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सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट

सूची सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट

सोडियम लौरेल सल्फ़ेट (SLS) टूथपेस्ट और प्रसाधन सामग्रियों में प्रयुक्त कार्बनिक यौगिक है। इसका सूत्र CH3(CH2)11SO4Na है। यह झाग बनाने के लिए इस्तेमाल होता है जिसका प्रयोग त्वचा के लिए थोड़ा हानिकारक माना जाता है। इसकी क्षरण-शक्ति के अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि इसको इंजन के ग्रीस की चिकनाई हटाने और फ़र्श साफ़ करने वाले घोलों (जैसे Domex) में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावे साबुन और डिटरजेंट तथा द्रव के पृष्ठीय तनाव कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसको 'डोडेसिल सल्फेट' (SDS या NaDS) भी कहते हैं। Category:टूथपेस्ट में प्रयुक्त रसायन.

सामग्री की तालिका

  1. 7 संबंधों: झाग, त्वचा, दन्तमंजन, पृष्ठ तनाव, साबुन, कार्बनिक यौगिक, अपमार्जक

झाग

सागर का झाग, पास से देखने पर फेनित एल्युमिनियम झाग या फेन वह वस्तु होती है जो द्रव या ठोस में गैस के बुलबुलों को फँसाने से प्राप्त होती है। साबुन को पानी में मिलाने से बना झाग (फ़ोम) इसका सबसे आम उदाहरण है। पर यह शब्द इस जैसी अन्य घटनाओं के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है जैसे क्वांटम फेन। द्रव के बने फेन को कलिल (कोलाइड) का एक प्रकार भी माना जा सकता है। जब ऐसे द्रव को जमा दिया जाता है तो ठोस बनता है जो फेन का यथावत हिमीकृत रूप होता है। ऐसे ठोस फेन के उदाहरणों में फेनित अल्युमीनियम का नाम लिया जा सकता है (चित्र दाहिनी ओर दिया गया है)। ठोस में गैस के बुलबुलों से बने झाग के एक अन्य उदाहरण के रूप में खाने की वस्तु पाव (ब्रेड) बहुधा प्रयुक्त होती है। फ़ोम रासायनिक कारखानों का एक आम सह-उत्पाद है जो अक्सर अवांछित होता है। सिलिकोन तेल एक साधारण विफेनक है जो फेन को अवांछित तरल में बनने से रोकता है। 20 वीं सदी की शुरुआत से, विशेष रूप से निर्मित ठोस फेन, विभिन्न प्रकार के प्रयोग में आने शुरु हो गये थे। इन फेनों के कम घनत्व के कारण इन्हें उष्मा कुचालक और प्लवन उपकरणों बनाने में प्रयुक्त किया गया और इनके कम भार और संपीडकता के चलते यह पैकिंग और भराई पदार्थ के रूप में आदर्श बन गये। कुछ तरल फेन को, अग्नि रोधक फेन भी कहते हैं और इनका प्रयोग आग बुझाने, विशेष रूप से तेल की आग को बुझाने में किया जाता है। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और झाग

त्वचा

त्वचा या त्वक् (skin) शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं। यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है। चूंकि यह सीधे वातावरण के संपर्क मे आती है, इसलिए त्वचा रोगजनकों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है। मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और त्वचा

दन्तमंजन

दन्तबुरुश पर दन्तमंजन-पेस्ट लगाते हुए दन्तमंजन (Toothpaste) वह पेस्ट या जेल् (gel) है जिसे दन्तबुरुश पर लगाकर दाँतों की सफाई की जाती है। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और दन्तमंजन

पृष्ठ तनाव

कुछ कीट जल की सतह पर 'चल' पाते हैं। इसका कारण पृष्ठ-तनाव ही है। पृष्ठ तनाव (Surface tension) किसी द्रव के सतह या पृष्ट का एक विशिष्ट गुण है। दूसरे शब्दों मे, पृष्ठ-तनाव के कारण ही द्रवों का पृष्ट एक प्रकार की प्रत्यास्थता (एलास्टिक) का गुण प्रदर्शित करता है। पृष्ट तनाव के कारण ही पारे की बूँद, गोल आकार धारण कर लेती है न कि अन्य कोई रूप (जैसे घनाकार)। पृष्ठ तनाव के कारण द्रव अपने पृष्ठ (सतह) का क्षेत्रफल न्यूनतम करने की कोशिश करते हैं। गणितीय रूप में, पृष्ठ के इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल को द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल की वृद्धि के लिये आवश्यक ऊर्जा को उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। इसका मात्रक बल प्रति इकाई लंबाई (जैसे न्यूटन/मीटर), या ऊर्जा प्रति इकाई क्षेत्र (जैसे जूल/वर्ग मीटर) है। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और पृष्ठ तनाव

साबुन

तरह-तरह के सजावटी साबुन साबुन उच्च अणु भार वाले कार्बनिक वसीय अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण है। मृदु साबुन का सूत्र C17H35COOK एवं कठोर साबुन का सूत्र C17H35COONa है। साबुनीकरण की क्रिया में वनस्पति तेल या वसा एवं कास्टिक सोडा या कास्टिक पोटाश के जलीय घोल को गर्म करके रासायनिक प्रतिक्रिया के द्वारा साबुन का निर्माण होता तथा ग्लीसराल मुक्त होता है। साधारण तापक्रम पर साबुन नरम ठोस एवं अवाष्पशील पदार्थ है। यह कार्बनिक मिश्रण जल में घुलकर झाग उत्पन्न करता है। इसका जलीय घोल क्षारीय होता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और साबुन

कार्बनिक यौगिक

मिथेन सबसे सरल कार्बनिक यौगिक कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और कार्बनिक यौगिक

अपमार्जक

कुछ अपमार्जकअपमार्जक (detergent) ऐसे पृष्‍ठ संक्रियक (surfactant) पदार्थ हैं जिनके तनु विलयन में सफाई करने की क्षमता होती है। ये प्रायः एल्किलबेंजीनसल्फोनेट होते हैं जो साबुन के समान ही होते हैं किन्तु कठोर जल में साबुन से अधिक विलेय होते हैं। .

देखें सोडियम लॉरेल सल्फ़ेट और अपमार्जक