके उत्तर में शिमशाल घाटी, दक्षिण में हिस्पर हिमानी (ग्लेशियर) और पश्चिम में हुन्ज़ा घाटी है। बाल्तोरो मुज़ताग़ के बाद यह काराकोरम पर्वतों की दूसरी सबसे ऊँची शृंखला है। हिस्पर मुज़ताग़ का सबसे लम्बा पहाड़ ७,८८५ मीटर (२५,८६९ फ़ुट) ऊँचा 'दिस्तग़िल सर' नामक पर्वत है। उइग़ुर भाषा में 'मुज़' (बर्फ़) और 'ताग़' (पर्वत) जोड़कर बने शब्द का अर्थ बर्फ़ीला-पर्वत होता है। .

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हुन्ज़ा नदी

हुन्ज़ा नदी या दरया-ए-हुन्ज़ा (Hunza river) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले का अहम दरिया है। बहुत ज़्यादा मिट्टी और चट्टानी ज़र्रों की आमेज़िश की वजह से ये बहुत गदला है। यह नदी किलिक नाले और ख़ुंजराब नाले नामक दो झरनों के संगम से बनती है और इसमें कई हिमानियाँ (ग्लेशियर) जल देती हैं। आगे इसी में नलतर नाला और गिलगित नदी मिलते हैं। अंत में यह सिन्धु नदी में मिल जाता है। ऐतिहासिक रेशम मार्ग इस दरिया के साथ चलता है। हुन्ज़ा नदी काराकोरम पर्वतों में इतनी पैनी दिवारों वाली तंग घाटी काटकर निकलती है कि कुछ समीक्षकों ने कहा है कि 'लगता है कि चट्टानें चाकू से काटी गई हों'।, Soren Arutyunyan, Electa Napoli, 1994,...

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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घेंट कांगरी

घेंट कांगरी (Ghent Kangri) या घेंत कांगरी या घेंत १ (Ghent I) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है और विश्व का 69वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से ज़रा पश्चिम में स्थित है। इस पर्वत पर वर्तमान में पाकिस्तान का क़ब्ज़ा है लेकिन भारत इस क्षेत्र पर अपनी सम्प्रभुता होने का दावा करता है। .

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वाख़ान

वाख़ान का एक नज़ारा वाख़ान, स्थानीय नक़्शे में वाख़ान (पश्तो और फ़ारसी) सुदूर उत्तर-पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान में एक अत्यंत पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्र है जहाँ काराकोरम और पामीर पर्वत शृंखलाएं आकर मिलती हैं। वाख़ान अफ़्ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रांत में एक ज़िले का नाम भी है। नक़्शे पर वाख़ान अफ़्ग़ानिस्तान के मुख्य भाग से एक ऊँगली की तरह पूर्व को निकलकर चीन के शिनजियांग प्रान्त को छूता है। यह तंग सा इलाका प्राचीनकाल में तारिम द्रोणी जाने वाले यात्रियों का मार्ग हुआ करता था। इसी क्षेत्र में उन धाराओं की भी शुरुआत होती है जो आगे चलकर मशहूर आमू दरिया बन जाती हैं।, David Loyn, Macmillan, 2009, ISBN 978-0-230-61403-1,...

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विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची

पृथ्वी पर कम-से-कम 109 पर्वत हैं जिनकि ऊँचाई समुद्रतल से 7,200 मीटर (23,622 फ़ुट) से अधिक है। इनमें से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत की सीमा पर स्थित हैं, और कुछ मध्य एशिया में हैं। इस सूचि में केवल ऐसे ही शिखर सम्मिलित हैं जिन्हें अकेला खड़ा पर्वत माना जा सकता है, यानि एक ही पर्वत के अलग-अलग शिखरों को नहीं गिना गया है। .

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वेस्म पर्वतमाला

वेस्म पर्वतमाला (Wesm Mountains) काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है जो शक्सगाम घाटी के ऊपरी भाग में पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के समीप स्थित है। यह पर्वतमाला बाल्तोरो मुज़ताग़ के पश्चिमी छोर और पनमाह मुज़ताग़ के पूर्वी छोर से उत्तर में स्थित है। यह क्षेत्र चीन के क़ब्ज़े में है जो इसे शिंजियांग प्रान्त की प्रशासनिक व्यवस्था के तहत वर्गीकृत करता है, लेकिन इस पूरे क्षेत्र को भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग मानता है। चीन इस पर्वतमाला को येंगीसोगत (Yengisogat) नाम देता है। इसी क्षेत्र में वेस्म हिमानी (ग्लेशियर) और वेस्म दर्रा स्थित है। .

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ख़ुंजराब दर्रा

खुंजर्ब राष्ट्रीय उद्यान में विलुप्तप्राय प्रजाति का हिम तेंदुआ ख़ुंजराब दर्रा (चीनी भाषा:红其拉甫山口, अंग्रेजी: Khunjerab Pass, उर्दु) (ऊँचाई) काराकोरम पर्वतमाला में स्थित एक दर्रा है। यह पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रान्त के बीच स्थित है। .

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खुनयंग छिश

खुनयंग छिश या कुनयंग किश काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान खंड के गोजल क्षेत्र में स्थित है। खुनयंग छिश विश्व का २१वाँ सबसे ऊँचा और पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्रों का ८वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह अपने आसपास के क्षेत्र से अचानक ४००० मीटर बढ़ी हुई ऊँचाई के लिये जाना जाता है। यह निकटवर्ती हुन्ज़ा वादी से ५५०० मीटर अधिक ऊँचा है। .

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गाशरब्रुम

गाशरब्रुम (Gasherbrum) हिमालय की काराकोरम पर्वतश्रेणी की बाल्तोरो हिमानी के पूर्वोत्तरी छोर पर स्थित एक पर्वतों का समूह है जो उत्तरी कश्मीर में ३५ अंश ४४ मिनट उत्तरी अक्षांश तथा ७६ अंश ४२ मिनट पूर्वी देशान्तर पर स्थित हैं। यह शक्सगाम घाटी और गिलगित-बल्तिस्तान की सीमा पर स्थित है, जिनपर चीन व पाकिस्तान का नियंत्रण है हालांकि जिन्हें भारत अपना भाग बताता है। इस पुंजक में विश्व के तीन आठ हज़ारी पर्वत हैं, यानि वे जिनकी ऊँचाई 8,000 मीटर से अधिक है। .

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गाशरब्रुम १

गाशरब्रुम १ (Gasherbrum I), जिसे छुपा पर्वत (Hidden Peak) या के-५ (K5) भी कहते हैं, विश्व का ११वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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गाशरब्रुम २

गाशरब्रुम २ (Gasherbrum II), जिसे के-४ (K4) भी कहते हैं, विश्व का १३वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। गाशरब्रुम २ बाल्तोरो हिमानी (ग्लेशियर) के ऊपर स्थित है। गाशरब्रुम ३ इस से जुड़ा हुआ है और कुछ स्रोत उसे गाशरब्रुम २ का एक उपपर्वत बताते है। .

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गाशरब्रुम ३

गाशरब्रुम ३ (Gasherbrum III) काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में गाशरब्रुम २ और गाशरब्रुम ४ के बीच में स्थित एक चोटी है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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गाशरब्रुम ४

गाशरब्रुम ४ (Gasherbrum IV) विश्व का १७वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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गाशरब्रुम ५

गाशरब्रुम ५ (Gasherbrum V) काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित एक चोटी है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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गाशरब्रुम ६

गाशरब्रुम ६ (Gasherbrum VI) काराकोरम के गाशरब्रुम पुंजक में स्थित एक चोटी है। राजनैतिक सीमाओं के अनुसार यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और चीन के कब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी की सीमा पर स्थित है। भारत के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान और शक्सगाम घाटी दोनों भारत का भाग हैं। .

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गिलगित

कारगाह में बुद्ध की तस्वीर गिलगित (अंग्रेजी: Gilgit, उर्दू) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। गिलगित शहर, गिलगित जिले के अंतर्गत गिलगित की एक तहसील है। इसका प्राचीन नाम सर्गिन था जो बाद में गिलित हो गया। स्थानीय लोगों आज भी इसे गिलित या सर्गिन-गिलित पुकारते हैं। बुरुशस्की भाषा में, इसे गील्त और वाख़ी और खोवार में इसे गिल्त कहा जाता है। प्राचीन संस्कृत साहित्य में इसे घल्लाता नाम से जाना जाता है। स्कर्दू के साथ साथ गिलगित शहर काराकोरम और हिमालय की अन्य पर्वतमालाओं के पर्वतारोही अभियानों के लिए उत्तरी क्षेत्रों के दो प्रमुख केन्द्रों में से एक है। .

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गुलमित

गुलमित (Gulmit) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की गोजाल तहसील में स्थित एक बस्ती है जो उस तहसील की राजधानी भी है। यह २,४०८ मीटर (७,५०० फ़ुट) की ऊँचाई पर काराकोरम पर्वतमाला में बसा हुआ है। गुलमित में वाख़ी भाषा बोलने वाले लगभग २,५०० लोग रहते हैं जो शिया धर्म की इस्माइली शाखा के अनुयायी हैं। वाख़ी में 'गुलमित' का मतलब 'गुलों (फूलों) की वादी' है। यह बस्ती हुन्ज़ा नदी के किनारे स्थित है।, Iqbal M. Shafi, Wajidalis, 1988, ISBN 9789698031145,...

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ऑपरेशन मेघदूत

वास्तविक जमीनी स्थिति रेखा के साथ दिखाया पीले रंग की बिंदीदार ऑपरेशन मेघदूत, भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन के लिए कोड-नाम था, जो सियाचिन संघर्ष से जुड़ा था। 13 अप्रैल 1984 को शुरू किया गया यह सैन्य अभियान अनोखा था क्योंकि दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्धक्षेत्र में पहली बार हमला शुरू किया गया था। सेना की कार्रवाई के परिणामस्वरूप भारतीय सेना ने पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण प्राप्त कर किया था। आज, भारतीय सेना की तैनाती के स्थान को वास्तविक ग्राउंड पॉजिशन लाइन (एजीपीएल) के रूप में जाना जाता है, कभी-कभी गलत तरीके से ऑपरेशन मेघदूत भी कहा जाता है। भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना प्रत्येक के दस पैदल सेना बटालियन, 6,400 मीटर (21,000 फीट) तक ऊंचाई पर सक्रिय रूप से तैनात किए जाते हैं। .

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इर्शाद दर्रा

इर्शाद दर्रा (Irshad Pass) या कोतल-ए-इर्शाद ओवीन काराकोरम पर्वतों का एक पहाड़ी दर्रा है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की गोजाल तहसील में स्थित चिपोरसुन वादी को अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से जोड़ता है।, H. W. Tilman, pp.

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इश्कोमन

इश्कोमन या इश्कुमन (Ishkoman) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की एक घाटी है। प्रशासनिक दृष्टि से यह ग़िज़र ज़िले की एक तहसील है।, Amir Jan Haqqani, 11 मार्च 2012, Pamir Times,...

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इंदिरा कोल

इंदिरा कोल (Indira Col) काराकोरम पर्वतमाला की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी के इंदिरा कटक (इंदिरा रिज) में स्थित एक कोल (यानि कटक में बना हुआ पहाड़ी दर्रा) है। यह सिआ कांगरी से 3 किमी पश्चिम में है, जो भारत, पाकिस्तान व चीन द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों के त्रिबिन्दु पर स्थित है। इंदिरा कोल दक्षिण में सियाचिन हिमानी (ग्लेशियर) और उत्तर में उरदोक हिमानी के बीच का सबसे निचला स्थान है, और सिन्धु नदी घाटी तथा तारिम द्रोणी के बीच के जलसम्भर में स्थित है। यहाँ से आसानी से उरदोक हिमानी पर उतरा नहीं जा सकता क्योंकि वह ढलान बहुत तीखी है। .

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कनजुत सर

कनजुत सर काराकोरम पर्वत शृंखला की हिस्पर मुज़ताग़ उपशृंखला का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में स्थित है। कनजुत सर विश्व का २६वाँ सबसे ऊँचा और पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्रों का ११वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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क़ाराक़ोरम दर्रा

क़ाराक़ोरम दर्रा काराकोरम पर्वतमाला में भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य और जनवादी गणतंत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रदेश के बीच ४,६९३ मीटर (१५,३९७ फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह लद्दाख़ के लेह शहर और तारिम द्रोणी के यारकन्द क्षेत्र के बीच के प्राचीन व्यापिरिक मार्ग का सबसे ऊँचा स्थान है। .

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काराकाश नदी

तिब्बत-शिंजियांग राजमार्ग से पश्चिमी कुनलुन पर्वतों में काराकाश नदी का नज़ारा काराकाश नदी भारत के अक्साई चिन क्षेत्र के कराकोरम पर्वतों में सुम्दे इलाक़े से उत्पन्न होकर चीन के शिंजियांग प्रांत की कुनलुन पहाड़ी क्षेत्र से गुज़रकर टकलामकान रेगिस्तान में जाने वाली एक नदी का नाम है। वर्तमान में अक्साई चिन पर चीन का क़ब्ज़ा है इसलिए वह इस पूरी नदी को अपना ही मानता है। इस नदी में हरे और सफ़ेद रंग के हरिताश्म (जेड) के मूल्यवान पत्थर मिलते हैं, जिस से इसका नाम भी पड़ा है। कुछ दूरी पर इसके साथ-साथ एक योरुंगकाश नाम की अन्य नदी भी चलती है। यह दोनों नदियाँ प्रसिद्ध ख़ोतान नगर के लिए मुख्य पानी का स्रोत हैं।, Sir Aurel Stein, Archaeological Survey of India, Clarendon Press, 1907,...

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काराकोरम राजमार्ग

काराकोरम राजमार्ग काराकोरम राजमार्ग (अंग्रेजी: Karakoram Highway या KKH; उर्दू:, शाहराह-ए-काराकोरम'; चीनी: 喀喇昆仑 公路, के ला कून लुन गोन्ग लु) दुनिया की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित एक पक्की अंतरराष्ट्रीय सड़क है। यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला से होकर गुज़रता है तथा चीन और पाकिस्तान को ख़ुंजराब दर्रे के माध्यम से आपस में जोड़ता है। यहाँ इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 4693 मी (15397 फुट) है और इसकी पुष्टि एसआरटीएम और जीपीएस के एकाधिक पाठ्यांकों द्वारा होती है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान के साथ चीन के शिंजियांग क्षेत्र को जोड़ता है। इसके साथ ही यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है। काराकोरम राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में N-35 और चीन में चीन का राष्ट्रीय राजमार्ग 314 (G314) के नाम से जाना जाता है। .

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क्राउन पर्वत

क्राउन पर्वत (The Crown) काराकोरम पर्वतमाला की वेस्म पर्वतमाला (येंगीसोगत) नामक उपश्रेणी का सर्वोच्च पर्वत है। यह शक्सगाम घाटी में स्थित है जहाँ चीन का क़ब्ज़ा है लेकिन जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग मानता है। चीन ने इस पर्वत का नाम हुआंग गुआन शान (Huang Guan Shan) रखा है और इस क्षेत्र को शिंजियांग प्रान्त के तहत प्रशासित करता है। क्राउन पर्वत 7,295 मीटर (23,934 फ़ुट) ऊँचा है और विश्व का 84वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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के१२ पर्वत

के१२ (K12) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है और विश्व का 61वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से ज़रा पश्चिम में स्थित है। हालांकि यह पाक-अधिकृत कश्मीर के पास है, इसके ऊपर भारत का पूरा नियंत्रण है। .

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के२

के२ (K2, के-टू) विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिनजिआंग प्रदेश की सीमा पर काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रृंखला में स्थित है। 8,611 मीटर (28,251 फ़ुट) की ऊँचाई वाली यह चोटी माउंट एवरेस्ट के बाद पृथ्वी की दूसरी उच्चतम पर्वत चोटी है। .

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के६ पर्वत

के६ पर्वत (K6 mountain), जो बल्तिस्तान पर्वत (Baltistan Peak) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला की माशरब्रुम पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह 7,282 मीटर (23,891 फ़ुट) ऊँचा पहाड़ विश्व का 89वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है, जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग मानता है। यह हूशे घाटी के एक छोर पर खड़ा है। .

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कोयो ज़ुम

कोयो ज़ुम या कोयो ज़ोम काराकोरम और हिन्दू कुश के बीच में स्थित हिन्दू राज पर्वत शृंखला का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त और पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र की सरहद पर खड़ा है। .

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अप्सरासस कांगरी

अप्सरासस कांगरी (Apsarasas Kangri) काराकोरम की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी में एक पर्वत है। यह विश्व का ९६वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और इसका एक अंग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में स्थित है जिसे चीन शिंजियांग प्रान्त के अधीन प्रशासित करता है। .

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उल्तर सर

उल्तर सर (Ultar Sar) या विश्व का 70वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह काराकोरम पर्वतमाला की पश्चिमतम उपश्रेणी, बातूरा मुज़ताग़, का एक ऊँचा पहाड़ है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में आता है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है। .

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