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जयपुर और वाईमैक्स

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जयपुर और वाईमैक्स के बीच अंतर

जयपुर vs. वाईमैक्स

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। . ईमैक्स का बेस स्टेशन उपकरण, जिसके ऊपर एक सेक्टर एंटीना और बेतार मॉडम स्थापित है m ऊपर लिथुआनिया में स्थापित वाइमैक्स (अंग्रेज़ी:Y-Max, WiMax) एक दूरसंचार तकनीक है। इस तकनीक के माध्यम से एक कंप्यूटर, दूसरे कंप्यूटर से बिना तारों की सहायता से संपर्क स्थापित कर सकेंगे। वर्तमान में कई देश इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्तमान में मौजूद 2जी और 3जी फोन की सहायता से आप इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते। इसके लिए ऐसे फोन की आवश्यकता होगी, जो वाईमैक्स संगत हो। वाईमैक्स इंटरनेट और सेल्यूलर दोनों नेटवर्क पर काम करता है। इसकी गति २ एमबीपीएस होती है और दस कि॰मी॰ तक यह समान रहती है। इसकी रेंज वाई-फाई की तुलना में ज्यादा होती है। जहां लैपटॉप के लिए इसकी सीमा ५ से १५ कि॰मी॰ होगी, तो वहीं फिक्सड कंप्यूटर स्टेशनों में ५० कि॰मी॰ होगी। वाईमैक्स पर १९९० के दौरान कई कंपनियों मसलन एटीएंडटी, नोकिया और वेरीजोन के इंजीनियरों ने काम करना शुरू किया है। सभी कपंनियां ऐसी तकनीक बनाना चाहती थीं, जिसकी रेंज कई कि॰मी॰ की हो। इंटेल कॉर्पोरेशन ने इस विचार को पकड़ा और वाई-फाई से उन्नत इस तकनीक को २००२ में अस्तित्व में लाया गया। वाई-फाई की रेंज जहां कुछ मीटर तक होती है, तो वहीं वाईमैक्स लंबी दूरी तक की क्षमता वाली प्रणाली है। इसकी सहायता से बड़े क्षेत्र को कम टावरों की सहायता से कवर किया जा सकता है। दस कि॰मी॰ की दूरी तक वाइमेक्स की स्पीड समान रहती है। इसकी डाउनलोड क्षमता २० एमबीपीएस है। इसमें इंटरनेट पर जीपीएस, गेमिंग और डाउनलोड की सुविधा मौजूद है। यह वायरलैस कवरेज की क्षमता को दस से तीस गुना तक बढ़ा देता है। इस सेवा हेतु स्पेक्ट्रम में आवृत्ति बैण्डविड्थ की सरकार ने नीलामी की है। तयह सेवा भारत संचार निगम लिमिटेड ने भारत में सर्वप्रथम जयपुर से आरंभ की है।। पत्रिका.कॉम यहां वाई-मैक्स तकनीक के जरिए टेलीफोन की जगह छोटा एंटीना लगाया जाएगा, जो टावर से संपर्क में रहेगा। ऎसे में 25 किमी दायरे में इंटरनेट चल सकेगा। इसके बाद मुंबई में यह सेवा आरंभ करने के लिए कई भारतीय दूरसंचार कंपनियां प्रयासरत हैं। इनमें टाटा कम्युनिकेशंस अग्रणी है। .

जयपुर और वाईमैक्स के बीच समानता

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जयपुर और वाईमैक्स के बीच तुलना

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संदर्भ

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