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सूचना संग्राम

सूची सूचना संग्राम

अपने विरोधी पर स्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने के लिये सूचना के सही प्रबन्धन करना सूचना संग्राम कहलाता है। सूचना के आज के युग में सूचना संग्राम में महारत होना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। सूचना संग्राम के अन्तर्गत रणोपयोगी सूचना का एकत्रीकरण, यह सुनिश्चित करना कि आपके पास संग्रहित सूचना सही है, दुस्प्रचार करना, गलत सूचना देना, ऐसी सूचना देना जिससे शत्रु पक्ष और उसकी जनता का मनोबल गिराया जा सके, योजनाबद्ध तरीके से विरोधी की सूचना में गलतियाँ मिश्रित करना, विरोधी को सूचना इकट्ठा करने में अवरोध खडे करना आदि आते हैं। .

6 संबंधों: दुस्सूचना, मनोवैज्ञानिक युद्ध, सायबर युद्ध, सूचना सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, अधिप्रचार

दुस्सूचना

जानबूझकर पैलायी गयी गलत सूचना को दुस्सूचना (Disinformation or misinformation) कहते हैं। इसका उपयोग मुख्यतः शत्रु को धोखा देने के लिये किया जाता है। दुस्सूचना के कुछ रूप.

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मनोवैज्ञानिक युद्ध

अफगानिस्तान में तालिबान-विरोधी भावना उत्पन्न करने के लिये अमेरिका द्वारा प्रसारित एक पत्रक दक्षिण वियतनाम में प्रसारित एक पत्रक मनोवैज्ञानिक युद्ध (Psychological warfare (PSYWAR)) आधुनिक मनोवैज्ञानिक आपरेशनों के मूल हथियार हैं। इन्हें अन्य नामों (Psy Ops, Political Warfare, “Hearts and Minds,” and Propaganda आदि) से भी जाना जाता है। मनोवैज्ञानिक युद्ध के अन्तर्गत बहुत सी तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। ये तकनीकें लक्षित जनसमुदाय के मूल्य तंत्र (value systems), विश्वासों (belief systems), आवेगों (emotions), वाहकों (motives), तर्क-वितर्क (reasoning) एवं व्यवहार आदि को प्रभावित करने के उद्देश्य से की जातीं हैं। मनोवैज्ञानिक युद्ध के लक्ष्य सरकारें, संगठन, समूह या व्यक्ति हो सकते हैं। .

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सायबर युद्ध

सायबर युद्ध कंप्यूटर के माध्यम से लड़ा जाता है। सायबर युद्ध (अंग्रेज़ी:साइबर वॉर) एक ऐसा युद्ध होता है जो इंटरनेट और कंप्यूटरों के माध्यम से लड़ा जाता है यानी इसमें भौतिक हथियारों के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक होते हैं। अनेक देश लगातार साइबर युद्ध अभ्यास (वॉर ड्रिल्स) चलाते हैं जिससे वह किसी भी संभावित साइबर हमले के लिए तैयार रहते हैं। तकनीक पर लगातार बढ़ती जा रही है निर्भरता के कारण कई देशों को साइबर हमलों की चिंता भी होने लगी है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भारी खतरा बढ़ता जा रहा है।। याहू जागरण। १९ फ़रवरी २०१०। मुकुल व्यास साइबर वॉर में तकनीकी तरीकों से हमले किए जाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २९ अप्रैल २०१० ऐसे कुछ हमलों में एकदम पारंपरिक विधियां प्रयोग की जाती हैं, जैसे कंप्यूटर से जासूसी आदि। इन हमलों में वायरसों की सहायता से वेबसाइटें ठप कर दी जाती हैं और सरकार एवं उद्योग जगत को पंगु करने का प्रयास किया जाता है। इस युद्ध से बचाव हेतु कई देशों जैसे चीन ने वेबसाइट्स को ब्लाक करने, साइबर कैफों में गश्त लगाने, मोबाइल फोन के प्रयोग पर निगरानी रखने और इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हजारों की संख्या में साइबर पुलिस तैनात कर रखी है। साइबर वॉर में तकनीकी उपकरणों और अवसंरचना को भी भारी हानि होती है। एक कुशल साइबर योद्धा किसी भी देश की विद्युत ग्रिडों में हैकिंग के द्वारा घुसकर अत्यधिक गोपनीय सैन्य और अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकता है। युद्ध के अन्य पारंपरिक तरीकों की तरह ही साइबर वॉर में किसी भी देश को अनेक रक्षात्मक विधियां और प्रत्युत्तर हमले के तरीके तैयार रखने पड़ते हैं, ताकि वह साइबर हमले की स्थिति में उसका तुरंत जवाब दे सके। हथियारों की दौड़ के कारण अभी तक दुनिया भर के देशों में साइबर सुरक्षा के संबंध में व्यय सीमित ही किया जाता है। सरकारें अक्सर इसके लिए जन-साधारण में से साइबर विशेषज्ञों पर निर्भर रहती हैं। यही लोग साइबर सुरक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वैसे इन योद्धाओं के लिए यह युद्ध पारंपरिक युद्ध से अधिक सुरक्षित है क्योंकि इसमें योद्धा एक सुरक्षित स्थान पर बैठा रहता है। साइबर योद्धा विश्व के अनेक भागो में उपस्थित रहते हैं और वह सरकारों के निर्देशानुसार कंप्यूटर सिस्टमों में किसी भी किस्म की घुसपैठ पर नजर रखते हैं। कई देशों में साइबर सुरक्षा एक विशेषज्ञ कोर्स की तरह कराया जाता है जिसके बाद व्यक्ति साइबर योद्धा के तौर पर कार्य कर सकता है। अमरीका के अनुसार उसे साइबर युद्ध का सबसे बड़ा खतरा है। वहां के नेशनल इंटेलीजेंस के पूर्व निदेशक जॉन माइकल मैक्कोलेन के अनुसा आज यदि साइबर युद्ध छिड़ जाए तो अमेरिका उसमें हार जाएगा और भारत एवं चीन इस क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। सायबर युद्ध के लिये सबसे बड़ी तैयारी चीन की मानी जाती है। .

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सूचना सुरक्षा

सूचना सुरक्षा अनधिकृत पहुँच, उपयोग, प्रकटीकरण, विघटन, संशोधन, अवलोकन, निरीक्षण और विनाश से जानकारी की रक्षा करने की प्रथा है। .

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इलेक्ट्रॉनिक युद्ध

फ्रांसीसी जलसेना का इलेक्ट्रॉनिक युद्धपोत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (Electronic warfare (EW)) से तात्पर्य ऐसी कार्यवाही से है जिसमें विद्युत्चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का उपयोग किया गया हो। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के अन्तर्गत दिष्ट ऊर्जा के द्वारा स्पेक्ट्रम का नियंत्रण, शत्रु पर आक्रमण करना, या स्पेक्ट्रम के माध्यम से किसी आक्रमण का प्रतिरोधित करना भी शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का उद्देश्य विरोधी को विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के आसानी से उपयोग करने एवं उसके लाभों से वंचित रखना है। यह युद्ध हवा से, समुद्र से, थल से, या अंतरिक्ष से लड़ा जा सकता है। इसका लक्ष्य मानव, संचार व्यवस्था, राडार आदि होते हैं। श्रेणी:युद्ध.

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अधिप्रचार

सैम चाचा के बाहों में बाहें डाले ब्रितानिया: प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिकी-ब्रितानी सन्धि का प्रतीकात्मक चित्रण अधिप्रचार (Propaganda) उन समस्त सूचनाओं को कहते हैं जो कोई व्यक्ति या संस्था किसी बड़े जन समुदाय की राय और व्यवहार को प्रभावित करने के लिये संचारित करती है। सबसे प्रभावी अधिप्रचार वह होता है जिसकी सामग्री प्रायः पूर्णतः सत्य होती है किन्तु उसमें थोडी मात्रा असत्य, अर्धसत्य या तार्किक दोष से पूर्ण कथन की भी हो। अधिप्रचार के बहुत से तरीके हैं। दुष्प्रचार का उद्देश्य सूचना देने के बजाय लोगों के व्यवहार और राय को प्रभावित करना (बदलना) होता है। .

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