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हिन्दी संगठन

सूची हिन्दी संगठन

हिन्दी संगठन या 'हिन्दी स्पीकिंग यूनियन' मॉरीशस का एक प्रमुख हिन्दीसेवी संस्था है। इसकी स्थापना संसद के विधेयक संख्या ३३ के तहत १२ दिसम्बर १९९४ को हुई थी। यह संस्था कला एवं संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अपनी गतिविधियाँ आयोजित करती है। इसका कार्यालय आर्किड टॉवर, पोर्ट लूई में है। हिन्दी विद्वान, हिन्दी संस्थाएँ तथा हिन्दी साहित्यकार इसके सदस्य हैं। 'हिन्दी ज्ञान, हमारा मान' - इसका ध्येयवाक्य है। .

4 संबंधों: मारीशस के हिन्दी विद्वान, मॉरिशस, हिन्दी, हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस

मारीशस के हिन्दी विद्वान

मारीशस में २ नवंबर १८३४ में एटलस नामक जहाज़ में बिहार के छोटा नागपुर इलाके से पहली बार विधिवत गिरमिटियों को लाया गया था। १९२० तक मारीशस में साढ़े चार लाख भारतीय गिरमिटिए लाए गए, जिनमें अधिकतर भोजपुरी बोलने वाले थे। उन्नीसवीं सदी के अंत तक बोलचाल की भाषा के रूप में यहाँ भोजपुरी का विकास हो चुका था। १९०१ में बैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधी यहाँ आकर रहे और भारतीयों की दशा और कठिनाइयों को समझा। उन्हें कानूनी सलाह उपलब्ध कराने और सहायता करने के लिए उन्होंने १९०९ में एक योग्य बैरिस्टर मगनलाल मणिलाल को मारीशस भेजा। बैरिस्टर मगनलाल मणिलाल ने १५ मार्च १९०९ में एक साप्ताहिक पत्र का आरंभ किया जिसकी भाषा अँग्रेजी और गुजराती थी। बाद में गुजराती के स्थान पर यह पत्र हिंदी में प्रकाशित होने लगा क्यों कि आमतौर पर सभी भारतीय लोगों को हिंदी आसानी से समझ में आती थी। इसके बाद ही मारीशस में हिंदी का विकास हुआ। इस दृष्टि से वे मारीशस के पहले हिंदी विद्वान माने जाते हैं। इसके बाद अनेक लोगों ने अध्यापन, पत्रकारिता और लेखन द्वारा मारीशस में हिंदी का विकास किया। इन लोगों में प्रमुख नाम हैं- मुकेश्वर चुन्नी, पं. आत्माराम विश्वनाथ, पं. लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी रसपुंज, पं. रामावध शर्मा, पं. काशीनाथ किष्टो, पं. नरसिंहदास, श्री जयनारायण राय, प्रो॰ वासुदेव विष्णुदयाल, डॉ॰ सर शिवसागर रामगुलाम, प्रो॰ राम प्रकाश, बैरिस्टर सोमदत्त बखोरी, पं.मोहनलाल मोहित, आर्य रत्न, डॉ॰ ब्रज भारत, श्री सूर्यमंजर भगत, सर खेर जगतसिंह, स्वामी कृष्णानंद सरस्वती, श्री दुखी गंगा, श्री रामनाथ जीता, पं. रामदत्त महावीर, रामरेखा रति, पं. श्रीनिवास जगदत्त, पं. उमाशंकर जगदत्ता, पं. दौलत शर्मा, श्री दयानंदलाल वसंतराय, अभिमन्यु अनत आदि। .

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मॉरिशस

मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस

हिन्दी प्रचारिणी सभा की स्थापना मॉरीशस में १९२५ में हिन्दी की विधिवत शिक्षा के लिए हुई जिसके प्रथम अध्यक्ष मुक्ताराम चटर्जी थे। इस सभा ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई। सभा हिन्दी साहित्य सम्मेलन की साहित्यरत्न परीक्षाएँ भी आयेजित करती है। हिन्दी प्रचारिणी सभा एक शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था है। यह लांग माउण्टेन (Long Mountain) में स्थित है। इसका ध्येयवाक्य है ‘भाषा गई तो संस्कृति गई'। इसकी स्थापना 12 जून 1926 को हुई थी। उस समय इसका नाम 'तिलक विद्यालय' था जो भारत के महान शिक्षाशास्त्री एवं स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक के नाम पर था। तिलक विद्यालय की स्थापना के पीछे मुक्तराम बोलराम चटर्जी और मुंगुर बंधु थे जिन्हें बाद में 'भगत' नाम से प्रसिद्धि मिलि। बाद में यही विद्यालय 'हिन्दी प्रचारिणी सभा' बना। कुछ समय बाद हिन्दी प्रचारिणी सभा ने क्रीव कूर (Creve Coeur) में 'सरस्वती पाठशाला' की स्थापना की। इसमें कन्याओं के लिए पूर्णकालोक हिन्दी कक्षाएँ लगने लगीं। श्री सूर्य प्रसाद मुंगुर भगत हिन्दी प्रचारिणी सभा द्वारा नियुक्त प्रथम अध्यापक थे। उनके बाद श्री नेमनारायण गुप्त अध्यापक नियुक्त हुए। .

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