7 संबंधों: ऊर्जा, पदार्थ, सूचना, औद्योगिक क्रांति, अंकीय क्रांति, उत्पाद, उत्पादन।
ऊर्जा
दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .
नई!!: सूचना क्रांति और ऊर्जा · और देखें »
पदार्थ
रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पदार्थ (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे द्रव्यमान (mass) होता है। पदार्थ और ऊर्जा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। विज्ञान के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे पदार्थ की अविनाशिता का नियम कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और ऊर्जा का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E.
नई!!: सूचना क्रांति और पदार्थ · और देखें »
सूचना
'सूचना'(Information) पद का अर्थ सूचित करना, कहना, समाचार, बताई गई बात आदि से होता है। सुचना को अंग्रेजी में इनफार्मेशन शब्द फॉर्मेटिया अथवा फोरम शब्द से बना है। ये दोनों ही शब्द वस्तु के आकर व् स्वरूप प्रदान करने के अभिप्राय को व्यक्त करते हैं। हाफमैन के अनुसार — सूचना वक्तव्यो, तथ्यो अथवा आकृतियो का संलगन होती है। एन बैल्किन के अनुसार — सूचना उसे कहते हैं जिसमे आकार को परिवर्तित करने की क्षमता होती है। जे बीकर के अनुसार - किसी विषय से सम्बधित तथ्यो को सूचना कहते हैं। .
नई!!: सूचना क्रांति और सूचना · और देखें »
औद्योगिक क्रांति
'''वाष्प इंजन''' औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला ब्रिटेन से आरम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ। इसके साथ ही लोहा बनाने की तकनीकें आयीं और शोधित कोयले का अधिकाधिक उपयोग होने लगा। कोयले को जलाकर बने वाष्प की शक्ति का उपयोग होने लगा। शक्ति-चालित मशीनों (विशेषकर वस्त्र उद्योग में) के आने से उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्नीसवी सदी के प्रथम् दो दशकों में पूरी तरह से धातु से बने औजारों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप दूसरे उद्योगों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण को गति मिली। उन्नीसवी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में फैल गयी। अलग-अलग इतिहासकार औद्योगिक क्रान्ति की समयावधि अलग-अलग मानते नजर आते हैं जबकि कुछ इतिहासकार इसे क्रान्ति मानने को ही तैयार नहीं हैं। अनेक विचारकों का मत है कि गुलाम देशों के स्रोतों के शोषण और लूट के बिना औद्योगिक क्रान्ति सम्भव नही हुई होती, क्योंकि औद्योगिक विकास के लिये पूंजी अति आवश्यक चीज है और वह उस समय भारत आदि गुलाम देशों के संसाधनों के शोषण से प्राप्त की गयी थी। .
नई!!: सूचना क्रांति और औद्योगिक क्रांति · और देखें »
अंकीय क्रांति
यांत्रिक प्रौद्योगिकी और एनालॉग इलेक्ट्रॉनिकी से आगे जाकर प्रौद्योगिकी का अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी में प्रवेश करना अंकीय क्रांति (डिजिटल रिवोलूशन) कहलाता है। यह क्रान्ति १९५० के दशक और १९७० के दशक के बीच हुई मानी जाती है। अंकीय संगणक (डिजिटल कम्प्यूटर) का अधिकाधिक उपयोग और दस्तावेजों आदि का अंकीय रूप में रखना, इस क्रांति के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। सामाजिक विकास की दीर्घ यात्रा .
नई!!: सूचना क्रांति और अंकीय क्रांति · और देखें »
उत्पाद
विपणन के सन्दर्भ में, कोई भी वस्तु जो किसी बाजार में बेची जा सके और जो लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करे, उसे उत्पाद (product) कहते हैं। श्रेणी:वाणिज्यिक शब्दावली श्रेणी:परियोजना प्रबन्धन en:Product (business).
नई!!: सूचना क्रांति और उत्पाद · और देखें »
उत्पादन
अर्थशास्त्र में उत्पादन औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा वस्तुओं, सामानों या सेवाओं को निर्मित करने की प्रक्रिया को कहते हैं। उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ बनाना है जिनकी मनुष्यों को बेहतर जीवन यापन के लिए आवश्यकता होती है। उत्पादन भूमि, पूँजी और श्रम को संयोजित करके किया जाता है इसलिए ये उत्पादन के कारक कहलाते हैं। .
नई!!: सूचना क्रांति और उत्पादन · और देखें »