लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सूत्रकृमिविज्ञान

सूची सूत्रकृमिविज्ञान

right सूत्रकृमिविज्ञान (Nematology) के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के सूत्रकृमियों का अध्ययन किया जाता है। सूत्रकृमि (Nematodes) छोटे, पतले, खंडहीन तथा धागे जैसे द्विलैंगिक प्राणी होते हैं जिनके पाद नहीं होते हैं। इन्हें 'गोल कृमि' या 'धागा कृमि' भी कहा जाता है। इनकी अनेक प्रजातियां पौधों की जड़ों तथा उनके भूमिगत भागों पर पलती हैं जबकि कुछ पौधों के वायवीय भागों पर भी आक्रमण करती हैं। ये स्वयं भरण करके, पौधों में कार्यिकीय विकृतियां उत्पन्न करके तथा पौधों को अन्य जैविक एवं अजैविक प्रतिबलों के प्रति संवेदनशील बनाकर उन्हें अत्यधिक आर्थिक क्षति पहुंचाती हैं। भारत की महत्वपूर्ण सूत्रकृमि संबंधी समस्याएं जड़ गांठ सूत्रकृमि (मेलाइडोगायने प्रजातियां) तथा रेनिफार्म (रोटिलैंकलस रेनिफार्मिस) सूत्रकृमि हैं जो सब्जियों तथा दलहनी फसलों पर लगते हैं। इनमें से गेहूं में लगने वाला अनाज का पुटि एवं बाली-कॉकल सूत्रकृमि, सुरंग बनाने वाला सूत्रकृमि (रोडोफोलस सिमिलेस) जो दक्षिण भारत की रोपण फसलों पर लगता है, हमारे देश के प्रमुख सूत्रकृमि हैं। साथ ही, पूर्वी भारत में धान की फसल में तने पर लगने वाला (डिटाइलेंकस एंगस्टस) तथा पत्ती और कली पर लगने वाला (एफेलेंकॉयडिस बेसेई) सूत्रकृमि इन फसलों को काफी क्षति पहुंचाते हैं। कुछ अन्य महत्वपूर्ण सूत्रकृमि हैं नीलगिरि पहाड़ियों में आलू में लगने वाली ग्लोबोडेरा प्रजातियां; सब्जियों, दलहनी एवं तिलहनी फसलों पर आक्रमण करने वाली रेटिलेंकस प्रजातियां, तथा दलहनी फसलों में लगने वाला सूत्रकृमि हेटेरोडेरा कैजानी। .

3 संबंधों: नीलगिरि, भारत, सूत्रकृमि

नीलगिरि

नीलगिरि के दो अर्थ हो सकते हैं -.

नई!!: सूत्रकृमिविज्ञान और नीलगिरि · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: सूत्रकृमिविज्ञान और भारत · और देखें »

सूत्रकृमि

एक प्रकार का गोल कृमि सूत्रकृमि या गोल कृमि (नेमैटोड) अपृष्ठवंशी, जलीय, स्थलीय या पराश्रयी प्राणी है। ये सूदूर अन्टार्कटिक तथा महासागरों के गर्तों में भी देखें गएं हैं। इनका शरीर अखंडित, लम्बे पतले धागे जैसा तथा बेलनाकार होता है, इसलिए इसे राउण्डवर्म कहा जाता है। इनको प्राणि जगत में एक संघ की मर्यादा प्राप्त हैं। इनकी लगभग ८०,००० जातियाँ हैं जिसमें से १५,००० से अधिक परजीवी है। इस जन्तु में नर तथा मादा अलग-अलग होते हैं जिसमें नर छोटा तथा पीछे का भाग मुड़ा़ हुआ रहता है किन्तु मादा का शरीर सीधा होता है। नर का जनन अंग क्लोयका के पास होता है किन्तु मादा का जनन अंग वल्वा के रूप में बाहर की ओर खुलता है। इनमें रक्त-परिवहन तंत्र और श्वसन तंत्र नहीं पाये जाते हैं इसलिए श्वसन का कार्य विसरण के द्वारा होता है। .

नई!!: सूत्रकृमिविज्ञान और सूत्रकृमि · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सूत्रकृमि विज्ञान

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »