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भागलपुर और महाजनपद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भागलपुर और महाजनपद के बीच अंतर

भागलपुर vs. महाजनपद

भागलपुर बिहार प्रान्त का एक शहर है। गंगा के तट पर बसा यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है। पुराणों में और महाभारत में इस क्षेत्र को अंग प्रदेश का हिस्सा माना गया है। भागलपुर के निकट स्थित चम्पानगर महान पराक्रमी शूरवीर कर्ण की राजधानी मानी जाती रही है। यह बिहार के मैदानी क्षेत्र का आखिरी सिरा और झारखंड और बिहार के कैमूर की पहाड़ी का मिलन स्थल है। भागलपुर सिल्क के व्यापार के लिये विश्वविख्यात रहा है, तसर सिल्क का उत्पादन अभी भी यहां के कई परिवारों के रोजी रोटी का श्रोत है। वर्तमान समय में भागलपुर हिन्दू मुसलमान दंगों और अपराध की वजह से सुर्खियों में रहा है। यहाँ एक हवाई अड्डा भी है जो अभी चालू नहीं है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा गया और पटना है। रेल और सड़क मार्ग से भी यह शहर अच्छी तरह जुड़ा है। प्राचीन काल के तीन प्रमुख विश्‍वविद्यालयों यथा तक्षशिला, नालन्‍दा और विक्रमशिला में से एक विश्‍वविद्यालय भागलपुर में ही था जिसे हम विक्रमशिला के नाम से जानते हैं। पुराणों में वर्णित समुद्र मंथन में प्रयुक्‍त मथान अर्थात मंदराचल तथा मथानी में लपेटने के लिए जो रस्‍सा प्रयोग किया गया था वह दोनों ही उपकरण यहाँ विद्यमान हैं और आज इनका नाम तीर्थस्‍थ‍लों के रूप में है ये हैं बासुकीनाथ और मंदार पर्वत। पवित्र् गंगा नदी को जाह्नवी के नाम से भी जाना जाता है। जिस स्‍थान पर गंगा को यह नाम दिया गया उसे अजगैवी नाथ कहा जाता है यह तीर्थ भी भागलपुर में ही है। प्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक तथा पूर्व सांसद प्रो. महाजनपद, प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाईयों को कहते थे। उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है। 6वीं-5वीं शताब्दी ईसापूर्व को प्रारंभिक भारतीय इतिहास में एक प्रमुख मोड़ के रूप में माना जाता है; जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद भारत के पहले बड़े शहरों के उदय के साथ-साथ श्रमण आंदोलनों (बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित) का उदय हुआ, जिसने वैदिक काल के धार्मिक कट्टरपंथ को चुनौती दी। पुरातात्विक रूप से, यह अवधि उत्तरी काले पॉलिश वेयर संस्कृति के हिस्सा रहे है। .

भागलपुर और महाजनपद के बीच समानता

भागलपुर और महाजनपद आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तक्षशिला, पटना, बिहार, महाभारत, गया, गंगा नदी, अंग

तक्षशिला

तक्षशिला में प्राचीन बौद्ध मठ के भग्नावशेष तक्षशिला (पालि: तक्कसिला) प्राचीन भारत में गांधार देश की राजधानी और शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। यहाँ का विश्वविद्यालय विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में शामिल है। यह हिन्दू एवं बौद्ध दोनों के लिये महत्व का केन्द्र था। चाणक्य यहाँ पर आचार्य थे। ४०५ ई में फाह्यान यहाँ आया था। ऐतिहासिक रूप से यह तीन महान मार्गों के संगम पर स्थित था- (१) उत्तरापथ - वर्तमान ग्रैण्ड ट्रंक रोड, जो गंधार को मगध से जोड़ता था, (२) उत्तरपश्चिमी मार्ग - जो कापिश और पुष्कलावती आदि से होकर जाता था, (३) सिन्धु नदी मार्ग - श्रीनगर, मानसेरा, हरिपुर घाटी से होते हुए उत्तर में रेशम मार्ग और दक्षिण में हिन्द महासागर तक जाता था। वर्तमान समय में तक्षशिला, पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के रावलपिण्डी जिले की एक तहसील तथा महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी से लगभग ३२ किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है। ग्रैंड ट्रंक रोड इसके बहुत पास से होकर जाता है। यह स्थल १९८० से यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में सम्मिलित है। वर्ष २०१० की एक रिपोर्ट में विश्व विरासत फण्ड ने इसे उन १२ स्थलों में शामिल किया है जो अपूरणीय क्षति होने के कगार पर हैं। इस रिपोर्ट में इसका प्रमुख कारण अपर्याप्त प्रबन्धन, विकास का दबाव, लूट, युद्ध और संघर्ष आदि बताये गये हैं। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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गया

बोधगया का महाबोधि मन्दिर गया, झारखंड और बिहार की सीमा और फल्गु नदी के तट पर बसा भारत प्रान्त के बिहार राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है। पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिये जुटते हैं। गया सड़क, रेल और वायु मार्ग द्वारा पूरे भारत से जुड़ा है। नवनिर्मित गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा द्वारा यह थाइलैंड से भी सीधे जुड़ा हुआ है। गया से 17 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया स्थित है जो बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। गया बिहार के महत्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर खासकर हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां का विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। दंतकथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर को अहम स्थान प्राप्त है। गया पितृदान के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। गया, मध्य बिहार का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो गंगा की सहायक नदी फल्गु के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह बोधगया से 13 किलोमीटर उत्तर तथा राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यहां का मौसम मिलाजुला है। गर्मी के दिनों में यहां काफी गर्मी पड़ती है और ठंड के दिनों में औसत सर्दी होती है। मानसून का भी यहां के मौसम पर व्यापक असर होता है। लेकिन वर्षा ऋतु में यहां का दृश्य काफी रोचक होता है। कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे जो आज भी विष्णुपद मंदिर में देखे जा सकते है। .

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गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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अंग

* अंग महाजनपद.

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भागलपुर और महाजनपद के बीच तुलना

भागलपुर 23 संबंध है और महाजनपद 89 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 6.25% है = 7 / (23 + 89)।

संदर्भ

यह लेख भागलपुर और महाजनपद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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