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हसन रूहानी

सूची हसन रूहानी

हसन रूहानी (फ़ारसी), जिनका जन्म के समय नाम हसन फ़ेरिदोन था, एक ईरानी राजनीतिज्ञ, वक़ील, विद्वान व कूटनीतिज्ञ हैं। इन्हें जून २०१३ में ईरान का अगला राष्ट्रपति चुना गया। १९९९ से वे ईरान की माहिरों की सभा, १९९१ से ईरान की प्रशासनिक निगरानी परिषद, १९८९ से सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और १९९२ से कूटनीति अनुसन्धान केन्द्र के सदस्य रहे हैं। ७ मई २०१३ को रूहानी ने ईरान के राष्ट्रपति चुनावों में अपने आप को एक उम्मीदवार के रूप में दर्ज करवाया। उन्होंने कहा कि अगर वे चुने गए तो एक 'नागरिक अधिकारों का घोषणापत्र' तैयार करेंगे, देश की आर्थिक स्थिति मज़बूत करेंगे और पश्चिमी देशों के साथ सम्बन्धों में सुधार लाने की कोशिश करेंगे। १५ जून को उन्होंने मुहम्मद बाग़ेर ग़ालीबाफ़ और चार अन्य उम्मीदवारों को हरा कर चुनाव जीत लिया। क्रमानुसार अब उनकी ३ अगस्त २०१३ में राष्ट्रपति पद ग्रहण करने की तैयारी है। .

5 संबंधों: फ़ारसी भाषा, महमूद अहमदीनेझ़ाद, शिया इस्लाम, ईरान, वाल स्ट्रीट जर्नल

फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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महमूद अहमदीनेझ़ाद

महमूद अहमदीनेझ़ाद की एक तस्वीर महमूद अहमदीनेझ़ाद (फ़ारसी: محمود احمدی نژاد‎) 3 अगस्त 2005 से 3 अगस्त 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे। वे ईरान के ६ व भूतपूर्व राष्ट्रपति हैं। .

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शिया इस्लाम

अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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वाल स्ट्रीट जर्नल

यह विश्व का एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है| दिसम्बर २००७ में रूपर्ट मर्डोक की कम्पनी न्यूज़ कॉर्पोरेशन ने इसका अधिग्रहण डो जोन्स और कम्पनी से किया था। तब से अखबार के भविष्य और इसके सम्पादकीय सामग्री को लेकर काफ़ी अटकलें लगायी जाती रही हैं और तब से अखबार ने निश्चित रूप से कुछ हद तक मध्यममार्गी से दक्षिणपंथी पथ ले लिया है। उदाहरण के लिये। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, २००८ में यह उन चंद अखबारों में था जिन्होनें राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन प्रत्याशी जॉन मैक्केन का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काफ़ी हद तक समर्थन किया था। भूमंडलीय ऊष्मीकरण के बारे में उन वैज्ञानिकों को अखबार में लगातार जगह मिलती है जो इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि यह मानवजनित है। 2002 .

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