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स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी

सूची स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी (Stancomb-Wills Glacier) पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती क्षेत्र की एक बड़ी हिमानी (ग्लेशियर) है जिसकी हिमधारा पूर्वी वेडेल सागर में बह जाती है। यह प्रवाह पास के लिडन द्वीप से बिलकुल दक्षिण में है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी का सबसे पहचाने जाने वाल पेहलू इसकी "जीभ" है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी जिह्वा (Stancomb-Wills Glacier Tongue) कहलाने वाली यह हिम-आकृति २३० किमी लम्बी है। यह जिह्वा अंत में ३० किमी चौड़ी और बीच के कुछ स्थानों पर ५० किमी चौड़ी तक है। यदि जिह्वा की बर्फ़ की ऊँचाई मापी जाए तो यह आसपास की हिमचादर की बर्फ़ से लगभग १० मीटर ऊँची भी है, यानि जिह्वा आसानी से अलग देखी जा सकती है। वेडेल सागर पहुँचकर यह समुद्री बर्फ़ तक जाती है। .

9 संबंधों: पूर्वी अंटार्कटिका, रानी मौड धरती, रीज़र-लार्सन हिमचट्टान, लिडन द्वीप, समुद्री बर्फ़, हिमचादर, हिमधारा, हिमानी, वेडेल सागर

पूर्वी अंटार्कटिका

पूर्वी अंटार्कटिका (East Antarctica) अंटार्कटिका महाद्वीप का पूर्वी दो-तिहाई हिस्सा है। पार-अंटार्कटिक पर्वतमाला अंटार्कटिका को दो भागों में बांटती है। पूर्वी अंटार्कटिका इस पर्वतमाला से पूर्व में स्थित भाग है। इस के विपरीत पश्चिमी अंटार्कटिका इस पर्वतमाला की दूसरी ओर है और यहाँ अंटार्कटिका के कुल क्षेत्रफल का लगभग एक-तिहाई हिस्सा आता है। अंटार्कटिका के इन दोनों भागों के बीच पूर्वी अंटार्कटिका की औसत ऊँचाई अधिक है और महान गामबूर्तसेव पर्वतमाला पूर्वी अंटार्कटिका के ठीक मध्य में स्थित है। हमारी पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव भी पूर्वी अंटार्कटिका में ही स्थित है। .

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रानी मौड धरती

रानी मौड धरती (Queen Maud Land) पूर्वी अंटार्कटिका का एक भाग है। यह कोट्स धरती से पूर्व में और एन्डर्बी धरती से पश्चिम में स्थित है। अंटार्कटिका में साधारणतया क्षेत्र दक्षिणी ध्रुव से दो रेखांशों (लोंगीट्यूडों) के बीच परिभाषित किये जाते हैं। रानी मौड धरती २०° पश्चिम और ४५° पूर्व के रेखांशों के बीच का इलाक़ा है। नॉर्वे यहाँ पर अपनी सम्प्रभुता बताता हैं, लेकिन न तो उसे विश्व के अन्य देश स्वीकारते हैं और न ही इसे अंटार्कटिक संधि में मान्यता दी गई है। रानी मौड धरती का क्षेत्रफल २७ लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिये भारत का कुल क्षेत्रफल ३२ लाख से ज़रा अधिक है। .

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रीज़र-लार्सन हिमचट्टान

रीज़र-लार्सन हिमचट्टान (Riiser-Larsen Ice Shelf) पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती के तट पर एक ४०० किमी (२५० मील) लम्बी हिमचट्टान है। यह उत्तर में नॉर्वेजिआ अंतरीप (Cape Norvegia) से लेकर दक्षिण में लिडन द्वीप (Lyddan Island) और स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी (Stancomb-Wills Glacier) तक विस्तृत है। .

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लिडन द्वीप

लिडन द्वीप (Lyddan Island) पूर्वी अंटार्कटिका में रीज़र-लार्सन हिमचट्टान के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर खड़ा है और उस हिमचट्टान को ब्रंट हिमचट्टान से अलग करता है। यह द्वीप लगभग ८० किमीचौड़ा है और इसकी आकृति में तीन भुजाएँ हैं। यह द्वीप रानी मौड धरती क्षेत्र के राजकुमारी मारथा तट (Princess Martha Coast) से लगभग ३७ किमी की दूरी पर सागर में स्थित है। भौगोलिक रूप से यह कोट्स धरती क्षेत्र का भाग है। .

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समुद्री बर्फ़

मार्च से सितम्बर के मध्य आर्कटिक की बर्फ की मात्रा मे परिवर्तनसमुद्री बर्फ का निर्माण नमकीन महासागरीय जल से होता है, इसलिए यह -1.8 °C (सेल्सियस) (28.8 °F) पर निर्मित होती है। समुद्री बर्फ महासागरों में पाये जाने वाले उन हिमशैलों से अलग है जो हिमनदों का हिस्सा होते हैं और जो समुद्र में इनसे टूट कर बनते हैं। हिमशैल चूंकि संपीडित हिम से निर्मित होते हैं इसलिए यह ताजे पानी के स्रोत होते हैं। कुछ समुद्री बर्फ स्थायी रूप से जमी रहती है जबकि इसके कुछ हिस्से मौसमी परिवर्तन के चलते पिघल जाते हैं, इसलिए नौगमन के लिए इन क्षेत्रों में इसकी जानकारी अत्यावश्यक है। .

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हिमचादर

हिमचादर (ice sheet) हिमानी (ग्लेशियर) बर्फ़ का एक बड़ा समूह होता है जो धरती को ढके और कम-से-कम ५०,००० वर्ग किमी क्षेत्रफल पर विस्तृत हो। तुलना के लिये यह भारत के पंजाब राज्य के क्षेत्रफल के लगभग बराबर है। वर्तमानकाल में हिमचादरें केवल अंटार्कटिका और ग्रीनलैण्ड में मिलती हैं, लेकिन पिछले हिमयुग में उत्तर अमेरिका के अधिकांश भाग पर लौरेनटाइड हिमचादर, उत्तरी यूरोप पर विशेली हिमचादर और दक्षिणी दक्षिण अमेरिका पर पैतागोनियाई हिमचादर फैली हुई थी। क्षेत्रफल में हिमचादरें हिमचट्टानों और हिमानियों से बड़ी होती हैं। ५०,००० वर्ग किमी से कम आकार की हिमचादर को बर्फ़ की टोपी (ice cap) कहते हैं। .

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हिमधारा

हिमधारा (ice stream) किसी हिमचादर (आइस शीट) के ऐसे क्षेत्र को कहते हैं जिसमें बर्फ़ अपने आसपास की बर्फ़ से अधिक तेज़ी से बह रही हो। यह एक विषेश प्रकार की हिमानी (ग्लेशियर) होती है। हिमधाराएँ अंटार्कटिका में बहुत दिखती हैं जहाँ वे पूरी बर्फ़ का १०% प्रतिशत है। वे ५० किमी चौड़ी, २ किमी गहरी और सैंकड़ों मीलों तक चलने वाली हो सकती हैं। समझा जाता है कि अंटार्कटिका की हिमचादरों से सागर में बह जानी वाली अधिकांश बर्फ़ इन्हीं हिमधाराओं में बहती है। .

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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वेडेल सागर

वेडेल सागर (Weddell Sea) अंटार्कटिक प्रायद्वीप से पूर्व में और कोट्स धरती से पश्चिम में स्थित दक्षिणी महासागर का एक सागर है। इसका पूर्वतम बिन्दु रानी मौड धरती का नॉर्वेजिआ अंतरीप (Cape Norvegia) है। अपने सबसे चौड़े मापन पर यह २,००० किमी तक फैला हुआ है। भूमि के साथ लगे इसके कई क्षेत्रों पर हिमचट्टाने स्थित हैं, मसलन फ़िल्च्नर-रोन हिमचट्टान, और वेडेल सागर का दक्षिणी भाग स्थाई और भीमकाय हिमचट्टानों से ढका हुआ लगता है। वेडेल सागर का जल विश्व के सबसे साफ़ समुद्री जलों में गिना जाता है और इसमें बहुत सीलों और व्हेलों की आबादी है। लेकिन साथ-ही-साथ नाविकों के लिये इसे अधिक ख़तरनाक बताया गया है। इतिहासकार थोमस हेन्री ने अपनी १९५० की किताब "श्वेत महाद्वीप" (द व्हाइट कोन्टीनेन्ट) में लिखा कि "वेडेल सागर के हिमशैल-ग्रस्त जल से निकलने वाले सभी नाविक कहते हैं कि यह पृथ्वी का सबसे जोखिम-मय और डरावना स्थान है। इसके मुक़ाबले में रॉस सागर स्थाई, शान्त और सुरक्षित है।" .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी जिह्वा

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