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हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

सूची हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्‍टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्‍यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .

92 संबंधों: चाणक्य (फॉण्ट), चिट्ठा, चिट्ठा विश्व, चिट्ठाजगत.इन, चित्रांकन, चीनी, ट्विटर, एंड्रॉइड (प्रचालन तंत्र), डॉस, तरकश.कॉम, देवनागरी, नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर), निरन्तर, परिचर्चा फोरम, प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी, पूर्णिमा वर्मन, पॉडभारती, फॉण्ट परिवर्तक, बरह, बरह आइऍमई, ब्लॉगवाणी, भारतीय रुपया चिह्न, माइक्रोसॉफ़्ट, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, मंगल (फॉण्ट), मुद्रलिपि, मुलायम सिंह यादव, मोबाइल फ़ोन, मोज़िला फायरफॉक्स, यूनिनागरी (सम्पादित्र), यूनिकोड, रघु (फॉण्ट), रेड हैट, रेमिंगटन (हिन्दी कुञ्जीपटल), लिनक्स, लोहित (फॉण्ट), शब्द संसाधक, श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर, सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि), सर्वज्ञ विकि, सियोल, सुशा (फॉण्ट), स्थानीकरण (सॉफ्टवेयर), सी (प्रोग्रामिंग भाषा), सी++, सी-डैक, हिन्दी, हिन्दी चिट्ठाजगत, हिन्दी टंकण, ..., हिन्दी टूलकिट, हिन्दी दिवस, हिन्दी विकिपीडिया, हिन्दी कम्प्यूटरी, हिन्दीपैड, जावा, जावास्क्रिप्ट, वर्डस्‍टार, विंडोज़ 98, विंडोज़ ऍक्सपी, विंडोज़ विस्टा, विंडोज़ २०००, विकि, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, वेब ब्राउज़र, वेबदुनिया, गिरगिट (लिप्यन्तरण), गूगल बुक्स, गूगल आइऍमई, गूगल अनुवाद, ओसीआर, आलोक कुमार, आईओएस, आइट्राँस, इण्डिक ऍक्सपी, इण्डिक यूनिकोड, इण्डिक आइऍमई, इण्डिक कम्प्यूटिंग, इनपुट विधि, इन्स्क्रिप्ट, इब्रानी भाषा, इस्की, कविताकोश, कंप्यूटर, कुञ्जीपटल, कृतिदेव (फॉण्ट), कोरियाई भाषा, अडोबी पेजमेकर, अनुवाद, अंतरजाल, अक्षरग्राम नेटवर्क, ९-२-११ सूचकांक विस्तार (42 अधिक) »

चाणक्य (फॉण्ट)

चाणक्य एक नॉन-यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह डीटीपी के कार्य हेतु काफी प्रचलित है। इसका उपयोग समाचार-पत्रों तथा पुस्तकों की छपायी में बहुतायत में होता है। .

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चिट्ठा

चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।। चिट्ठाजगत संकलक हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक संवादात्मक (इंटरैक्टिव) प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं (आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं। अंग्रेजी शब्द ब्लॉग वेब लॉग (web log) शब्द का सूक्ष्म रूप है, इसे एक आरम्भिक ब्लॉगर द्वारा मजाक में वी ब्लॉग (We blog) की तरह प्रयोग किया गया था, बाद में इसका केवल 'ब्लॉग' (blog) शब्द रह गया तथा बाद में यह शब्द इण्टरनेट पर प्रचलित हो गया। हिन्दी शब्द 'चिट्ठा' पहले हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित किया गया था जो कि अब इण्टरनेट पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। यह शब्द अब गूगल द्वारा भी अपने शब्दकोश में शामिल किया जा चुका है। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे या या आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना। एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी सूक्ष्म चिट्ठाकारी कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं। दिसंबर २००७ तक, चिट्ठा सर्च इंजिन टेक्नोरैटी द्वारा ११२,०००,००० चिट्ठे ट्रैक किये जा रहे थे। आज के संगणक जगत में चिट्ठा का भारी चलन चल पड़ा है। कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियों के चिट्ठा लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं और उन पर अपने विचार भी भेजते हैं। चिट्ठों पर लोग अपने पसंद के विषयों पर लिखते हैं और कई चिट्ठे विश्व भर में मशहूर होते हैं जिनका हवाला कई नीति-निर्धारण मुद्दों में किया जाता है। चिट्ठा का आरंभ १९९२ में लांच की गई पहली जालस्थल के साथ ही हो गया था। आगे चलकर १९९० के दशक के अंतिम वर्षो में जाकर चिट्ठाकारी ने जोर पकड़ा। आरंभिक चिट्ठा संगणक जगत संबंधी मूलभूत जानकारी के थे। लेकिन बाद में कई विषयों के चिट्ठा सामने आने लगे। वर्तमान समय में लेखन का हल्का सा भी शौक रखने वाला व्यक्ति अपना एक चिट्ठा बना सकता है, चूंकि यह निःशुल्क होता है और अपना लिखा पूरे विश्व के सामने तक पहुंचा सकता है। चिट्ठों पर राजनीतिक विचार, उत्पादों के विज्ञापन, शोधपत्र और शिक्षा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। कई लोग चिट्ठों पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कर के दूसरों को भेजते हैं। इन शिकायतों में दबी-छुपी भाषा से लेकर बेहद कर्कश भाषा तक प्रयोग की जाती है। वर्ष २००४ में चिट्ठा शब्द को मेरियम-वेबस्टर में आधिकारिक तौर पर सम्मिलित किया गया था। कई लोग अब चिट्ठों के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क में रहने लग गए हैं। इस प्रकार एक तरह से चिट्ठाकारी या चिट्ठाकारी अब विश्व के साथ-साथ निजी संपर्क में रहने का माध्यम भी बन गया है। कई कंपनियां आपके चिट्ठों की सेवाओं को अत्यंत सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं देने लग गई हैं। .

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चिट्ठा विश्व

चिट्ठा विश्व चिट्ठा विश्व हिन्दी का पहला ज्ञात ब्लॉग एग्रीगेटर था। इसे हिन्दी चिट्ठाकार द्वारा जून 2004 में बनाया गया था। इसने हिन्दी चिट्ठाकारी के आरम्भिक दिनों में हिन्दी चिट्ठाकारों को एकजुट करने तथा हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिट्ठा विश्व नामक मुफ्त जावा होस्टिंग सेवा पर होस्ट था। दिसम्बर 2006 के आसपास यह सेवा तकनीकी रूप से बाधित हो गई। इसके साथ चिट्ठा विश्व भी इतिहास का एक हिस्सा बन कर रह गया। अक्टूबर 2007 में माईजावासर्वर कुछ हद तक फिर सुचारु हुई तो चिट्ठा विश्व भी पुनः लाइव हो गया। हालांकि अब इसका अद्यतनीकरण नहीं होता है। शुरुआत में जब महज पाँच-दस चिट्ठे हुआ करते थे तब चिट्ठाकार एक-दूसरे के चिट्ठों पर जाकर ताज़ा सामग्री पढ़ लिया करते थे। संख्या बढ़ने पर इस कल्पना ने जन्म लिया कि अलग-अलग चिट्ठों पर होने वाले अपडेट की सूचना एक ही जगह मिला करे। इसी कल्पना ने चिट्ठा-विश्व का रूप लिया। चिट्ठा-विश्व के बारे देबाशीष बताते हैं:चिट्ठा-विश्व पूर्णतः हैंडब्लेंडेड जावा कोड पर आधारित था, इसमें किसी विजेट या बने बनाए कोड का प्रयोग नहीं किया गया (न ही हो सकता था)। डेटा रखने हेतु इसमें किसी प्रकार के डेटाबेस का नहीं बल्कि रिसोर्स बण्डल का प्रयोग किया गया। तथा की मुफ्त सुविधा पर निर्भर ये सेवा ज़ाहिर तौर पर धीमी थी। नारद के जन्म के बाद ये ठप्प सा पड़ गया और फिर माईजावासर्वर की कृपा से बन्द। इसमें चिट्ठाकारों के प्रोफाईल, ब्लॉगजगत के आँकड़ें, रोचक तथ्य और टैगक्लाउड जैसी सुविधायें थीँ। नेपाली, मराठी व गुजराती जैसी अन्य भारतीय भाषाओं को जोड़ने की योजना भी थी। विगत एक साल से ये जालस्थल बन्द था, किसी नेकदिल ने शायद पुनः पैबन्द लगा कर इसे चालू कर दिया। साइडबार पर लगे चिट्ठों की सूची में पहले सभी चिट्ठों के नाम होते थे, जिसे चिट्ठों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण अब कर पाना असंभव है। .

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चिट्ठाजगत.इन

चिट्ठाजगत.इन एक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग यानि चिट्ठों की एक ऍग्रीगेटर सेवा है जो कि विभिन्न हिन्दी चिट्ठों पर प्रकाशित होने वाली पोस्टों को एक जगह पर दिखाती है। पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें सर्च इंजन एवं डाइरॅक्ट्री भी निहित हैं। चिट्ठाजगत.इन की शुरुआत सन् 2007 में आलोक कुमार एवं डॉ॰ विपुल जैन द्वारा की गई। यह पीऍचपी में बनाया गया है। यह अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है जिनमें निम्न शामिल हैं:-.

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चित्रांकन

चित्रांकन सी-डैक द्वारा विकसित एक हिन्दी ओसीआर है। यह इमेज से अथवा स्कैनर से छपे हुये हिन्दी टैक्स्ट को प्रोसैस कर उसे डिजिटल यूनिकोड हिन्दी टैक्स्ट रूप में बदलता है। .

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चीनी

* चीनी भाषा, चीन में बोली जाने वाली भाषा.

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ट्विटर

कोई विवरण नहीं।

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एंड्रॉइड (प्रचालन तंत्र)

एन्ड्रॉयड गूगल द्वारा विकसित एक मुक्त स्रोत (ओपन सोर्स) मोबाइल प्रचालन तन्त्र है जो लिनक्स पर आधारित है। एन्ड्रॉयड का विकास मुख्य रूप से स्पर्श पटल (टच स्क्रीन) मोबाइल के लिये किया गया था जिसे प्रायः स्मार्टफोन भी कहा जाता है, किन्तु इसका प्रयोग टेबलेट कंप्यूटर में भी किया जाता है और अब कार, टीवी, कलाई घड़ियों, नोटबुक, गेमिंग कन्सोल, डिजिटल कैमरा, आदि में भी एन्ड्रॉयड (ओएस) का उपयोग हो रहा है। इस प्रचालन तन्त्र में सब कुछ स्पर्श आधारित है जैसे वर्चुअल की–बोर्ड, स्वाइपिंग, टैपिंग, पिंचिंग इत्यादि जो दैनिक प्रयोग की भंगिमाओं से काफ़ी मिलते जुलते हैं। इसमें में मोबाइल गेम, कैमरा आदि अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिनके कारण एन्ड्रॉयड वर्तमान समय में सर्वाधिक उपयोग होने वाला प्रचालन तन्त्र बन गया है। एन्ड्रॉयड तन्त्र के सोर्स कोड को गूगल ने मुक्त स्रोत लाइसेन्स के अन्तर्गत रिलीज़ किया था किन्तु अधिकांश एन्ड्रॉयड आधारित युक्तियाँ(डिवाइसेज़) निःशुल्क, मुक्त एवं स्वामित्व सॉफ़्टवेयर सामग्री के संयोजन में आती हैं। .

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डॉस

डॉस DOS (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) एक पुराना संगणक संचालन प्रणाली है जो कि विण्डोज़ संचालन प्रणाली के आने से पहले प्रचलन में था। बाद में इसको माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया तथा इसका नामकरण ऍमऍस-डॉस किया। .

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तरकश.कॉम

तरकश समूह हिन्दी चिट्ठाकारों का एक प्रगतिशील समूह है। तरकश के संस्थापक संजय बेंगाणी ने इस समूह को अगस्त 2005 में शुरू किया था। तब उन्होने अपना पहला चिट्ठा जोगलिखी लिखना शुरू किया था। इस छोटी सी शुरूआत के बाद तरकश उत्तरोत्तर प्रगति करता गया है। 25 अगस्त 2006, को तरकश.कॉम हिन्दी के पहले ज्ञानरंजन पोर्टल के रूप में रीलाँच किया गया। तरकश पर तरकश पेनल के लेखकों तथा अन्य अतिथि लेखकों के द्वारा लिखित आलेख प्रकाशित किए जाते हैं। तरकश पर समाज, मनोरंजन, सिनेमा, तकनीक, स्वास्थ्य, जीवन शैली, हास्य व्यंग्य, साहित्य, विज्ञापन जगत, मीडिया इत्यादि कई विभाग हैं। तरकश का पॉडकास्ट और ब्रॉडकास्टिंग विभाग बहुत लोकप्रिय है, तथा इसका संज्ञान कई समाचार पत्रों द्वारा लिया जाता रहा है। तरकश समूह इस संजाल को और बेहतर बनाने के प्रति सदैव कार्यरत रहता है। भविष्य में कई अन्य सेवाओं को भी इस संजाल में शुरू किया जाना है। तरकश का संचालन अहमदाबाद, भारत से होता है, तथा तरकश की ऑफिस अहमदाबाद तथा एंटारियो, कनाडा स्थित है। तरकश के अन्य तीर:: नुक्कड तरकश समूह का फोरम है। यहाँ पर प्रयोक्ता विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।: रसोई, तरकश समूह की रेसेपी साइट है। यहाँ भारत भर के विभिन्न प्रांतो की व्यंजन विधियाँ रखी गई हैं।: युवाओं के द्वारा युवाओं के लिए बनाया गया अंग्रेजी पोर्टल है। तरकश की ही तर्ज पर आधारित यह पोर्टल कैरियर, जीवनशैली और मनोरंजन जगत की ख़बरें परोसता है।: दर्शकों को अपने वीडियो प्रदर्शित करने की सुविधा देता है। इस विभाग के माध्यम से दर्शक अपनी पसंद के वीडियो प्रदर्शित श्रेणियों में से चुन सकते हैं।.

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)

नारद एक पुराना एवं अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर है। यह हिन्दी चिट्ठाजगत में प्रकाशित सभी प्रविष्टियों को एक ही जगह एकीकृत रूप में दिखाने का उपाय है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

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निरन्तर

right निरंतर हिन्दी चिट्ठाकारों के एक समूह द्वारा प्रकाशित विश्व की पहली ज्ञात हिन्दी ब्लॉगज़ीन और जाल-पत्रिका थी। गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाने वाली इस पत्रिका के प्रकाशकों का दावा था कि यह पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका देती है। निरंतर की स्थापना 2005 में की गई, पहले यह पंकज नरूला द्वारा स्थापित अक्षरग्राम डोमेन के अंतर्गत प्रकाशित होती थी परंतु बाद में अपने ही डोमेन से प्रकाशित होने लगी। जाल पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोग के मद्देनज़र यह प्रयास शुरु किया गया था। निरंतर से जुड़े लोग वैसे तो चिट्ठाकारी से जुड़े थे पर यह पत्रिका उनके औपचारिक लेखन को प्रस्तुत करने का एक मंच बनी। अगस्त 2005 में निरंतर का प्रकाशन 6 अंकों के उपरांत बंद हो गया था। 1 साल बाद अगस्त 2006 में इसका प्रकाशन नये कलेवर में दुबारा शुरु हुआ और अगस्त, अक्टूबर व दिसम्बर में तीन अंक प्रकाशित होने के बाद बंद हो गया। मई 2007 से जुलाई 2008 के मध्य इसके अंक यदा कदा पुनः प्रकाशित हुये। पत्रिका के कुल दस अंक प्रकाशित हुये हैं। जनवरी 2009 में निरंतर पत्रिका को बंद कर इसके प्रकाशन मंडल ने इसे एक नई जालपत्रिका सामयिकी में सामहित करने की घोषणा की। निरंतर के मानद मुख्य संपादक हैं अनूप शुक्ला। पत्रिका का प्रकाशन व प्रबंध संपादन इसके संस्थापक देबाशीष चक्रवर्ती करते हैं। निरंतर के कोर संपादन टीम में शामिल हैं डॉ सुनील दीपक, रविशंकर श्रीवास्तव, रमण कौल, अतुल अरोरा, प्रत्यक्षा, शशि सिंह, ईस्वामी, पंकज नरूला, जीतेन्द्र चौधरी और आलोक कुमार। .

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परिचर्चा फोरम

परिचर्चा अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित इण्टरनेट की पहली हिन्दी फोरम (बुलेटिन बोर्ड) थी जो पूर्णतया देवनागरी लिपि में थी। .

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प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी

रघुनाथ कृष्ण जोशी रघुनाथ कृष्ण जोशी (1936 – 2008) कैलिग्राफर, डिजाइनर, कवि एवं शिक्षक थे। वे देवनागरी के मंगल फॉण्ट के जनक थे। उनकी वजह से आज से हिन्दी और मराठी जैसी भाषाओं को इंटरनेट पर एक अलग पहचान मिली। वे वैदिक संस्कृत लिपि को मान्यता देने संबंधी एक प्रस्ताव लेकर अमरीका गए थे और वहाँ एअरपोर्ट पर ही उनका निधन हो गया। उन्होने भारत की सभी लिपियों का अध्ययन करके 'देशनागरी' नामक लिपि विकसित की। वे भारतीय लिपियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु सुन्दर फॉण्ट डिजाइन करने वाले, टाइपोग्राफर तथा कैलिग्राफर थे। वे देवनागरी लिपि हेतु यूनिकोड मानकों के निर्धारण के लिए निरन्तर कार्यरत थे। श्री जोशी ने अनेकानेक फॉण्ट्स के कम्प्यूटरीकरण किए, जिसमें लिनक्स प्लेटफॉर्म में हिन्दी का रघु, तथा माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट मंगल शामिल है। प्रोफेसर जोशी भारतीय भाषाओं/लिपियों के कम्प्यूटरीकरण को पूर्णतः फोनेटिक, सरल, सपाट और एकमुखी बनाने के लिए मौलिक शोधपूर्ण सरल प्रौद्योगिकी के मानकीकरण के लिए सतत् प्रयत्नशील थे। .

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पूर्णिमा वर्मन

पूर्णिमा वर्मन (जन्म २७ जून १९५५, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश), जाल-पत्रिका अभिव्यक्ति और अनुभूति की संपादक है। पत्रकार के रूप में अपना कार्यजीवन प्रारंभ करने वाली पूर्णिमा का नाम वेब पर हिंदी की स्थापना करने वालों में अग्रगण्य है। उन्होंने प्रवासी तथा विदेशी हिंदी लेखकों को प्रकाशित करने तथा अभिव्यक्ति में उन्हें एक साझा मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण काम किया है। माइक्रोसॉफ़्ट का यूनिकोडित हिंदी फॉण्ट आने से बहुत पहले हर्ष कुमार द्वारा निर्मित सुशा फॉण्ट द्वारा उनकी जाल पत्रिकाएँ अभिव्यक्ति तथा अनुभूति अंतर्जाल पर प्रतिष्ठित होकर लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी थीं। वेब पर हिंदी को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयत्नों के लिए उन्हें २००६ में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, साहित्य अकादमी तथा अक्षरम के संयुक्त अलंकरण अक्षरम प्रवासी मीडिया सम्मान, २००८ में रायपुर छत्तीसगढ़ की संस्था सृजन सम्मान द्वारा हिंदी गौरव सम्मान, दिल्ली की संस्था जयजयवंती द्वारा जयजयवंती सम्मान तथा केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कारसे विभूषित किया जा चुका है। उनके तीन कविता संग्रह "पूर्वा", "वक्त के साथ" और "चोंच में आकाश" नाम से प्रकाशित हुए हैं। संप्रति शारजाह, संयुक्त अरब इमारात में निवास करने वाली पूर्णिमा वर्मन हिंदी के अंतरराष्ट्रीय विकास के अनेक कार्यों से जुड़ी हुई हैं। .

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पॉडभारती

पॉडभारती एक हिन्दी पॉडपत्रिका है। इसके रचयिता एवं संचालक तथा हैं। इसमें हिन्दी पॉडकास्ट विवरण सहित प्रकाशित होते हैं। पॉडभारती अप्रैल 2007 में प्रारंभ हुई। इसमें तकनालॉजी, इण्टरनेट पर भारतीय भाषाओं से संबंधित तकनीक व जानकारी तथा सामयिक विषयों और मनोरंजन से संबंधित विविध समाचार विचार प्रस्तुत किये जाते हैं। 2008 में पॉडभारती को प्रतिष्ठित तथा के लिये नामांकित किया गया। .

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फॉण्ट परिवर्तक

फॉण्ट परिवर्तक एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कि एक फॉण्ट में लिखे टैक्स्ट को दूसरे फॉण्ट में बदलता है। वास्तव में यह 'फॉण्ट परिवर्तन' के बजाय 'इनकोडिंग परिवर्तन' करते हैं। उदाहरण के लिए कृतिदेव१० को यूनिकोद में बदलने वाला परिवर्तक कृतिदेव की लिगेसी इनकोडिंग को यूनिकोड में बदल देगा। यूनिकोड फॉण्टों को फॉण्ट परिवर्तक की आवश्यकता नहीं होती, पाठ सम्पादित्र में टैक्स्ट को सलैक्ट करके फॉण्ट बदलने से ही बदल जाता है। नॉन-यूनिकोड फॉण्टों को आपस में बदलने (एक नॉन-यूनिकोड फॉण्ट को दूसरे नॉन-यूनिकोड फॉण्ट में) अथवा नॉन-यूनिकोड फॉण्ट को यूनिकोड फॉण्ट में बदलने के लिये फॉण्ट परिवर्तक प्रयोग होता है। आजकल विभिन्न फाँट से यूनिकोड फाँट में या यूनिकोड को पुराने फॉण्ट (लिगेसी फांट) में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध है। .

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बरह

बरह (कन्नड: ಬರಹ) एक सॉफ्टवेयर है जो कम्प्यूटर पर भारतीय लिपियों में लिखने की सुविधा देता है। कन्नड भाषा में 'बरह' का अर्थ 'लिखावट' है। इसका प्रथम संस्करण सन् १९९८ में आया था जो क्रमश: अधिक विकसित और उपयोगी होता गया। .

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बरह आइऍमई

बरह आइऍमई बरह नामक भारतीय भाषी टाइपिंग सॉफ्टवेयर वालों का एक टाइपिंग औजार है। यह एक वर्चुअल कीबोर्ड है जो कि बिना कॉपी-पेस्ट के झंझट के विंडोज़ में किसी भी ऍप्लीकेशन में सीधे हिन्दी में लिखने की सुविधा प्रदान करता है। पुराने संस्करणों में यह बरह के साथ ही बरह डायरॅक्ट नामक यूटिलिटी के नाम से आता था, बाद में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसे एक अलग औजार के तौर पर उपलब्ध करवाया जाने लगा। .

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ब्लॉगवाणी

ब्लॉगवाणी हिन्दी ब्लॉग यानी चिट्ठों का एक ऍग्रीगेटर है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

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भारतीय रुपया चिह्न

भारतीय रुपया चिह्न भारतीय रुपया चिह्न (₹) भारतीय रुपये (भारत की आधिकारिक मुद्रा) के लिये प्रयोग किया जाने वाला मुद्रा चिह्न है। यह डिजाइन भारत सरकार द्वारा १५ जुलाई २०१० को सार्वजनिक किया गया था। अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउण्ड, जापानी येन और यूरोपीय संघ के यूरो के बाद रुपया पाँचवी ऐसी मुद्रा बन गया है, जिसे उसके प्रतीक-चिह्न से पहचाना जाएगा। भारतीय रुपये के लिये अन्तर्राष्ट्रीय तीन अंकीय कोड (अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) मानक ISO 4217 के अनुसार) INR है। ५ मार्च २००९ को भारत सरकार ने भारतीय रुपये के लिये एक चिह्न निर्माण हेतु एक प्रतियोगिता की घोषणा की। इसके अन्तर्गत सरकार को तीन हज़ार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। यूनियन बजट २०१० के दौरान वित्त मन्त्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि प्रस्तावित चिह्न भारतीय संस्कृति को प्रकट करेगा। प्राप्त ३३३१ आवेदनों में से मनॉन्दिता कोरिया-मेहरोत्रा, हितेश पद्मशैली, शिबिन केक, शाहरुख जे ईरानी तथा डी उदय कुमार द्वारा निर्मित किये गये पाँच चिह्न शॉर्ट लिस्ट किये गये तथा उनमें से एक २४ जून २०१० को यूनियन कैबिनेट की मीटिंग में फाइनल किया जाना था। वित्त मन्त्री के अनुरोध पर निर्णय स्थगित किया गया, तथा १५ जुलाई २०१० की मीटिंग में निर्णय लिया गया तथा उदय कुमार द्वारा निर्मित चिह्न चुना गया। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की अध्यक्षता में गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने भारतीय संस्कृति और भारतीय भाषाओं के साथ ही आधुनिक युग के बेहतर सामंजस्य वाले इस प्रतीक को अन्तिम तौर पर चयन करने की सिफारिश की थी। .

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माइक्रोसॉफ़्ट

माइक्रोसॉफ्ट, विश्व की एक जानी मानी बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो मुख्यत: संगणक अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में काम करती है। माईक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी है। 100 से भी अधिक देशों में फैली इसकी शाखाओं में 70000 से भी अधिक लोग काम करते हैं। इसका वार्षिक व्यापार लगभग 20 खरब रूपयों (~ 45 बिलियन डॉलर्स) का है। कम्पनी का मुख्यालय अमेरिका में रेडमण्ड, वॉशिंगटन में स्थित है। इसकी स्थापना बिल गेट्स ने 4 अप्रैल 1975 को की थी। इसका मुख्य उत्पाद विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अलावा माईक्रोसॉफ्ट नाना प्रकार के सॉफ्टवेयर भी बनाती है। .

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माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़

माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर प्रचालन तन्त्र (सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम) और ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस की एक श्रृंखला है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ने ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में बढ़ती रुचि (GUIs) को देखते हुए नवंबर 1985 में एमएस-DOS में जोड़ने के लिए एक ऑपरेटिंग पर्यावरण पेश किया था। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, आते ही दुनिया के निजी कंप्यूटर बाजार पर हावी हो गया और इसने इससे पहले बाजार मे आये मैक-ओएस को बहुत पीछे छोड़ दिया। 2004 के IDC दिशा सम्मेलन में, यह बात सामने आयी कि ग्राहक ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार का लगभग 90% विंडोज़ के पास था। विंडोज़ का सबसे हाल के ग्राहक संस्करण विंडोज़ १० है और सबसे हाल का सर्वर संस्करण विंडोज़ सर्वर 2016 है।बिल गेट्स ने विंडोज़ के विकास मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब वह माइक्रोसॉफ्ट के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। विंडोज़ का शाब्दिक अर्थ होता है खिड़कियाँ। विंडोज़ एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज़ का उपयोग लगभग सभी व्यक्तिगत कम्प्यूटरों में होता है। इसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने किया है। .

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माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

माइक्रोसॉफ़्ट ऑफ़िस (Microsoft Office) माइक्रोसॉफ़्ट का एक लोकप्रिय ऑफिस सुइट है| माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक ऐसा पैकेज है जिसके द्वारा ऑफिस के सभी कार्य किये जा सकते हैं। हम जानते हैं ऑफिस में कई काम होते हैं जैसे पत्र का प्रारूप तैयार करना, गणना, सुचित्रित कार्य, प्रस्तुतीकरण, डाटाबेस प्रबंधन एवं ई-मेल आदि। इन सभी कार्य को कंप्यूटर के माध्यम से करने के लिए सॉफ्टवेयर का पैकेज माइक्रोसॉफ्ट ने तैयार किया है। .

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मंगल (फॉण्ट)

मंगल हिन्दी (देवनागरी लिपि) के लिये एक ओपनटाइप यूनिकोड फॉण्ट है जो कि विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट है। यह यूजर इंटरफेस फॉण्ट के तौर पर डिजाइन किया गया है। यह विंडोज़ ऍक्सपी तथा इसके उत्तरोत्तर संस्करणों (विंडोज़ विस्ता, विंडोज़ ७ आदि) में इण्डिक टैक्स्ट के वैकल्पिक समर्थन हेतु उपलब्ध करवाया गया है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली सभी भाषाओं जैसे हिन्दी, मराठी, नेपाली तथा संस्कृत हेतु विंडोज़ का डिफॉल्ट फॉण्ट है। यह माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के द्वारा विकसित तथा मैण्टेन किया जाता है। यह माइक्रोसॉफ्ट हेतु प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह विण्डोज के लिए बनाया गया था तथापि तकनीकी रूप से इसका उपयोग अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है, परन्तु यह वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध नहीं है। मंगल स्क्रीन रीडिंग के लिये बनाया गया है, इसमें छोटे फॉण्ट आकार में भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है परन्तु यह मुद्रण के कार्य हेतु उपयुक्त नहीं। मुद्रण में (विशेषकर बड़े फॉण्ट आकार में यह काफी असुन्दर लगता है)। .

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मुद्रलिपि

फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं। .

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मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव (जन्म:22 नवम्बर, 1939) एक भारतीय राजनेता हैं जो उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री व केंन्द्र सरकार में एक बार रक्षा मन्त्री रह चुके है। वर्तमान में यह भारत की समाजवादी पार्टी के मार्गदर्शक हैं। .

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मोबाइल फ़ोन

अनु-फ्लिप मोबाइल फोन के कई उदाहरण. मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है, या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS.

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मोज़िला फायरफॉक्स

मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स (बस फ़ायरफ़ॉक्स के रूप में जाना जाता है) मोज़िला फाउंडेशन और उसकी सहायक, मोज़िला निगम द्वारा, विंडोज, OS X, लिनक्स और एंड्रॉयड के लिए एक मोबाइल संस्करण के साथ विकसित किया गया एक स्वतंत्र और खुला स्रोत वेब ब्राउज़र है। फ़रवरी 2014 तक, 12% से लेकर 22% लोग दुनिया भर में फ़ायरफ़ॉक्स का उपयोग करते हैं, विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यह तीसरा सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउजर बन गया है। .

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यूनिनागरी (सम्पादित्र)

यूनिनागरी द्वारा विकसित एक भारतीय भाषाई ऑनलाइन सम्पादित्र है। इसमें हिन्दी, बांग्ला, गुजराती, पंजाबी (गुरुमुखी), कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू आदि शामिल हैं। इस सम्पादित्र में विभिन्न भारतीय भाषाओं हेतु विभिन्न कीबोर्ड लेआउट चुन सकते हैं तथा उसके प्रयोग से हिन्दी एवं अन्य भाषायें टाइप कर सकते हैं। यूनिनागकी नेपाली कीबोर्ड छाहरी से प्रेरित हैं। .

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यूनिकोड

यूनिकोड का प्रतीक-चिह्न यूनिकोड (Unicode), प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष संख्या प्रदान करता है, चाहे कोई भी कम्प्यूटर प्लेटफॉर्म, प्रोग्राम अथवा कोई भी भाषा हो। यूनिकोड स्टैंडर्ड को एपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ट सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कम्पनियों और कई अन्य ने अपनाया है। यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्स.एम.एल, जावा, एकमा स्क्रिप्ट (जावास्क्रिप्ट), एल.डी.ए.पी., कोर्बा 3.0, डब्ल्यू.एम.एल के लिए होती है और यह आई.एस.ओ/आई.ई.सी. 10646 को लागू करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड की उत्पति और इसके सहायक उपकरणों की उपलब्धता, हाल ही के अति महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी रुझानों में से हैं। यूनिकोड को ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है। इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है। .

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रघु (फॉण्ट)

रघु एक मुफ्त यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह लिनक्स के लिए बनाया गया था तथापि इसका उपयोग विंडोज़ समेत अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है। बीबीसी हिन्दी की पर उपलब्ध फॉण्ट इंस्टालर में भी इसी का प्रयोग किया गया है। रघु डाउनलोड एवं वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध है। .

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रेड हैट

रेड हैट, इन्कार्पोरेशन (Red Hat, Inc.) अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कम्पनी है जो कम्पनियों को मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराती है एवं उससे सम्बन्धित सेवायें प्रदान करती है। इसकी स्थापना १९९३ में हुई थी। इसका मुख्यालय उत्तरी कैरोलिना के रैले (Raleigh, North Carolina) में स्थित है और छोटे-छोटे अन्य कार्यालय विश्व के विभिन्न भागों में स्थित हैं। इसके उत्पादों में रेडहैट इंटरप्राइस़ लिनक्स तथा फ़ेडोरा शामिल हैं। .

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रेमिंगटन (हिन्दी कुञ्जीपटल)

रेमिंगटन (Remington) एक टच टाइपिंग प्रणाली है। यह हिन्दी टाइपिंग की सबसे पुरानी विधि है। इसके लिए पहले से टाइपराइटर पर हिन्दी टाइपिंग सीखी होनी चाहिए। कंप्यूटर पर इस प्रणाली से टाइपिंग सीखना मुश्किल कार्य है। यह सिर्फ उनके लिए उपयोगी है जिन्होंने पहले से टाइपराइटर पर हिन्दी टाइपिंग सीखी हो तथा इसके अभ्यस्त हों। हाँ यदि आप पहले से रेमिंगटन टाइपिंग जानते हों तब यह आपके लिए एकदम सही है। यह विधि अब काफी हद तक समयातीत (आउटडेटेड) हो चुकी है तथा नए सिरे से हिन्दी टाइपिंग सीखने वालों के लिए उपयोगी नहीं है। आजकल इसका प्रयोग मुख्य रूप से नॉन-यूनिकोड ग्राफिक्स तथा डीटीपी (डेस्कटॉप पब्लिशिंग) प्रोग्रामों में किया जाता है। कृतिदेव एक प्रसिद्ध तथा प्रचलित रेमिंगटन फॉण्ट है। .

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लिनक्स

लिनक्स यूनिक्स जैसा एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है।मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है। यूनिक्स का विकास, 1960 के दशक में ऐ.टी.&टी. की बेल प्रयोगशाला के द्वारा किया गया। उस समय ऐ.टी.&टी.

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लोहित (फॉण्ट)

लोहित लिनक्स हेतु एक भारतीय भाषायी यूनिकोड फॉण्ट परिवार है। यह उबुंटू, रैड हैट, फेडोरा आदि कई लिनक्स वितरणों में डिफॉल्ट भारतीय भाषायी फॉण्ट होता है। यह रैड हैट द्वारा विकसित किया गया था तथा वर्तमान में फेडोरा परियोजना की देख-रेख में है। लोहित स्पष्ट बनावट वाला फॉण्ट हैं जो कि छोटे फॉण्ट आकार में भी पठनीय हैं। लोहित देवनागरी हिन्दी, संस्कृत आदि देवनागरी लिपि वाली भाषाओं हेतु फॉण्ट है। लोहित देवनागरी में देवनागरी संयुक्ताक्षर अन्य हिन्दी फॉण्टों की तुलना में काफी सही रूप में प्रकट होते हैं। यह भारतीय रुपया चिह्न को शामिल करने वाले पहले यूनिकोड फॉण्टों में से एक था। .

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शब्द संसाधक

शब्द संसाधक अथवा वर्ड प्रोसैसर ऐसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिसमें पाठ का सम्पादन एवं प्रसंस्करण किया जा सके। .

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श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर

श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कि श्रुतलेखन द्वारा वाक को पाठ में बदलता है अर्थात कम्प्यूटर पर माइक में बोले गई ध्वनि को टैक्स्ट रूप में बदलता है। इसे स्पीट टू टैक्स्ट सॉफ्टवेयर भी कहते हैं। यह स्पीच रिकॉग्नीशन तकनीक पर कार्य करता है। .

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सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि)

यू.आर.एल एवं यू आर एन के बीच का संबंध। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि) (युनिफॉर्म रिसोर्स लोकेशन) युनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (यू आर आई) का एक सबसेट होता है, जिससे ये ज्ञात होता है, कि एक आइडेन्टिफाइड रिसोर्स एवं उसे पुनर्प्राप्त करने का तरीका कहाँ उपलब्ध है। प्रचलित अनुप्रयोगों एवं कई तकनीकी दस्तावेजों एवं मौखिक चर्चाओं में इसे प्रायः गलत रूप में स्रोनि (यू.आर.आई) के समानार्थी रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका सर्वज्ञात उदाहरण विश्वव्यापी वेब पर किसी जालपृष्ठ का पता होता है। .

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सर्वज्ञ विकि

सर्वज्ञ विकि का लोगो सर्वज्ञ हिन्दी चिट्ठाकारों का एक सामुदायिक विकि है। यह हिन्दी भाषा, हिन्दी ब्लॉगिंग तथा हिन्दी कम्प्यूटिंग पर केन्द्रित है। यह अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है। .

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सियोल

सियोल दक्षिण कोरिया की राजधानी है। यह शहर हान नदी के किनारे बसा है। सियोल दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा शहर है। .

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सुशा (फॉण्ट)

सुशा एक नॉन-यूनिकोड हिन्दी ट्रू टाईप फॉन्ट है जो हर्ष कुमार ने मार्च 1997 में अंतर्जाल पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवाया था। सुशा का प्रारंभिक बीटा संस्करण दिसंबर १९९५ में बना। इसे तीन फ़ॉन्टों के संगठित स्वरूप में तैयार किया गया था जिसका एक स्वरूप सामान्य और दो कलात्मक थे। इन्हें क्रमशः Shusha.ttf, Shusha02.ttf तथा Shusha05.ttf नाम दिया गया था। इसका प्रयोग माईक्रोसॉफ्ट ऑफिस पर हिन्दी, मराठी, नेपाली, संस्कृत तथा गुजराती लिखने तथा इंटरनेट पर भी किया जा सकता था। बाद में इसके पंजाबी और बंगाली संस्करण भी तैयार किए गए। सुशा फॉन्ट के मुफ़्त उपलब्ध होने से हिन्दी के अनेक जालस्थलों ने बड़ी सफलता के साथ इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। इसमें अनेक व्यक्तिगत जालघरों के अतिरिक्त कुछ साहित्यिक साइटें काफ़ी लोकप्रियता के साथ विकास में आईं जिनमें काव्यालय, बोलोजी, अभिव्यक्ति तथा अनुभूति प्रमुख थीं। इसके अतिरिक्त सुशा का इस्तेमाल डेस्कटॉप पब्लिशिंग (डीटीपी) में भी प्रचुरता से हुआ है। कालांतर में खोज इंजनों पर प्राथमिकता पाने की चाह व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा हेतु हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के जालघर अहिस्ता अहिस्ता यूनीकोड का उपयोग करने लगे हैं। विंडोज़ एक्सपी जैसे उपयुक्त आपरेटिंग सिस्टम व फाँट डाउनलोड करने के झंझट से मुक्ति के अलावा उपयोग में सरलता ट्रू टाईप फाँट्स से दुराव व यूनीकोड की और बढ़ने के कारण बने हैं। .

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स्थानीकरण (सॉफ्टवेयर)

इतालवी भाषा में स्थानीकृत ''उबन्तू'' का स्क्रीनशॉट किसी सॉफ्टवेयर उत्पाद को किसी भौगोलिक क्षेत्र (जैसे देश, राज्य, भाषा) की भाषायी, सांस्कृतिक एवं तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तित करने या ढ़ालने को उस सॉफ्टवेयर का स्थानीकरण (localization) कहते हैं। ऐसे बहुत से लोकप्रिय सॉफ्टवेयर हैं जो दुनिया की अनेक भाषाओं में 'प्रयोक्ता इन्टरफेस', 'सहायता' एवं अन्य सुविधाएँ प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिये लिनक्स एवं फायरफाक्स का हिन्दी सहित अनेकानेक भाषाओं में स्थानीकरन हो चुका है। .

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सी (प्रोग्रामिंग भाषा)

'''सी''' प्रोग्रामन भाषा के रचयिताओं की लिखी पुस्तक का मुखपृष्ठ। सी (C) एक सामान्य उपयोग में आने वाली कम्प्यूटर की प्रोग्रामन भाषा है। इसका विकास डेनिस रिची ने बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला में सन् १९७२ में किया था जिसका उद्देश्य यूनिक्स संचालन तंत्र का निर्माण करना था। इस समय (२००९ में) 'सी' पहली या दूसरी सर्वाधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है। यह भाषा विभिन्न सॉफ्टवेयर फ्लेटफार्मों पर बहुतायत में उपयोग की जाती है। शायद ही कोई कम्प्यूटर-प्लेटफार्म हो जिसके लिये सी का कम्पाइलर उपलब्ध न हो। सी++, जावा, सी#(C-Sharp) आदि अनेक प्रोग्रामन भाषाओं पर सी भाषा का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है। .

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सी++

सी++ (C++; उच्चारण: सी प्लस-प्लस) एक स्थैतिक टाइप, स्वतंत्र-प्रपत्र, बहु-प्रतिमान संकलित, सामान्य प्रयोजन प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक मध्यस्तरीय भाषा के रूप में जानी जाती है, क्योंकि यह दोनों उच्च स्तर और निम्न स्तर की भाषा सुविधाओं का एक संयोजन है। यह जार्न स्तार्स्तप द्वारा विकसित सी भाषा की वृद्धि के रूप में बेल लेबोरेटरीज में 1979 में शुरू किया गया था। इस भाषा का मूल नाम सी विथ क्लासेस था, जिसे १९८३ में बदल कर सी++ कर दिया गया। यह एक आब्जेक्ट उन्मुखी (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड) भाषा है। .

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सी-डैक

प्रगत संगणन विकास केन्द्र (Centre for Development of Advanced Computing अथवा सी-डैक) भारत की एक अर्धसरकारी सॉफ्टवेयर कम्पनी है। सी-डैक का शुरुआत में मुख्य उद्देश्य स्वदेशी महासंगणक बनाना था। वर्तमान में यह सॉफ्टवेयर एवं इलैक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक नामी कम्पनी है। हिन्दीजगत में यह मुख्य रूप से भाषाई कम्प्यूटिंग सम्बंधी विकास कार्यों के लिये जानी जाती है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी चिट्ठाजगत

हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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हिन्दी टंकण

कम्प्यूटर, मोबाइल एवं अन्य कम्प्यटिंग डिवाइसों पर हिन्दी में टाइप करने के लिये विविध तरीके प्रयोग किये जाते हैं। इनमें विविध प्रकार की टाइपिंग, विविध प्रकार के कीबोर्ड एवं सॉफ्टवेयर शामिल हैं। .

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हिन्दी टूलकिट

हिन्दी टूलकिट विंडोज़ में हिन्दी समर्थन सक्षम करने हेतु हिमांशु सिंह नामक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा विकसित एक टूल है। यह एक इंस्टालर है जो कि बिना विंडोज़ सीडी की आवश्यकता के विंडोज़ में हिन्दी के लिये समर्थन सक्षम कर देता है। हिन्दी टूलकिट में हिन्दी समर्थन हेतु इंस्टालर एवं हिन्दी इण्डिक आइऍमई शामिल हैं। स्थापना के उपरान्त कण्ट्रोल पैनल में Regional and language options में जाकर बस हिन्दी आइऍमई का कीबोर्ड जोड़ना होता है। यह कीबोर्ड स्वयं नहीं जोड़ सकता तथा प्रयोक्ता को मैनुअली जोड़ना पड़ता है। इण्डिक ऍक्सपी हिन्दी टूलकिट जैसा एक अन्य इंस्टालर है जो कि इण्डिक सपोर्ट इंस्टाल करने के अलावा वाँछित कीबोर्ड भी स्वतः जोड़ देता है। .

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हिन्दी दिवस

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

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हिन्दी विकिपीडिया

हिन्दी विकिपीडिया, विकिपीडिया का हिन्दी भाषा का संस्करण है, जिसका स्वामित्व विकिमीडिया संस्थापन के पास है। हिन्दी संस्करण जुलाई २००३ में आरम्भ किया गया था और १ दिसम्बर २०१६ तक इस पर लेख और लगभग पंजीकृत सदस्य हैं। ३० अगस्त २०११ के दिन यह एक लाख लेखों का आँकड़ा पार करने वाला प्रथम भारतीय भाषा विकिपीडिया बना। यह लेखों की संख्या, सक्रिय सदस्यों, प्रयोक्ताओं की संख्या, सम्पादनों इत्यादि के आधार पर भारतीय भाषाओं में उपलब्ध विकिपीडिया का सबसे बड़ा संस्करण है और सभी संस्करणों में पचपनवाँ। और इसे मुख्यतः हिन्दी भाषी लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिया बनाया गया था। चूँकि हिन्दी विकिपीडिया इण्डिक स्क्रिप्ट (देवनागरी) का प्रयोग करता है इसलिए इसमें जटिल पाठ प्रतिपादन सहायक की आवश्यकता पड़ती है। विकिपीडिया पर ध्वन्यात्मक रोमन वर्णमाला परिवर्तक उपलब्ध है, इसलिए बिना किसी विशेष हिन्दी टाइपिंग सॉफ्टवेर डाउनलोड किये रोमन कुंजीपटल का उपयोग देवनागरी में टंकण करने के लिए किया जा सकता है। .

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हिन्दी कम्प्यूटरी

हिन्दी कम्प्यूटरी (हिन्दी कम्प्यूटिंग), भाषा कम्प्यूटरी का एक प्रभाग है जो हिन्दी भाषा से सम्बन्धित सकल कार्यों को संगणक, मोबाइल या अन्य डिजिटल युक्तियों पर कर पाने से सम्बन्धित है। यह मुख्यत: उन साफ्टवेयर उपकरणों एवं तकनीकों से सम्बन्ध रखता है जो संगणक पर हिन्दी के विविध प्रकार से प्रयोग में सुविधा प्रदान करते हैं। यद्यपि यह शब्द भाषिक रूप से सही नहीं था, सही शब्द देवनागरी कम्पयूटरी/कम्प्यूटिंग हो सकता था, परन्तु बाद में उपरोक्त विषय के लिए यही शब्द प्रचलित हो गया। .

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हिन्दीपैड

हिन्दीपैड एक नॉन-यूनिकोड हिन्दी पाठ सम्पादित्र है। यह कृतिदेव फॉण्ट (जो कि मूल रूप से रेमिंगटन लेआउट आधारित है) में ध्वन्यात्मक रूप से हिन्दी टाइप करने की सुविधा प्रदान करता है। यद्यपि हिन्दीपैड एक पूर्ण पाठ सम्पादित्र है तथापि इसका एक अन्य उपयोग नॉन-यूनिकोड प्रोग्रामों जैसे फोटोशॉप तथा पेजमेकर आदि में हिन्दी टाइप करना है। फोटोशॉप तथा पेजमेकर जैसे सॉफ्टवेयर इण्डिक यूनिकोड का समर्थन नहीं करते, अत: उनमें मजबूरन नॉन-यूनिकोड हिन्दी में कार्य करना पड़ता है जिस कारण इनस्क्रिप्ट एवं फोनेटिक के अभ्यस्तों को दिक्कत होती है। हिन्दीपैड इन प्रोग्रामों में हिन्दी टाइप करने हेतु काम आता है। हिन्दीपैड में ध्वन्यात्मक रूप से टैक्स्ट टाइप कर लेने के उपरान्त आप उसे इन ऍप्लीकेशन में कॉपी कर सकते हैं। .

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जावा

कोई विवरण नहीं।

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जावास्क्रिप्ट

जावास्क्रिप्ट एक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक स्क्रिप्टिंग भाषा है और मुख्यतः क्लाएंट साइड में वेबपेज के निर्माण में प्रयुक्त होती है। .

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वर्डस्‍टार

वर्डस्टार (WordStar) एक शब्दसंसाधक सॉफ़्टवेयर था जो १९८० के दशक के आरम्भिक और मध्य में बहुत लोकप्रिय था। श्रेणी:शब्दसंसाधन सॉफ्टवेयर.

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विंडोज़ 98

विंडोज़ 98 (Windows 98) पर्सनल कम्पयूटर पर उपयोग हेतु 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम की एक कड़ी जिसके बाजार में आने से कम्पयूटर की दुनिया में क्रन्ति आ गई। श्रेणी:विण्डोज़.

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विंडोज़ ऍक्सपी

विंडोज़ ऍक्सपी माइक्रोसॉफ़्ट-रचित प्रचालन तंत्रों की श्रेणी है। इसका प्रयोग व्यक्तिगत संगणकों पर किया जाता है। यह विंडोज़ ऍनटी बीज पर आधारित पहला सरल प्रचालन तंत्र है। यह सबसे पहले 24 अक्टूबर 2001 को प्रकाशित किया गया। जनवरी 2006 तक इसकी 40 करोड़ से ज्यादा प्रतिलिपियाँ संसार-भर में प्रयोग की जा रहीं थीं। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज़ एक्स पी के मुख्य अवतरण बाजार में उतारे है !.

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विंडोज़ विस्टा

विंडोज़ विस्टा माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम की श्रृंखला की सबसे नई कड़ी है और संभवतः विंडोज़ ९५ के पश्चात सबसे क्रांतिकारी भी। हालाँकि विस्टा ऑपरेटिंग सिस्टम को अधिक लोकप्रियता उसके त्रिआयामी ग्राफिक्स स्वरूप और विभिन्न डेस्कटॉप ऍनीमेशन की वजह से मिली है लेकिन वास्तव में यह माइक्रोसॉफ्ट की ओर से जारी किया गया अब तक का सबसे सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम भी माना जा रहा है। संचार और नेटवर्किंग के लिहाज से भी यह अपने से पिछले आपरेटिंग सिस्टम की तुलना में ज्यादा क्षमतावान है। विस्टा के लिए हिंदी समर्थन भी पूरी तरह उपलब्ध है और हिंदी लैंग्वेज इंटरफेस पैक (LIP) के माध्यम से विंडोज़ विस्टा को पूरी तरह हिंदी के रंग में रंगा जा सकता है। .

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विंडोज़ २०००

विंडोज़ २००० माइक्रोसोफ्ट का २१वी सदी का सबसे पहला संस्करण है। यह संस्करण के बाज़ार में आने से कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति आ गई। विंडोज़ २००० का चिन्ह श्रेणी:माइक्रोसॉफ़्ट सॉफ़्टवेयर श्रेणी:विण्डोज़.

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विकि

Wiki एक वेबसाइट है जो विकि सॉफ्टवेयर का उपयोग करके किसी भी संख्या में आपस में जुड़े वेब पन्नों के निर्माण और संपादन को संभव बनती है, ब्राउज़र के भीतर एक सरलीकृत मार्कअप भाषा या एक WYSIWYG पाठ संपादक का उपयोग करते हुए.

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई. में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई। इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर तैयार शब्दावली को 'पारिभाषिक शब्द संग्रह' शीर्षक से प्रकाशित किया गया, जिसका उद्देश्य एक ओर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के समन्वय कार्य के लिए आधार प्रदान करना था और दूसरी ओर अन्तरिम अवधि में लेखकों को नई संकल्पनाओं के लिए सर्वसम्मत पारिभाषिक शब्द प्रदान करना था। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई और केंद्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिंदी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरंभ कीं। इन योजनाओं में हिंदी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिंदी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिए 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गई। पहले यह कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिनन विषयों की हिंदी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत सकय लगेगा और इस कार्य के लिए सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ॰ डी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की ताकि शब्दावली निर्माण का कार्य सही एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में कार्यान्वित किया जा सके। .

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वेब ब्राउज़र

deepak kumar parteti 4580551मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स, एक बहुत प्रयुक्त होता वेब ब्राउज़र वेब ब्राउज़र एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जो की विश्वव्यापी वेब या स्थानीय सर्वर पर उपलब्ध लेख, छवियों, चल-छित्रों, संगीत और अन्य जानकारियों इत्यादि को देखने तथा अन्य इन्टरनेट सुविधाओं के प्रयोग करने मैं प्रयुक्त होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।।४ नवंबर, २००९ वेब पृष्ठ एच.टी.एम.एल. नामक कंप्यूटर भाषा मैं लिखे जाते है, तथा वेब ब्राउजर उन एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के कंप्यूटर पर दर्शाता है। व्यक्तिगत कंप्यूटरों पर प्रयोग होने वाले कुछ मुख्य वेब ब्राउजर हैं इन्टरनेट एक्स्प्लोरर, मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स,सफारी, ऑपेरा, फ्लॉक और गूगल क्रोम, इत्यादि है जबकी वेब ब्राउजरो के स्मार्टफोन संस्करण एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के मोबाइल पर दर्शाने मे सहायता करते है प्रत्येक कंप्यूटर एक प्रचालन तंत्र का समर्थन करता है, किसी के सिस्टम में विंडोज, तो किसी में लाइनक्स या यूनिक्स होता है। प्रत्येक व्यक्ति और कंपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रचालन तंत्र स्थापित करते हैं। प्रत्येक प्रचालन तंत्र की प्रोग्रामिंग अलग होती है और प्रकार्य भी अलग होते हैं। इंटरनेट के आरंभिक काल में प्रचालन तंत्र का अलग-अलग होना एक बड़ी समस्या थी। अलग प्रचालन तंत्र होने के कारण एक प्रचालन तंत्र को दूसरे से संचार के लिए समस्याएं आने लगीं। इस दौर में ऐसी भाषा की अत्यावश्यकता महसूस की जाने लगी, जो सभी प्रचालन तंत्रों के लिए समान हो। ऐसे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए सर्वमान्य प्रोग्रामन भाषा एचटीएमएल (हाइपर टेक्सट मार्क अप लैंग्वेज) आई। इसकी प्रोग्रामिंग और प्रकार्य ऐसा बनाया गया, जो वेब ब्राउजर को समझ में आए। प्रत्येक वेबब्राउजर एचटीएमएल प्रोग्रामन भाषा को समझता है। आरंभ के दिनों के कई ब्राउजर सिर्फ एचटीएमल का समर्थन सपोर्ट करते थे, लेकिन वर्तमान में ब्राउजर एचटीएमएल जैसी दूसरी प्रोग्रामन भाषाओं जैसे कि एक्सएचटीएमएल, आदि को भी को सपोर्ट करने लगे। सन १९९१ में टिम बर्नर ली ने कई तकनीकों के संयुक्त प्रयोग से मिलाकर वेब ब्राउजर की नींव रखी थी। इस वेब ब्राउजर का नाम वर्ल्ड वाइड वेब रखा गया था, जिसे लघुनाम में डब्ल्यु.डब्ल्यु.डब्ल्यु भी कहते हैं। पृष्ठको यूआरएल (यूनीफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) के रूप में लोकेट किया जाता है और यही यू.आर.एल वेब पते के तौर पर जाना जाता है। इस वेब पते का आरंभ अंग्रेज़ी के अक्षर-समूह एच टी टी पी से होता है। कई ब्राउजर एचटीटीपी के अलावा दूसरे यूआरएल टाइप और उनके प्रोटोकॉल जैसे गोफर, एफटीपी आदि को सपोर्ट करते हैं। .

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वेबदुनिया

वेबदुनिया एक भारतीय समाचार जालस्थल है। यह हिन्दी के साथ साथ तमिल, मलयालम, तेलुगू आदि भाषाओं में उपलब्ध है। .

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गिरगिट (लिप्यन्तरण)

गिरगिट भारतीय लिपियों के मध्य मशीनी लिप्यन्तरण हेतु आलोक कुमार द्वारा बनायी गयी एक ऑनलाइन सेवा है। यह टैक्स्ट को लिपन्यन्तरित करने के अतिरिक्त सीधे ही वेबपेज को भी लिप्यन्तरित कर सकती है। २००५ में आरम्भ बनाये गये गिरगिट का पुराना संस्करण जो कि पीऍचपी में बना था, केवल टैक्स्ट को ही लिप्यन्तरित कर सकता था। बाद में भोमियो नामक वेबपेज लिप्यन्तरण सेवा (जो कि बाद में बन्द हो चुकी थी एवं उसका अभाव अनुभव किया जा रहा था क्योंकि तब तक गूगल लिपि परिवर्तक भी नहीं आया था) से प्रेरित होकर आलोक एवं डॉ॰ विपुल जैन ने मिलकर नया संस्करण जावा में तैयार किया जो कि किसी वेबपेज को सीधे ही लिप्यन्तरित कर सकता है। नवम्बर २००९ में गिरगिट का कोड मुक्त स्रोत कर दिया गया। .

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गूगल बुक्स

गूगल बुक्स (अंग्रेजी: Google Books) गूगल द्वारा प्रदत्त एक सेवा है जिसमें गूगल द्वारा स्कैन करके अन्तरजाल पर रखी हुई पुस्तकों को खोजा और पढ़ा जाता है। इसके लिये स्कैन की गयी पुस्तकों को ओसीआर द्वारा टेक्स्ट में बदलकर खोज के लिये आवश्यक व्यवस्था भी की गयी है। जब अक्टूबर सन् २००४ के फ्रैकफुर्त पुस्तक मेले में इसका उद्घाटन हुआ था तब इसका नाम 'गूगल प्रिन्ट' था। .

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गूगल आइऍमई

गूगल आइऍमई गूगल द्वारा विकसित टाइपिंग औजार (इनपुट मैथड ऍडीटर) है जो कम्प्यूटर पर विश्व की विभिन्न भाषाओं में लिखने की सुविधा प्रदान करता है। इसके द्वारा देवनागरी, बंगाली, चीनी, पंजाबी, रूसी, गुजराती, जापानी, तमिल, तेलुगु आदि २२ लिपियों में लिखने की सुविधा है। यह एक वर्चुअल कीबोर्ड है जो कि बिना कॉपी-पेस्ट के झंझट के विंडोज़ में किसी भी ऍप्लीकेशन में सीधे हिन्दी में लिखने की सुविधा प्रदान करता है। पहले गूगल की यह सेवा गूगल इण्डिक लिप्यन्तरण के नाम से ऑनलाइन सम्पादित्र के रूप में थी, बाद में इसकी लोकप्रियता को देखते हुये इसे ऑफलाइन प्रयोग के लिये दिसम्बर २००९ में गूगल आइऍमई के नाम से जारी किया गया। यह औजार शब्दकोश आधारित लिप्यन्तरण पर आधारित है। अर्थात आप जो रोमन में टाइप करते हैं यह उसे अपने शब्दकोश से मिलाकर लिप्यन्तरित करता है तथा मिलते-जुलते शब्दों का सुझाव देता है। .

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गूगल अनुवाद

गूगल अनुवाद या गूगल ट्रान्स्लेट (Google Translate) एक अनुवादक साफ्टवेयर एवं सेवा है जो एक भाषा के टेक्स्ट या वेबपेज को दूसरी भाषा में अनुवाद करता है। यह गूगल नामक कंपनी द्वारा विकसित एवं परिचालित है। इसके लिये गूगल अपना स्वयं का अनुवादक सॉफ्टवेयर प्रयोग करता है जो सांख्यिकीय मशीनी अनुवाद है। जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार, गूगल अनुवाद विभिन्न स्तरों पर 90 भाषाओं का समर्थन करता है और प्रतिदिन 20 करोड़ लोगों को अनुवाद प्रदान करता है। .

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ओसीआर

छपी हुई सामग्री को टेक्स्ट में बदलने की पूरी प्रक्रिया का ब्लॉक-आरेख हस्तलिखित, टाइप किये हुए या प्रिन्ट किये हुए पाठ (टेक्स्ट) की छबि का कम्प्यूटर द्वारा पढ़े जाने योग्य टेक्स्ट रूप में परिवर्तन ओसीआर (प्रकाश द्वारा वर्णों की पहचान/Optical charecter recognition) कहलाती है। आजकल यह छबि-प्रसंस्करण पर आधारित कम्प्यूटर प्रोग्रामों द्वारा आसानी से सम्भव हो गया है किन्तु इसे यांत्रिक तरीकों से भी करना सम्भव है। वस्तुत: यह पैटर्न की पहचान, कृत्रिम बुद्धि और मशीनी-दृष्टि (machine vision) के क्षेत्र में अनुसंधान का एक क्षेत्र है। पहले ओसीआर प्रोग्रामों को प्रशिक्षित करना पड़ता था किन्तु अब बहुत से 'बुद्धिमान' प्रोग्राम भी बना दिये गये हैं जो अधिकांश फांटों को बहुत अधिक शुद्धता के साथ पहचान लेते हैं। .

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आलोक कुमार

आलोक कुमार भारत के एक सॉफ्टवेयर इंजनियर हैं। वे प्रथम हिन्दी चिट्ठाकार के तौर पर जाने जाते हैं। उनका चिट्ठा 9211 हिन्दी का पहला ज्ञात चिट्ठा है। इन्होंने ब्लॉग के लिए हिन्दी शब्द चिट्ठा प्रतिपादित किया जो कि बाद में इण्टरनेट पर ब्लॉग के लिए मानक शब्द बन गया। आलोक इण्टरनेट पर हिन्दी कम्प्यूटरी एवं हिन्दीकरण से सम्बंधित विभिन्न परियोजनाओं में सम्मिलित रहे हैं। वर्तमान में वे चिट्ठाजगत.इन नामक हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर का संचालन कर रहे हैं। आलोक द्वारा शुरु की गई अथवा भागीदारी वाली विभिन्न परियोजनाएँ.

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आईओएस

आइओएस (पूर्वनाम:आइफोन ओएस) ऍपल इंक० के मोबाइल फोन में प्रयुक्त होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। .

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आइट्राँस

आइट्राँस, देवनागरी सहित भारत की अनेक लिपियों में लिखे पाठ को रोमन लिपि में लिप्यन्तरण की एक पद्धति है। आजकल अनेक कम्प्यूटर सॉफ्टवेयरों के उपलब्ध होने से आइट्रान्स में लिप्यन्तरण का कार्य अत्यन्त सरल, तेज और मशीनी हो गया है। इसका विकास अविनाश चोपड़े ने किया। आइट्राँस का नवीनतम् संस्करण 5.30 है जो 2001 के जुलाई में आया था। इसी संस्करण के बाद आइट्राँस को स्थिर कर दिया गया है। कुछ उदाहरण.

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इण्डिक ऍक्सपी

इण्डिक ऍक्सपी विंडोज़ २००० तथा ऍक्सपी में हिन्दी/इण्डिक सपोर्ट (भारतीय भाषायी समर्थन) स्वचालित रूप से सक्षम करने हेतु एक औजार है। विंडोज़ २००० तथा ऍक्सपी आदि में हिन्दी आदि भारतीय भाषाओं में काम करने के लिये कण्ट्रोल पैनल में जाकर इण्डिक सपोर्ट (कॉम्प्लैक्स लेआउट समर्थन) सक्षम करना पड़ता है जिसके लिये विंडोज़ सीडी की आवश्यकता होती है। कई बार विण्डोज सीडी उपलब्ध न होने पर समस्या आती है, इसके अतिरिक्त किसी नये हिन्दी प्रयोक्ता को यह प्रक्रिया समझाने में काफी मुश्किल होती है। इण्डिक ऍक्सपी इस प्रक्रिया को आसान बनाता है। बिना सीडी की जरुरत के केवल दो क्लिक द्वारा इण्डिक समर्थन सक्षम किया जा सकता है। इसके अलावा यह विंडोज़ की लैंग्वेज हॉटकी को CTRL+SHIFT पर शिफ्ट कर देता है जो कि डिफॉल्ट संयोजन ALT+SHIFT की तुलना में बेहतर होती है। सब कुछ स्वचालित रूप से होता है, इंस्टालेशन के बाद बस एक बार कम्प्यूटर रीस्टार्ट करना पड़ता है। इसमें इण्डिक कण्ट्रोल पैनल नामक एक छोटा सा औजार शामिल है जिसके जरिये एक क्लिक द्वारा विंडोज़ में अन्तर्निमित विभिन्न भारतीय भाषायी इन्स्क्रिप्ट कीबोर्डों को जोड़ा जा सकता है तथा अन्य भाषा सम्बन्धी विकल्प सैट किये जा सकते हैं। इण्डिक ऍक्सपी (श्रीश बेंजवाल शर्मा) द्वारा विकसित किया गया है। यह दो संस्करणों में है – लाइट तथा प्लस। .

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इण्डिक यूनिकोड

इण्डिक यूनिकोड यूनिकोड के भारतीय लिपियों से सम्बंधित सॅक्शन को कहा जाता है। यूनिकोड के नवीनतम संस्करण ५.२ में विविध भारतीय लिपियों को मानकीकृत किया गया है जिनमें देवनागरी भी शामिल है। .

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इण्डिक आइऍमई

इण्डिक आइऍमई(नया नाम: इण्डिक इनपुट १ तथा २) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वेबदुनिया के सहयोग से विकसित एक आइऍमई है। यह हिन्दी समेत विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिये उपलब्ध है। यह एक ऐसा प्रोग्राम है जो कम्प्यूटर पर देवनागरी आदि भारतीय लिपियाँ में लिखने की सुविधा प्रदान करता है। इण्डिक आइऍमई विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप की लिपियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है। इस समय इण्डिक आईऍमई के कई संस्करण उपलब्ध हैं जिन्हें इंस्टाल कर लेने के बाद अन्तर्जाल से जुड़कर या बिना जुड़े भारतीय भाषाओं में कार्य किया जा सकता है। संस्करण २.० है जो कि नवम्बर २००६ में जारी किया गया। नवीनतम संस्करण का नाम बदलकर इण्डिक इनपुट कर दिया गया है। संस्करण ५.x से बाद के नये संस्करणों में स्पेसबार वाला एक बग है जिसमें स्पेस देने के लिये दो बार स्पेस कुंजी दबानी पड़ती है। इस कारण अब भी लोग अधिकतर पुराना संस्करण ही प्रयोग कर रहे हैं। .

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इण्डिक कम्प्यूटिंग

इण्डिक कम्प्यूटिंग का अर्थ है इण्डिक अर्थात भारतीय भाषाओं एवं लिपियों में कम्प्यूटिंग (संगणन)। इसमें शामिल है कम्प्यूटर एवं वॅब ऍप्लीकेशनों का स्थानीकरण, भारतीय भाषाओं लिपियों में डेटाबेस प्रबन्धन तथा सॉफ्टवेयर डेवलपमेण्ट यथा इनपुट मॅथड, ओसीआर, वर्तनी जाँचक, वाक से पाठ तथा पाठ से वाक आदि का विकास। आजकल अधिकतर भारतीय भाषायें कम्प्यूटर एवं इणटरनेट पर कार्य करने के लिये यूनिकोड का प्रयोग करती हैं। अधिकतर नये सॉफ्टवेयर एवं वेब सेवायें इण्डिक यूनिकोड का समर्थन करते हैं। यूनिकोड के नवीनतम संस्करण ५.० में अधिकतर भारतीय भाषाओं को कूटबद्ध किया जा चुका है। इण्डिक कम्प्यूटिंग सम्बंधी अनेक परियोजनायें चल रही हैं। इनमें राजकीय क्षेत्र की कम्पनियाँ, कुछ स्वयंसेवक समूह तथा कई लोग व्यक्तिगत रूप से योगदान दे रहे हैं। .

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इनपुट विधि

इनपुट विधि को इनपुट मेथड या इनपुट मेथड ऍडीटर (आइऍमई) भी कहा जाता है। कम्प्यूटर एवं अन्य डिजिटल युक्तियों के सन्दर्भ में इनपुट विधि या निवेश विधि वह प्रोग्राम है जो प्रचालन तंत्र का एक भाग होता है तथा उन वर्णों एवं संकेतों को भी लिखने में मदद करता है जो कम्प्यूटर के कुंजीपटल पर उपलब्ध नहीं होतीं। उदाहरण के लिये हिन्दी या चीनी भाषा में कम्प्यूटर पर कुछ लिखने में यह सहायक होता है। .

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इन्स्क्रिप्ट

इन्स्क्रिप्ट (इण्डियन स्क्रिप्ट का लघुरूप) भारतीय भाषी लिपियों का मानक कीबोर्ड है। यह कम्यूटर हेतु एक टच टाइपिंग कुंजीपटल खाका है। यह कुंजीपटल खाका भारत सरकार द्वारा भारतीय लिपियों के लिये मानक के रूप में स्वीकृत है। यह भारत की भाषायी सॉफ्टवेयर के लिये नामी कम्पनी सी-डैक द्वारा विकसित है। यह देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, तमिल तथा तेलुगू आदि सहित १२ भारतीय लिपियों का मानक कीबोर्ड है। .

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इब्रानी भाषा

हिब्रूभाषी क्षेत्र हिब्रू (עִבְרִית, Ivrit) सामी-हामी भाषा-परिवार की सामी शाखा में आने वाली एक भाषा है। ये इस्राइल की मुख्य- और राष्ट्रभाषा है। इसका पुरातन रूप बिब्लिकल हिब्रू यहूदी धर्म की धर्मभाषा है और बाइबिल का पुराना नियम इसी में लिखा गया था। ये हिब्रू लिपि में लिखी जाती है ये दायें से बायें पढ़ी और लिखी जाती है। पश्चिम के विश्वविद्यालयों में आजकल इब्रानी का अध्ययन अपेक्षाकृत लोकप्रिय है। प्रथम महायुद्ध के बाद फिलिस्तीन (यहूदियों का इज़रायल नामक नया राज्य) की राजभाषा आधुनिक इब्रानी है। सन् १९२५ई.

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इस्की

इस्की या 'सूचना अन्तरविनिमय के लिये भारतीय लिपि संहिता' (Indian Standard Code for Information Interchange (ISCII)) भारत में प्रचलिप्त विभिन्न लिपियों को कंप्यूटर पर (डिजिटल रूप में) निरूपित के लिये निर्मित एक मानक इनकोडिंग है। इसके द्वार समर्थित लिपियाँ हैं - असमिया, बांग्ला, देवनागरी, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, तमिल तथा तेलुगू। .

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कविताकोश

कविताकोश हिन्दी कविताओं का एक विकि है। यह अंतर्जाल पर उपलब्ध हिन्दी कविताओं का सबसे विशाल संकलन है। .

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कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

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कुञ्जीपटल

कम्प्यूटर का एक कुंजीपटल संगणक की भाषा में कुंजीपटल (की-बोर्ड) एक इनपुट युक्ति है जो की टाइपराइटर के कुंजीपटल में कुछ आवश्यक परिवर्तन करके बनायी गयी है। कुंजीपटल में बहुत से (सैकड़ों) कुंजियाँ या बटन होते हैं जो किसी विशेष तरीके से विन्यस्त (arranged) होते हैं। ये बटन इलेक्ट्रानिक स्विच का काम करते हैं और दबाने पर कम्प्यूटर को एक विशेष डिजिटल संकेत (बाइट) प्रेषित करते हैं जो कि दबायी गयी कुंजी की पहचान होती है। कूजियाँ यांत्रिक हो सकते हैं या इलेक्ट्रानिक। कुंजियों के उपर एक या अधिक संकेत/अक्षर लिखे रहते हैं। हिन्दी भाषा के लिये दो कीबोर्ड होते हैं - इनस्क्रिप्ट जो कि सभी भारतीय भाषाओं का मानक कीबोर्ड है तथा रेमिंगटन जो कि पुराने जमाने के टाइपराइटर पर प्रयोग होता था। .

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कृतिदेव (फॉण्ट)

कृतिदेव एक नॉन-यूनिकोड भारतीय भाषायी फॉण्ट शृँखला है। यह डीटीपी तथा ग्राफिक्स के कार्य में बहुतायत में उपयोग होता है। कृतिदेव हिन्दी के अतिरिक्त गुरुमुखी, गुजराती, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया आदि लिपियों हेतु उपलब्ध है। .

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कोरियाई भाषा

कोरियाई भाषा दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की आधिकारिक भाषा है और इसे बोलने वालों की संख्या लगभग ८ करोड़ है। इस भाषा का विकास १४४३ ई० में किंगसेजोंग के शासनकाल में हुआ। इस भाषा की लिपि हंगुल (Hangul 한글) है। कोरियन में 한 (हान/Haan) का अर्थ है - कोरिया अथवा महान और 글/गुल/geul का अर्थ है - लिपि। इस प्रकार हंगुल का अर्थ हुआ - "महान लिपि" अथवा "कोरियन लिपि"। कोरियायी भाषा अल्टाइक कुल की भाषा है जो चीनी की भाँति संसार की प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। चीनी की भाँति यह भी दाए से बाई ओर लिखी जाती है। इसका इतिहास कोरिया के इतिहास की तरह ही 4000 वर्ष प्राचीन है। प्राचीन काल में चीनी लोग कोरिया में जाकर बस गए थे, इसलिये वहाँ की भाषा भी चीनी भाषा से काफी प्रभावित है। चीनी और कोरियायी के अनेक शब्द मिलते जुलते हैं: उस समय कोरिया के विद्वानों की बोलचाल की भाषा तो कोरियायी थी लेकिन वे चीनी में लिखते थे। चीनी लिपि में लिखी जानेवाली कोरियायी भाषा की लिपि हानमून/hanmun कही जाती थी। जबतक कोई विद्वान प्राचीन चीनी का ज्ञाता न हो तब तक वह पूर्ण विद्वान नहीं माना जाता था। कोरियायी भाषा अपनी शिष्टता और विनम्रता के लिये प्रसिद्ध है। शिष्टता और विनम्रतासूचक कितने ही शब्द इस भाषा में पाए जाते हैं। कोरिया के लोग अभिवादन के समय "आप शांतिपूर्वक आएँ", "आप शांतिपूर्वक सोएँ" जैसे आदरसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। .

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अडोबी पेजमेकर

पेजमेकर अडोबी द्वारा विकसित एक पेज लेआउट सॉफ्टवेयर है। यह डीटीपी के कार्यों में काफी प्रयुक्त होता है। इसका नवीनतम संस्करण अडोबी इनडिजाइन के नाम से है। अभी भी भारत में पेजमेकर का छोटे-मोटे व्यवसायों एवं दुकानों में काफी कार्य होता है। .

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अनुवाद

किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है। संस्कृत में 'अनुवाद' शब्द का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराए जाने, पुनः कथन, समर्थन के लिए प्रयुक्त कथन, आवृत्ति जैसे कई संदर्भों में किया गया है। संस्कृत के ’वद्‘ धातु से ’अनुवाद‘ शब्द का निर्माण हुआ है। ’वद्‘ का अर्थ है बोलना। ’वद्‘ धातु में 'अ' प्रत्यय जोड़ देने पर भाववाचक संज्ञा में इसका परिवर्तित रूप है 'वाद' जिसका अर्थ है- 'कहने की क्रिया' या 'कही हुई बात'। 'वाद' में 'अनु' उपसर्ग उपसर्ग जोड़कर 'अनुवाद' शब्द बना है, जिसका अर्थ है, प्राप्त कथन को पुनः कहना। इसका प्रयोग पहली बार मोनियर विलियम्स ने अँग्रेजी शब्द टांंसलेशन (translation) के पर्याय के रूप में किया। इसके बाद ही 'अनुवाद' शब्द का प्रयोग एक भाषा में किसी के द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री की दूसरी भाषा में पुनः प्रस्तुति के संदर्भ में किया गया। वास्तव में अनुवाद भाषा के इन्द्रधनुषी रूप की पहचान का समर्थतम मार्ग है। अनुवाद की अनिवार्यता को किसी भाषा की समृद्धि का शोर मचा कर टाला नहीं जा सकता और न अनुवाद की बहुकोणीय उपयोगिता से इन्कार किया जा सकता है। ज्त्।छैस्।ज्प्व्छ के पर्यायस्वरूप ’अनुवाद‘ शब्द का स्वीकृत अर्थ है, एक भाषा की विचार सामग्री को दूसरी भाषा में पहुँचना। अनुवाद के लिए हिंदी में 'उल्था' का प्रचलन भी है।अँग्रेजी में TRANSLATION के साथ ही TRANSCRIPTION का प्रचलन भी है, जिसे हिंदी में 'लिप्यन्तरण' कहा जाता है। अनुवाद और लिप्यंतरण का अंतर इस उदाहरण से स्पष्ट है- इससे स्पष्ट है कि 'अनुवाद' में हिंदी वाक्य को अँग्रेजी में प्रस्तुत किया गया है जबकि लिप्यंतरण में नागरी लिपि में लिखी गयी बात को मात्र रोमन लिपि में रख दिया गया है। अनुवाद के लिए 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग भी किया जाता रहा है। लेकिन अब इन दोनों ही शब्दों के नए अर्थ और उपयोग प्रचलित हैं। 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग अँग्रेजी के INTERPRETATION शब्द के पर्याय-स्वरूप होता है, जिसका अर्थ है दो व्यक्तियों के बीच भाषिक संपर्क स्थापित करना। कन्नडभाषी व्यक्ति और असमियाभाषी व्यक्ति के बीच की भाषिक दूरी को भाषांतरण के द्वारा ही दूर किया जाता है। 'रूपांतर' शब्द इन दिनों प्रायः किसी एक विधा की रचना की अन्य विधा में प्रस्तुति के लिए प्रयुक्त है। जैस, प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' का रूपांतरण 'होरी' नाटक के रूप में किया गया है। किसी भाषा में अभिव्यक्त विचारों को दूसरी भाषा में यथावत् प्रस्तुत करना अनुवाद है। इस विशेष अर्थ में ही 'अनुवाद' शब्द का अभिप्राय सुनिश्चित है। जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है, वह मूलभाषा या स्रोतभाषा है। उससे जिस नई भाषा में अनुवाद करना है, वह 'प्रस्तुत भाषा' या 'लक्ष्य भाषा' है। इस तरह, स्रोत भाषा में प्रस्तुत भाव या विचार को बिना किसी परिवर्तन के लक्ष्यभाषा में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है।ज .

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अंतरजाल

अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .

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अक्षरग्राम नेटवर्क

अक्षरग्राम नेटवर्क हिन्दी चिट्ठाकारों एवं तकनीकिज्ञों का एक गैरलाभकारी सामुदायिक स्वयंसेवक समूह है जो कि कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कार्य करता है। यह समूह हिन्दी चिट्ठाकारी से सम्बंथित विभिन्न सेवाएँ संचालित करता है। शुरुआती दिनों में इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में इस समूह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसकी विभिन्न सेवाओं नारद, सर्वज्ञ, परिचर्चा आदि ने नए चिट्ठाकारों को स्थापित होने में काफी सहायता की। .

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९-२-११

९-२-११ (नौ दो ग्यारह) हिन्दी भाषा का पहला चिट्ठा है। यह आलोक कुमार द्वारा २१ अप्रैल २००३ को था। यह यूनिकोड हिन्दी में ब्लॉग बनाने का पहला प्रयास था। नौ-दो-ग्यारह एक निजी चिट्ठा था जिस पर आलोक आम तौर पर अपने हिन्दी सम्बंधी प्रयोगों के बारे में डायरी की तरह प्रविष्टियाँ लिखते थे। समय के साथ-साथ हिन्दी के अन्य चिट्ठे भी आए और इनकी सँख्या बढ़ती गई। २८ नवम्बर २००३ को आलोक ने इसे अपने डोमेन पर । .

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