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बीजगणित और लघुगणक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बीजगणित और लघुगणक के बीच अंतर

बीजगणित vs. लघुगणक

बीजगणित (संस्कृत ग्रन्थ) भी देखें। ---- आर्यभट बीजगणित (algebra) गणित की वह शाखा जिसमें संख्याओं के स्थान पर चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। बीजगणित चर तथा अचर राशियों के समीकरण को हल करने तथा चर राशियों के मान निकालने पर आधारित है। बीजगणित के विकास के फलस्वरूप निर्देशांक ज्यामिति व कैलकुलस का विकास हुआ जिससे गणित की उपयोगिता बहुत बढ़ गयी। इससे विज्ञान और तकनीकी के विकास को गति मिली। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य द्वितीय ने कहा है - अर्थात् मंदबुद्धि के लोग व्यक्ति गणित (अंकगणित) की सहायता से जो प्रश्न हल नहीं कर पाते हैं, वे प्रश्न अव्यक्त गणित (बीजगणित) की सहायता से हल कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, बीजगणित से अंकगणित की कठिन समस्याओं का हल सरल हो जाता है। बीजगणित से साधारणतः तात्पर्य उस विज्ञान से होता है, जिसमें संख्याओं को अक्षरों द्वारा निरूपित किया जाता है। परंतु संक्रिया चिह्न वही रहते हैं, जिनका प्रयोग अंकगणित में होता है। मान लें कि हमें लिखना है कि किसी आयत का क्षेत्रफल उसकी लंबाई तथा चौड़ाई के गुणनफल के समान होता है तो हम इस तथ्य को निमन प्रकार निरूपित करेंगे— बीजगणिति के आधुनिक संकेतवाद का विकास कुछ शताब्दी पूर्व ही प्रारंभ हुआ है; परंतु समीकरणों के साधन की समस्या बहुत पुरानी है। ईसा से 2000 वर्ष पूर्व लोग अटकल लगाकर समीकरणों को हल करते थे। ईसा से 300 वर्ष पूर्व तक हमारे पूर्वज समीकरणों को शब्दों में लिखने लगे थे और ज्यामिति विधि द्वारा उनके हल ज्ञात कर लेते थे। . अलग-अलग आधार के लिये लघुगणकीय फलन का आरेखण: लाल रंग वाला ''e'', हरा रंग वाला 10, तथाबैगनी वाला 1.7. सभी आधारों के लघुगणक बिन्दु (1, 0) से होकर गुजरते हैं क्योंकि किसी भी संख्या पर शून्य घातांक का मान 1 होता है। स्कॉटलैंड निवासी जाॅन नेपियर द्वारा प्रतिपादित लघुगणक (Logarithm / लॉगेरिद्म) एक ऐसी गणितीय युक्ति है जिसके प्रयोग से गणनाओं को छोटा किया जा सकता है। इसके प्रयोग से गुणा और भाग जैसी जटिल प्रक्रियाओं को जोड़ और घटाने जैसी अपेक्षाकृत सरल क्रियाओं में बदल दिया जाता है। कम्प्यूटर और कैलकुलेटर के आने के पहले जटिल गणितीय गननाएँ लघुगणक के सहारे ही की जातीं थीं। .

बीजगणित और लघुगणक के बीच समानता

बीजगणित और लघुगणक आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): समीकरण, जॉन नेपियर, घातांक, विज्ञान, गणित

समीकरण

---- समीकरण (equation) प्रतीकों की सहायता से व्यक्त किया गया एक गणितीय कथन है जो दो वस्तुओं को समान अथवा तुल्य बताता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आधुनिक गणित में समीकरण सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय है। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी में विभिन्न घटनाओं (फेनामेना) एवं प्रक्रियाओं का गणितीय मॉडल बनाने में समीकरण ही आधारका काम करने हैं। समीकरण लिखने में समता चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। यथा- समीकरण प्राय: दो या दो से अधिक व्यंजकों (expressions) की समानता को दर्शाने के लिये प्रयुक्त होते हैं। किसी समीकरण में एक या एक से अधिक चर राशि (यां) (variables) होती हैं। चर राशि के जिस मान के लिये समीकरण के दोनो पक्ष बराबर हो जाते हैं, वह/वे मान समीकरण का हल या समीकरण का मूल (roots of the equation) कहलाता/कहलाते है। ऐसा समीकरण जो चर राशि के सभी मानों के लिये संतुष्ट होता है, उसे सर्वसमिका (identity) कहते हैं। जैसे - एक सर्वसमिका है। जबकि एक समीकरण है जिसका मूल हैं x.

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जॉन नेपियर

जॉन नेपियर (John Napier) (१५५०-१६१७) एक स्कॉटिस गणितज्ञ थे। उन्होने संख्याओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण खोजे की थी। नेपियर लघुगणक की खोज के कारण बहुत प्रसिध्द थे। लघुगणक ने जटिल गणनाओं को बहुत आसान बना दिया था। कई गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक लघुगणक का उपयोग समस्याओ को हल करने और नये सिध्दांत बनाने में करते हैं। श्रेणी:गणितज्ञ श्रेणी:भौतिक विज्ञानी श्रेणी:स्कॉटलैण्ड के लोग.

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घातांक

किसी संख्या पर घात लगाना या घातांकन (Exponentiation या Involution, इनवॉल्यूशन) एक गणितीय संक्रिया है जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है। जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का 'घात' कहलाता है। घात को संख्या के ऊपर दाहिनी ओर थोड़ा हटाकर लिखा जाता है; इस प्रकर ३४ .

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विज्ञान

संक्षेप में, प्रकृति के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान (Science) कहते हैं। विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कह सकते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

बीजगणित और लघुगणक के बीच तुलना

बीजगणित 41 संबंध है और लघुगणक 30 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 7.04% है = 5 / (41 + 30)।

संदर्भ

यह लेख बीजगणित और लघुगणक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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