लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अवस्था आरेख

सूची अवस्था आरेख

यह अवस्था आरेख एक ऐसे दरवाजे का है जिसे केवल खोला या बन्द किया जा सकता है; इसकी कोई अन्य अवस्था नहीं है। अवस्था आरेख या 'स्थिति आरेख' या 'स्टेट डायग्राम' (state diagram) आंकिक एलेक्ट्रॉनिकी, संगणक विज्ञान एवं संबन्धित क्षेत्रों में प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण आरेख है जो किसी लॉजिकल प्रणाली की एक अवस्था से दूसरी अवस्था में जाने की शर्तों आदि को प्रदर्शित करती है। इसके लिये जरूरी है कि संबन्धित प्रणाली सीमित अवस्थाओं वाली हो। अवस्था आरेख के कई रूप हैं और उनमें थोड़ा-बहुत अन्तर होता है। .

2 संबंधों: कम्प्यूटर विज्ञान, अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी

कम्प्यूटर विज्ञान

कम्प्यूटर विज्ञान संगणन और उसके उपयोग की ओर वैज्ञानिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण है। यह जानकारी के पहुँच, सम्प्रेषण, संचय, प्रसंस्करण, प्रतिनिधित्व और अर्जन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले व्यवस्थित प्रक्रियाओं (या कलन विधियों) के मशीनीकरण, अभिव्यक्ति, संरचना, और साध्यता का व्यवस्थित अध्ययन है। संगणक विज्ञान एक वैकल्पिक, संक्षिप्त परिभाषा के अनुसार यह मापने योग्य स्वचालित कलन विधियों का अध्ययन है। संगणक वैज्ञानिक संगणन के सिद्धांत और गणना योग्य प्रणालियों की योजना में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। कंप्यूटर विज्ञान (कम्प्यूटर विज्ञान) के अन्तर्गत सूचना तथा संगणन (computation) के सैद्धान्तिक आधारों अध्ययन किया जाता है और साथ में इन सिद्धान्तों को कंप्यूटर प्रणालियों में व्यवहार में लाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर विज्ञान को प्राय: कलन विधियों के विधिवत (systematic) अध्ययन के रूप में देखा जाता है और कंप्यूटर विज्ञान का मूल प्रश्न यही है - कौन सा काम (दक्षतापूर्वक) स्वत: किया जा सकता है? (What can be (efficiently) automated?) .

नई!!: अवस्था आरेख और कम्प्यूटर विज्ञान · और देखें »

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी या डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं। लकडी की तख्ती पर हाथ से बुनी हुई एक द्विआधारी घड़ी एक औद्योगिक अंकीय नियंत्रक इनटेल 80486DX2 माइक्रोप्रोसेसर अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, या सूक्ष्माड़विक आंकिक पद्धति ऐसी प्रणाली है जो विद्युत संकेतों को, रेखीय स्तर के एक निरंतर पट्टियों के बजाए एक अलग अलग पट्टियों की श्रृंखला के रूप में दर्शाती है। इस पट्टी के सभी स्तर संकेतों की एक ही अवस्था को दर्शाते हैं। संकेतो की इस पृथकता की वजह से निर्माण सहनशीलता के काऱण रेखीय संकेतो के स्तर में आये अपेक्षाकृत छोटे बदलाव अलग आवरण नहीं छोड़ते है। जिसके परिणाम स्वरुप संकेतो की अवस्था को महसूस करने वाला परिपथ इन्हे नजरअंदाज कर देता है। ज्यादातर मामलों में संकेतो की अवस्था की संख्या दो होती है और इन दो अवस्थाओं को दो वोल्टेज स्तरों द्वारा दर्शाया जाता है: प्रयोग में आपूर्ति वोल्टेज के आधार पर एक व दूसरा (आमतौर पर "जमीनी" या शून्य वोल्ट के रूप में कहा जाता है)| 1 उच्च स्तर पर होता है व 0 निम्न स्तर पर। अक्सर ये दोनों स्तर "लो" और "हाई" के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। आंकिक तकनीक का मूल लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि संकेतो की एक सतत श्रृंखला को पुनरुत्पादित करने के बजाए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संकेतो की ० या १ जैसे किसी ज्ञात अवस्था में भेजना ज्यादा आसान होता है। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स आम तौर पर लॉजिक गेट्स के वृहद संयोजन व बूलियन तर्क प्रकार्य के सरल इलेक्ट्रोनिक्स से बनाया जाता है। .

नई!!: अवस्था आरेख और अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

स्टेट डायग्राम

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »