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विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर के बीच अंतर

विद्युत कर्षण vs. साइक्लोकन्वर्टर

विद्युत गाड़ी रेलगाड़ी, ट्राम अथवा अन्य किसी प्रकार की गाड़ी को खींचने के लिए, विद्युत् शक्ति का उपयोग करने की विधि को विद्युत कर्षण (Electric Traction) कहते हैं। इस क्षेत्र में, वाष्प इंजन तथा अन्य दूसरे प्रकार के इंजन ही सामान्य रूप से प्रयोग किए जाते रहे हैं। विद्युत्‌ शक्ति का कर्षण के लिए प्रयोग सापेक्षतया नवीन है परंतु अपनी विशेष सुविधाओं के कारण, इसका प्रयोग बढ़ता गया और धीरे-धीरे अन्य साधनों का स्थान यह अब लेता जा रहा है। विद्युत्कर्षण में नियंत्रण की सुविधा तथा गाड़ियों का अधिक वेग से संचालन हो सकने के कारण उतने ही समय में अधिक यातायात की उपलब्धि हो सकती है। साथ ही कोयला, धुआँ अथवा हानिकारक गैसों के न होने से अधिक स्वच्छता रहती है और नगर की घनी आबादीवाले भागों में भी इसका प्रयोग संभव है। विद्युत्‌ कर्षण हमारे युग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है, जिसका उपयोग अधिकाधिक बढ़ता जा रहा है। . ब्लॉकिंग मोड साइक्लोकन्वर्टर की संरचना साइक्लोकन्वर्टर (cycloconverter (CCV)) या साइक्लोइन्वर्टर वह युक्ति है जो किसी आवृत्ति की प्रत्यावर्ती विद्युत को (सीधे, बिना डी.सी. में बदले) कम आवृत्ति की प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति में बदलता है। उदाहरण के लिए, ५० हर्ट्ज की विद्युत से १६.६६७ हर्ट्ज की विद्युत पैदा करने वाला साइक्लोकन्वर्टर कहीं-कहीं विद्युत कर्षण में प्रयोग किया जाता है। .

विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर के बीच समानता

विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): प्रत्यावर्ती धारा

प्रत्यावर्ती धारा

प्रत्यावर्ती धारा वह धारा है जो किसी विद्युत परिपथ में अपनी दिशा बदलती रहती हैं। इसके विपरीत दिष्ट धारा समय के साथ अपनी दिशा नहीं बदलती। भारत में घरों में प्रयुक्त प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति ५० हर्ट्स होती हैं अर्थात यह एक सेकेण्ड में पचास बार अपनी दिशा बदलती है। वेस्टिंगहाउस का आरम्भिक दिनों का प्रत्यावर्ती धारा निकाय प्रत्यावर्ती धारा या पत्यावर्ती विभव का परिमाण (मैग्निट्यूड) समय के साथ बदलता रहता है और वह शून्य पर पहुंचकर विपरीत चिन्ह का (धनात्मक से ऋणात्मक या इसके उल्टा) भी हो जाता है। विभव या धारा के परिमाण में समय के साथ यह परिवर्तन कई तरह से सम्भव है। उदाहरण के लिये यह साइन-आकार (साइनस्वायडल) हो सकता है, त्रिभुजाकार हो सकता है, वर्गाकार हो सकता है, आदि। इनमें साइन-आकार का विभव या धारा का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। आजकल दुनिया के लगभग सभी देशों में बिजली का उत्पादन एवं वितरण प्रायः प्रत्यावर्ती धारा के रूप में ही किया जाता है, न कि दिष्ट-धारा (डीसी) के रूप में। इसका प्रमुख कारण है कि एसी का उत्पादन आसान है; इसके परिमाण को बिना कठिनाई के ट्रान्सफार्मर की सहायता से कम या अधिक किया जा सकता है; तरह-तरह की त्रि-फेजी मोटरों की सहायता से इसको यांत्रिक उर्जा में बदला जा सकता है। इसके अलावा श्रव्य आवृत्ति, रेडियो आवृत्ति, दृश्य आवृत्ति आदि भी प्रत्यावर्ती धारा के ही रूप हैं। .

प्रत्यावर्ती धारा और विद्युत कर्षण · प्रत्यावर्ती धारा और साइक्लोकन्वर्टर · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर के बीच तुलना

विद्युत कर्षण 8 संबंध है और साइक्लोकन्वर्टर 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (8 + 5)।

संदर्भ

यह लेख विद्युत कर्षण और साइक्लोकन्वर्टर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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