6 संबंधों: इस्लाम, कोर्डोबा, अमीर, अल-हाकम प्रथम, उमय्यद, उमय्यद ख़िलाफ़त।
इस्लाम
इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .
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कोर्डोबा
कोर्डोबा संबंधित हो सकता है: .
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अमीर
घोड़े पर सवार एक मुग़ल अमीर अमीर (अरबी) का अर्थ सेनापति या राज्यपाल या सूबेदार होता है।, Patricia Seed, pp.
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अल-हाकम प्रथम
अल-हाकम इब्न हिशाम इब्न अब्द-अर-रहमान प्रथम; Al-Hakam Ibn Hisham Ibn Abd-ar-Rahman I, उमय्यद खिलाफत की कोर्डोबा अमीरात शाखा के अमीर थे जिन्होंने 796 से 822 ईस्वी तक अल-अन्डालस (इबेरिया प्रायद्वीप) पर शासन किया था। इनके शासन काल में अनेक विद्रोह हुए जो ईसाइयो के उमय्यद खिलाफत के खिलाफ सबसे बड़े विद्रोह माने जाते हैं जिन्हें दबाने के लिए अल हाकम ने अधिक धन खर्च किया था। .
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उमय्यद
उमय्यदों के समय, 661–750 उमाविया शासक इस्लाम के मुखिया, यानि ख़लीफ़ा, सन् 661 से सन् 750 तक रहे। प्रथम चार ख़लीफ़ाओं के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई। उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी अफ़्रीका होते हुए स्पेन तक पहुँच गए। इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित सिन्ध पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था। मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी दमिश्क में बनाई। सन् 750 में चले एक परिवर्तान आन्दोलन के बाद अब्बासी खलीफ़ाओं ने इनको हरा दिया और ख़ुद शासक बन बैठे। हाँलांकि उमावियाई वंश में से एक - अब्द उर रहमान (प्रथम) और उसका एक यूनानी दास - बचकर अफ़्रीका होते हुए स्पेन पहुँच गया और कोर्डोबा में अपनी ख़िलाफत स्थापित की जो ग्यारहवीं सदी तक रही। इस्लाम धर्म में इनको सांसारिकता के क़रीब और इस्लाम के संदेशों से दूर विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले शासक के रूप में देखा जाता है। इनके ख़िलाफ़ चौथे ख़लीफ़ा अली के पुत्र हुसैन ने विद्रोह किया पर उन्हें एक युद्ध में जान गंवानी पड़ी। अली और हुसैन के समर्थकों को शिया संप्रदाय कहा गया। ये वंश इस्लाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यहीं से शिया-सुन्नी मतभेद बढ़े थे। .
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उमय्यद ख़िलाफ़त
उमय्यद खिलाफत; (Umayyad Caliphate) हजरत मुहम्मद सहाब की मृत्यु के बाद स्थापित प्रथम रशीदुन चार खलीफाओं के बाद उमय्यद इस्लामी खिलाफत का हिस्सा बने, उमय्यद खलीफा बनू उमय्या बंश से या उमय्या के पृत्र जो मक्का शहर से जूड़े हुए थे। उमय्यद परिवार पहले रशीदुन खिलाफत के तीसरे खलीफा उस्मान इब्न अफ्फान (644-656) के अधीन सत्ता में रहे थे लेकीन उमय्यद शासन की स्थापना मुआविया इब्न अबी सुफीयान जो लम्बे समय तक रशीदुन शासन काल में सीरिया के गवर्नर रहे जिस कारण उन्होंने उमय्यद खिलाफत अथवा शासन स्थापना की थी, प्रथम मुस्लिम फितना (गृहयुद्ध) के समय में भी सीरिया उमय्यदो का प्रमुख शाक्ति केन्द्र बना रहा और राजधानी दमिश्क में स्थापित की जिसके साथ उमय्यदो ने मुस्लिम विजय अभियान जारी रखे जिसमें काकेशस, ट्रोक्सियाकिसयाना, सिन्ध, मगरीब (माघरेब) और इबेरिया प्रायद्वीप (अल अन्डालस) की विजय के साथ मुस्लिम दूनिया में शामिल किया गया। उमय्यदो की शक्ति; उमय्यद खलीफाओं ने 11.100.000 वर्ग किलो मीटर (4.300.000 वर्ग मील) क्षेत्र और 62 मिलियन लोग थे जिससे उमय्यद दूनिया की 29 प्रतिशत आबादी पर शासन किया करते जिसके साथ क्षेत्रफल के अनुपात में विश्व के बड़े और महान साम्राज्यो में से एक था। .