अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ के बीच समानता
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पश्तो भाषा, पकतिया प्रान्त, ख़ोस्त, ग़ज़नी, काबुल, अफ़ग़ानिस्तान।
पश्तो भाषा
कोई विवरण नहीं।
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और पश्तो भाषा · गरदेज़ और पश्तो भाषा ·
पकतिया प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का पकतिया प्रान्त (लाल रंग में) पकतिया प्रान्त के बमोज़ई गाँव में पढ़ते बच्चे पकतिया (फ़ारसी:, अंग्रेजी: Paktia) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पूर्व में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ६,४३२ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००२ में लगभग ४.१५ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी गरदेज़ शहर है। इस प्रान्त की सरहदें पाकिस्तान से लगती हैं। यहाँ के लगभग ९०% लोग पश्तून हैं और लगभग १०% फ़ारसी बोलने वाले ताजिक लोग हैं। .
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और पकतिया प्रान्त · गरदेज़ और पकतिया प्रान्त ·
ख़ोस्त
ख़ोस्त मस्जिद ख़ोस्त (पश्तो:, अंग्रेजी: Khost) पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान का एक शहर है। यह ख़ोस्त प्रान्त की राजधानी भी है, जो पाकिस्तान के सीमा के नज़दीक एक पर्वतीय इलाक़ा है। ख़ोस्त शहर की आबादी लगभग १.६ लाख है और पूरे ख़ोस्त प्रान्त की जनसँख्या क़रीब १० लाख है। यहाँ के अधिकतर निवासी पश्तो भाषी पठान हैं और सामाजिक व्यवस्था क़बीलीयाई है। अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध के दौरान ख़ोस्त जुलाई १९८३ से नवम्बर १९८७ तक विद्रोही फौजों द्वारा घिरा रहा था।, David Rohde, Kristen Mulvihill, Penguin, 2010, ISBN 978-0-670-02223-6,...
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और ख़ोस्त · ख़ोस्त और गरदेज़ ·
ग़ज़नी
ग़ज़नी भगवान श्रीकृष्णजी के उत्तराधिकारी द्वारिका की बजाय मथुरा की राजगद्दी पर विराजमान हुए, जिनकी पाँचवीं पीढ़ी में सुबाहु नाम के एक प्रतापी शासक हुए। राजा सुबाहु ने पुरुषपुर(पेशावर) पर आक्रमण कर अपना अधिकार जमा लिया एवं उसे अपनी राजधानी बनाया। एक बार राजा सुबाहु शिकार के दौरान एक सुअर का पीछा करते हुए पाताल लोक पधारे जहां वराह भगवान के दर्शन होने से सुअर का शिकार न करने का संकल्प लिया, तब से यदु वंश राजपूत में सुअर का शिकार निषेध है। राजा सुबाहु के पौत्र एवं राजा रजसेन के पुत्र राजा गजबाहु एक वीर और शक्तिशाली शासक थे। इनका साम्राज्य पशि्चमोतर भारत के विशाल भू-भाग पर फैला था। राजा गजबाहु ने साम्राज्य विस्तार के साथ-साथ उसकी सुरक्षा हेतु गंधार प्रदेश में युधिष्ठिर संवत् ३०८ कि अक्षय तृतीया रविवार को रोहिणी नक्षत्र में कुलदेवी स्वांगिया माता की कृपा से गजनी नगर की स्थापना कर वहां एक सुदृढ़ किले का निर्माण करवाकर उसकी प्रतिष्ठा करवाई। "रवि रोहिणी गजबाहु ने गजनी रची नवीन। वर्तमान से लगभग साढ़े चार हजार से भी अधिक वर्ष पूर्व निर्मित गजनी का किला अत्यंत ही मजबूत व अभेद्य था।पीतल के समान ठोस बनावट वाले इस किले की प्रचीरें एक दूसरे में गुंथी हुई डमरुनुमा थी, जिसे शत्रु बारूद से भी नहीं उड़ा सकता था। राजा गजबाहु के शासन काल में रुम प्रदेश कि फौज ने खुरासान कि मदद से गजनीपर आक्रमण की योजना बनाई दोनों प्रदेशों की सेना के गजनी पहुंचने से पहले राजा गजबाहु ने आगे बढ़कर कुंज शहर के नजदीक मुकाबला किया जिसमें राजा गजबाहु विजय हासिल की। उन्होंने अपने बल व पराक्रम से अपना साम्राज्य खुरासान बकत्रिया व बल्ख बुखारा तक फैला दिया। राजा गजबाहु ने कंधार,काबुल, मुल्तान, लाहौर व मथुरा तक के विस्तृत भू -भाग पर अपना सुशासन स्थापित किया। राजा गजबाहु के वंशज ने कई किलो का निर्माण करवाया गजबाहु के वंशज ने जैसलमेर की स्थापना कर नई राजधानी बसाई के कुछ समय बाद ही राजा कि अकाल मृत्यु ओर सड़यंत्र के कारण राजगद्दी वारिस को जैसलमेर त्यागना पड़ा। एक नया गांव बसाया डांगरी तथा यहाँ के ठाकुर ही राजा गजबाहु के वंशज थे जिन्होंने जैसलमेर त्यागने के पश्चात् इन्हीं के वंशज राजा देरावर ने देरावरगढ कि स्थापना की। राजा भूपत भटनेर ओर भटिन्डा बसाया डांगरी के अन्तिम ठाकुर सतीदानसिहं हुए। डांगरी जैसलमेर जिला मुख्यालयसे ८० किमीदुर है। इनके बाद राजा गजबाहु के वंशजों की पृष्ट नहीं है। नोट:- यह इतिहास १०० वर्ष से ४००० वर्ष पूर्व का है।.
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और ग़ज़नी · गरदेज़ और ग़ज़नी ·
काबुल
काबुल अफगानिस्तान की राजधानी है। काबुल अफगानिस्तान का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है। यह अफगानिस्तान का आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है। यह शहर समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। काबुल सफेद खो पहाड़ी और काबुल नदी के बीच बसा हुआ है। यह पर्यटन की दृष्िट से मध्य एशिया का एक महत्पपूर्ण केंद्र माना जाता है। यहां कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जिसमें अफगान नेशनल म्यूजियम, दारुल अमन पैलेस, बाग-ए-बाबर, ईदगाह मस्जिद, ओमर माइन म्यूजियम यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल है। .
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और काबुल · काबुल और गरदेज़ ·
अफ़ग़ानिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.
अफ़ग़ानिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत · अफ़ग़ानिस्तान और गरदेज़ ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ लगती में
- यह आम अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ में है क्या
- अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ के बीच समानता
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ के बीच तुलना
अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत 79 संबंध है और गरदेज़ 14 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 6.45% है = 6 / (79 + 14)।
संदर्भ
यह लेख अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत और गरदेज़ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: