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चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या के बीच अंतर

चिरसम्मत भौतिकी vs. दो-वस्तु समस्या

आधुनिक भौतिकी के चार प्रमुख क्षेत्र चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल फिजिक्स) भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य और ऊर्जा दो अलग अवधारणाएं हैं। प्रारम्भिक रूप से यह न्यूटन के गति के नियम व मैक्सवेल के विद्युतचुम्बकीय विकिरण सिद्धान्त पर आधारित है। चिरसम्मत भौतिकी को सामान्यतः विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। इनमें यांत्रिकी (इसमें पदार्थ की गति तथा उस पर आरोपित बलों का अध्ययन किया जाता है।), गतिकी, स्थैतिकी, प्रकाशिकी, उष्मागतिकी (ऊर्जा और उष्मा का अध्ययन) और ध्वनिकी शामिल हैं तथा इसी प्रकार विद्युत व चुम्बकत्व के परिसर में दृष्टिगोचर अध्ययन। द्रव्यमान संरक्षण का नियम, ऊर्जा संरक्षण का नियम और संवेग संरक्षण का नियम भी चिरसम्मत भौतिकी में महत्वपूर्ण हैं। इसके अनुसार द्रव्यमान और ऊर्जा को ना ही तो बनाया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता और केवल बाह्य असन्तुलित बल आरोपित करके ही संवेग को परिवर्तित किया जा सकता है। . खगोलीय यांत्रिकी में दो-वस्तु समस्या (two-body problem) दो बिन्दु-आकार की वस्तुओं की गति व चाल को समझने को कहते हैं जो केवल एक-दूसरे को ही प्रभावित करती हैं (यानि कोई भी तीसरी वस्तु इस अध्ययन में शामिल नहीं करी जाती)। इस अध्ययन में किसी ग्रह के इर्द-गिर्द कक्षा में परिक्रमा करता उपग्रह, किसी तारे की परिक्रमा करता एक ग्रह, किसी द्वितारा मंडल में एक-दूसरे की परिक्रमा करते दो तारे, इत्यादि शामिल हैं। चिरसम्मत भौतिकी में किसी परमाणु में नाभिक की परिक्रमा करता हुआ एक इलेक्ट्रान भी इसका उदाहरण है (हालांकि प्रमात्रा यान्त्रिकी की नई समझ में यह दो-वस्तु समस्या नहीं समझी जाती)। इसी प्रकार तीन वस्तुओं की आपसी चाल को समझने के लिये तीन-वस्तु समस्या (three-body problem) नामक अध्ययन भी किया जाता है। .

चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या के बीच समानता

चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): द्रव्यमान, प्रमात्रा यान्त्रिकी

द्रव्यमान

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। सरल भाषा में द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली *.

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प्रमात्रा यान्त्रिकी

प्रमात्रा यान्त्रिकी (Quantum mechanics) कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों का एक समुच्चय है जो परमाणवीय पैमाने पर उर्जा एवं पदार्थ के ज्ञात गुणधर्मों की व्याख्या करते हैं। इसमें उप-परमाणु पैमाने पर जो प्रकाश और उप-परमाण्वीय कणों में तरंग-कण द्विरूप देखा जाता है, उसका गणित आधार सम्मिलित है। क्वाण्टम यान्त्रिकी में उर्जा और पदार्थ के गहरे सम्बन्ध का भी गणित आधार सम्मिलित है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या के बीच तुलना

चिरसम्मत भौतिकी 32 संबंध है और दो-वस्तु समस्या 18 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 2 / (32 + 18)।

संदर्भ

यह लेख चिरसम्मत भौतिकी और दो-वस्तु समस्या के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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