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भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) के बीच अंतर

भारतीय कर व्यवस्था vs. वस्तु एवं सेवा कर (भारत)

सामान्य रूप से शासन सम्बंधी कार्यसंचालन के लिए व्यक्तिगत इकाइयों पर अनिवार्य उद्ग्रहण के रूप में कर (टैक्स) लगाए जाते हैं। करों को सामान्यत: राजस्ववृद्धि का ही साधन माना जाता है किंतु राष्ट्र की अर्थनीति को भी ये प्रभावित करते हैं। कर लगाने का उद्देश्य विकास कार्यों के लिये धन एकत्र करना तथा यथासंभव राष्ट्र की विषमता को दूर करना है। इसीलिए जिनकी अधिक आय है, उन्हें कम आयवालों की अपेक्षा अधिक मात्रा में कर देना पड़ता है। . गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स या वस्तु एवं सेवा कर (संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी GST, Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/know-all-about-indias-biggest-tax-reform-gst/articleshow/57909199.cms http://hindi.moneycontrol.com/news/market-news/gst-beginning-of-new-tax-regime_162197.html मनीकंट्रोल.कॉम इससे केन्द्र एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू की जाएगी जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिलेगी। भारतीय संविधान में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन किया गया है। 1 जुलाई 2017 से पूर्व  किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाएगा पूर्व में  किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था  कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था  जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत  हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा।  फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर  चुकाते हैं जबकि  जीएसटी लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाएगा इसके लागु होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर,  लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे| जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी सामान और  सेवा पर कर वहां लगेगा जहां वह बिकेगा |  जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स, वैट, लक्ज़री टैक्स, सर्विस कर, इत्यादि  की जगह अब केवल जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने 66 तरह के प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें घटाई हैंhttps://www.hindi.nyoooz.com/news/kanpur/tax-reduction-rate-of-66-products-in-gst-the-decision-taken-by-the-council_61223/ | भारत में संचालित जीएसटी टैक्स दर के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सहित केवल 5 देशों में चार गैर स्तरीय स्लैब है।) .

भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) के बीच समानता

भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष कर

वह कर जिसे सीधे जनता से नहीं लिया जाता किंतु जिसका बोझ प्रकारांतर से उसी पर पड़ता है अप्रत्यक्ष कर कहलाते हैं। देश में तैयार किए गए वस्तुओं पर लगने वाला उत्पादन शुल्क, आयात या निर्यात किए जाने वाले वस्तुओं पर लगने वाले सीमा शुल्क आदि अप्रत्यक्ष कर हैं। कर, अप्रत्यक्ष श्रेणी:चित्र जोड़ें.

अप्रत्यक्ष कर और भारतीय कर व्यवस्था · अप्रत्यक्ष कर और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) · और देखें »

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भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) के बीच तुलना

भारतीय कर व्यवस्था 13 संबंध है और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) 12 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 1 / (13 + 12)।

संदर्भ

यह लेख भारतीय कर व्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (भारत) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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