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अंश (वित्त)

सूची अंश (वित्त)

वित्त में, अंश अथवा शेयर का अर्थ किसी कम्पनी में भाग या हिस्सा होता है। एक कंपनी के कुल स्वामित्व को लाखों करोड़ों टुकड़ों में बाँट दिया जाता है। स्वामित्व का हर एक टुकड़ा एक शेयर होता है। जिसके पास ऐसे जितने ज्यादा टुकड़े, यानी जितने ज्यादा शेयर होंगे, कंपनी में उसकी हिस्सेदारी उतनी ही ज्यादा होगी। लोग इस हिस्सेदारी को खरीद-बेच भी सकते हैं। इसके लिए बाकायदा शेयर बाजार (स्टॉक एक्सचेंज) बने हुए हैं। भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी॰एस॰ई॰) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन॰एस॰ई॰) सबसे प्रमुख शेयर बाजार हैं। .

42 संबंधों: टाटा समूह, तकनीकी विश्लेषण, दलाल, न्यूयॉर्क शेयर बाज़ार, नैगम शासन, पम्प एंड डंप घोटाला, पारस्परिक निधि, प्रतिभूति लेन देन कर, प्रस्ताव मूल्य, पूंजी बाजार, बचाव (वित्त), बुक बिल्डिंग, भारत 22, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, मुद्रांक शुल्क, मैनहटन, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह, लाभांश, शेयर एक्सचेंज, शेयर बाज़ार, शेयर ब्रोकर, सार्वजनिक प्रस्ताव, संपत्ति कर, सकल घरेलू उत्पाद, स्टॉक, जॉर्डन बेलफोर्ट, वित्तिय प्रबन्धक, विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास, वैश्वीकरण, वेतन, ग्रे'ज़ ऐनैटमी, गूगल.ऑर्ग, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड, ऑर्डर (विनिमय), ओरिएण्टल इंश्योरेंस कम्पनी, इनवेस्टमेंट बैंकिंग, इंफोसिस, अन्तरपणन, अभौतिक खाता, अर्निंग्स पर शेयर, अंतरंगी लेनदेन, अंशधारी

टाटा समूह

टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रतन टाटा हैं टाटा समूह के चेयरमेन रतन टाटा ने 28 दिसम्बर 2012 को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला। टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है। इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है - जैसे इंजिनियरंग, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, साफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री। टाटा समूह की सफलता को इसके आंकडे बखूबी बयां करते हैं। 2005-06 में इसकी कुल आय $967229 मिलियन थी। ये समस्त भारत कि GDP के 2.8 % के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब 2 लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। market capitalization का आंकड़ा $57.6 बिलियन को छूता है। टाटा समूह कि कुल 96 कम्पनियां 7 अलग अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन 96 में से केवल 28 publicly listed कम्पनियाँ हैं। टाटा समूह ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। टाटा समूह दुनिया के 140 से भी अधिक देशों को उत्पाद व सेवाएँ निर्यात करता है। इसके करीब 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है। टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है। इसका मुख्य कारण है कि समूह की ही एक अन्य कंपनी इसे कच्चा माल, जैसे कोयला और लोहा आदि, उपलब्ध कराती है। 1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आयल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया। जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है। बोली के अप्रत्याशित 9 दौर चले जिसके अंत में टाटा समूह ने कोरस का 100 प्रति शत हिस्सा 608 पाउंड प्रति शेयर (नकद) के हिसाब से कुल 12.

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तकनीकी विश्लेषण

तकनीकी विश्लेषण अथवा टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे शेयर आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी सहायता से भविष्य में इनके मूल्यों के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है। इसके लिये भूतकाल में इन सेक्योरिटीज के मूल्यों एवं उनके क्रय-विक्रय की मात्रा (वॉलुम) आदि का अध्ययन किया जाता है। .

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दलाल

दलाल (broker) उस व्यक्ति या संस्था को कहते हैं जो क्रेता एवं विक्रेता के बीच सौदा तय कराने में मदद करता है। जब यह सौदा पक्का हो जाता है तो इसके बदले में दलाल को दलाली (commission) मिलती है। दलाल भांति-भांति के होते हैं। गाय-भैंस की बिक्री से लेकर घर, जमीन, शेयर, कमोडिटी, हथियार, विवाह आदि सभी के दलाल होते हैं। श्रेणी:धंधा.

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न्यूयॉर्क शेयर बाज़ार

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) 11 वॉल स्ट्रीट, लोअर मैनहट्टन, न्यूयॉर्क सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित शेयर बाज़ार है। यह अगस्त 2010 US$11.92 ट्रिलियन पर अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के बाज़ार पूंजीकरण के साथ विश्व का सबसे बड़ा शेयर बाज़ार है। 2008 में औसत दैनिक व्यापार मूल्य लगभग US$153 बिलियन था। NYSE का परिचालन NYSE Euronext द्वारा किया जाता है, जो 2007 में पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज Euronext के साथ NYSE के विलय द्वारा गठित हुआ। NYSE ट्रेडिंग फ्लोर 11 वॉल स्ट्रीट में स्थित है और इसमें व्यापार की सुविधा के लिए चार कमरे हैं। 30 ब्रॉड स्ट्रीट में अवस्थित पांचवा व्यापार कमरा फरवरी 2007 में बंद कर दिया गया। वॉल स्ट्रीट और एक्सचेंज प्लेस के कोनों के बीच 18 ब्रॉड स्ट्रीट में स्थित मुख्य भवन को 11 वॉल स्ट्रीट के भवन के समान ही, 1978 मेंनेशनल पार्क सर्विस,, 31 मई 2007 को पुनःप्राप्त.

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नैगम शासन

नैगम शासन या 'कम्पनी शासन' या कॉरपोरेट शासन प्रक्रियाओं, रिवाजों, नीतियों, क़ानून और संस्थाओं की एक व्यवस्था है, जिनसे निगम (या कंपनी) निर्देशित, प्रशासित या नियंत्रित होती है। कॉर्पोरेट प्रशासन में कई हितधारकों के बीच संबंध और लक्ष्य भी शामिल हैं, जिनके लिए निगम नियंत्रित होती है। प्रमुख हितधारकों में हैं, शेयरधारक/सदस्य, प्रबंधन और निदेशक मंडल.

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पम्प एंड डंप घोटाला

इस इंटरनेट घोटाले में बड़े पैमाने पर किसी नए शेयर के मूल्य बढ़ने की सूचना ई मेल द्वारा भेजी जाती है, ज्यद्तातर ये शेयर बहुत कम मूल्य के होते हैं, बड़े पैमाने पर छोटे निवेशक इसमे रुचि लेते हैं और जल्दी ही उस शेयर का मूल्य बढ़ जाता है, तब वह व्यक्ति जिसने पहले से इस शेयर को खरीद रखा था इसे बड़े पैमाने पर बेच देता है और भारी लाभ कमा लेता है, छोटे निवेशको को भारी नुक्सान होता है और बेईमान को लाभ श्रेणी:अंतरजाल.

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पारस्परिक निधि

उभरते बाजारों का उपयोग करने की छूट देते हैं। पारस्परिक निधि या म्युचुअल फंड एक संगृहीत निवेशों की पेशेवर रूप से सुप्रबंधित फर्म है जो कई निवेशकों से धन इकठ्ठा करती है और इसे शेयर बाजार, बोंड्स, छोटी अवधि के मुद्रा बाजार उपकरण और/या अन्य प्रतिभूति में डालती है। निधि प्रबंधक (fund manager), संविभाग प्रबंधक के रूप में भी जाना जाता है, सुरक्षा के अंतर्गत आने वाले फंड्स का निवेश और व्यापार करता है, किसी लाभ या हानि का ध्यान रखते हुए किसी व्यक्तिगत निवेशक के लिए प्रक्रिया जारी करता है। वर्तमान में, विश्व भर में मुचुअल फंड्स का कुल मूल्य है $२६ खरब. १९४० के बाद से, संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन मूल प्रकार की निवेश कम्पनियां रहीं हैं: खुले अंत के फंड जो संयुक्त राज्य में मुचुअल फंड्स के नाम से जाने जाते हैं; ईकाई निवेश फंड (UITs); बंद अंत के फंड.

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प्रतिभूति लेन देन कर

भारत में, प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax (STT)) वह कर है, जो करपात्र प्रतिभूति के लेनदेन पर प्रभार्य है। इसे आमतौर पर या 'आवर्त कर' कहा जाता है। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार एसटीटी करपात्र प्रतिभूति लेनदेन पर 1 अक्टूबर 2004 से प्रभार्य है। एसटीटी पर अधिभार प्रभार्य नहीं है। श्रेणी:भारत में कराधान श्रेणी:भारत के शेयर बाज़ार.

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प्रस्ताव मूल्य

बुक बिल्डिंग के माध्यम से कोई कंपनी अपनी प्रतिभूतियों का प्रस्ताव मूल्य तय करती है।। इकोनॉमिक टाइम्स। १३ अगस्त २००८ इस प्रक्रिया के तहत कोई कंपनी अपने शेयरों को खरीदने के लिए मांग पैदा करती है जिसके माध्यम से प्रतिभूतियों की अच्छी कीमत पाई जा सकती है।। बिज़नेस भास्कर। २ जुलाई २०१० इस प्रक्रिया में जब शेयर बेचे जाते हैं तो निवेशकों से अलग-अलग कीमतों पर बिड (बोली) मांगी जाती है।। हिन्दुस्तान लाइव। ५ जुलाई २०१० यह तल मूल्य (फ्लोर प्राइस) से ज्यादा और कम भी हो सकता है। अंतिम तिथि के बाद ही ऑफर प्राइस सुनिश्चित होती है। इसमें इश्यू खुले रहने तक हर दिन मांग के बारे में जाना जा सकता है। उससे ही पता चलता है कि इश्यू की कीमत कितनी होनी चाहिए। .

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पूंजी बाजार

पूंजी बाजार (कैपिटल मार्केट), प्रतिभूतियों का बाजार है, जहां कंपनियां और सरकार लंबे समय के लिए धन जुटा सकते हैं। यह वह बाजार है जहां पैसा एक साल या इससे अधिक समय के लिए दिया जाता है। पूंजी बाजार में शेयर बाजार और बांड बाजार भी शामिल है। .

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बचाव (वित्त)

वित्त में बचाव, किसी व्यक्ति के ऋण जोखिम को कम करने के उद्देश्य से बाज़ार में स्थापित एक ऐसी स्थिति है, जो अवांछित जोखिम के प्रति, अन्य बाज़ार की किसी प्रतिकूल स्थिति में मूल्यों के उतार-चढ़ाव के मामले में, ऋण जोखिम के प्रति-संतुलन का प्रयास है। इसे हासिल करने के लिए बीमा पॉलिसी, वायदा संविदा, विनिमय, विकल्प संविदा, काउंटर पर कई तरह से शेयरों की ख़रीद-बिक्री और व्युत्पन्न उत्पाद और संभवतः सबसे लोकप्रिय भावी संविदाएं जैसे कई विशिष्ट वित्तीय साधन मौजूद हैं। 1800 के दशक में कृषि पण्य क़ीमतों में पारदर्शी, मानक और कुशल बचाव-व्यवस्था को अनुमत करने के लिए सार्वजनिक वायदा सट्टा बाज़ार स्थापित किए गए; अब इनमें ऊर्जा, बहुमूल्य धातु, विदेशी-मुद्रा के मूल्यों, तथा ब्याज दर उतार-चढ़ाव के लिए बचाव-व्यवस्था हेतु भावी संविदाओं को शामिल करने के लिए, इन्हें विस्तृत किया गया। .

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बुक बिल्डिंग

200px बुक बिल्डिंग वह प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से कोई कंपनी अपनी प्रतिभूतियों का प्रस्ताव मूल्य तय करती है।। इकोनॉमिक टाइम्स। १३ अगस्त २००८ इस प्रक्रिया के तहत कोई कंपनी अपने शेयरों को खरीदने के लिए मांग पैदा करती है जिसके माध्यम से प्रतिभूतियों की अच्छी कीमत पाई जा सकती है।। बिज़नेस भास्कर। २ जुलाई २०१० इस प्रक्रिया में जब शेयर बेचे जाते हैं तो निवेशकों से अलग-अलग कीमतों पर बिड (बोली) मांगी जाती है।। हिन्दुस्तान लाइव। ५ जुलाई २०१० यह तल मूल्य (फ्लोर प्राइस) से ज्यादा और कम भी हो सकता है। अंतिम तिथि के बाद ही ऑफर प्राइस सुनिश्चित होती है। इसमें इश्यू खुले रहने तक हर दिन मांग के बारे में जाना जा सकता है। उससे ही पता चलता है कि इश्यू की कीमत कितनी होनी चाहिए। जब कंपनी अपनी प्रतिभूतियों को खुले बाजार में लोगों के बीच ले जाती है तब बुक बिल्डिंग की आवश्यकता होती है। कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में स्वयं को सूचिबद्ध कराने हेतु वह एक मूल्य पट्टी (प्राइज बैंड) निर्धारित करती है, जिसके लिए निवेशक शेयर की बोलियाँ लगाते हैं। निवेशक को यह स्पष्ट करना होता है कि वह कितने शेयर लेना चाहता है और प्रत्येक शेयर के लिए वह कितना मूल्य देना चाहेगा। इस प्रकार बुक बिल्डिंग की परिभाषा है कि एक आई.पी.ओ(या अन्य सिक्योरिटियों के जारी करने के समय) के दौरान दक्ष मूल्य (एफ़िशियेंट प्राइज़ डिस्कवरी) के समर्थन में निवेशकों की प्रतिभूतियों की मांग के जनरेशन, कैप्चरिंग एवं अंकन (रिकॉर्डिंग) की प्रक्रिया को बुक बिल्डिंग कहते हैं। मूल्य पट्टी में नीचे के मूल्य को तल मूल्य (फ्लोर प्राइज) कहा जाता है और ऊपरी मूल्य को सीलिंग प्राइज कहा जाता है। इसके बाद कंपनी लोगों के बीच जाने हेतु एक अग्रणी मर्चेट बैंकर को नियुक्त करती है, जिसे बुक रनिंग लीड मैनेजर कहते हैं। ये मर्चेंट बैंकर एक सूचीपत्र (प्रॉस्पेक्टस) तैयार करता है और उसे नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास पंजीकृत कराता है। जब मूल्य पट्टी स्थायी होती है तो भावी निवेशकों को आमंत्रित किया जाता है कि वे कीमत तय करें। इस प्रक्रिया से शेयरों की मांग कितनी होगी, यह समझने में भी सहायता मिलती है। यदि लीड मैनेजर को ये प्रतीत होता है, कि नीलामी की अधिक संभावना नहीं है तो वह इसे रद्द भी कर सकता है। विभिन्न कीमतों पर बोली का आकलन करने के बाद जारीकर्ता अंतिम कीमतों का निर्धारण करता है, जिस पर बिल्डिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेयरों को निवेशकों को जारी किया जाता है। इसको कट ऑफ मूल्य (कट ऑफ प्राइज) कहा जाता है। जो इसमें सफल रहते हैं उन्हें शेयरों का आवंटन कर दिया जाता है और शेष को उनकी राशि वापस कर दी जाती है। .

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भारत 22

भारत 22 एक नया एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जिसका उद्घाटन ४ अगस्त २०१७ को भारत के तत्कालीन केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने किया। ‘भारत 22’ में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 22 शेयर शामिल हैं। पोर्टफोलियो विविधता से भरे इस ईटीएफ में छह सेक्टर (बुनियादी सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफएमसीजी, औद्योगिक इकाइयां एवं उपयोगिता उपक्रम) शामिल हैं। १४ नवंबर २०१७ को इसे निवेशकों के लिए खोला गया।https://economictimes.indiatimes.com/markets/stocks/news/bharat-22-etf-opens-on-tuesday-govt-likely-to-garner-rs-8000-crore/articleshow/61630543.cms .

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। इसकी स्थापना सेबी अधिनियम 1992 के तहत 12 अप्रैल 1992 में हुई सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं और क्रमश: नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं। .

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मुद्रांक शुल्क

मुद्रांक शुल्क एक प्रकार का कर है जो दस्तावेजों पर लगाया जाता है। ऐतिहासिक रूप से, यह मुख्यतः कानूनी दस्तावेजों जैसे चेक, रसीदों, सैन्य आयोगों, शादी के लाइसेंस और भूमि से सम्बंधित लेनदेन पर लगता था। एक स्टाम्प (कर टिकट) को दस्तावेज पर या तो संलग्न करना होता था अथवा मुहर लगानी होती थी जिससे यह पता चल जाए कि दस्तावेज के कानूनी तौर पर प्रभावी होने से पहले मुद्रांक शुल्क चुकाया जा चुका है। इस कर के अधिक आधुनिक संस्करणों में अब एक वास्तविक टिकट की आवश्यकता नहीं होती है। .

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मैनहटन

न्यू जर्सी के हैमिल्टन पार्क से मैनहटन. मैनहटन न्यूयॉर्क शहर के नगरों में से एक है। हडसन नदी के मुंहाने पर मुख्य रूप से मैनहटन द्वीप पर स्थित, इस नगर की सीमाएं न्यूयॉर्क राज्य के न्यूयॉर्क प्रान्त नामक एक मूल प्रान्त की सीमाओं के समान हैं। इसमें मैनहटन द्वीप और कई छोटे-छोटे समीपवर्ती द्वीप: रूज़वेल्ट द्वीप, रंडाल्स द्वीप, वार्ड्स द्वीप, गवर्नर्स द्वीप, लिबर्टी द्वीप, एलिस द्वीप, 523 यू.एस.

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रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह

रिलायंस अनिल धीरूभाई अम्बानी समूह कई कम्पनियों वाला एक औद्योगिक घराना या समूह है। अनिल अंबानी इसके मालिक हैं। मुकेश अंबानी एवं अनिल अम्बाणी के आपसी झगड़े के कारण रिलायंस इण्डस्ट्रीज के विभाजन हुआ और यह समूह अस्तित्व में आया। इसके लगभग ८० लाख शेयर धारक हैं जिससे यह विश्व का सबसे अधिक अंशधारकों वाला समूह बन गया है। इस समूह के अन्तर्गत निम्नलिखित कम्पनियाँ हैं.

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लाभांश

लाभांश (अंग्रेज़ी:Dividend / डिविडेंड) किसी कंपनी के लाभ में भागीदारों का अंश होता है जो वह कंपनी लाभ कमाने पर अपने शेयरधारकों को देती है। किसी ज्वाइंट स्टॉक कंपनी में लाभांश, शेयरों के निश्चित मूल्य के आधार पर मिलता है। इस मामले में शेयरधारक उसके शेयर के अनुपात में डिविडेंड ग्रहण करता है। डिविडेंड पैसे, शेयर या अन्य कई रूपों में दिया जा सकता है। किसी व्यापारिक कंपनी के अंशधारियों में लाभ के जिस भाग का विभाजन किया जाता है उसे लाभांश कहते है। प्रत्येक व्यापारिक कंपनी को लाभांश वितरण करने का समवायी अधिकार होता है। संचालक इस बात की सिफारिश करते हैं कि कितनी राशि लाभांश के रूप में घोषित की जाए। उसके पश्चात्‌ कंपनी अपनी सामान्य बैठक में लाभांश की घोषणा करती है, किंतु यह राशि संचालकों द्वारा सिफारिश की गई राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त अंतर्नियमों द्वारा अधिकृत होने पर संचालक दो सामान्य बैठकों के बीच में ही अंतरिम लाभांश की घोषणा भी कर सकते है। यत: लाभांश कंपनी के लाभ का ही भाग होता है, अत: इसे केवल लाभ से ही दिया जा सकता है, न कि पूँजी से। लाभांश के विषय में अंशधारियों के सामान्य अधिकारों, जैसे लाभांश की दर तथा पूर्वाधिकार आदि का प्रकथन कभी कभी सीमानियम में ही कर दिया जाता है जिससे यथासंभव, उन अधिकारों में परिवर्तन न हो सके। कई बार इनका प्रकथन अंतर्नियमों में किया जात है और कभी कभी दोनों प्रलेखों में भी इनका प्रकथन होता है। किस ढंग से लाभांश की घोषणा तथा अदायगी की जाएगी, इसका प्रकथन साधारणतया अंतर्नियमों में ही होता है। जब तक कंपनी चालू रहती है, वह पूरा लाभ अंशधारियों में वितरण करने के लिए बाध्य नहीं होती। लाभांश वितरण करने के स्थान पर, अंतर्नियमों में इसकी व्यवस्था होने पर यह अपने लाभ को पूँजी में परिवर्तित (Capitalise) कर सकती है। लाभांश को इसकी घोषणा के दिन से ऋण माना जाता है तथा यह देय हो जाता है। कभी कभी अंतर्नियमों में यह भी प्रावधान होता है कि घोषणा के बाद निश्चित समय तक लाभांश के अयाचित रहने पर इसे जब्त किया जा सकता है। कंपनी से सदस्य अंतर्नियमों के नियमानुसार लाभांश की अधियाचना कर सकते हैं किंतु यह आवश्यक है कि ऐसे सदस्यों का नाम लाभांश घोषणा के दिन कंपनी के रजिस्टर में दर्ज हो। जब अंशों का हस्तांतरण लाभांश घोषित करने पर उसके बहुत निकट किस तिथि को हो, तो हस्तांतरक तथा हस्तांतरी यह भी संविदा कर सकते हैं कि लाभांश किसको मिले। .

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शेयर एक्सचेंज

श्रेणी:शेयर बाज़ार.

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शेयर बाज़ार

मुंबई का शेयर बाजार - सन् १८७५ में स्थापित यह एशिया का पहला शेयर बाजार है। शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है। इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है। आज स्थिति यह है कि खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते। एक प्रकार से देखे तो यहा पे शेयरो की नीलामी होती है। अगर किसी को बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जता है। शेयर मन्डी (जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज इस तरह कि बोलियाँ लगाने के लिये ज़रूरी सभी तरह कि सुविधाये मुहैया कराते है। सोचिये, एक दिन मे करोड़ो शेयरों का आदान-प्रदान होता है। कित्ना मुश्किल हो जाये अगर सभी कारोबरियोँ को चिल्ला चिल्ला के ही खरीदे और बेंचने वालो को ढूंढ्ना हो। अगर ऐसा हो तो शेयर खरीद्ना और बेंचना कमोबेश असम्भव हो जायेगा। शेयर मन्डियाँ इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदत, शेयर ब्रोकर, इंटेर्नेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है। असल मे शेयर बाज़ार एक बहुत ही सुविधाजनक सब्ज़ी मंडी से ज़्यादा कुछ भी नही है। कुछ साल पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीद फरोख्त करनी पड़ती थी। पिछ्ले कुछ सालो से कम्प्यूटरो और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी घर बैठे शेयर खरीद और बेंच सकता है। सूचना क्रांति का ये एक उत्कृष्ट नमुना है। जो काम पहले कुछ पैसे वाले लोग ही कर सकते थे अब वो सब एक आम आदमी भी कर सक्ता है। आजकल सभी शेयर डीमटीरिअलाइज़्ड होते है। शेयरो के अलावा निवेशक भारतीय म्यूचुअल फंड मे भी पैसा लगा सक्ते है। आम ग्राहक को किसी डीमैट सर्विस देने वाले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कई बैंक जैसे आइसीआइसीआइ, एच डी एफ सी, भारतीय स्टटे बैंक, इत्यादि डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है। शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थ्व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। जिस तरह से किसी देश, गाँव या शहर के विकास के लिये सडके, रेल यातायात, बिजली, पानी सबसे ज़रूरी होते है, वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिये शेयर बाज़ार ज़रूरी है। उद्योग धंधो को चलाने के लिये कैपिटल चहिये होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से मिलता है। शेयर बाज़ार के माध्यम से हर आम आदमी बडे़ से बडे़ उद्योग मे अपनी भागिदारी कर सकता है। इस तरह की भागीदारी से वो बड़े उद्योगों मे होने वाले मुनाफे मे बराबर का हिस्सेदार बन सकता है। मान लीजिये, अगर किसी भी नागरिक को ये लग्ता है कि आने वाले समय मे रिलायंस या इंफोसिस भारी मुनाफा कमाने वाली है, तो वह इस कम्पनियों के शेयर खरीद के इस मुनाफे मे भागीदार बन सकता है। और ऐसा करने के लिये तो व्यवस्था चहिये वो शेयर बाज़ार प्रदान करता है। एक अछा शेयर बाज़ार इस बात का ख्याल रखता है कि किसी भी निवेशक को बराबर का मौका मिले। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के अलावा देशभरर मे 27 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है। .

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शेयर ब्रोकर

शेयर ब्रोकेर एक ऐसा व्यक्ती या कम्पनी या संस्थान होता है जो दूसरोँ के लिये शेयर खरीदता या बेंच्ता है। इस तरह के व्यापार के लिये शेयर ब्रोकेर कमीशन लेता है। श्रेणी:स्टॉक श्रेणी:अर्थशास्त्र श्रेणी:व्यवसाय श्रेणी:शेयर बाज़ार.

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सार्वजनिक प्रस्ताव

Initial Public Offering (IPO), जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक (common stock) या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे आइपीओ अथवा " सार्वजनिक प्रस्ताव " कहा जाता है यह अधिकतर छोटी, नई कंपनियों द्बारा जारी किए जाते हैं जो अपने व्यापार को बढाने के लिए पूँजी (capital) चाहती हैं, पर यह बड़ी निजी-स्वामित्व वाली कंपनियों (privately-owned companies) द्बारा भी जारी किए जा सकते हैं जो सार्वजनिक बाज़ार में कारोबार करना चाहती हैं (publicly traded).

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संपत्ति कर

संपत्ति कर या संपदा कर (अंग्रेज़ी:प्रॉपर्टी टैक्स), वह प्रत्यक्ष कर राशि होती है, जो किसी अचल संपत्ति के स्वामी द्वारा उस संपत्ति के मूल्य के अनुसार अदा किया जाता है। इस कर का अनुमान संपत्ति मूल्य के आधार पर लगता है।|हिन्दुस्तान लाइव। २३ दिसम्बर २००९ इसमें यह महत्त्वपूर्ण नहीं होता कि उस संपत्ति से स्वामी को कोई लाभ हुआ है या नहीं।। व्यापार ज्ञान संसाधन की भारत सरकार की वेबसाइट पर इस प्रकार मूल परिभाषा अनुसार संपत्ति कर नगर पालिकाओं द्वारा अपने अधिकारक्षेत्र में स्थित अचल सम्पत्ति के स्वामियों पर लगाया गया सामान्य कर होता है, जो उस संपत्ति के मूल्य पर आधारित होता है। यह कर मुख्यत: भूमि, भूमि सुधार, मानव द्वारा निर्मित चल वस्तु जैसे घर, मकान, दुकान, भवन इत्यादि पर लागू होता है। इस कर के स्वरूप विभिन्न देशों में भिन्न प्रकार के हो सकते हैं। .

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सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ) GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): "सकल" का अर्थ है सकल घरेलू उत्पाद में से पूंजी शेयर के मूल्यह्रास को घटाया नहीं गया है। यदि शुद्ध निवेश (जो सकल निवेश माइनस मूल्यह्रास है) को उपर्युक्त समीकरण में सकल निवेश के स्थान पर लगाया जाए, तो शुद्ध घरेलू उत्पाद का सूत्र प्राप्त होता है। इस समीकरण में उपभोग और निवेश अंतिम माल और सेवाओ पर किये जाने वाले व्यय हैं। समीकरण का निर्यात - आयात वाला भाग (जो अक्सर शुद्ध निर्यात कहलाता है), घरेलू रूप से उत्पन्न नहीं होने वाले व्यय के भाग को घटाकर (आयात) और इसे फिर से घरेलू क्षेत्र में जोड़ कर (निर्यात) समायोजित करता है। अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर्च.

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स्टॉक

कारोबार एकक का स्टॉक या पूंजीगत स्टॉक उसके संस्थापकों द्वारा कारोबार में प्रदत्त मूल पूंजी या निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यापार के लेनदारों के लिए एक प्रतिभूति के रूप में कार्य करता है, चूंकि लेनदारों के लिए हानिकर रूप से उसे आहरित नहीं किया जा सकता है। स्टॉक संपत्ति और व्यवसाय की आस्तियों से अलग है जो मात्रा और मूल्य में उतार-चढ़ाव ला सकता है। .

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जॉर्डन बेलफोर्ट

जॉर्डन आर बेल्फाॅर्ट (Jordan Russo Belfort) (९ जुलाई १९६२) एक अमेरिकी प्रेरक वक्ता और पूर्व शेयर दलाल है। उन्हे शेयर बाजार में गड़बड़ी और एक पैसा शेयर बाॅयलर कक्ष चलाने के लिए संबंधित धोखाधड़ी अपराधों का दोषी पाया गया था, जिस कारण उन्हें 22 माह की कारावास दण्ड मिला। क्वींस, न्यूयॉर्क में पैदा हुआ, जॉर्डन बेल्फाॅर्ट १९८० के दशक में एक मांस और समुद्री भोजन व्यापार के संचालन थे। एक कम उम्र में एक विक्रेता के रूप में एक प्राकृतिक प्रतिभा थी। वित्तीय संकट के करण उस कंपनी के बन्द हो जाने के बाद बेल्फाॅर्ट ने १९८७ में शेयरों की बिक्री शुरू की। वे १९८९ से अपने ही निवेश आपरेशन, स्ट्रैटन ओक्मान्ट चला रहे थे। कंपनी ने अपने निवेशकों को चूना लगाया, अवैध रूप से लाखों डाॅलर बनाये। प्रतिभूति विनिमय आयोग ने १९९२ में कंपनी के गुमराह तरीके को रोकने के लिए प्रयास शुरू किया। १९९४ बेल्फोट को प्रतिभूतियों धोखाधड़ी और काले धन को वैध करने के लिए दोषी पाया गया। उन्हे २००३ मे ४ साल के लिये जेल कि सजा सुनाई, लेकिन केवल २२ महीने मे उन्हे रिहा कर दिया गया। बेल्फाॅर्ट ने २००८ में अपनी पहली संस्मरण "दी वुल्फ ओफ वॉल स्ट्रीट" प्रकाशित किया। अगले वर्ष, वह फ़िल्म "दी वोल्फ ओफ वॉल स्ट्रीट" का विमोचन किया। .

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वित्तिय प्रबन्धक

वित्तिय प्रबन्धक अंगूठाकार संगठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये वित्तीय प्रबंधन कहते है। इस तरीके से पैसे की कुशल और प्रभावी प्रबंधन फंड के रूप में दर्शाया है। यह सीधे शीर्ष प्रबंधन से जुड़े विशेष समारोह है। इस समारोह का महत्व 'लाइन' में है, लेकिन यह भी एक कंपनी की समग्र में ' स्टाफ ' की हैसियत से नहीं देखा जाता है। इस क्षेत्र में विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग ढंग से परिभाषित किया गया है। व्यक्तिगत वित्त या वित्तीय जीवन प्रबंधन के एक व्यक्ति के प्रबंधन रणनीति को दर्शाता है, जबकि अवधि आम तौर पर है, एक संगठन या कंपनी की वित्तीय रणनीति लागू होता है। यह राजधानी और कैसे पूंजी का आवंटन करने के लिए, यानी पूंजी बजट को बढ़ाने के लिए कैसे भी शामिल होते है। इतना ही नहीं लंबी अवधि के बजट के लिए भी है, लेकिन यह भी मौजूदा देनदारियों की तरह कम अवधि के संसाधनों के आवंटन के लिए है। यह भी शेयर धारकों का लाभांश की नीतियों के साथ संबंधित है।वित्तीय प्रबंधन, आयोजन निर्देशन और इस तरह की खरीद और उद्यम के धन के उपयोग के रूप में वित्तीय गतिविधियों को नियंत्रित करने की योजना बनाना है। यह उद्यम के वित्तीय संसाधनों के लिए सामान्य प्रबंधन सिद्धांतों को लागू करने का मतलब है।वित्तीय प्रबंधन वित्त समारोह के एक संबंधित पहलू है। वर्तमान व्यवसाय प्रशासन में वित्तीय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण शाखा है। कोई भी वित्त निहितार्थ बिना बारे व्यापार गतिविधि पर सोचना होगा। वित्तीय प्रबंधन वित्तीय कार्यान्वयन के लिए सामान्य प्रबंधन के सिद्धांतों के गोद लेने में शामिल हैं। निम्नलिखित उपस्थित कार्यान्वयन और वित्तीय लेखांकन, लागत लेखांकन, बजट और खाता की मदद से भविष्य के घटनाक्रम को नियंत्रित कर सकते है। लाभ के इन फंडों की भविष्य की गतिविधियों की योजना बनाने का उपयोग करके धन के वित्तीय प्रबंधन को ऊयह निवेश के लिए और अधिक अवसर उपलब्ध है, जहां मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता है। वित्तीय प्रबंधन उनके महत्व और पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं के संसाधनों के आवंटन के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोगी है। .

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विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास

90 के शुरुआती वर्शो तक इस उद्योग मे सरकारी कम्पनियों - इंडियन एयर्लाइंस और एयर इंडिया का एकाधिकार था। फिर मैदान मे आये सहारा और जैट। सरकारी एकाधिकार टूटा और भारत मे पह्ली बार इस उद्योग मे कोइ प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। ये वोह समय था जब कि विमान मे उडान भरना रहीसी का प्रतीक और मध्यम वर्ग का सपना था। '00 के दशक मे डेक्कन एयर्वेज़, स्पाइस जैट, किंगफिशर एयरलाईन्स, गो एयर्वेज़, इंडिगो, जैसी कयी कम्पनियाँ शुरू हुई। दूसरे उद्योगो की तरह यहाँ भी प्रतिस्पर्धा के बढने से किराये मे भारी गिरावट आयी। बैंगलोर से दिल्ली का किराया जहान 2001 मे 9000 रुपये से ले के 13,000 रुपये तक होता था, वही 2006 मे सस्ती विमान सेवाओं मे ये 3000 रुपये रह गया। इस उद्योग मे बहुत सारे नये रोज़्गार बने। 4 साल मे विमान यात्रा करने वलों की संख्या इस कदर बढ गयी कि हवायीअड्डों पे जगह की कमी पड गयी। आज्कल बैंगलोर और हैदराबाद समेत कयी दूसरे शहरों मे नये हवायी अड्डों का निर्माण चल रहा है। भारत के दूसरे उद्योगों के बारे मे लिख के इस लेख को बढाने में विकिपीडिया की मदद करें श्रेणी:अर्थशास्त्र.

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वैश्वीकरण

Puxi) शंघाई के बगल में, चीन. टाटा समूहहै। वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात, व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण.

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वेतन

वेतन किसी नियोक्ता से किसी कर्मचारी को मिलने वाले आवधिक भुगतान का एक स्वरूप है जो एक नियोजन संबंधी अनुबंध में निर्देशित किया गया हो सकता है। यह टुकड़ों में मिलने वाली मजदूरी के विपरीत है जहाँ आवधिक आधार पर भुगतान किये जाने की बजाय प्रत्येक काम, घंटे या अन्य इकाई का अलग-अलग भुगतान किया जाता है। एक कारोबार के दृष्टिकोण से वेतन को अपनी गतिविधियाँ संचालित करने के लिए मानव संसाधनों की प्राप्ति की लागत के रूप में भी देखा जा सकता है और उसके बाद इसे कार्मिक खर्च या वेतन खर्च का नाम दिया जा सकता है। लेखांकन में वेतनों को भुगतान संबंधी (पेरोल) खातों में दर्ज किया जाता है। .

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ग्रे'ज़ ऐनैटमी

ग्रे'ज़ एनाटॉमी एक अमेरिकी मेडिकल ड्रामा टेलीविज़न श्रृंखला है। यह सिएटल वॉशिंगटन में, एक काल्पनिक सिएटल ग्रेस मर्सी वेस्ट अस्पताल (जिसे पूर्व में सिएटल ग्रेस अस्पताल नाम से जाना जाता था), में प्रशिक्षुओं, रेज़ीडेंट और उनके शिक्षकों के जीवन के बारे में है। पायलट एपिसोड "अ हार्ड डेज़ नाइट" का प्रीमियर 27 मार्च 2005 को ABC पर हुआ। तब से, पांच सीज़न का प्रसारण किया जा चुका है और छठा सीज़न 24 सितंबर 2009 को शुरू हुआ। आधिकारिक शोंडा राइम्स ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट के माध्यम से इस बात की पुष्टि कर दी गयी है है कि ग्रे'ज़ एनाटॉमी के कलाकारों को कम से कम आठ सीज़न के लिए साइन कर लिया गया है, जिसके कारण कम से कम स्प्रिंग 2012 तक इस शो का प्रसारण होता रहेगा.

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गूगल.ऑर्ग

गूगल.ऑर्ग का लोगो गूगल.ऑर्ग (google.org) गूगल द्वारा निर्मित एक लोकोपकारी परियोजना है जो जनवरी २००८ में प्रारम्भ की गई थी। इस परियोजना का उद्देश्य निर्धनता उनमूलन और वहनीय विकास का समर्थन करना है। वहनीय विकास के लिए नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अनुसन्धान पर निवेश किया जाएगा। गूगल ने जनवरी २००८ में निवेश और सब्सिडी पर ७.५ करोड़ डॉलर दिए थे। इस परियोजन के लिए फ़ण्डिंग गूगल के ३० लाख शेयरों से आती है जो गूगल आईपीओ द्वरा वितरित किए जाते हैं। जनवरी २००८ में इन शेयरों का कुल मूल्य १ अरब डॉलर था। गूगल अपनी वार्षिक कमाई का १% इस परियोजना को देने पर वचनबद्ध है। .

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गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिड फंड एक प्रकार की व्यापारिक निधि होते हैं, जिन्हें व्यापार में क्रय-विक्रय किया जा सकता है। ये अन्य कमोडिटी के समान ही प्रयोग किए जाते हैं। इनमें स्वर्ण का मूल्य केवल शेयरों की तरह ही दर्शाया गया होता है। गोल्ड ईटीएफ ओपन एंडिड म्यूचुअल फंड स्कीम है जो निवेशकों द्वारा एकत्र किए गए पैसे से गोल्ड बुलियन (०.९९५% शुद्धता) में निवेश करती हैं।। हिन्दुस्तान लाइव।।१६ अक्टूबर, २००९ गोल्ड ईटीएफ की नेट एसेट वैल्यू का निर्धारण सोने की कीमत के आधार पर होता है। अमेरिका का सबसे बड़ा गोल्ड ईटीएफ स्ट्रीट ट्रैक्स ग्राहकों की होल्डिंग के बराबर सोना बैंक के वाल्ट में सुरक्षित रखता है। गोल्ड ईटीएफ में खरीदने और बेचने की छूट दी जाती है और यही इसका सबसे बड़ा लाभ होता है। गोल्ड एक्स्चेंज ट्रेडिंग विश्व के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज जैसे मुंबई, लंदन, ज़्यूरिख, पैरिस, न्यूयॉर्क में की जाती है। एक्सचेंज ट्रेडिड फंड का आरंभ १९९० के दशक के प्रारम्भिक दौर में हुआ था। इसे पहली बार टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज में प्रतुत किया गया था और इसी दशाक में अमेरिका और अन्य बाजारों में इसे आरंभ किया गया। भारत में इसकी स्थापना काफ़ी बाद में २००० के दशक के उत्तरार्ध में हुई थी। २००७ में पहले गोल्ड ईटीएफ की स्थापना हुई और उसके बाद यूटीआई, कोटक और प्रूडेंशियल और रिलायंस ने गोल्ड ईटीएफ को बाजार में निकाले। गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से निवेशक सोने को डीमैट फॉर्म में खरीद सकते हैं और इससे भौतिक रूप में सोने को खरीदने से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं। इसके भंडारण और सुरक्षा से जुड़े बिन्दु निवेश की होल्डिंग यूनिट्स में दिखाई जाती है जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं। यह पूर्णतया संचालित निधि होती हैं जिनमें स्पॉट मार्केट में सोने के मूल्य के सूचकांक के अनुसार क्रय-विक्रय किया जाता है। .

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ऑर्डर (विनिमय)

विनिमय आदेश (अंग्रेज़ी:ऑर्डर) स्टॉक, बॉण्ड, वस्तु या शेयर बाजार में एक उपभोक्ता द्वारा अपने दलाल को दिया गया विनिमय बाजार में क्रय-विक्रय करने का एक निर्देश होता है। ये निर्देश सरल या जटिल हो सकते हैं। ऐसे आदेशों के कुछ मानक निर्देश होते हैं। वे इस प्रकार से हैं। .

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ओरिएण्टल इंश्योरेंस कम्पनी

ओरिएण्टल इंश्योरेंस कम्पनी भारत के एक बहतर बीमा कम्पनी है जो उचच्तम तक्नीकी के माध्यम से भारत के जन्सन्कख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के बीमा आवरण विकसित किये हैं।। दि ओरिएण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड का आरंभ 12 सितम्बर 1947 को बम्बई में हुआ। कम्पनी पूर्णत: दि ओरिएण्टल इंश्योरेंस गवर्नमेंट सिक्योरिटी लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की सहायक कम्पनी थी तथा सामान्य बीमा कारोबार करने के लिए बनाई गयी थी। 1956 से 1973 तक (सामान्य बीमा कारोबार के देश में राष्ट्रीयकृत होने तक) कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम की एक सहायक कम्पनी थी। 2003 में भारतीय साधारण बीमा निगम के पास रखे सभी शेयर केन्द्रीय सरकार को अंतरित कर दिये गये हैं।   कारोबार को सहज एवं सुचारू रूप से चलाने के लिए योजनाएं तैयार करने में कम्पनी अग्रणी है। कम्पनी के पास पूर्णत: प्रशिक्षित एवं प्रेरक कार्यदल है जो कि विविध क्षेत्रों में कार्यरत है तथा निपुण है। पॉवर प्लांट्स, पैट्रोकैमिकल्स, स्टील एवं कैमिकल प्लांट जैसे वृहद प्रौजेक्टों के लिए विशेष आवरण प्रदान करने में ओरिएण्टल विशिष्ट है। कम्पनी ने भारत की ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के बीमा आवरण विकसित किये हैं। बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए कम्पनी के पास उच्चतम तकनीकी योग्यता प्राप्त एवं सक्षम व्यावसायिकों की एक टीम है।   वर्ष 1950 में 99,946 रूपये का प्रथम प्रीमियम अर्जित करके ओरिएण्टल इंश्योरेंस ने शुभारम्भ किया। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य था "ग्राहकों को सेवा प्रदान करना"  तथा इसे प्राप्त करने में हमें समय-समय पर बनायी गयी सुदृढ़ परंपराओं से काफी सहयोग मिला।   ओरिएण्टल के नई दिल्ली स्थित प्रधान कार्यालय सहित देश के विभिन्न शहरों में 21 क्षेत्रीय कार्यालय, व 950 से अधिक प्रचालन कार्यालय हैं। (1.4.2004 तक)। नेपाल, कुवैत और दुबई में कम्पनी के विदेशी कार्यालय हैं। कम्पनी के कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग 16000 है। आरंभ में जो प्रीमियम 1 लाख रूपये से भी कम था, 1973 में वह बढ़कर 58 करोड़ रूपये हो गया तथा वर्ष 2003-04 के दौरान ये आँकड़े 2899.74 करोड़ की ऊंची रकम तक पहुंच गये। श्रेणी:बीमा कम्पनियाँ श्रेणी:भारतीय कंपनियाँ श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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इनवेस्टमेंट बैंकिंग

निवेश बैंकसरकारों को पूंजी बाज़ार (securities) में प्रतिभूतियां (capital market)(अंश पूंजी (equity) एवं ऋण (debt) दोनों) जारी एवं विक्रय कर धन जुटाने में मदद करती है, साथ ही विलय और अधिग्रहण सौदों पर सलाह प्रदान करती है। १९८० के दशक के अंत तक, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा निवेश बैंकिंग औरवाणिज्य बैंकों (commercial bank) के बीच एक अलगाव बनाये रखा।.अधिकतर निवेश बैंक महत्वपूर्ण विलय (mergers),अधिग्रहण (acquisitions),विनिवेश्करण (divestiture), सलाहकार सेवाएँ या फ़िर ग्राहकों के लिए अन्य वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है, जैसे की व्युत्पादों (derivatives),निश्चित आय (fixed income),विदेशी विनिमय (foreign exchange),गल्ला (commodity) एवं अंश पूंजी प्रतिभूतियों (equity securities) के व्यापार.

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इंफोसिस

इन्फोसिस लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी मुख्यालय है जो बेंगलुरु, भारत में स्थित है। यह एक भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है जिसके पास 30 जून 2008 को (सहायकों सहित) 94,379 से अधिक पेशेवर हैं। इसके भारत में 9 विकास केन्द्र हैं और दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय हैं। वित्तीय वर्ष|वित्तीय वर्ष २००७-२००८ के लिए इसका वार्षिक राजस्व US$4 बिलियन से अधिक है, इसकी बाजार पूंजी US$30 बिलियन से अधिक है। .

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अन्तरपणन

किसी प्रतिभूति, वस्तु या विदेशी विनिमय को सस्ते बाजार में खरीदना और साथ ही साथ तेज बाजार में बेचना अंतरपणन (आर्बिट्रेज) कहलाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न व्यापारिक केंद्रों में प्रचलित मूल्यों के अंतर से लाभ उठाना होता है। अंतरपणन इस कारण संभव होता है कि एक ही समय विभिन्न बाजारों में उसी प्रतिभूति, वस्तु या विदेशी चलन के विभिन्न मूल्य होते हैं; और इसका परिणाम समस्त बाजारों के मूल्यों में समानता स्थापित करना होता है। अंतरपणन के लिए यह आवश्यक है कि संदेशवहन के शीघ्र साधन विद्यमान हों और संबंधित बाजारों में तुरंत ही आदेश पालन कराने का समुचित प्रबंध हो। अंतरपणकर्ता चाहे तो प्रतिभूति, वस्तु या विदेशी चलन भेज दे और बदले में आवश्यक धनराशि मँगा ले, चाहे वह उस राशि को बाजार में जमा रहने दे जिससे भविष्य में उस बाजार में क्रय होने पर वह काम आ सके। .

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अभौतिक खाता

भारत में, शेयर एवं प्रतिभूतियाँ इलेक्ट्रानिक अभौतिक खाते (dematerialized या "Demat") में रखी जातीं है और इनके स्वामी को इन शेयरों एवं प्रतिभूतियों की भौतिक रूप में अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं होती। डीमटीरिअलाइज़्ड शेयर वो शेयर होते है, जिसका मालिक तो कोई होता है पर वे शेयर रहते किसी और के पास हैं। ऐसे शेयर आम तौर पर किसी बैंक के पास रहते है। शेयर का मालिक अपनी इच्छानुसार जब चाहे इन्हें बेंच सकता है। ऐसी कम्पनियां जो निवेशकों के लिये ये शेयर धारण करती है उन्हे डिपौज़िटरी पार्टिसिपैंट कहते है। भारत मे ऐसी कई डिपौज़िटरी पार्टिसिपैंट कम्पनियाँ है। भारत की ऐसी सबसे बडी कम्पनी है आइसीआइसीआइ या आइसीआइसीआइ डाइरेक्ट। कारोबार में होने इलेक्ट्रॉनिक अंतरण को संभव करने के लिए सभी लेन देन के लिए डीमैट खाता संख्या का उपयोग किया जाता है।प्रत्येक शेयर धारक के पास लेन देन के लिए एक डिमटेरियलाइज्ड खाता होगा। डिमटेरियलाइज्ड खाते का उपयोग करने के लिए एक इंटरनेट पासवर्ड और एक यूजर नाम की आवश्यकता होती है। तभी प्रतिभूतियों के हस्तांतरण या खरीद शुरू की जा सकती हैं।लेन देन की पूर्ण होने एवं इसकी पुष्टि होने के बाद डिमटेरियलाइज्ड खाते पर प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री स्वचालित रूप से की जाती है। .

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अर्निंग्स पर शेयर

200px आय प्रति प्रतिभूति (अंग्रेज़ी:अर्निग पर शेयर, लघु: ईपीएस) को किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करने में महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। ये कंपनी के शुद्ध लाभ का वह भाग होता है जो जारी किये गए प्रत्येक प्रतिभूति (शेयर) पर आवंटित किया जाता है।। कार्डियल मनी मैनेजमेंट यह कंपनी के लाभ को प्रति शेयर के अनुसार दर्शाता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१०- इन्वेस्टिंग आन्सर्स ईपीएस के आधार पर ही पी-ई और डिविडेंड पेआउट की गणना भी की जाती है। पी-ई बहुप्रतिभूति के लिए एक प्रकार का उपकरण है, जिसमें ईपीएस को बाजार मूल्य से भाग किया जाता है।- इन्वेस्टोपीडिया ईपीएस को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के वित्तीय विवरण में दिखाया जाता है तथा लेखा-परीक्षकों (ऑडिटर) द्वारा इसकी जांच भी की जाती है। यदि किसी कंपनी की आय १० करोड़ रुपये हैं और उसके २ करोड़ शेयर आउटस्टैंडिंग हैं, तो उसका मूल ई.पी.एस. ५ रुपये (१०० करोड़ रु. आय ÷ २ करोड़ शेयर आउटस्टैन्डिंग .

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अंतरंगी लेनदेन

अंतरंगी लेनदेन (Insider Trading) लोगों द्वारा निगम के शेयर अथवा अन्य प्रतिभूतियों (जैसे कि बॉण्ड या स्टॉक बेचने न बेचने के सम्भावित विकल्पों का व्यवहार करते हुए कारोबार करने को कहते हैं ताकि कंपनी के बारे में जानकारी को गैर-सार्वजनिक रहने दिया जाय. अधिकांश देशों में कंपनी के अंतरगियों जैसे कि अधिकारियों, महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों, निदेशकों, एवं बड़े शेयरधारकों द्वारा लेनदेन कानूनी हो सकता हैं, अगर यह लेनदेन सूचना के गैर-सार्वजनिक होने का गलत फायदा नहीं उठाता है तभी. हालांकि इस शब्द का व्यवहार बहुधा एक ऎसी कार्यप्रणाली के लिए किया जाता है जिसमें कोई अंतरंगी (अंदरूनी सूत्र) अथवा संबंधित पार्टी (गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्यों) कंपनी में कर्मरत अंतरंगियों के कार्य निष्पादन के दौरान प्राप्त गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्यों), अथवा न्यासी के साथ-साथ विशवास और आस्था के अन्य संपर्क भंग हुए हों या जहां कंपनी से प्राप्त गैर-सार्वजनिक सूचना का आनुचित उपयोग किया गया हो। संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कई अन्य न्यायालयों में कंपनी के अधिकारियों, महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों, निदेशकों, या फिर महत्त्वपूर्ण शेयरधारकों (संयुक्त राज्य अमेरिका में, दस प्रतिशत अथवा कंपनी की अधिक इक्विटी प्रतिभूतियों के लाभकारी मालिकों के रूप में जो परिभाषित किए जाते हैं) की सूचना (रिपोर्ट) नियामक को अवश्य दी जानी चाहिए या लेनदेन के कुछ ही व्यावसायिक दिनों के अंदर ही सार्वजनिक रूप से खुलासा कर दिया जाना चाहिए। कई निवेशक इन अंतरंगी लेनदेनों के सारांश इस उम्मीद से पालन करते हैं कि इन व्यापारों का नक़ल उनके लिए लाभकारी ही होगा। जबकि "कानूनी" अंतरंगी लेनदेन गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्य (सामग्री) पर नहीं हो सकता है, कुछ निवेशकों का कंपनी के स्वास्थ्य के बारे में यह मानना है कि कंपनी के अंतरंगियों के पास बेहतर सूझ-बूझ हो सकती हैं (विस्तार से अगर कहा जाय) और उनके लेनदेन से हो सकता है कि महत्त्वपूर्ण सूचना प्राप्त हो सकती है (यथा, प्रतिभूतियां को बेचने वाले ऐसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी के बारे में जिनकी सेवा-निवृति आसन्न हो, प्रतिभूतियों की खरीदारी करने वाले कंपनी के अधिकारियों की अधिक से अधिक प्रतिबद्धता, आदि के बारे में.) अवैध अंतरंगी लेनदेन के बारे में ऐसा मानना है कि इससे प्रतिभूतियों के निर्गमकर्ता की पूंजी की लागत बढ़ जाती है, अतः कुल आर्थिक वृद्धि में कमी आती है। .

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अंशधारी

भागीदार या अंशधारी (shareholder या stockholder) उस व्यक्ति या संस्था को कहते हैं जिसके पास किसी सार्वजनिक या निजी कम्पनी के एक या अधिक शेयरों का स्वामित्व हो। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

प्रतिभूति, शेयर

निवर्तमानआने वाली
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