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खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के बीच अंतर

खंडाला vs. ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे

खंडाला (मराठी: खंडाळा), भारत के राज्य महाराष्ट्र में, पश्चिमी घाट में स्थित एक पर्वतीय स्थल है। यह लोनावला से तीन किलोमीटर और कर्जत से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खंडाला, भोर घाट के एक छोर (ऊपर) पर स्थित है, जो कि दक्कन के पठार और कोंकण के मैदान के बीच के सड़क संपर्क पर स्थित एक प्रमुख घाट है। इस घाट से भारी सड़क और रेल यातायात गुजरता है। मुंबई और पुणे के बीच की मुख्य कड़ी मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, खंडाला से ही होकर गुजरता है। पास के शहरों से आसान पहुंच के कारण, खंडाला हाइकिंग (पैदल यात्रा) करने वाले पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। ड्यूक की नाक (ड्यूक्स नोज़) नामक पहाड़ी चोटी से खंडाला और भोर घाट के सुन्दर नज़ारों का आनन्द लिया जा सकता है। . 1870 में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे की सीमायें ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (हिन्दी अनुवाद: विशाल भारतीय प्रायद्वीप रेल), जिसे वर्तमान में भारतीय मध्य रेल के नाम से जाना जाता है और जिसका मुख्यालय बंबई (अब मुंबई) के बोरी बंदर (बाद में, विक्टोरिया टर्मिनस और वर्तमान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) में था। ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का गठन 1 अगस्त 1849 को ब्रिटिश संसद के एक अधिनियम द्वारा, 50,000 पाउंड की शेयर पूंजी के साथ किया गया था। 17 अगस्त 1849 को इसने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ एक 56 किमी लंबी प्रयोगात्मक लाइन के निर्माण और संचालन के लिए एक औपचारिक अनुबंध किया, जिसके अंतर्गत बंबई को खानदेश, बेरार तथा अन्य प्रेसीडेंसियों के साथ जोड़ने के लिए एक ट्रंक लाइन बिछाई जानी थी। इस काम के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक न्यायालय ने जेम्स जे बर्कली को मुख्य आवासीय अभियंता तथा उनके सहायकों के रूप में सी बी कार और आर डब्ल्यू ग्राहम को नियुक्त किया। 1 जुलाई 1925 को इसके प्रबंधन को सरकार ने अपने हाथों में ले लिया। 5 नवम्बर 1951 को इसे मध्य रेल के रूप में निगमित किया गया। .

खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के बीच समानता

खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पश्चिमी घाट, भोरघाट

पश्चिमी घाट

भारत की प्रमुख पर्वत-शृंखलाएँ; इसमें पश्चिमी तट के लगभग समान्तर जो पर्वत-श्रेणी है, वही ''''पश्चिमी घाट'''' कहलाती है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत शृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय शृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्‍त हो जाती है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।" पश्चिमी घाट का संस्कृत नाम सह्याद्रि पर्वत है। यह पर्वतश्रेणी महाराष्ट्र में कुंदाइबारी दर्रे से आरंभ होकर, तट के समांतर, सागरतट से ३० किमी से लेकर १०० किमी के अंतर से लगभग ४,००० फुट तक ऊँची दक्षिण की ओर जाती है। यह श्रेणी कोंकण के निम्न प्रदेश एवं लगभग २,००० फुट ऊँचे दकन के पठार को एक दूसरे से विभक्त करती है। इसपर कई इतिहासप्रसिद्ध किले बने हैं। कुंदाईबारी दर्रा भरुच तथा दकन पठार के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग है। इससे कई बड़ी बड़ी नदियाँ निकलकर पूर्व की ओर बहती हैं। इसमें थाल घाट, भोर घाट, पाल घाट तीन प्रसिद्ध दर्रे हैं। थाल घाट से होकर बंबई-आगरा-मार्ग जाता है। कलसूबाई चोटी सबसे ऊँची (५,४२७ फुट) चोटी है। भोर घाट से बंबई-पूना मार्ग गुजरता है। इन दर्रो के अलावा जरसोपा, कोल्लुर, होसंगादी, आगुंबी, बूँध, मंजराबाद एवं विसाली आदि दर्रे हैं। अंत में दक्षिण में जाकर यह श्रेणी पूर्वी घाट पहाड़ से नीलगिरि के पठार के रूप में मिल जाती है। इसी पठार पर पहाड़ी सैरगाह ओत्तकमंदु स्थित है, जो सागरतल से ७,००० फुट की ऊँचाई पर बसा है। नीलगिरि पठार के दक्षिण में प्रसिद्ध दर्रा पालघाट है। यह दर्रा २५ किमी चौड़ा तथा सगरतल से १,००० फुट ऊँचा है। केरल-मद्रास का संबंध इसी दर्रे से है। इस दर्रे के दक्षिण में यह श्रेणी पुन: ऊँची हाकर अन्नाईमलाई पहाड़ी के रूप में चलती है। पाल घाट के दक्षिण में श्रेणी की पूर्वी पश्चिमी दोनों ढालें खड़ी हैं। पश्चिमी घाट में सुंदर सुंदर दृश्य देखने को मिलती हैं। जंगलों में शिकार भी खेला जाता है। प्राचीन समय से यातायात की बाधा के कारण इस श्रेणी के पूर्व एवं पश्चिम के भागों के लोगों की बोली, रहन सहन आदि में बड़ा अंतर है। यहाँ कई जंगली जातियाँ भी रहती हैं। पश्चिमी घाट का उपग्रह से लिया गया चित्र .

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भोरघाट

भोरघाट प्रायद्वीपीय भारत में स्थित पश्चिमी घाट श्रेणी के सह्याद्रि पर्वत का एक प्रमुख दर्रा है। महाराष्ट्र राज्य में कर्जत और खंडाला के बीच स्थित इस दर्रे से होकर इससे होकर मुम्बई-पूना मार्ग गुजरता है जो मुम्बई को अन्य कई दक्षिण भारतीय नगरों से जोड़ता है। .

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खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के बीच तुलना

खंडाला 11 संबंध है और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे 31 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.76% है = 2 / (11 + 31)।

संदर्भ

यह लेख खंडाला और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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