लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सूक्ष्मप्राणी

सूची सूक्ष्मप्राणी

सूक्ष्मप्राणी (Micro-animals) ऐसे प्राणी होते हैं जिन्हें केवल सूक्ष्मबीन (माइक्रोस्कोप) से देखा जा सके। उदाहरण के लिए किरीटी (रोटीफ़र) जल में रहने वाला एक सूक्ष्मप्राणी है। टार्डीग्रेड एक महत्वपूर्ण सूक्ष्मप्राणी है जिसकी शीत, गरम, विकिरण-ग्रस्त, शुष्क और अन्य चरम परिस्थितियों को सहने की शक्ति अन्य प्राणियों से बहुत अधिक पाई गई है। बहुत से ऐसे जीव मानव शरीर के भीतर और त्वचा पर अपना जीवनक्रम गुज़ारते हैं लेकिन अपने अत्यंत छोटे आकार के कारण मानवों को उनके अस्तितिव का बोध नहीं होता। .

6 संबंधों: टार्डीग्रेड, प्राणी, सूक्ष्मदर्शी, होमो सेपियन्स, विकिरण, किरीटी

टार्डीग्रेड

टार्डीग्रेड (Tardigrade) एक जल में रहने वाला आठ-टाँगों वाला सूक्ष्मप्राणी है। इन्हें सन् 1773 में योहन गेट्ज़ा नामक जीववैज्ञानिक ने पाया था। टार्डीग्रेड पृथ्वी पर पर्वतों से लेकर गहरे महासागरों तक और वर्षावनों से लेकर अंटार्कटिका तक लगभग हर जगह रहते हैं। टार्डीग्रेड पृथ्वी का सबसे प्रत्यास्थी (तरह-तरह की परिस्थितियाँ झेल सकने वाला) प्राणी है। यह 1 केल्विन (−272 °सेंटीग्रेड) से लेकर 420 केल्विन (150 °सेंटीग्रेड) का तापमान और महासागरों की सबसे गहरी गर्तो में मौजूद दबाव से छह गुना अधिक दबाव झेल सकते हैं। मानवों की तुलना में यह सैंकड़ों गुना अधिक विकिरण (रेडियेशन) में जीवित रह सकते हैं और अंतरिक्ष के व्योम में भी कुछ काल तक ज़िन्दा रहते हैं। यह 30 वर्षों से अधिक बिना कुछ खाए-पिए रह सकते हैं और धीरे-धीरे लगभग पूरी शारीरिक क्रियाएँ रोक लेते हैं और उनमें सूखकर केवल 3% जल की मात्रा रह जाती है। इसके बाद जल व आहार प्राप्त होने पर यह फिर क्रियशील हो जाते हैं और शिशु जन सकते हैं। फिर भी औपचारिक रूप से इन्हें चरमपसंदी नहीं माना जाता क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में यह जितनी अधिक देर रहें इनकी मृत्यु होने की सम्भावना उतनी ही अधिक होती है जबकि सच्चे चरमपसंदी जीव अलग-अलग उन चरम-परिस्थितियों में पनपते हैं जिनके लिए वे क्रमविकास (एवोल्यूशन) की दृष्टि से अनुकूल हों। .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और टार्डीग्रेड · और देखें »

प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और प्राणी · और देखें »

सूक्ष्मदर्शी

सूक्ष्मदर्शी या सूक्ष्मबीन (माइक्रोस्कोप) वह यंत्र है जिसकी सहायता से आँख से न दिखने योग्य सूक्ष्म वस्तुओं को भी देखा जा सकता है। सूक्ष्मदर्शी की सहायता से चीजों का अवलोकन व जांच किया जाता है वह सूक्ष्मदर्शन कहलाता है। सूक्ष्मदर्शी का इतिहास लगभग ४०० वर्ष पुराना है। सबसे पहले नीदरलैण्ड में सन १६०० के आस-पास किसी काम के योग्य सूक्ष्मदर्शी का विकास हुआ। .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और सूक्ष्मदर्शी · और देखें »

होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और होमो सेपियन्स · और देखें »

विकिरण

भौतिकी में प्रयुक्त विकिरण ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों या किसी परमाणु या अन्य निकाय द्वारा उत्सर्जित गतिशील उपपरमाणुविक कणों के रूप में उच्च से निम्न ऊर्जा अवस्था की ओर चलती है। विकिरण को परमाणु पदार्थ पर उसके प्रभाव के आधार पर या विआयनीकारक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। विकिरण जो अणु या परमाणु का आयनीकरण करने मे सक्षम होता है उसमे उर्जा का स्तर विआयनीकारक विकिरण से अधिक होता है। रेडियोधर्मी पदार्थ वो भौतिक पदार्थ है जो कि आयनीकारक विकिरण उत्सर्जित करती है। तीन भिन्न प्रकार के विकिरण और उनका भेदन .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और विकिरण · और देखें »

किरीटी

रोटेरिया किरीटी (रोटिफ़ेरा, Rotifera) स्वतंत्र रूप से रहनेवाले छोटे-छोटे प्राणी हैं। इनके शरीर के अगले भाग में एक रोमाभ (Ciliary) अंग होता है, जिसके रोमाभ इस तरह गति करते हैं कि देखनेवाले को शरीर के आगे चक्र (पहिया) चलता मालूम पड़ता है। इसीलिये इन्हें पहिएदार जंतु (ह्वील ऐनीमलक्यूल, Wheel animalcule) कहते हैं। अंग्रेजी नाम रोटिफ़ेरा का यही तात्पर्य हैं। इसीलिए इस वर्ग का नाम रोटिफ़ेरा या रोटेटोरिया रखा गया है। किरीट अधिकतर साधारण स्वच्छ (अलवण) जल में रहते हैं। कुछ खारे पानी में रहते हैं और कुछ समुद्र में भी पाए जाते हैं। कुछ पृथ्वी पर नम स्थानों पर रहते हैं और कुछ काई (Moss) के पौधे की पत्तियों के अक्ष में रहते हैं। कुछ किरीटी परोपजीवी भी होते हैं। एक जाति घोंघा (Snail) के अंडों पर परोपजीवी होती है। इस तरह किरीटी ने विभिन्न प्रकार के निवासस्थान अपना रखे हैं। इनका वितरण भी विस्तृत है। ये संसार के सभी कोनों में पाए जाते हैं। .

नई!!: सूक्ष्मप्राणी और किरीटी · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »