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सिस्टम डेवलपमेंट लाइफ साइकल

सूची सिस्टम डेवलपमेंट लाइफ साइकल

रख-रखाव बबल पर प्रकाश डालने के साथ सिस्टम डेवलपमेंट लाइफ साइकल का मॉडल सिस्टम डेवलपमेंट लाइफ साइकल (SDLC), या सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफ साइकल सिस्टम इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सिस्टम का निर्माण करने या फेरबदल करने की प्रक्रिया है और ऐसी मॉडल एवं कार्य प्रणालियां हैं, जिनका लोग इन सिस्टमों को विकसित करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह अवधारणा सामान्यतया कंप्यूटर या सूचना प्रणाली से सम्बंधित होती हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में SDLC अवधारणा कई प्रकार के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कार्य प्रणालियों को सहायता पहुंचाती हैं। ये कार्य प्रणालियां सूचना प्रणाली: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रक्रिया के निर्माण की योजना बनाने एवं उसे नियंत्रित करने का ढांचा तैयार करती हैं। .

15 संबंधों: परियोजना, प्रशिक्षण, मुक्त स्रोत, लक्ष्य, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर परीक्षण, सॉफ्टवेयर प्रोटोटाइपिंग, सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी, वाटरफॉल मॉडल, विश्लेषण, आधारिक संरचना, आरेख, क्रमानुदेशन, २००६, २२ जून

परियोजना

किसी व्यापार, विज्ञान या इंजीनियरिंग में किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जो विस्तृत कार्य-योजना बनायी और कार्यान्वित की जाती है उसे परियोजना (project) कहते हैं। इसके अन्तर्गत पूरे कार्य को छोटे-छोटे कार्यों के रूप में विभक्त करके उनका समयबद्ध क्रम प्रस्तुत किया जाता है। कौन सा काम कब आरम्भ होगा; कब समाप्त हो जायेगा; कितना धन और अन्य संसाधन लगेगा; समाप्ति पर मिलने वाला परिणाम क्या है; आदि का उल्लेख किया जाता है। परियोजना में कार्य की समयसीमा (डेडलाइन) तय करना जरूरी है। इसके साथ ही हर परियोजना के लिये एक निश्चित राशि (बजट) निर्धारित होता है। .

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प्रशिक्षण

पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्रशिक्षण (Training) का अर्थ है, अपने आप को या किसी दूसरे को ऐसी शिक्षा देना और या कौशल विकसित करना जिससे किसी विशेष कार्य में प्रवीणता आजाय। श्रेणी:प्रशिक्षण.

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मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

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लक्ष्य

लक्ष्य एक हिन्दी शब्द है जिसका मूल संस्कृत है। इसका अन्य अर्थ निशाना है। इससे सम्बद्ध यहाँ अन्य पृष्ठ निम्नलिखित हो सकते हैं.

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सूचना प्रौद्योगिकी

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .

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सॉफ्टवेयर परीक्षण

सॉफ्टवेयर परीक्षण एक अनुभवजन्य खोज है, जिसके तहत हितधारकों को परीक्षणाधीन उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता के बारे में, उस संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, जहाँ इसे प्रयोग के लिए नियत किया गया है। सॉफ्टवेयर परीक्षण, उद्योग को सॉफ्टवेयर के कार्यान्वयन में जोखिम को समझने और सराहना करने की अनुमति देने के लिए, सॉफ्टवेयर का उद्देश्य और स्वतंत्र अवलोकन भी प्रदान करता है। टेस्ट तकनीकों में शामिल है, लेकिन इतने तक ही सीमित नहीं, सॉफ्टवेयर बग खोजने के इरादे से एक प्रोग्राम या अनुप्रयोग के निष्पादन की प्रक्रिया। यह भी कहा जा सकता है कि सॉफ्टवेयर परीक्षण वह प्रक्रिया है, जो यह विधिमान्य और सत्यापित करती है कि एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम/अनुप्रयोग/उत्पाद.

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सॉफ्टवेयर प्रोटोटाइपिंग

धीरज कुमर स्रिवस्तव गोरख्पुर ूहद्दिपुर उत्तर प्रदेश.

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सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी

सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी (Software Engineering) अभियान्त्रिकी कि वह शाखा है जिसमे संगणक के सॉफ्टवेयर एवं संचालन प्रणाली की डिजाइन, रचना, विकास, परीक्षण तथा रखरखाव आदि का अध्ययन किया जाता है। .

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वाटरफॉल मॉडल

वाटरफॉल मॉडल एक अनुक्रमिक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया है जिसमें इसके विकास की प्रक्रिया को अवधारणा, प्रारंभ, विश्लेषण, डिजाइन (सत्यापन), निर्माण, परीक्षण और अनुरक्षण के चरणों के माध्यम से नियमित रूप से नीचे की ओर (एक वाटरफॉल या झरने की तरह) के प्रवाह के रूप में देखा जाता है। अपरिवर्तित "वाटरफॉल मॉडल."एक वाटरफॉल की तरह ऊपर से नीचे की तरफ प्रगति का प्रवाह. वाटरफॉल डेवलपमेंट के मॉडल की उत्पत्ति विनिर्माण और निर्माण उद्योगों से हुई है; उच्च संरचित भौतिक वातावरण जिसमें परिवर्तन करना अगर नामुमकिन नहीं है तो भी बहुत महंगा है। चूंकि उस समय औपचारिक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कार्य-प्रणाली का कोई अस्तित्व नहीं था, इसलिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए इस हार्डवेयर-आधारित मॉडल को सहजतापूर्वक अपना लिया गया। वाटरफॉल मॉडल का सबसे पहला औपचारिक वर्णन, प्रायः विंस्टन डब्ल्यू. रॉयस (1929-1995) द्वारा 1970 में प्रकाशित एक लेख से उद्धृत किया गया है, हालांकि रॉयस ने इस लेख में 'वाटरफॉल' संज्ञा का प्रयोग नहीं किया था। रॉयस ने इस मॉडल को एक त्रुटिपूर्ण और बेकार मॉडल के एक उदाहरण के रूप में पेश किया था। आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले किसी सॉफ्टवेयर प्रैक्टिस की आलोचना करने के एक तरीके के रूप में — सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के बारे में लिखित रूप में किसी संज्ञा को आमतौर पर प्रयोग करने का यही वास्तविक तरीका है। .

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विश्लेषण

यद्यपि मूलतः गणित के क्षेत्र में ग्रीक गणितज्ञों ने प्रमेय को पहले ही सिद्ध किए गए कथनों या प्रमेयों में, अथवा स्वीकृत स्वसिद्ध तथ्यों में, रूपांतरित करके सिद्ध करने की पद्धति को 'विश्लेषण' (Analysis) नाम दिया था। किन्तु वर्तमान समय में, संश्लेषण के विपरीत अर्थ में विश्लेषण (Analysis) का प्रयोग किया जाता है। किसी विधान या व्यवस्थाक्रम की सूक्ष्मता से परीक्षण करने की तथा उसके मूल तत्वों को खोजने की क्रिया को 'विश्लेषण' नाम दिया जाता है। आज ज्ञान के सभी क्षेत्रों में 'विश्लेषण' का प्रयोग किया जाता है। कुछ मुख्य विश्लेषण नीचे दिये हये हैं-.

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आधारिक संरचना

अमेरिका की "इन्टरस्टेट ८०" नामक राजपथ किसी समाज या उद्योग के सुचारु रूप से काम करने के लिये आवश्यक मूलभूत भौतिक एवं संगठनात्मक संरचना को अवसंरचना या आधारिक संरचना (Infrastructure) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, अर्थव्यवस्था को काम करने के लिये जिन सेवाओं और सुविधाओं की जरूरत होती है उसे अधोसंरचना कहते हैं। .

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आरेख

विकिपीडिया में नया लेख जोड़ने की निर्णय प्रक्रिया को व्यक्त करता फ्लोचार्ट किसी सूचना का किसी दृष्य-तकनीक के अनुसार द्विविमीय (2D) ज्यामिति में सांकेतिक अभिव्यक्ति संरेखी, या आरेख (diagram) कहलाता है। कभी-कभी इसे ग्राफ नाम से भी पुकारते हैं। आरेख वह चित्र है जिसके विभिन्न भागों के परस्पर सम्बन्ध आरेख से निरूपित वस्तुओं के परस्पर सम्बन्ध को स्पष्ट करते हैं तथा उन सम्बन्धों को जो चित्र से आरेखी रीति से अभिव्यक्त नहीं होते, चित्र में अंकित संख्याओं अथवा अन्य प्रविष्टियों द्वारा दिखाते हैं। किसी आरेख का अभिप्राय उन मुख्य सम्बन्धों को नेत्रों के समक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना है जिनपर ध्यान आकर्षित करना हो और कभी-कभी आरेख से अभिव्यक्त वस्तु से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण राशियों के यथार्थ संख्यात्मक मान को, चित्र पर माप द्वारा, दिखाना है। .

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क्रमानुदेशन

'बेसिक' नामक संगणक भाषा में लिखे किसी प्रोग्राम की कुछ पंक्तियाँ सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते हैं तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते हैं। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। इसी प्रकार संगणक द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कतिरछे अक्षरराये जा सकते हैं। इसके लिये आवश्यकता है संगणक को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि संगणक द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे क्रमानुदेशन या प्रोग्रामन या क्रमानुदेशन कहते हैं। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को प्रोग्राम कहा जाता है। .

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२००६

२००६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००६ रविवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

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२२ जून

22 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 173वाँ (लीप वर्ष में 174 वाँ) दिन है। साल में अभी और 192 दिन बाकी हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

सॉफ्टवेयर विकास का जीवनचक्र

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