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तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र के बीच अंतर

तीन फेज विद्युत शक्ति vs. बहुप्रावस्था तंत्र

सामान आवृत्ति तथा सामान आयाम वाले तीन प्रत्यावर्ती वोल्टताओं का समय के साथ परिवर्तन का आरेख एक सरल तीन-फेजी जनित्र का व्यवस्था चित्र तीन फेजी विद्युत शक्ति (Three-phase electric power) वर्तमान समय में प्रत्यावर्ती धारा के उत्पादन, संचारण तथा वितरण एवं उपयोग की सबसे लोकप्रिय विधि है। यह एक प्रकार की बहुफेजी प्रणाली (polyphase system) है। तीन फेजी शक्ति के अनेक लाभ हैं। इसका प्रचलन और पैटेन्ट सर्वप्रथम निकोला टेसला द्वारा सन १८८७-१८८८ में किया गया था। . किसी त्रिप्रावस्था तंत्र के एक चक्र की वोल्टता बहुप्रावस्था तंत्र या बहुफेजी प्रणाली (polyphase system) प्रत्यावर्ती धारा वाली विद्युत शक्ति के उत्पादन, संप्रेषण, वितरण और उपयोग की वह प्रणाली है जिसमें तीन या उससे अधिक चालक होते हैं और जिनके वोल्टता (धाराओं) के बीच 360/n डिग्री का कलान्तर होता है (जहाँ n, फेजों की संख्या है।)। तीन-फेजी प्रणाली सबसे अधिक प्रचलित है। .

तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र के बीच समानता

तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तीन फेज विद्युत शक्ति, प्रत्यावर्ती धारा

तीन फेज विद्युत शक्ति

सामान आवृत्ति तथा सामान आयाम वाले तीन प्रत्यावर्ती वोल्टताओं का समय के साथ परिवर्तन का आरेख एक सरल तीन-फेजी जनित्र का व्यवस्था चित्र तीन फेजी विद्युत शक्ति (Three-phase electric power) वर्तमान समय में प्रत्यावर्ती धारा के उत्पादन, संचारण तथा वितरण एवं उपयोग की सबसे लोकप्रिय विधि है। यह एक प्रकार की बहुफेजी प्रणाली (polyphase system) है। तीन फेजी शक्ति के अनेक लाभ हैं। इसका प्रचलन और पैटेन्ट सर्वप्रथम निकोला टेसला द्वारा सन १८८७-१८८८ में किया गया था। .

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प्रत्यावर्ती धारा

प्रत्यावर्ती धारा वह धारा है जो किसी विद्युत परिपथ में अपनी दिशा बदलती रहती हैं। इसके विपरीत दिष्ट धारा समय के साथ अपनी दिशा नहीं बदलती। भारत में घरों में प्रयुक्त प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति ५० हर्ट्स होती हैं अर्थात यह एक सेकेण्ड में पचास बार अपनी दिशा बदलती है। वेस्टिंगहाउस का आरम्भिक दिनों का प्रत्यावर्ती धारा निकाय प्रत्यावर्ती धारा या पत्यावर्ती विभव का परिमाण (मैग्निट्यूड) समय के साथ बदलता रहता है और वह शून्य पर पहुंचकर विपरीत चिन्ह का (धनात्मक से ऋणात्मक या इसके उल्टा) भी हो जाता है। विभव या धारा के परिमाण में समय के साथ यह परिवर्तन कई तरह से सम्भव है। उदाहरण के लिये यह साइन-आकार (साइनस्वायडल) हो सकता है, त्रिभुजाकार हो सकता है, वर्गाकार हो सकता है, आदि। इनमें साइन-आकार का विभव या धारा का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। आजकल दुनिया के लगभग सभी देशों में बिजली का उत्पादन एवं वितरण प्रायः प्रत्यावर्ती धारा के रूप में ही किया जाता है, न कि दिष्ट-धारा (डीसी) के रूप में। इसका प्रमुख कारण है कि एसी का उत्पादन आसान है; इसके परिमाण को बिना कठिनाई के ट्रान्सफार्मर की सहायता से कम या अधिक किया जा सकता है; तरह-तरह की त्रि-फेजी मोटरों की सहायता से इसको यांत्रिक उर्जा में बदला जा सकता है। इसके अलावा श्रव्य आवृत्ति, रेडियो आवृत्ति, दृश्य आवृत्ति आदि भी प्रत्यावर्ती धारा के ही रूप हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र के बीच तुलना

तीन फेज विद्युत शक्ति 12 संबंध है और बहुप्रावस्था तंत्र 4 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 2 / (12 + 4)।

संदर्भ

यह लेख तीन फेज विद्युत शक्ति और बहुप्रावस्था तंत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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