4 संबंधों: भारत में सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना सुरक्षा जागरुकता, गोपनीयता।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी
वर्तमान (२००९) में भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 5.19% हिस्सेदारी है। इसमें लगभग २५ लाख लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काम कर रहे हैं जिससे यह सर्वाधिक रोजगार प्रदान करने वाले क्षेत्रों में से एक बन गया है। भारत की वर्तमान तरक्की में आईटी का बहुत बड़ा योगदान है। पिछले पाँच सालों (२००४-२००९) में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के बढ़ोतरी के प्रतिशत में 6 प्रतिशत योगदान आईटी का ही है। पिछले 10 सालों में देश में जो रोजगार उपलब्ध हुआ है, उसका 40 प्रतिशत आईटी ने उपलब्ध कराया है। भौगोलिक सीमाओं को तोड़ते हुए अलग-अलग देशों में उत्पाद उत्पाद इकाइयाँ बनाना, हर देश में उपलब्ध श्रेष्ठ संसाधन का उपयोग करना, विभिन्न देशों से काम करते हुए पूरे 24 घंटे अपने ग्राहक के लिए उपलब्ध रहना और ऐसे डेटा सेंटर बनाना जो कहीं से भी इस्तेमाल किए जा सकें, ये कुछ ऐसे प्रयोग थे जो हमारे लिए काफी कारगर साबित हुए। अब सारी दुनिया इन्हें अपना रही है। .
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सूचना प्रौद्योगिकी
२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .
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सूचना सुरक्षा जागरुकता
साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका निरंतर चलती रहेगी, लोगों में प्रारंभ और बढावा देने के लिए एवं विद्यमान जागरूकता और प्रयास उन तक पहुँचाने के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता की एक विशाल भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। क्षेत्र या आकार का विचार किये बिना, प्रत्येक नागरिक, सभी स्तरों की सरकार, शिक्षा संस्थान और उद्योगों को सुरक्षित साइबरस्पेस को बढावा देना चाहिये/समर्थन करना चाहिये। समाधान में समाविष्ट प्रमुख स्टेकहोल्डर्स की सूची असीमित है और इसीलिये, समस्या का समाधान व्यवस्थित सार्वजनिक-निजी सहभागिता के परिणाम के रूप में सामने आएगा। संपूर्ण देश में जनसाधारण, शिक्षा संस्थान और निजी उद्योगों को साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को बढावा देने में उनकी भूमिका के प्रति एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान और एक रणनीति चलाने की आवश्यकता है। पाठशाला के विद्यार्थी, शिक्षकगण और पाठशालाऍं तथा विद्यापीठ इन सब की भूमिका को पहचानते हुए, उन सब तक साइबर सुरक्षा पहुँचाने के लिए एक रणनीति बनाई गई है। साथ ही, हमें प्रत्येक समर्पित राज्य और स्थानीय जनसेवकों को, जिन्होंने राज्य और स्थानीय सरकारी एजेंसियों में साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढावा देने का उत्तरदायित्व बाँटा है, संगठित करना होगा। प्रकल्प का उद्देश्य एवं व्याप्ति श्रेणी:चित्र जोड़ें.
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गोपनीयता
गोपनीयता कई व्यवसायों (जैसे, चिकित्सा कानून, धर्म, व्यावसायिक मनोविज्ञान और पत्रकारिता) से जुड़ा एक नैतिक सिद्धांत है। नैतिकता और (कुछ स्थानों में) कानून में और कानूनी विवाद संकल्प के वैकल्पिक रूपों जैसे, मध्यस्थता में, किसी व्यक्ति और इनमें से किसी पेशेवर के बीच हुए किसी प्रकार का संवाद "विशेषाधिकार" है और तृतीय पक्ष के साथ इसकी चर्चा या इसे बताया नहीं जाना चाहिए.
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