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सिबुआनो भाषा

सूची सिबुआनो भाषा

सिबुआनो (Cebuano), जिसके अधिकतर वक्ता इसे बिसाया (Bisaya) कहते हैं, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। इसे २००७ में लगभग २.१ करोड़ लोग बोलते थे और, तगालोग भाषा के बाद यह देश की दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। सिबुआनो का नाम सिबु द्वीप पर पड़ा है और माना जाता है कि भाषा वहीं से फैली थी। वर्तमान काल में यह मध्य विसाया, पूर्वी नेग्रोस द्वीप क्षेत्र, पूर्वी विसाया के पश्चिमी भाग और मिन्दनाओ के अधिकतर भागों में बोली जाती है। विसाया भाषाओं में यही सर्वाधिक बोली जाने वाली बोली है, जिसके कारण इसका एक अन्य नाम ही "बिसाया" पड़ गया है।http://www.gutenberg.ph/previews/wolff/WCED-complete.pdf .

17 संबंधों: तगालोग भाषा, दक्षिण पूर्व एशिया, नेग्रोस (फ़िलिपीन्ज़), पूर्वी विसाया, फ़िलिपीनी भाषाएँ, फ़िलीपीन्स, बायबायिन लिपि, भाषा, मध्य फ़िलिपीनी भाषाएँ, मध्य विसाया, मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ, मिन्दनाओ, रोमन लिपि, सिबु, विसाया, विसाया भाषाएँ, ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ

तगालोग भाषा

तगालोग दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। इसे फ़िलिपीन्ज़ के २५% लोग मातृभाषा के रूप में और उस देश के अधिकांश लोग द्वितीय भाषा के रूप में बोलते हैं, जो कि फ़िलिपीन्ज़ की किसी भी अन्य भाषा से अधिक है। अंग्रेज़ी के साथ-साथ, तगालोग को फ़िलिपीन्ज़ की राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है। .

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दक्षिण पूर्व एशिया

दक्षिण पूर्व एशिया या दक्षिण पूर्वी एशिया एशिया का एक उपभाग है, जिसके अंतर्गत भौगोलिक दृष्टि से चीन के दक्षिण, भारत के पूर्व, न्यू गिनी के पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर के देश आते हैं। यह क्षेत्र भूगर्भीय प्लेटों के चौराहे पर स्थित है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में भारी भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं। दक्षिण पूर्व एशिया को दो भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है: मुख्यभूमि दक्षिण पूर्व एशिया, जिसे इंडोचायना भी कहते हैं, के अन्दर कंबोडिया, लाओस, बर्मा (म्यांमार), थाईलैंड, वियतनाम और प्रायद्वीपीय मलेशिया आते हैं और समुद्री दक्षिण पूर्व एशिया, जिसमें ब्रुनेई, पूर्व मलेशिया, पूर्वी तिमोर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, क्रिसमस द्वीप और सिंगापुर शामिल हैं। श्रेणी:दक्षिण पूर्व एशिया श्रेणी:एशिया के क्षेत्र.

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नेग्रोस (फ़िलिपीन्ज़)

नेग्रोस (Negros), जिसकी औपचारिक उपाधि क्षेत्र १८ (Region XVIII) भी है, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश के विसाया द्वीप दल में एक द्वीप और प्रशासनिक क्षेत्र है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है, हालांकि इसके प्रशासनिक क्षेत्र में आसपास के अन्य छोटे द्वीप व टापु भी शामिल हैं। .

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पूर्वी विसाया

पूर्वी विसाया (Eastern Visayas), जिसकी औपचारिक उपाधि क्षेत्र ८ (Region VIII) भी है, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश के विसाया द्वीप दल में एक प्रशासनिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में छह प्रान्त सम्मिलित हैं। सामार, लेयते और बिलिरान इस क्षेत्र के मुख्य द्वीप हैं। .

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फ़िलिपीनी भाषाएँ

फ़िलिपीनी भाषाएँ (Philippine languages) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा-परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा के अंतर्गत एक प्रस्तावित भाषा-परिवार है जिसमें फ़िलिपीन्ज़ और उत्तरी सुलावेसी की लगभग सभी भाषाएँ शामिल हैं, सिवाय समा-बजाउ भाषा-परिवार और पलावन की बोलियों को छोड़कर। तगालोग भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली फ़िलिपीनी भाषा है। हालांकि ताइवान ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा-परिवार की स्रोतभूमि मानी जाती है और फ़िलिपीन्ज़ उसके पास स्थित है, फिर भी जहाँ ताइवान में फ़ोर्मोसी भाषाओं में बहुत आपसी भिन्नताएँ मिलती है वहाँ फ़िलिपीनी भाषाएँ एक-दूसरे से बहुत समीपी हैं। यह देखकर भाषावैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि ऐसी विविधता कभी फ़िलिपीन्ज़ में भी रही होगी लेकिन आधुनिक फ़िलिपीनी भाषाओं की किसी पूर्वजा भाषा ने विस्तार करके इसे मिटा डाला।The Austronesian Languages of Asia and Madagascar, K। Alexander Adelaar and Nikolaus Himmelmann, Psychology Press, 2005, ISBN 9780700712861 भाषावैज्ञानिक समीक्षा से पता चलता है कि फ़ोर्मोसी भाषाओं के बाद फ़िलिपीनी भाषाओं में ही ऑस्ट्रोनीशियाई के सर्वाधिक प्राचीन लक्षण देखने को मिलते हैं, यानि ताइवान से बाहर फैलते हुए शायद फ़िलिपीन्ज़ ही ऑस्ट्रोनीशियाई का सर्वप्रथम पड़ाव था। .

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फ़िलीपीन्स

फिलीपींस के प्रमुख नगर फ़िलीपीन्स दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसका आधिकारिक नाम 'फिलीपीन्स गणतंत्र' है और राजधानी मनीला है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित ७१०७ द्वीपों से मिलकर यह देश बना है। फिलीपीन द्वीप-समूह पूर्व में फिलीपीन्स महासागर से, पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से और दक्षिण में सेलेबस सागर से घिरा हुआ है। इस द्वीप-समूह से दक्षिण पश्चिम में देश बोर्नियो द्वीप के करीबन सौ किलोमीटर की दूरी पर बोर्नियो द्वीप और सीधे उत्तर की ओर ताइवान है। फिलीपींस महासागर के पूर्वी हिस्से पर पलाऊ है। पूर्वी एशिया में दक्षिण कोरिया और पूर्वी तिमोर के बाद फिलीपीन्स ही ऐसा देश है, जहां ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। ९ करोड़ से अधिक की आबादी वाला यह विश्व की 12 वीं सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यह देश स्पेन (१५२१ - १८९८) और संयुक्त राज्य अमरीका (१८९८ - १९४६) का उपनिवेश रहा और फिलीपीन्स एशिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। .

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बायबायिन लिपि

बायबायिन (Baybayin), जो विसाया भाषाओं में बदलित (Badlit) कहलाती है, ब्राह्मी लिपि से व्युत्पन्न एक लिपि है जो फीलीपीन्ज़ में प्राचीन काल से प्रचलित थी। स्पेनियों द्वारा फिलीपीन्ज़ के उपनिवेशीकरण के बाद भी १९वीं शताब्दी के अन्तिम भाग तक इसका प्रयोग जारी रहा। इस लिपि के बारे में प्रथम उल्लेख १६वीं शताब्दी में मिलता है।.

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भाषा

भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं। व्यक्त नाद की वह समष्टि जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं। मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। बोली। जबान। वाणी। विशेष— इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाकों के भी अनेक वर्ग उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हमारी हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कुत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह सीखे नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाओं के भी अनेक वर्ग-उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कृत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। प्रायः भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। भाषा और लिपि, भाव व्यक्तीकरण के दो अभिन्न पहलू हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी, गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी, मराठी, संस्कृत, नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है। .

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मध्य फ़िलिपीनी भाषाएँ

मध्य फ़िलिपीनी भाषाएँ (Central Philippine languages) दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश में बोली जाने वाली भाषाओं का सबसे बड़ा समूह है जिसकी सदस्य भाषाएँ दक्षिणी लूज़ोन, विसाया, मिन्दनाओ और सुलु द्वीपसमूह में बोली जाती हैं। यह ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा-परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की उपशाखा के अंतर्गत एक भाषा-परिवार है। इसमें फ़िलिपीन्ज़ की राष्ट्रभाषा और सबसे अधिक बोली जाने वाली तगालोग भाषा के अलावा बिकोल भाषाएँ और सिबुआनो, हिलिगायनोन, वराय-वराय, करय-आ, तउसुग व अन्य सभी विसाया भाषाएँ शामिल हैं। .

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मध्य विसाया

मध्य विसाया (Central Visayas), जिसकी औपचारिक उपाधि क्षेत्र ७ (Region VII) भी है, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश के विसाया द्वीप दल में एक प्रशासनिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में तीन प्रान्त सम्मिलित हैं: सिबु (Cebu), बोहोल (Bohol) और सिकिहोर (Siquijor)। इनके अलावा इसमें तीन बड़े शहर - सिबु सिटी, लापु-लापु और मंदाउए - भी शामिल हैं। .

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मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ

मलय-पोलेनीशियाई भाषा-परिवार की उपशाखाएँ मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ (Malayo-Polynesian languages) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की एक उपश्रेणी है और विश्व में लगभग ३८.५५ करोड़ लोग मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ बोलते हैं। यह दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीप-राष्ट्रों में, प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपों में और एशिया की मुख्यभूमि के कुछ छोटे इलाक़ों में (जैसे कि मलेशिया में) बोली जाती हैं। इसके अलावा हिंद महासागर में स्थित माडागास्कर की मालागासी नामक राजभाषा भी एक मलय-पोलेनीशियाई भाषा है। अलग भाषावैज्ञानिक इस परिवार की भाषाएँ अलग-अलग तरह से गिनते हैं लेकिन कुछ के अनुसार ९६० ज्ञात ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं में से ९४० मलय-पोलेनीशियाई शाखा में आती हैं।, pp.

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मिन्दनाओ

मिन्दनाओ (Mindanao) या मिन्दानाओ दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश का दक्षिणतम और दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। प्रशासनिक दृष्टि से फ़िलिपीन्ज़ को तीन प्रमुख द्वीप दलों में बाँटा गया है और "मिन्दनाओ" का नाम इनमें से एक के लिए भी किया जाता है। .

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रोमन लिपि

रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि। ये बायें से दायें लिखी और पढ़ी जाती है। अंग्रेज़ी के अलावा लगभग सारी यूरोपीय भाषाएँ रोमन लिपि के कुछ अक्षरों पर अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयुक्त करते हैं। रोमन लिपि के कुछ अक्शर। रोमन लिपि के कुछ अक्शर .

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सिबु

सिबु (Cebu), जिसे कभी-कभी विदेशियों द्वारा सेबु भी उच्चारित करा जाता है, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश के विसाया द्वीप दल के मध्य विसाया प्रशासनिक क्षेत्र में एक द्वीप व प्रान्त है। प्रशासनिक रूप से प्रान्त में सिबु के मुख्य द्वीप के अलावा आसपास के अन्य छोटे द्वीप व टापु भी सम्मिलित हैं। इसकी राजधानी सिबु सिटी फ़िलिपीन्ज़ का सबसे पुराना शहर है और कभी उस देश की राष्ट्रीय राजधानी भी थी। सिबु फ़िलिपीन्ज़ के सबसे विकसित प्रान्तों में से एक है। .

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विसाया

विसायज़ (Visayas) या विसाया द्वीप दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश में एक द्वीपसमूह है। यह उस देश के तीन प्रमुख द्वीप दलों में से एक है। यह लूज़ोन द्वीप से दक्षिण में स्थित हैं और यहाँ के विसाई (Visayan) लोगों की अपनी सांस्कृति व भाषाएँ हैं। पनाय, नेग्रोस, सिबू, बोहोल, लेयते और सामार विसायों के प्रमुख द्वीप हैं। यह द्वीपसमूह अधिकतर विसाया सागर को घेरे हुए है। .

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विसाया भाषाएँ

विसाया भाषाएँ (Visayan) या बिसाया भाषाएँ (Bisaya) या बिनिसाया भाषाएँ (Binisaya) दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की लगभग ३० भाषाओं का एक भाषा परिवार है। यह तगालोग भाषा और बिकोल भाषा से सम्बन्धित हैं और यह तीनों मिलाकर मध्य फ़िलिपीनी भाषाओं का समुदाय बनाती हैं। अधिकतर विसाया भाषाएँ देश के विसाया नामक भाग में बोली जाती हैं लेकिन इसके अलावा वे बिकोल क्षेत्र (विशेषकर मासबाते), लूज़ोन से दक्षिण में स्थित द्वीपों (मसलन रोमब्लोन द्वीपसमूह के द्वीप), मिन्दनाओ के अधिकांश भागों और मिन्दनाओं से दक्षिणपश्चिम में स्थित सुलु द्वीपसमूह में भी बोली जाती हैं। मेट्रो मनिला के कुछ निवासी भी विसाया भाषाएँ बोलते हैं। सिबुआनो (Cebuano) सर्वाधिक बोली जाने वाली विसाया भाषा है और इसे मध्य विसाया, पूर्वी विसाया के कुछ भागों, पूर्वी नेग्रोस द्वीप क्षेत्र और मिन्दनाओं के अधिकांश भागों में कुल मिलाकर लगभग ३ करोड़ लोगों द्वारा बोला जाता है। इसके बाद हिलिगायनोन भाषा को पश्चिमी विसाया के अधिकांश भाग, नेग्रोस द्वीप क्षेत्र के पश्चिमी भाग और सोकसारजेन में ७० लाख लोगों द्वारा और वराय-वराय को पूर्वी विसाया में ३० लाख लोगों द्वारा बोला जाता है। .

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ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ

ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं का ताइवान में ३००० ईपू में जन्मने के बाद फैलाव; संख्याएँ साल बताती हैं (– का अर्थ ईसापूर्व है और + का अर्थ ईसवी है) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ (Austronesian languages) एक भाषा परिवार है जिसकी सदस्य भाषाएँ दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपों पर विस्तृत हैं। एशिया के महाद्वीप की मुख्यभूमि के भी कुछ क्षेत्रों में यह बोली जाती हैं। कुल मिलकर ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ बोलने वालों की जनसँख्या ३८.६ करोड़ अनुमानित की गई है। सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा मलय भाषा है, जिसे लगभग १८ करोड़ लोग बोलते हैं और जो विश्व की ८वीं सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। कई ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को १ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं हालांकि ऐसी भी कुछ भाषाएँ है जो गिनती के लोग ही बोलते हैं। लगभग २० ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को अपने देशों की राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है। यह भाषाएँ सुदूर पश्चिम में अफ़्रीका के तट के क़रीब स्थित माडागैस्कर से लेकर सुदूर पूर्व में हवाई द्वीपों तक बोली जाती हैं। .

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