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जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश के बीच अंतर

जी ७७ राष्ट्र समूह vs. विकसित देश

जी-७७ समूह (अंग्रेज़ी:ग्रुप ऑफ 77, या जी-77) विश्व के विकासशील देशों का एक समूह है। यह संगठन हालांकि संयुक्त राष्ट्र के शेष समूहों की अपेक्षा कम मजबूत है, किन्तु विकासशील देशों के हितों को आगे रखने वाला संयुक्त राष्ट्र में यह सबसे बड़ा समूह है। इसके कार्यालय विश्व के कई शहरों में हैं जिनमें जेनेवा, नैरोबी, रोम, वियना और वॉशिंगटन डी॰ सी॰ प्रमुख हैं। जी-77 समूह की मूल स्थापना ७७ देशों ने मिलकर की थी। बाद में बहुत से अन्य देश भी इसके सदस्य बनते गये और वर्तमान में इसकी कुल सदस्य संख्या १३० हो गई है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को देखते हुए इसका मूल नाम अभी तक वही पुराना जी-७७ समूह बनाये रखा गया है। अभी सूडान इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। भारत भी इसका सदस्य है। जी-७७ समूह की स्थापना जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के सम्मेलन के पहले सत्र के बाद हुई थी। इस स्थापना की घोषणा सभी मूल संस्थापक ७७ देशों के संयुक्त घोषणा पत्र यानि ज्वाइंट डिक्लेरेशन ऑफ द सेवेंटी-सेवन कंट्रीज के तहत १५ जून, १९६४ को संयुक्त घोषणा के बाद हुई थी। जी-७७ की पहली मंत्रीस्तरीय बैठक अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में १०-२५ अक्तूबर, १९६७ को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र में सूडान गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद वर्तमान में इस समूह के अध्यक्ष हैं। अब्दल महमूद मुहम्मद संयुक्त राष्ट्र में सूडान के स्थायी प्रतिनिधि भी हैं। जी-७७ के अध्यक्ष पद के लिए एशिया, अफ्रीका और कैरीबियन देशों से पारीवार रूप में व्यक्ति का चुनाव होता है। दक्षिणी सम्मेलन यानि साउथ समिट जी-७७ समूह की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है। इसकी बैठक प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार होती है। विश्व के दक्षिणी गोलार्ध के देशों के हितों की देखरेख करने वाले इस समूह का व्यय सभी सदस्य देश मिलकर उठाते हैं। . विकसित देश यानी औद्योगिक देश, उन देशों को कहा जाता है जिनका कुछ मानकों के अनुसार उच्च विकास दर है। ये मानक कौन है और कौन से देश औद्योगिक या विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं, यह विवादास्पद विषय है। इस चर्चा में अक्सर आर्थिक मानकों को शामिल किया जाता है। ऐसे ही एक मानकों में, प्रतिव्यक्ति आय है। जिन देशों का प्रतिव्यक्ति आय यानी प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद ज्यादा है वो विकसित या औद्योगिक देशों में गिने जाते हैं। दूसरा मानक, औद्योगिकीकरण है। जिन देशों की अर्थव्यवस्था उद्योग धंधों पर निर्भर है वो औद्योगिक देश कहलाते हैं। अन्य मानकों में मानव विकास सूचकांक, जिसमें राष्ट्रीय आय के साथ जीवन प्रत्याशा और शिक्षा शामिल है। जो देश विकसित देश बनने की होड़ में हैं उन्हें विकासशील देश कहा जाता है। विकासशील देशों को तीसरी दुनिया के देश भी कहा जाता है। विकसित और विकासशील देशों से अलग एक श्रेणी है अविकसित देश का.

जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश के बीच समानता

जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): विकसित देश

विकसित देश

विकसित देश यानी औद्योगिक देश, उन देशों को कहा जाता है जिनका कुछ मानकों के अनुसार उच्च विकास दर है। ये मानक कौन है और कौन से देश औद्योगिक या विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं, यह विवादास्पद विषय है। इस चर्चा में अक्सर आर्थिक मानकों को शामिल किया जाता है। ऐसे ही एक मानकों में, प्रतिव्यक्ति आय है। जिन देशों का प्रतिव्यक्ति आय यानी प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद ज्यादा है वो विकसित या औद्योगिक देशों में गिने जाते हैं। दूसरा मानक, औद्योगिकीकरण है। जिन देशों की अर्थव्यवस्था उद्योग धंधों पर निर्भर है वो औद्योगिक देश कहलाते हैं। अन्य मानकों में मानव विकास सूचकांक, जिसमें राष्ट्रीय आय के साथ जीवन प्रत्याशा और शिक्षा शामिल है। जो देश विकसित देश बनने की होड़ में हैं उन्हें विकासशील देश कहा जाता है। विकासशील देशों को तीसरी दुनिया के देश भी कहा जाता है। विकसित और विकासशील देशों से अलग एक श्रेणी है अविकसित देश का.

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जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश के बीच तुलना

जी ७७ राष्ट्र समूह 30 संबंध है और विकसित देश 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.78% है = 1 / (30 + 6)।

संदर्भ

यह लेख जी ७७ राष्ट्र समूह और विकसित देश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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