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कर्नाटक में पर्यटन और हलसी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कर्नाटक में पर्यटन और हलसी के बीच अंतर

कर्नाटक में पर्यटन vs. हलसी

केशव मंदिर, सोमनाथपुर अपने विस्तृत भूगोल एवं लम्बे इतिहास के कारण कर्नाटक में बड़ी संख्या में पर्यटन आकर्षण भरे हुए हैं। राज्य में जहां एक ओर प्राचीन शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर हैं तो वहीं आधुनिक नगर भी हैं, जहां एक ओर नैसर्गिक पर्वतमालाएं हैं तो वहीं अनान्वेषित वन संपदा भी है और जहां व्यस्त व्यावसायिक कार्यकलापों में उलझे शहरी मार्ग हैं, वहीम दूसरी ओर लम्बे सुनहरे रेतीले एवं शांत सागरतट भी हैं। कर्नाटक राज्य को भारत के राज्यों में सबसे प्रचलित पर्यटन गंतव्यों की सूची में चौथा स्थान मिला है। राज्य में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक राष्ट्रीय संरक्षित उद्यान एवं वन हैं, जिनके साथ ही यहां राज्य पुरातत्त्व एवं संग्रहालय निदेशलय द्वारा संरक्षित ७५२ स्मारक भी हैं। इनके अलावा अन्य २५,००० स्मारक भी संरक्षण प्राप्त करने की सूची में हैं। बीजापुर का गोल गुम्बज, बाईज़ैन्टाइन साम्राज्य के हैगिया सिफिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुम्बद है। पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल हैं जिनमें कुद्रेमुख, मडिकेरी तथा अगुम्बे आते हैं। राज्य में २५ वन्य जीवन अभयारण्य एवं ५ राष्ट्रीय उद्यान हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, बनेरघाटा राष्ट्रीय उद्यान एवं नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान। हम्पी में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष तथा पत्तदकल में प्राचीन पुरातात्त्विक अवशेष युनेस्को विश्व धरोहर चुने जा चुके हैं। इनके साथ ही बादामी के गुफा मंदिर तथा ऐहोल के पाषाण मंदिर बादामी चालुक्य स्थापात्य के अद्भुत नमूने हैं तथा प्रमुख पर्यटक आकर्षण बने हुए हैं। बेलूर तथा हैलेबिडु में होयसाल मंदिर क्लोरिटिक शीस्ट (एक प्रकार के सोपस्टोन) से बने हुए हैं एवं युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनने हेतु प्रस्तावित हैं। यहाम बने गोल गुम्बज तथा इब्राहिम रौज़ा दक्खन सल्तनत स्थापत्य शैली के अद्भुत उदाहरण हैं। श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की १७ मीटर ऊंची मूर्ति जो विश्व की सर्वोच्च एकाश्म प्रतिमा है, वार्षिक महामस्तकाभिषेक उत्सव में सहस्रों श्रद्धालु तीर्थायात्रियों का आकर्षण केन्द्र बनती है।कीएय (२०००), पृ. हलसी (कन्नड़ ಹಳಸಿ) जिसे हालसी या हालशी भी कहते हैं, उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम जिला के खानपुर ताल्लुक का का एक शहर है। यह खानापुर से १४ कि.मी और कित्तूर से २५ कि.मी दूर है। यह कदंब वंश की राजधानी रहा है। इस कारण यहां अनेक ऐतिहासिक स्मारक एवं इमारतें हैं। हलसी की पृष्ठभूमि पश्चिमी घाट के हरे-भरे वनों से भरी है। यहाम एक वृहत भूवाराह मंदिर भी है इस मंदिर में भगवान नृसिंह, वाराह, नारायण और सूर्य की बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा यहां अगोकामेश्वर, हाटकेश्वर, कपिलेश्वर, स्वामेश्वर, आदि भी मंदिर हैं। Image:Halasi_1.jpg Image:Halasi_2.jpg Image:Halasi_3.jpg Image:Halasi_4.jpg Image:Halasi_5.jpg Image:Halasi_6.jpg Image:Halasi_7.jpg Image:Halasi_8.jpg Image:Halasi_9.jpg Image:Halasi_2.jpg Image:Halasi_11.jpg Image:Halasi_12.jpg Image:Halasi_13.jpg Image:Halasi_14.jpg Image:Halasi_15.jpg .

कर्नाटक में पर्यटन और हलसी के बीच समानता

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संदर्भ

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