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स्टीरियोलिथोग्राफी

सूची स्टीरियोलिथोग्राफी

स्टीरियोलिथोग्राफी उपकरण एक एस एल हिस्सा उत्पादित विभिन्न घटकों के साथ एक जटिल एसएलए 3 डी मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड पीसीबी के एक उदाहरण के अंतिम उत्पाद अनुकरण करने के लिए।  स्टीरियोलिथोग्राफी (एसएलए या एसएल, यह भी ऑप्टिकल निर्माण के रूप में जाना जाता है, फोटो सम्पिण्डन ठोस फ्री -फार्म निर्माण, ठोस इमेजिंग, रैपिड प्रोटोटाइप, राल मुद्रण, और।  3 डी प्रिंटिग) का एक रूप है योगात्मक विनिर्माण प्रौद्योगिकी बनाने के लिए इस्तेमाल किया मॉडल, प्रोटोटाइप, पैटर्न, और परत फैशन से एक परत में उत्पादन भागों का उपयोग तस्वीर बहुलकीकरण, प्रकाश के गठन, एक साथ लिंक करने के अणुओं की जंजीरों का कारण बनता है जिसके द्वारा एक प्रक्रिया पॉलिमर.

4 संबंधों: त्रिविम मुद्रण, पॉलीमर, बहुलकीकरण, अंतःक्षेपी संचन

त्रिविम मुद्रण

एक त्रिविम प्रिण्टर (ORDbot quantum) अतिपरवलय की ३-डी प्रिण्टिंग त्रिविम मुद्रण या 'थ्री-डी प्रिण्टिंग' (3D printing या additive manufacturing (AM)) त्रि-विमीय वस्तुएँ बनाने की बहुत सी विधियों में से एक विधि है। इस विधि में कम्प्यूटर के नियन्त्रण में वस्तु पर किसी पदार्थ की परत-दर-परत डालते जाते हैं और वस्तु तैयार होती जाती है। निर्मित होने वाली वस्तुएं किसी भी आकार और ज्यामिति वाली हो सकतीं हैं। निर्माण के पूर्व वस्तु का त्रिविम डेटा स्रोत तैयार कर लेते हैं और कम्प्यूटर के नियन्त्रण में त्रिविम प्रिन्टर द्वारा इसी के अनुसार परतें डाली जातीं हैं। वस्तुतः त्रिविम प्रिण्टर एक औद्योगिक रोबोट है। .

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पॉलीमर

रिअल लीनिअर पॉलीमर कड़ियां, जो परमाणिव्क बल सूक्ष्मदर्शी द्वारा तरल माध्यम के अधीन देखी गयी हैं। इस बहुलक की चेन लंबाई ~२०४ नैनो.मीटर; मोटाई is ~०.४ नै.मी.वाई.रोइटर एवं एस.मिंको, http://dx.doi.org/10.1021/ja0558239 ईफ़एम सिंगल मॉलिक्यूल एक्स्पेरिमेंट्स ऐट सॉलिड-लिक्विड इंटरफ़ेस, अमरीकन कैमिकल सोसायटी का जर्नल, खण्ड १२७, ss. 45, pp. 15688-15689 (2005) वहुलक या पाॅलीमर बहुत अधिक अणु मात्रा वाला कार्बनिक यौगिक होता है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता; के बहुत अधिक इकाईयों के पॉलीमेराइजेशन के फलस्वरूप बनता है।। नैनोविज्ञान। वर्ल्डप्रेस पर पॉलीमर में बहुत सारी एक ही तरह की आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ यानि मोनोमर संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से जुड़ी होती हैं। सेल्यूलोज, लकड़ी, रेशम, त्वचा, रबर आदि प्राकृतिक पॉलीमर हैं, ये खुली अवस्था में प्रकृति में पाए जाते हैं तथा इन्हें पौधों और जीवधारियों से प्राप्त किया जाता है। इसके रासायनिक नामों वाले अन्य उदाहरणों में पालीइथिलीन, टेफ्लान, पाॅली विनाइल क्लोराइड प्रमुख पाॅलीमर हैं। कृत्रिम या सिंथेटिक पॉलीमर मानव निर्मित होते हैं। इन्हें कारखानों में उत्पादित किया जा सकता है। प्लास्टिक, पाइपों, बोतलों, बाल्टियों आदि के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली पोलीथिन सिंथेटिक पॉलीमर है। बिजली के तारों, केबलों के ऊपर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक कवर भी सिंथेटिक पॉलीमर है। फाइबर, सीटकवर, मजबूत पाइप एवं बोतलों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रोपाइलीन भी सिंथेटिक पॉलीमर है। वाल्व सील, फिल्टर क्लॉथ, गैस किट आदि टेफलॉन से बनाए जाते हैं। सिंथेटिक रबर भी पॉलीमर है जिससे मोटरगाड़ियों के टायर बनाए जाते हैं। हॉलैंड के वैज्ञानिकों के अनुसार मकड़ी में उपस्थित एक डोप नामक तरल पदार्थ उसके शरीर से बाहर निकलते ही एकप प्रोटीनयुक्त पॉलीमर के रूप में जाला बनाता है। पॉलीमर शब्द का प्रथम प्रयोग जोंस बर्जिलियस ने १८३३ में किया था। १९०७ में लियो बैकलैंड ने पहला सिंथेटिक पोलीमर, फिनोल और फॉर्मएल्डिहाइड की प्रक्रिया से बनाया। उन्होंने इसे बैकेलाइट नाम दिया। १९२२ में हर्मन स्टॉडिंगर को पॉलीमर के नए सिद्धांत को प्रतिपादित करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इससे पहले यह माना जाता था कि ये छोटे अणुओं का क्लस्टर है, जिन्हें कोलाइड्स कहते थे, जिसका आण्विक भार ज्ञात नहीं था। लेकिन इस सिद्धांत में कहा गया कि पाॅलीमर एक शृंखला में कोवेलेंट बंध द्वारा बंधे होते हैं। पॉलीमर शब्द पॉली (कई) और मेरोस (टुकड़ों) से मिलकर बना है। एक ही प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को होमोपॉलीमर कहते हैं। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। भिन्न प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को कोपॉलीमर कहते हैं। जैसे इथाइल-विनाइल-एसीटेट भिन्न प्रकार के मोनोमरों से बनता है। भौतिक व रासायनिक गुणों के आधार पर इन्हें दो वर्गों में बांटा जा सकता है: right.

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बहुलकीकरण

कार्बनिक रसायन में प्रारंभ से ही उस विधि को जिसमें यौगिक पदार्थ के दो या अधिक अणु मिलकर एक दूसरा ऐसा अणु या बहुलक (polymer) बनाएँ जिसका प्रतिशत संगठन वही हो जो मूल पदार्थ एकलक (monomer) का था, तथा उसका अणुभार एकलक के अणुभार का बहुगुण हो, बहुलकीकरण (Polymerisation) कहते हैं। .

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अंतःक्षेपी संचन

एक अंतःक्षेपी संचन मशीन स्क्रू पर आधारित अंतःक्षेपी संचन मशीन का सामान्य रूप (१) स्क्रू (२) गुटिका प्रक्षेपक (३) नोजल (४) तथा (६) सांचे के दो भाग (५) खाली स्थान में गर्म पदार्थ (५) निर्मित उत्पाद अंतःक्षेपी संचन (Injection molding) एक निर्माण प्रक्रिया है जो थर्मोप्लास्टिक पदार्थों तथा थर्मोसेटिंग पदार्थों से विभिन्न वस्तुएँ बनाने में प्रयुक्त होती है। इस प्रक्रिया में पदार्थ को एक गर्म नाल (बैरल) में ले जाया जाता है, मिश्रित किया जाता है और साँचा कोटर (मोल्ड कैविटी) में बलपूर्वक घुसा दिया जाता है। यहाँ ठंडा होकर कठोर हो जाता है और कोटर का आकार ग्रहण कर लेता है। जब किसी उत्पाद की डिजाइन पूरी हो जाती है तो साँचे की डिजाइन करने वाले किसी धातु (प्रायः इस्पात या अलुमिनियम) से मोल्ड का निर्माण करते हैं। अंतःक्षेपी संचन का उपयोग बहुतायत में होता है और इस प्रक्रिया द्वारा छोटे-से-छोटा अवयव से लेकर कारों की सम्पूर्ण शरीर तक बनाया जाता है। .

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