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सोहनी महिवाल

सूची सोहनी महिवाल

सोहनी महिवाल लोक प्रचलित प्रसिद्ध लोककथा है। इसका संबन्ध पंजाब से है। सोहनी चिनाब के किनारे के एक गाँव के कुम्हार की लड़की थी। सोहनी के रूप गुण पर रीझ कर महिवाल नामक राजकुमा चिनाब के दूसरे किनारे पर धूनी रमाकर बैठ गया। सोहनी प्रतिदिन पक्के घड़े की सहायता से चिनाब तैरकर राजकुमार महिवाल के पास जाया करती थी। एक दिन उसकी भाभी ने देख लिया। उसने चुपके से पक्का घड़ा उठाकर उसके स्थान पर कच्चा घड़ा रख दिया। सोहनी कच्चे घड़े के सहारे चिनाब पार करने लगी। बीच में कच्चा घड़ा फूट गया और सोहनी चिनाब की लहरों में समा गई। "महिवाल" का अर्थ है भैसों का चरवाहा। सोहनी को प्राप्त करने के लिए राजकुमार ने भैसें भी चराईं थीं इसलिए कथा में वह महिवाल हो गया। श्रेणी:साहित्य श्रेणी:लोक साहित्य.

3 संबंधों: चिनाब, महिवाल, लोककथा

चिनाब

यह भारत के पंजाब राज्य में बहने वाली प्रमुख नदी है। श्रेणी:भारतीय नदी.

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महिवाल

महिवाल का अर्थ है भैसों का चरवाहा। महिवाल सोहनी महिवाल लोककथा का प्रमुख पात्र है। सोहनी को प्राप्त करने के लिए राजकुमार ने भैसें भी चराईं थीं इसलिए कथा में वह महिवाल हो गया।.

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लोककथा

लोककथाएँ वे कहानियाँ हैं जो मनुष्य की कथा प्रवृत्ति के साथ चलकर विभिन्न परिवर्तनों एवं परिवर्धनों के साथ वर्तमान रूप में प्राप्त होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित कथानक रूढ़ियों और शैलियों में ढली लोककथाओं के अनेक संस्करण, उसके नित्य नई प्रवृत्तियों और चरितों से युक्त होकर विकसित होने के प्रमाण है। एक ही कथा विभिन्न संदर्भों और अंचलों में बदलकर अनेक रूप ग्रहण करती हैं। लोकगीतों की भाँति लोककथाएँ भी हमें मानव की परंपरागत वसीयत के रूप में प्राप्त हैं। दादी अथवा नानी के पास बैठकर बचपन में जो कहानियाँ सुनी जाती है, चौपालों में इनका निर्माण कब, कहाँ कैसे और किसके द्वारा हुआ, यह बताना असंभव है। "यद्यपि दादी नानी से ज्यादा कहानियाँ दादा नाना सुनाते हैं लेकिन फिर भी दादी-नानी को ही ज्यादा महता देना भी विरासत में चली आ रही परिपाटी का ही परिणाम है!"-डॉ.रवींद्र भारतीय .

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