लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

स्वामित्वपूर्ण इक्विटी

सूची स्वामित्वपूर्ण इक्विटी

लेखांकन और वित्त में, इक्विटी सभी देयताओं का भुगतान करने के बाद, परिसंपत्तियों में निवेश करने वाले सबसे छोटे वर्ग के निवेशकों का अवशिष्ट दावा या ब्याज है। यदि परिसंपत्तियों का मूल्य देयताओं से अधिक न हो, तो ऋणात्मक इक्विटी मौजूद होती है। लेखांकन के सन्दर्भ में, शेयरधारकों की इक्विटी (या स्टॉकधारकों की इक्विटी, शेयरधारकों की निधि, शेयरधारकों की पूंजी या इसी तरह के शब्द) एक कंपनी की परिसंपत्तियों में शेष ब्याज का प्रतिनिधित्व करती है जो सामान्य या अधिमान्य स्टॉक के व्यक्तिगत शेयरधारकों के बीच वितरित होता है। किसी कारोबार को शुरू करने के समय मालिक लोग परिसंपत्तियों के वित्तपोषण के लिए कारोबार में कुछ निधीयन करते हैं। इससे पूंजी के आकार में कारोबार की देयता का निर्माण होता है क्योंकि कारोबार इसके मालिकों से अलग एक इकाई है। लेखांकन के प्रयोजन की दृष्टि से कारोबारों को देयताओं और परिसंपत्तियों का योगफल माना जा सकता है; यही लेखा का समीकरण है। देयताओं का हिसाब-किताब हो जाने के बाद धनात्मक शेष को कारोबार के मालिक का ब्याज माना जाता है। दिवालिएपन के मामले में परिसमापन प्रक्रिया को समझने में यह परिभाषा काफी सहायक होती है। सबसे पहले, परिसंपत्तियों से प्राप्त राशि के बदले में सभी प्रतिभूत ऋणदाताओं को भुगतान किया जाता है। उसके बाद, इस शेष राशि पर अगला दावा/अधिकार प्राथमिकता के क्रम में ऋणदाताओं की श्रृंखला का होता है। स्वामित्वपूर्ण इक्विटी, परिसंपत्तियों के बदले में किया जाने वाला अंतिम या अवशिष्ट दावा है जिसका भुगतान अन्य सभी ऋणदाताओं को भुगतान कर दिए जाने के बाद ही किया जाता है। कुछ ऐसे मामलें भी देखने को मिलते हैं जहां ऋणदाताओं को भी अपनी हुंडियों (बिल) का भुगतान करने लायक पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाता है, तो ऐसे मामले में मालिकों की इक्विटी की प्रतिपूर्ति के लिए कुछ नहीं बचता है। इस प्रकार मालिकों की इक्विटी घटकर शून्य हो जाती है। स्वामित्वपूर्ण इक्विटी को जोखिम पूंजी, देय पूंजी और इक्विटी के नाम से भी जाना जाता है। .

13 संबंधों: तुलन पत्र, परिसमापन, पूँजी, बंधक, बेंजामिन ग्राहम, लाभांश, लेखाकरण, शेयर बाज़ार, स्टॉक, वित्तीय लेखांकन, वित्तीय विवरण, अधिमान्य स्टॉक, अवशिष्ट

तुलन पत्र

कुनीफार्म लिपि में लिखी हुई वार्षिक बैलेंस शीटसुमेरिया, क्ले, सीए.2040 BCE. ओरिएंटल एंटीकुइटीज़ का विभाग, लोउवेरे. वित्तीय लेखांकन में, एक तुलन पत्र या वित्तीय स्थिति का विवरण एकल स्वामित्व, व्यापार साझेदारी या किसी कंपनी के वित्तीय बैलेंस का सार होता है। इसके तहत वित्तीय वर्ष के अंत में एक खास तारीख पर, आस्तियां, देयताएं एवं स्वाधिकृत इक्विटी सूचीबद्ध की जाती हैं। बैलेंस शीट को आम तौर पर "कंपनी की वित्तीय स्थिति का स्नैपशॉट (आशुचित्र) कहा जाता है".

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और तुलन पत्र · और देखें »

परिसमापन

कंपनियों का परिसमापन (Liquidation or winding up) एक ऐसी कार्यवाही है जिससे कंपनी का वैधानिक अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इसमें कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है तथा शेष धन का अंशधारियों के बीच वितरण कर दिया जाता है। कंपनी का समापन तीन प्रकार का हो सकता है.

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और परिसमापन · और देखें »

पूँजी

पूँजी (Capital) साधारणतया उस धनराशि को कहते हैं जिससे कोई व्यापार चलाया जाए। किंतु कंपनी अधिनियम के अंतर्गत इसका अभिप्राय अंशपूँजी से हैं; न कि उधार राशि से, जिसे कभी कभी उधार पूँजी भी कहते हैं। प्रत्येक कंपनी के लिए यह अनिवार्य है कि वह अपने सीमानियम में अंशपूँजी, जिसे रजिस्टर्ड, प्राधिकृत अथवा अंकित पूँजी कहते हैं, तथा उसके निश्चित मूल्य के अंशों में विभाजन का उल्लेख करे। प्राधिकृत पूँजी के कुछ भाग को निर्गमित (इशू) किया जा सकता है और शेष को आवश्यकतानुसार निर्गमित किया जा सकता है। निर्गमित भाग के अंशों के अंकित मूल्य को निर्गमित पूँजी कहते हैं। जनता जिन अंशों के क्रय के लिए प्रार्थनापात्र दे उनके अंकित मूल्य को प्रार्थित पूँजी (Subscribed captial) तथा अंशधारियों द्वारा जितनी राशि का भुगतान किया जाए उसे दत्तपूँजी (Paid captial) कहते हैं। कंपनी चाहे तो नए अंश निर्गमित करके अंशूपूँजी में वृद्धि कर सकती है, सभी या कुछ पूर्णदत्त अंशों को स्कंधों में परिवर्तित कर सकती है सभी या कुछ अंशों को कम कीमत के छोटे अंशों में परिवर्तित कर सकती है अथवा जिन अंशों का निर्गमन न हुआ हो उन्हें निरस्त कर सकती है। ये सब परिवर्तन तभी संभव हैं जब अंतिर्नियमों (आर्टिकल्स ऑव असोसिएशन) में इनकी व्यवस्था हो। अधिकतर कंपनियों में निम्न प्रकार के अंश होते हैं: 1.

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और पूँजी · और देखें »

बंधक

संपत्ति अंतरण अधिनियम 1982 की धारा 58(a) में बंधक (Mortgage) को परिभाषित किया गया है I जिसके अनुसार बंधक का तात्पर्य किसी ऋण के रूप में अग्रिम तौर पर ली गई या ली जाने वाली राशी अथवा कोई विधमान या भविष्य ऋण अथवा किसी कार्य व्यवहार से उत्पन्न आर्थिक देनदारियों के दायित्व के भुगतान की सुरक्षा के उद्देश्य के लिए किसी विनिर्दिष्ट अचल संपत्ति में हित के अंतरण से हैं I बंधक के प्रकार: १) साधारण बंधक - जहॉ बंधककर्त्ता बंधक रखी हुई सम्पत्ति का कब्जा दिये बिना स्वयं को व्यक्तिगत रूप से बंधक राशि के भुगतान के लिए बाध्य करता है, और स्पष्ट रूप से अथवा निहित रूप से सहमति देता है कि उसकी संविदा के अनुसार भुगतान करने के असफल होने की स्थिति में, बंधकगृहीता को बंधक राशि के भुगतान हेतू, जैसा भी आवश्यक हो, बंधक की गई सम्पत्ति को विक्रय करने का अधिकार होगा और विक्रय प्रक्रिया लागू होगी, ऐसे बंधक को साधारण बंधक के नाम से जाना जाता हैं। बंधक, एक व्यक्ति या अन्य कोई चीज़ है जो दो जुझारू पार्टियों में से एक द्वारा किसी समझौते को करने या युद्ध के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में अपनी सुरक्षा के रूप में जब्त कर ली जाती/जाता है। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और बंधक · और देखें »

बेंजामिन ग्राहम

बेन्जहिम ग्राहम ८-५-१९९४ को जन्मे बेन्जहिम ग्राहम अमेरिका के इकोनोमिस्ट और प्रोफेशनल् इन्वेस्सट्रर थे (आयु ८२ वर्श २१-९-१९७६)। श्रेणी:अमेरिकी अर्थशास्त्री श्रेणी:अमेरिकी निवेशक.

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और बेंजामिन ग्राहम · और देखें »

लाभांश

लाभांश (अंग्रेज़ी:Dividend / डिविडेंड) किसी कंपनी के लाभ में भागीदारों का अंश होता है जो वह कंपनी लाभ कमाने पर अपने शेयरधारकों को देती है। किसी ज्वाइंट स्टॉक कंपनी में लाभांश, शेयरों के निश्चित मूल्य के आधार पर मिलता है। इस मामले में शेयरधारक उसके शेयर के अनुपात में डिविडेंड ग्रहण करता है। डिविडेंड पैसे, शेयर या अन्य कई रूपों में दिया जा सकता है। किसी व्यापारिक कंपनी के अंशधारियों में लाभ के जिस भाग का विभाजन किया जाता है उसे लाभांश कहते है। प्रत्येक व्यापारिक कंपनी को लाभांश वितरण करने का समवायी अधिकार होता है। संचालक इस बात की सिफारिश करते हैं कि कितनी राशि लाभांश के रूप में घोषित की जाए। उसके पश्चात्‌ कंपनी अपनी सामान्य बैठक में लाभांश की घोषणा करती है, किंतु यह राशि संचालकों द्वारा सिफारिश की गई राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त अंतर्नियमों द्वारा अधिकृत होने पर संचालक दो सामान्य बैठकों के बीच में ही अंतरिम लाभांश की घोषणा भी कर सकते है। यत: लाभांश कंपनी के लाभ का ही भाग होता है, अत: इसे केवल लाभ से ही दिया जा सकता है, न कि पूँजी से। लाभांश के विषय में अंशधारियों के सामान्य अधिकारों, जैसे लाभांश की दर तथा पूर्वाधिकार आदि का प्रकथन कभी कभी सीमानियम में ही कर दिया जाता है जिससे यथासंभव, उन अधिकारों में परिवर्तन न हो सके। कई बार इनका प्रकथन अंतर्नियमों में किया जात है और कभी कभी दोनों प्रलेखों में भी इनका प्रकथन होता है। किस ढंग से लाभांश की घोषणा तथा अदायगी की जाएगी, इसका प्रकथन साधारणतया अंतर्नियमों में ही होता है। जब तक कंपनी चालू रहती है, वह पूरा लाभ अंशधारियों में वितरण करने के लिए बाध्य नहीं होती। लाभांश वितरण करने के स्थान पर, अंतर्नियमों में इसकी व्यवस्था होने पर यह अपने लाभ को पूँजी में परिवर्तित (Capitalise) कर सकती है। लाभांश को इसकी घोषणा के दिन से ऋण माना जाता है तथा यह देय हो जाता है। कभी कभी अंतर्नियमों में यह भी प्रावधान होता है कि घोषणा के बाद निश्चित समय तक लाभांश के अयाचित रहने पर इसे जब्त किया जा सकता है। कंपनी से सदस्य अंतर्नियमों के नियमानुसार लाभांश की अधियाचना कर सकते हैं किंतु यह आवश्यक है कि ऐसे सदस्यों का नाम लाभांश घोषणा के दिन कंपनी के रजिस्टर में दर्ज हो। जब अंशों का हस्तांतरण लाभांश घोषित करने पर उसके बहुत निकट किस तिथि को हो, तो हस्तांतरक तथा हस्तांतरी यह भी संविदा कर सकते हैं कि लाभांश किसको मिले। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और लाभांश · और देखें »

लेखाकरण

चित्र:उदाहरण.jpgलेखा शास्त्र शेयर धारकों और प्रबंधकों आदि के लिए किसी व्यावसायिक इकाई के बारे में वित्तीय जानकारी संप्रेषित करने की कला है। लेखांकन को 'व्यवसाय की भाषा' कहा गया है। हिन्दी में 'एकाउन्टैन्सी' के समतुल्य 'लेखाविधि' तथा 'लेखाकर्म' शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। लेखाशास्त्र गणितीय विज्ञान की वह शाखा है जो व्यवसाय में सफलता और विफलता के कारणों का पता लगाने में उपयोगी है। लेखाशास्त्र के सिद्धांत व्यावसयिक इकाइयों पर व्यावहारिक कला के तीन प्रभागों में लागू होते हैं, जिनके नाम हैं, लेखांकन, बही-खाता (बुक कीपिंग), तथा लेखा परीक्षा (ऑडिटिंग)। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और लेखाकरण · और देखें »

शेयर बाज़ार

मुंबई का शेयर बाजार - सन् १८७५ में स्थापित यह एशिया का पहला शेयर बाजार है। शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है। इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है। आज स्थिति यह है कि खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते। एक प्रकार से देखे तो यहा पे शेयरो की नीलामी होती है। अगर किसी को बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जता है। शेयर मन्डी (जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज इस तरह कि बोलियाँ लगाने के लिये ज़रूरी सभी तरह कि सुविधाये मुहैया कराते है। सोचिये, एक दिन मे करोड़ो शेयरों का आदान-प्रदान होता है। कित्ना मुश्किल हो जाये अगर सभी कारोबरियोँ को चिल्ला चिल्ला के ही खरीदे और बेंचने वालो को ढूंढ्ना हो। अगर ऐसा हो तो शेयर खरीद्ना और बेंचना कमोबेश असम्भव हो जायेगा। शेयर मन्डियाँ इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदत, शेयर ब्रोकर, इंटेर्नेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है। असल मे शेयर बाज़ार एक बहुत ही सुविधाजनक सब्ज़ी मंडी से ज़्यादा कुछ भी नही है। कुछ साल पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीद फरोख्त करनी पड़ती थी। पिछ्ले कुछ सालो से कम्प्यूटरो और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी घर बैठे शेयर खरीद और बेंच सकता है। सूचना क्रांति का ये एक उत्कृष्ट नमुना है। जो काम पहले कुछ पैसे वाले लोग ही कर सकते थे अब वो सब एक आम आदमी भी कर सक्ता है। आजकल सभी शेयर डीमटीरिअलाइज़्ड होते है। शेयरो के अलावा निवेशक भारतीय म्यूचुअल फंड मे भी पैसा लगा सक्ते है। आम ग्राहक को किसी डीमैट सर्विस देने वाले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कई बैंक जैसे आइसीआइसीआइ, एच डी एफ सी, भारतीय स्टटे बैंक, इत्यादि डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है। शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थ्व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। जिस तरह से किसी देश, गाँव या शहर के विकास के लिये सडके, रेल यातायात, बिजली, पानी सबसे ज़रूरी होते है, वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिये शेयर बाज़ार ज़रूरी है। उद्योग धंधो को चलाने के लिये कैपिटल चहिये होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से मिलता है। शेयर बाज़ार के माध्यम से हर आम आदमी बडे़ से बडे़ उद्योग मे अपनी भागिदारी कर सकता है। इस तरह की भागीदारी से वो बड़े उद्योगों मे होने वाले मुनाफे मे बराबर का हिस्सेदार बन सकता है। मान लीजिये, अगर किसी भी नागरिक को ये लग्ता है कि आने वाले समय मे रिलायंस या इंफोसिस भारी मुनाफा कमाने वाली है, तो वह इस कम्पनियों के शेयर खरीद के इस मुनाफे मे भागीदार बन सकता है। और ऐसा करने के लिये तो व्यवस्था चहिये वो शेयर बाज़ार प्रदान करता है। एक अछा शेयर बाज़ार इस बात का ख्याल रखता है कि किसी भी निवेशक को बराबर का मौका मिले। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के अलावा देशभरर मे 27 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और शेयर बाज़ार · और देखें »

स्टॉक

कारोबार एकक का स्टॉक या पूंजीगत स्टॉक उसके संस्थापकों द्वारा कारोबार में प्रदत्त मूल पूंजी या निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यापार के लेनदारों के लिए एक प्रतिभूति के रूप में कार्य करता है, चूंकि लेनदारों के लिए हानिकर रूप से उसे आहरित नहीं किया जा सकता है। स्टॉक संपत्ति और व्यवसाय की आस्तियों से अलग है जो मात्रा और मूल्य में उतार-चढ़ाव ला सकता है। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और स्टॉक · और देखें »

वित्तीय लेखांकन

वित्तीय लेखांकन (financial accounting) या वित्तीय लेखाकर्म (financial accountancy) लेखांकन का वह क्षेत्र है जो निर्णय लेने वाले विभिन्न लोगों की सहायता के लिये वित्तीय विवरण तैयार करने से सम्बन्धित है। अंशधारक, आपूर्तिकर्ता, बैंक, कर्मचारी, सरकारी एजेंसियाँ उद्योग-स्वामी आदि के लिये यह उपयोगी होता है। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और वित्तीय लेखांकन · और देखें »

वित्तीय विवरण

किसी व्यापार, व्यक्ति या अन्य ईकाई के वित्तीय विवरण (financial statement) से आशय उसकी गतिधियों के औपचारिक रिकॉर्ड से है। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और वित्तीय विवरण · और देखें »

अधिमान्य स्टॉक

पूर्वाधिकारी शेयर(पसंदीदा शेयरों, वरीयता शेयर) एक इक्विटी और एक ऋण साधन दोनों की संपत्तियों सहित सामान्य शेयर का साया नहीं सुविधाओं के किसी भी संयोजन हो सकता है जो स्टॉक का एक प्रकार है, और आम तौर पर एक संकर साधन माना जाता है। पूर्वाधिकारी शेयर वरिष्ठ (यानी, उच्च रैंकिंग) (कंपनी की संपत्ति के अपने हिस्से के लिए या अधिकार) के दावे के संदर्भ में बांड के लिए सामान्य शेयर के लिए, लेकिन अधीनस्थ और में सामान्य शेयर पर प्राथमिकता (साधारण शेयर) हो सकता है लाभांश की और परिसमापन पर भुगतान। बांड के लिए इसी प्रकार, वरीय शेयरों प्रमुख क्रेडिट रेटिंग कंपनियों द्वारा मूल्यांकन कर रहे हैं। पूर्वाधिकारी शेयर के लिए रेटिंग पसंदीदा लाभांश बांड से ब्याज भुगतान के रूप में ही की गारंटी नहीं ले लेते, क्योंकि बांड के लिए की तुलना में आम तौर पर कम है और वरीय-शेयर धारकों के दावों सभी लेनदारों के उन लोगों के लिए जूनियर हैं। .

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और अधिमान्य स्टॉक · और देखें »

अवशिष्ट

अवशिष्ट जब किसी उत्पाद, उपोत्पाद काल आभदायक उपयोग संभव नहीं होता, उसे अवशिष्ट या वेस्ट कहा जाता है। जो अवशिष्ट पर्यावरण को प्रदूषित करते हैम, प्रदूषक कहलाते हैं। श्रेणी:जीव विज्ञान श्रेणी:शब्दावली श्रेणी:सूक्ष्मजैविकी श्रेणी:जैव प्रौद्योगिकी श्रेणी:आण्विक जैविकी.

नई!!: स्वामित्वपूर्ण इक्विटी और अवशिष्ट · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »