8 संबंधों: ठोस यांत्रिकी, प्रत्यास्थता, बल, यंग मापांक, रॉबर्ट हुक, विकृति, कमानी, कमानीदार तुला।
ठोस यांत्रिकी
ठोस यांत्रिकी की एक समस्या ठोस यांत्रिकी (Solid mechanics) सातत्यक यांत्रिकी (continuum mechanics/कन्टिनुअम यांत्रिकी) की वह शाखा है जिसमें ठोस वस्तुओं के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसमें विशेषतः विभिन्न प्रकार के बल लगाने पर ठोसों की गति और इनमें होने वाली विरूपण (डिफॉर्मेशन) का अध्यन किया जाता है। बल के अलावा ताप परिवर्तन, प्रावस्था परिवर्तन (phase changes) तथा अन्य वाह्य तथा आन्तरिक कारकों के कारण उत्पन्न गति एवं विरूपण का भी अध्ययन किया जाता है। ठोस यांत्रिकी का अध्ययन सिविल इंजीनियरी, यांत्रिक इंजीनियरी, भूविज्ञान तथा पदार्थ विज्ञान आदि के क्षेत्र में बहुत महत्व रखता है। .
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प्रत्यास्थता
यांत्रिकी में प्रत्यास्थता (elasticity) पदार्थों के उस गुण को कहते हैं जिसके कारण उस पर वाह्य बल लगाने पर उसमें विकृति (deformation) आती है परन्तु बल हटाने पर वह अपनी मूल स्थिति में आ जाता है। यदि वाह्यबल के परिमाण को धीरे-धीरे बढ़ाया जाय तो विकृति समान रूप से बढ़ती जाती है, साथ ही साथ आंतरिक प्रतिरोध भी बढ़ता जाता है। किन्तु किसी पदार्थ पर एक सीमा से अधिक बल लगाया जाय तो उस वाह्य बल को हटा लेने के बाद भी पदार्थ पूर्णत: अपनी मूल अवस्था में नहीं लौट पाता; बल्कि उसमें एक स्थायी विकृति शेष रह जाती है। पदार्थ की इसी सीमा को प्रत्यास्थता सीमा (Limit of elasticity या Elastic limit) कहते हैं। आंकिक रूप से स्थायी परिवर्तन लानेवाला, इकाई क्षेत्र पर लगनेवाला, न्यूनतम बल ही "प्रत्यास्थता सीमा" (Elastic limit) कहलाता है। प्रत्यास्थता की सीमा पार चुके पदार्थ को सुघट्य (Plastic) कहते हैं। प्रत्यास्थता सीमा के भीतर, विकृति वस्तु में कार्य करनेवाले प्रतिबल की समानुपाती होती है। यह एक प्रायोगिक तथ्य है एवं हुक के नियम (Hooke's law of elasticity) के नाम से विख्यात है। .
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बल
भौतिकि संबंधी बल के लिए देखें बल (भौतिकी) बल, जिसे ताकत भी कहा जाता है, कार्य करने की शक्ति है। परंपरागत रूप से इसे शरीर से जोड़कर देखा जाता रहा है। इसलिए प्रायः यह शारिरिक बल का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन इसके अतिरिक्त मानसिक एवं आध्यात्मिक बल की संकल्पना भी की गई है। .
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यंग मापांक
यांत्रिकी के सन्दर्भ में यंग गुणांक या यंग मापांक (Young's modulus), किसी समांग प्रत्यास्थ पदार्थ की प्रत्यास्थता का मापक है। यह एकअक्षीय प्रतिबल एवं विकृति के अनुपात के रूप में परिभाषित है। कभी-कभी गलती से इसे प्रत्यास्थता मापांक (modulus of elasticity) भी कह दिया जाता है क्योंकि सभी प्रत्यास्थता गुणांकों में यंग गुणांक ही सबसे प्रचलितेवं सबसे अधिक प्रयुक्त मापांक है। इसके अतिरिक्त दो और 'प्रत्यास्थता मापांक' हैं - आयतन प्रत्यास्थता मापांक एवं अपरूपण गुणांक। .
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रॉबर्ट हुक
रॉबर्ट हूक, एफ.आर.एस.
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विकृति
विकृति ' यह वस्तु या पदार्थ मे होने वाले विरूपण (deformation) को प्रदर्शित करती हैं| बाह्य बल(external force) के कारण वस्तु की लंबाई मे होने वाली परिवर्तन एवं उसकी प्रारंभिक लंबाई के अनुपात को विकृति (strain) कहते हैं | अतः नोट:- यह दो लंबाई का अनुपात हैं अर्थात इसकी कोई इकाई नहीं होती हैं | ' .
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कमानी
कुण्डलीनुमा स्प्रिंग - ये तनाव के लिये डिजाइन किये जाते हैं। कमानी या स्प्रिंग (spring) एक यांत्रिक युक्ति है जो प्रत्यास्थ उर्जा के भण्डारण के काम आती है। .
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कमानीदार तुला
कमानीदार तुला (स्प्रिंग बैलेन्स) कमानीदार तुला (Spring scale या Spring balance) एक प्रकार की तुला (तराजू) है। इसमें एक स्प्रिंग होती है जिसका एक सिरा फिक्स रहता है और दूसरे सिरे पर हुक के द्वारा वह भार लटकाया जाता है जिसका वजन ज्ञात करना हो। यह हुक के नियम पर कार्य करती है। श्रेणी:घरेलू सामान.
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