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हिन्दी बाल साहित्य

सूची हिन्दी बाल साहित्य

हिन्दी बाल साहित्य की बहुत समृद्ध परम्परा हॅ। बाल साहित्य के अन्तर्गत वह समस्त साहित्य आता है जिसे बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर लिखा गया हो। बाल साहित्य में रोचक कहानियाँ एवं कविताएँ प्रमुख हैं। 'रवीद्रनाथ टैगोर का बाल साहित्य' नाम से बच्चों के लिए लिखी गईं उनकी कुछ कविताएँ और कहानियाँ दो भागों में प्रकाशित हुई हैं। हिन्दी बालसाहित्य मे मुख्यतः सामाजिक प्राचीन परंपरा की शिक्षा बच्चों को दी जाती है| बहुत सी कविताएं हमारे समाज मे बिखरी हुई है, जिसका संकलन ओर प्रकाशन अभी भी श्रुति - परंपरा से हो रहा है| जैसे- बालो हम जगदानन्द, नमे बाला सरस्वती| साते भवतु सुप्रीत देवी शिखर वासिनी इत्यादि| इस तरह की बाल सुलभ कविताएं बच्चों को सुलभ ग्राह्य होती है|बच्चों का कोमल हृदय माता और प्रकृति से ज्यादा ग्रहण करता है| हिन्दी में बाल साहित्य का एक बङा स्रोत पंचतंत्र की कथाएँ हैं। बाल गीत कविताओं में महाराणा प्रताप का घोड़ा, झाँसी की रानी बच्चों को प्रेरित करतीं आईं हैं। .

5 संबंधों: चन्दामामा (बाल पत्रिका), पञ्चतन्त्र, बाल साहित्य, रानी लक्ष्मीबाई, हिन्दी

चन्दामामा (बाल पत्रिका)

चन्दामामा बच्चों व युवाओं पर केंद्रित एक लोकप्रिय मासिक पत्रिका है जिसमें भारतीय लोककथाओं, पौराणिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित कहानियाँ प्रकाशित होती हैं। 1947 में इस पत्रिका की स्थापना दक्षिण भारत के नामचीन फिल्म निर्माता बी नागी रेड्डी ने की, उनके मित्र चक्रपाणी पत्रिका के संपादक बने। 1975 से नागी रेड्डी के पुत्र विश्वनाथ इस का संपादन करते हैं। मार्च 2007 में मुम्बई स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी जीयोडेसिक ने पत्रिका समूह का अधिग्रहण कर लिया। जुलाई 2008 में समूह ने अपनी वेबसाईट पर हिन्दी, तमिल व तेलगु में पत्रिका के पुराने अंक उपलब्ध कराने आरंभ किये। .

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पञ्चतन्त्र

'''पंचतन्त्र''' का विश्व में प्रसार संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। यद्यपि यह पुस्तक अपने मूल रूप में नहीं रह गयी है, फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी रचना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आस- पास निर्धारित की गई है। इस ग्रंथ के रचयिता पं॰ विष्णु शर्मा है। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जब इस ग्रंथ की रचना पूरी हुई, तब उनकी उम्र लगभग ८० वर्ष थी। पंचतंत्र को पाँच तंत्रों (भागों) में बाँटा गया है.

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बाल साहित्य

बच्चों की एक पुस्तक का मुखपृष्ठ बाल साहित्य छोटी उम्र के बच्चो को ध्यान में रख कर लिखा गया साहित्य होता है। .

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रानी लक्ष्मीबाई

रानी लक्ष्मीबाई (जन्म: 19 नवम्बर 1828 के अनुसार रानी लक्ष्मीबाई की जन्मतिथि 19 नवम्बर 1835 है – मृत्यु: 18 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ़ 23 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से जद्दोजहद की और रणभूमि में उनकी मौत हुई थी। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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