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खोईखोई लोग

सूची खोईखोई लोग

खोईखोई (Khoekhoe), जिन्हें सिर्फ़ खोई (Khoi) भी कहा जाता है, अफ़्रीका के दक्षिणी भाग में बसने वाले खोईसान लोगों की एक शाखा है। यह समुदाय बुशमैन समुदाय से क़रीबी सम्बन्ध रखता है और ५वी सदी से दक्षिणी अफ़्रीका में बसा हुआ है। यहा वे मवेशी पालन और अस्थाई कृषि में लगे हुए हैं। वे खोईखोई भाषाएँ बोलते हैं। इन भाषाओं में मौजूद क्लिक व्यंजनों की नकल में यूरोपी लोग खोईखोई लोगों को हॉटेनटॉट (Hottentot) कहते थे लेकिन अब यह एक अपमानजनक नाम माना जाता है इसलिये इसका प्रयोग कम हो गया है। .

8 संबंधों: नामा लोग, पशुपालन, बुशमैन, खोईखोई भाषा, खोइसान, क्लिक व्यंजन, कृषि, अफ़्रीका

नामा लोग

नामा (Nama), जिन्हें पहले नामाका (Namaqua) के नाम से जाना जाता था, दक्षिण अफ़्रीका, नामीबिया व बोत्स्वाना का एक लोक-समुदाय है। वे खोई भाषा-परिवार की नामा भाषा बोलते हैं हालांकि आधुनिक युग में उनमें से बहुत से अब आफ़्रीकान्स भाषा भी बोलने लगे हैं। नामा समुदाय खोईखोई लोगों की सबसे बड़ी शाखा है और नामाओं को छोड़कर अधिकतर खोईखोई समुदाय विलुप्त हो चुके हैं। बहुत से नामा परिवार अब मध्य नामीबिया में वास करते हैं और कुछ नामाकालैंड में रहते हैं जो दक्षिण अफ़्रीका और नामीबिया की सरहद की दोनों तरफ़ स्थित एक क्षेत्र है।, pp.

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पशुपालन

भेड़ें और पशु चर रहे हैं। पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के विभिन्न पक्षों जैसे भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है। पशुपालन का पठन-पाठन विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में किया जा रहा है। .

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बुशमैन

बुशमैन, अथवा सान लोग अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल और आसपास के इलाकों में निवास में करने वाली एक बेहद प्राचीन व प्रमुख जनजाति हैं।.

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खोईखोई भाषा

खोईखोई भाषा (Khoekhoe), जिसे नामा भाषा (Nama) और खोईखोईगोवाब (Khoekhoegowab) भी कहते हैं, अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह क्लिक व्यंजन वाली भाषाओं में से सब से वस्तृत है और इसे नामा, दमारा और हाइǁओम समुदाय के लोग बोलते हैं (ध्यान दें कि 'हाइǁओम' में ǁ का चिह्न एक क्लिक ध्वनि दर्शाता है)। यह भाषा कुछ दबाव में है क्योंकि नई पीढ़ी के बहुत से नामा लोग इसकी बजाय आफ़्रीकान्स भाषा बोलने लगे हैं।, pp.

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खोइसान

एक ३३ वर्षीय सान पुरुष एक सान स्त्री खोईसान या खोइसान दक्षिण अफ़्रीका में रहने वाली दो अलग जातियों का सामूहिक नाम है जो खोईसान भाषाएँ बोलती हैं और अपने इर्द-गिर्द रहने वाले बहुसंख्यक बांटू भाषा बोलने वाली जातियों से भिन्न हैं। यह दो जातियाँ हैं: शिकारी-फ़रमर जीवनी बसर करने वाली सान जाति (जिन्हें बुशमैन भी कहा जाता है) और मवेशी-पालन करने वाली खोई जाति। यह दोनों समुदाय कालाहारी रेगिस्तान के क्षेत्र में रहते हैं। .

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क्लिक व्यंजन

एक वर्त्स्य (एल्विओलर) क्लिक की ध्वनि सुनिए - इसे अ॰ध॰व॰ में ǁ (दो-नली) के चिन्ह से दर्शाया जाता है एक तालव्य (पलैटल) क्लिक की ध्वनि सुनिए - इसे अ॰ध॰व॰ में ǂ के चिन्ह से दर्शाया जाता है क्लिक व्यंजन कुछ भाषाओँ में प्रयोग होने वाले वर्ण होते हैं जिनकी आवाज़ स्वर्ग्रंथी से नहीं बल्कि जीभ या होंठों द्वारा मुंह में हवा के दबाव में अचानक परिवर्तन करने से आती है। हिन्दी बोलने वालों में इसकी मिसाल "च-च" की आवाज़ है जो किसी चीज़ के बारे में नापसन्दगी प्रकट करने के काम आती है। देहाती हिन्दी इलाक़ों में भेड़-बकरियों और गाय जैसे जानवरों को भी ऐसी क्लिक की आवाजों से निर्देश दिया जाता है। बच्चों और जानवरों को पुचकारने के लिए होठों से वायु के ज़रिये जो ध्वनी बनाई जाती है वह भी इसकी एक मिसाल है। .

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हाटेन्टॉट्स, हाटेंटाट्स, हॉटेनटॉट, खोईखोई लोगों, कोईकोई

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