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गांधीवाद और सर्वोदय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गांधीवाद और सर्वोदय के बीच अंतर

गांधीवाद vs. सर्वोदय

गांधीवाद मोहनदास करमचंद गांधी (जिन्हे ज्यादातर महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है) के आदर्शों, विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया एवं किया था। जब किसी व्यक्ति या संस्थान को गांधीवादी कहकर संबोधित करते हैं तो उसका तात्पर्य होता है गांधीजी द्वारा स्थापित मूल्यों एवं आदर्शों का अनुपालन करनेवाला होता है। . सर्वोदय, अंग्रेज लेखक रस्किन की एक पुस्तक अनटू दिस लास्ट का गांधी जी द्वारा गुजराती में अनूदित एक पुस्तक है। 'अन्टू द लास्ट' का अर्थ है - इस अंतवाले को भी। सर्वोदय का अर्थ है - सबका उदय, सबका विकास। सर्वोदय भारत का पुराना आदर्श है। हमारे ऋषियों ने गाया है-"सर्वेपि सुखिन: संतु"। सर्वोदय शब्द भी नया नहीं है। जैन मुनि समंतभद्र कहते हैं - सर्वापदामंतकरं निरंतं सर्वोदयं तीर्थमिदं तवैव। "सर्व खल्विदं ब्रह्म", "वसुधैव कुटुंबकं", अथवा "सोऽहम्" और "तत्त्वमसि" के हमारे पुरातन आदर्शों में "सर्वोदय" के सिद्धांत अंतर्निहित हैं। सर्वोदय समाज गांधी के कल्पनाओ का समाज था, जिसके केन्द्र मे भारतीय ग्राम व्यवस्था थी। विनोबा जी ने कहा है, सर्वोदय का अर्थ है - सर्वसेवा के माध्यम से समस्त प्राणियो की उन्नति। सर्वोदय के व्यवहारिक स्वरुप को हम बहुत ह्द तक विनोबा जी के भूदान आन्दोलन मे देख सकते है। सुबहवाले को जितना, शामवाले को भी उतना ही-प्रथम व्यक्ति को जितना, अंतिम व्यक्ति को भी उतना ही, इसमें समानता और अद्वैत का वह तत्व समाया है, जिसपर सर्वोदय का विशाल प्रासाद खड़ा है। (दादा धर्माधिकारी - "सर्वोदय दर्शन") .

गांधीवाद और सर्वोदय के बीच समानता

गांधीवाद और सर्वोदय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): महात्मा गांधी

महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

गांधीवाद और महात्मा गांधी · महात्मा गांधी और सर्वोदय · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

गांधीवाद और सर्वोदय के बीच तुलना

गांधीवाद 28 संबंध है और सर्वोदय 9 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.70% है = 1 / (28 + 9)।

संदर्भ

यह लेख गांधीवाद और सर्वोदय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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