लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया के बीच अंतर

महात्मा गांधी vs. राममनोहर लोहिया

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। . डॉ॰ राममनोहर लोहिया डॉ॰ राममनोहर लोहिया (जन्म - मार्च २३, इ.स. १९१० - मृत्यु - १२ अक्टूबर, इ.स. १९६७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। .

महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया के बीच समानता

महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया आम में 13 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): द हिन्दू, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आन्दोलन, भगत सिंह, यांगून, सुभाष चन्द्र बोस, हरिजन, जवाहरलाल नेहरू, खादी, गांधी-इरविन समझौता, इंग्लैण्ड, अल्बर्ट आइंस्टीन, उत्तर प्रदेश

द हिन्दू

द हिन्दू (द हिन्दू) भारत में प्रकाशित होने वाला एक दैनिक अंग्रेज़ी समाचार पत्र है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और इसका साप्ताहिक पत्रिका के रूप में प्रकाशन वर्ष 1878 में आरम्भ हुआ। यह दैनिक के रूप में वर्ष 1889 में आरम्भ हुआ। यह भारत के शीर्ष दैनिक अंग्रेज़ी समाचार पत्रों में से एक है। भारतीय पाठक सर्वेक्षण के 2014 के अनुसार यह भारत में पढ़े जाने वाले अंग्रेज़ी समाचार पत्रों में तीसरे स्थान पर है। पहले दो स्थानों पर द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और हिन्दुस्तान टाइम्स पाये गये। द हिन्दू मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पढ़ा जाता है और केरल एवं तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अंग्रेज़ी दैनिक समाचार पत्र है। वर्ष २०१० के आँकड़ों के अनुसार इस उद्यम में 1,600 से अधिक लोगों को काम दिया गया है और इसकी वार्षिक आय $200 मिलियन से अधिक है। इसकी आय के मुख्य स्रोतों में अंशदान और विज्ञापन प्रमुख हैं। वर्ष 1995 में अपना ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध करवाने वाला, द हिन्दू प्रथम भारतीय समाचार पत्र है। नवम्बर 2015 के अनुसार, यह भारत के नौ राज्यों में 18 स्थानों से प्रकाशित होता है: बंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद, तिरुवनन्तपुरम, विजयवाड़ा, कोलकाता, मुम्बई, कोयंबतूर, मदुरै, नोएडा, विशाखपट्नम, कोच्चि, मैंगलूर, तिरुचिरापल्ली, हुबली, मोहाली, लखनऊ, इलाहाबाद और मलप्पुरम। .

द हिन्दू और महात्मा गांधी · द हिन्दू और राममनोहर लोहिया · और देखें »

दांडी मार्च

नमक सत्याग्रह नमक के साथ दांडी मार्च की 12 मार्च को, 1930.महात्मा गांधी दांडी के लिए, कर भुगतान के बिना, अपनी तरह से साथ बढ़ती संख्या भारतीयों के साथ नमक का निर्माण करने के लिए उनके साबरमती आश्रम से दांडी मार्च नेतृत्व में शुरू हुआ। जब गाँधीजी के नमक कानून तोड़ा दांडी 6 अप्रैल 1930 के मार्च के अंत में, यह, बस से पहले वह दरशन पर हमला करने की योजना बनाई। गन्दीजक लाखों ने ब्रिटिश राज नमक कानून के खिलाफ नागरिक अवज्ञा की बड़े पैमाने पर कार्य करता है 5 मई 1930 को गिरफ्तार किया गया छिड़ नमक का काम करता है। 80,000 भारतीयों पर भी अभियान ब्रिटिश के खिलाफ महत्वपूर्ण है। श्रेणी:महात्मा गांधी श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम.

दांडी मार्च और महात्मा गांधी · दांडी मार्च और राममनोहर लोहिया · और देखें »

भारत छोड़ो आन्दोलन

बंगलुरू के बसवानगुडी में दीनबन्धु सी एफ् अन्ड्रूज का भाषण भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ८ अगस्त १९४२ को आरम्भ किया गया था|यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद ९ अगस्त सन १९४२ को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ अपना तीसरा बड़ा आंदोलन छेड़ने का फ़ैसला लिया। 8 अगस्त 1942 की शाम को बम्बई में अखिल भारतीय काँगेस कमेटी के बम्बई सत्र में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नाम दिया गया था। हालांकि गाँधी जी को फ़ौरन गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन देश भर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फ़ोड़ की कार्रवाइयों के जरिए आंदोलन चलाते रहे। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भूमिगत प्रतिरोधि गतिविधियों में सबसे ज्यादा सक्रिय थे। पश्चिम में सतारा और पूर्व में मेदिनीपुर जैसे कई जिलों में स्वतंत्र सरकार, प्रतिसरकार की स्थापना कर दी गई थी। अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति काफ़ी सख्त रवैया अपनाया फ़िर भी इस विद्रोह को दबाने में सरकार को साल भर से ज्यादा समय लग गया। .

भारत छोड़ो आन्दोलन और महात्मा गांधी · भारत छोड़ो आन्दोलन और राममनोहर लोहिया · और देखें »

भगत सिंह

भगत सिंह (जन्म: २८ सितम्बर या १९ अक्टूबर, १९०७, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। भगत सिंह को समाजवादी,वामपंथी और मार्क्सवादी विचारधारा में रुचि थी। सुखदेव, राजगुरु तथा भगत सिंह के लटकाये जाने की ख़बर - लाहौर से प्रकाशित ''द ट्रिब्युन'' के मुख्य पृष्ठ --> .

भगत सिंह और महात्मा गांधी · भगत सिंह और राममनोहर लोहिया · और देखें »

यांगून

रंगून का रेलवे स्टेशन यांगून म्यानमार देश की पुराना राजधानी है। इसका पुराना नाम रंगून था। (आधुनिक बर्मी में 'र' के स्थान पर 'य' का उच्चारण होता है।)। बहादुर शाह ज़फ़र यहीं दफ़न हैं। आजाद हिन्द फौज जिसके सर्वोच्च कमाण्डर नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे उस फौज का मुख्यालय यहीं था। रंगून दक्षिणी वर्मा के मध्यवर्ती भाग में, रंगून नदी के किनारे, मर्तबान की खाड़ी तथा इरावदी नदी के मुहाने से ३० किमी उत्तर, सागरतल से केवल २० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह बर्मा की राजधानी, सबसे बड़ा नगर तथा प्रमुख बंदरगाह है। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा १०० इंच होती है। समीपवर्ती क्षेत्र में धान की कृषि अधिक होती है। बंदरगाह से चावल, टीक तथा अन्य लकड़ियाँ, खालें, पेट्रोलियम से निर्मित पदार्थ तथा चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबे की वस्तुओं का निर्यात होता है। वायुमार्ग, नदीमार्ग तथा रेलमार्ग यातायात के प्रमुख साधन हैं। विद्युत् संस्थान, रेशमी एवं ऊनी कपड़े, लकड़ी चिराई का काम, रेलवे के सामान, जलयाननिर्माण तथा मत्स्य उद्योग में काफी उन्नति हो गई है। यहाँ पर सभी आधुनिक वस्तुएँ जैसे बड़े बड़े होटल, सिनेमाघर, भंडार (storage), पगोडा, गिरजाघर, पार्क, वनस्पतिक उद्यान, अजायबघर तथा विश्वविद्यालय आदि हैं। यहाँ की सबसे प्रमुख इमारत श्वेड्रैगन पगोडा है, जो सागरतल से १६८ फुट की ऊँचाई पर बना है। यह पगोडा ३६८ फुट ऊँचा, ९०० फुट लंबा तथा ६८५ फुट चौड़ा है तथा इसके ऊपर सोने की पन्नी चढ़ी हुई है। नगर को युद्ध तथा ज्वालामुखी से काफी हानि उठानी पड़ी है। .

महात्मा गांधी और यांगून · यांगून और राममनोहर लोहिया · और देखें »

सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस · राममनोहर लोहिया और सुभाष चन्द्र बोस · और देखें »

हरिजन

''हरिजन'' समाचार-पत्र हरि का अर्थ है "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ है "लोग" महात्मा गाँधी ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें अछूत समझा जाता था। सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे। लेकिन अब हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है! हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसूचित जाति का स्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है ! हरिजन शब्द पाकिस्तान के दलितों के लिये भी प्रयुक्त होता है जिन्हें हरी कहा जाता है और जो मिट्टी के झोपड़े बनाने के लिये जाने जाते हैं। .

महात्मा गांधी और हरिजन · राममनोहर लोहिया और हरिजन · और देखें »

जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी · जवाहरलाल नेहरू और राममनोहर लोहिया · और देखें »

खादी

खादी या खद्दर भारत में हाँथ से बनने वाले वस्त्रों को कहते हैं। खादी वस्त्र सूती, रेशम, या ऊन हो सकते हैं। इनके लिये बनने वाला सूत चरखे की सहायता से बनाया जाता है। खादी वस्त्रों की विशेषता है कि ये शरीर को गर्मी में ठण्डे और सर्दी में गरम रखते हैं। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में खादी का बहुत महत्व रहा। गांधीजी ने १९२० के दशक में गावों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये खादी के प्रचार-प्रसार पर बहुत जोर दिया था। .

खादी और महात्मा गांधी · खादी और राममनोहर लोहिया · और देखें »

गांधी-इरविन समझौता

5 मार्च सन् 1931 को लंदन द्वितीय गोल मेज सम्मेलन के पूर्व महात्मा गांधी और तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन के बीच एक राजनैतिक समझौता हुआ जिसे गांधी-इरविन समझौता (Gandhi–Irwin Pact) कहते हैं। ब्रिटिश सरकार प्रथम गोलमेज सम्मेलन से समझ गई कि बिना कांग्रेस के सहयोग के कोई फैसला संभव नहीं है। वायसराय लार्ड इरविन एवं महात्मा गांधी के बीच 5 मार्च 1931 को गाँधी-इरविन समझौता सम्पन्न हुआ। इस समझौते में लार्ड इरविन ने स्वीकार किया कि -.

गांधी-इरविन समझौता और महात्मा गांधी · गांधी-इरविन समझौता और राममनोहर लोहिया · और देखें »

इंग्लैण्ड

इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ी: England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .

इंग्लैण्ड और महात्मा गांधी · इंग्लैण्ड और राममनोहर लोहिया · और देखें »

अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein; १४ मार्च १८७९ - १८ अप्रैल १९५५) एक विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद् थे जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E .

अल्बर्ट आइंस्टीन और महात्मा गांधी · अल्बर्ट आइंस्टीन और राममनोहर लोहिया · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

उत्तर प्रदेश और महात्मा गांधी · उत्तर प्रदेश और राममनोहर लोहिया · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया के बीच तुलना

महात्मा गांधी 200 संबंध है और राममनोहर लोहिया 71 है। वे आम 13 में है, समानता सूचकांक 4.80% है = 13 / (200 + 71)।

संदर्भ

यह लेख महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »