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सूक्ष्म पोषक तत्व

सूची सूक्ष्म पोषक तत्व

सूक्ष्म पोषक तत्व या सूक्ष्मपोषकतत्व वो पोषक तत्व हैं जिनकी आवश्यकता जीवन भर लेकिन, बहुत कम मात्रा में पड़ती है। स्थूल पोषक तत्वों के विपरीत, मानव शरीर द्वारा यह एक बहुत कम मात्रा में लिया जाने वाला आवश्यक खनिज आहार है (आमतौर पर 100 माइक्रोग्राम/दिन से भी कम)। सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता और मोलिब्डेनम आदि शामिल हैं। (यहां प्रयुक्त "खनिज" भूगोल मे प्रयुक्त खनिज से अलग है)। विटामिन कार्बनिक रसायन होते हैं, जिनका सेवन किसी प्राणी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, पर इसका संश्लेषण प्राणी स्वयं नही कर सकते इसलिए इन्हें, उन्हें अपने आहार से प्राप्त करना पड़ता है। .

13 संबंधों: ताम्र, पोषक तत्व प्रबन्धन, बोरॉन, मैंगनीज़, मोलिब्डेनम, लोहा, सूक्ष्म पोषकों की सूची, जस्ता, विटामिन, आयोडीन, क्रोमियम, क्लोरीन, कोबाल्ट

ताम्र

तांबा (ताम्र) एक भौतिक तत्त्व है। इसका संकेत Cu (अंग्रेज़ी - Copper) है। इसकी परमाणु संख्या 29 और परमाणु भार 63.5 है। यह एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधानता से किया जाता है। मानव सभ्यता के इतिहास में तांबे का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि प्राचीन काल में मानव द्वारा सबसे पहले प्रयुक्त धातुओं और मिश्रधातुओं में तांबा और कांसे (जो कि तांबे और टिन से मिलकर बनता है) का नाम आता है। .

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पोषक तत्व प्रबन्धन

पोषक तत्व प्रबन्धन (Nutrient management) के अन्तर्गत वे सभी कौशल आते हैं जो मृदा, मौसम, जल आदि का ध्यान रखते हुए बनाये जाते हैं ताकि कम से कम पोषक तत्त्वो का बाह्र से प्रयोग करना पडे जिससे खेती में अधिक आर्थिक लाभ हो। .

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बोरॉन

बोरॉन (Boron) एक रासायनिक तत्व है। प्रकृति में इस तत्व का निर्माण ब्रह्माण्ड किरणों (कोस्मिक किरणों) द्वारा किसी वस्तु पर हुए प्रहारों से होता है, न की तारों में तारकीय नाभिकीय संश्लेषण की प्रक्रिया में। इसलिये हमारे सौर मंडल में इसकी तादाद अन्य तत्वों की तुलना में कम है। दुनिया में यह अपने जल में घुलने वाले बोरेट (borate) खनिजों के रूप में अधिक मिलता है, जिसमें सुहागा (बोरैक्स) सबसे ज़्यादा जाना-माना है। पृथ्वी पर बोरॉन केवल अन्य तत्वों के साथ बने रासायनिक यौगिकों के रूप में ही मिलता है। शुद्ध रूप में बोरॉन तत्व पृथ्वी पर केवल उल्का गिरने से ही पहुँचता है और इस रूप में यह एक उपधातु है। .

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मैंगनीज़

मैंगनीज़ एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक नज़रिये से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। प्रकृति में यह शुद्ध रूप में नहीं मिलता बल्कि अन्य तत्वों के साथ बने यौगिकों में मिलता है, जिनमें अक्सर लोहे के यौगिक शामिल होते हैं। शुद्ध करने के बाद इसका रंग सलेटी होता है और अगर इसे इस्पात में मिलाया जाये तो इस्पात ज़ंग नहीं खाता है। ओक्सीजन के साथ मिलकर इसके जो आयन होते हैं वह परमैंगनेट (permanganate, MnO4−) कहलाते हैं, और जब यह पोटैशियम जैसी क्षार धातुओं या क्षारीय पार्थिव धातुओं के साथ यौगिक बनाते हैं तो वह बहुत ही ओक्सीकारक (oxidizing) होते हैं (मसलन पोटैशियम परमैंगनेट)। मनुष्यों व अन्य जीवों को थोड़ी मात्रा में मैंगनीज़ अपने आहार में ज़रूरी होता है लेकिन उस से अधिक मात्रा में यह विषैला साबित होता है। .

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मोलिब्डेनम

मोलिब्डेनम (Molybdenum) एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Mo एवं परमाणु क्रमांक ४२ है। इसके खनिज तो बहुत समय से ज्ञात हैं किन्तु तत्व के रूप में इसकी पहचान १७७८ में शीले ने की। मोलिब्डेनम के सात स्थिर समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या ९२, ९४, ९५, ९६, ९७, ९८ और १०० है। इनके अतिरिक्त द्रव्यमान संख्या ९३, ९९, १०१ और १०५ के अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधि से निर्मित हुए हैं। इसके अयस्क मोलिब्डेनाइट को बहुत काल तक भूल से ग्रेफाइट समझा गया। सन् १७७८ में शीले ने इस अयस्क से मोलिब्डिक अम्ल बनाया। सन् १७८२ में येल्म (Hyelm) ने मोलिब्डेनम ऑक्साइड का कार्बन द्वारा अपचयन कर मोलिब्डेनम घातु तैयार की। मोलिब्डेनम स्वतंत्र अवस्था में नहीं मिलता। मोलिब्डेनाइट MnS2 एवं बुल्फेनाइट (PbMoO4) इसके मुख्य अयस्क हैं। संयुक्त राज्य अमरीका इसका मुख्य स्रोत है। चिली, दक्षिणी अमरीका और नार्वे में भी इसके अयस्क प्राप्य हैं। .

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लोहा

एलेक्ट्रोलाइटिक लोहा तथा उसका एक घन सेमी का टुकड़ा लोहा या लोह (Iron) आवर्त सारणी के आठवें समूह का पहला तत्व है। धरती के गर्भ में और बाहर मिलाकर यह सर्वाधिक प्राप्य तत्व है (भार के अनुसार)। धरती के गर्भ में यह चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसके चार स्थायी समस्थानिक मिलते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या 54, 56, 57 और 58 है। लोह के चार रेडियोऐक्टिव समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 52, 53, 55 और 59) भी ज्ञात हैं, जो कृत्रिम रीति से बनाए गए हैं। लोहे का लैटिन नाम:- फेरस .

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सूक्ष्म पोषकों की सूची

नीचे मानव के सन्दर्भ में सूक्ष्म पोषकों (micronutrients) की सूची दी गयी है। .

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जस्ता

जस्ता या ज़िन्क एक रासायनिक तत्व है जो संक्रमण धातु समूह का एक सदस्य है। रासायनिक दृष्टि से इसके गुण मैगनीसियम से मिलते-जुलते हैं। मनुष्य जस्ते का प्रयोग प्राचीनकाल से करते आये हैं। कांसा, जो ताम्बे व जस्ते की मिश्र धातु है, १०वीं सदी ईसापूर्व से इस्तेमाल होने के चिन्ह छोड़ गया है। ९वीं शताब्दी ईपू से राजस्थान में शुद्ध जस्ता बनाये जाने के चिन्ह मिलते हैं और ६ठीं शताब्दी ईपू की एक जस्ते की खान भी राजस्थान में मिली है। लोहे पर जस्ता चढ़ाने से लोहा ज़ंग खाने से बचा रहता है और जस्ते का प्रयोग बैट्रियों में भी बहुत होता है। .

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विटामिन

फल एवं शब्जियाँ विटामिन के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन (vitamin) या जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक हो।विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोग – Vitamins and Their Deficiency Diseases |Sr No |विटामिन |कमी से होन वाले रोग |- |1 |विटामिन – ए |रतौंधी, संक्रमणों का खतरा, जीरोप्‍थैलमिया |- |2 |विटामिन – बी 1 |बेरी-बेरी |- |3 |विटामिन – बी 2 |त्‍वचा का फटना, आखों का लाल होना |- |4 |विटामिन – बी 3 |त्‍वचा पर दाद होना |- |5 |विटामिन – बी 5 |बाल सफेद होना, मंदबुद्धि होना |- |6 |विटामिन – बी 6 |एनिमिया, त्‍वचा रोग |- |7 |विटा‍मिन – बी 7 |लकवा, शरीर में दर्द, बालों का गिरना |- |8 |विटामिन – बी 11 |एनिमिया, पेचिश रोग |- |9 |विटामिन – सी |एनिमिया, पांडुरोग |- |10 |विटामिन – डी |रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया |- |11 |विटामिन – ई |जनन शक्ति का कम होना |- |12 |विटामिन – के |रक्‍त का थक्‍का न जमना | .

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आयोडीन

कोई विवरण नहीं।

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क्रोमियम

क्रोमियम एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक नज़रिये से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। यह एक चमकीला, सलेटी-भूरे रंग का, सख़्त लेकिन आसानी से टूट जाने वाला धातु है। इसे पालिश करने पर यह अत्याधिक चमकीला बन जाता है और यह आसानी से नहीं धुंधलाता। इसका पिघलाव तापमान १९०७ °सेंटीग्रेड है जो कि काफ़ी ऊँचा है। अगर इसे इस्पात में मिलाया जाये तो इस्पात पर ज़ंग और धब्बे नहीं लगते, जिस कारण से इसे 'स्टेनलेस स्टील' (ज़ंगरोधी इस्पात) बनाने में काम लाया जाता है। मानव शरीर को बहुत ही हल्की मात्रा में क्रोमियम आहार में आवश्यक होता है लेकिन अधिक मात्रा में यह विष की तरह काम करता है। .

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क्लोरीन

क्लोरीन (यूनानी: χλωρóς (ख्लोरोस), 'फीका हरा') एक रासायनिक तत्व है, जिसकी परमाणु संख्या १७ तथा संकेत Cl है। ऋणात्मक आयन क्लोराइड के रूप में यह साधारण नमक में उपस्थित होती है और सागर के जल में घुले लवण में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।। हिन्दुस्तान लाइव। ३१ मई २०१० सामान्य तापमान और दाब पर क्लोरीन (Cl2 या "डाईक्लोरीन") गैस के रूप में पायी जाती है। इसका प्रयोग तरणतालों को कीटाणुरहित बनाने में किया जाता है। यह एक हैलोजन है और आवर्त सारणी में समूह १७ (पूर्व में समूह ७, ७ए या ७बी) में रखी गयी है। यह एक पीले और हरे रंग की हवा से हल्की प्राकृतिक गैस जो एक निश्चित दाब और तापमान पर द्रव में बदल जाती है। यह पृथ्वी के साथ ही समुद्र में भी पाई जाती है। क्लोरीन पौधों और मनुष्यों के लिए आवश्यक है। इसका प्रयोग कागज और कपड़े बनाने में किया जाता है। इसमें यह ब्लीचिंग एजेंट (धुलाई करने वाले/ रंग उड़ाने वाले द्रव्य) के रूप में काम में लाई जाती है। वायु की उपस्थिति में यह जल के साथ क्रिया कर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण करती है। मूलत: गैस होने के कारण यह खाद्य श्रृंखला का भाग नहीं है। यह गैस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। तरणताल में इसका प्रयोग कीटाणुनाशक की तरह किया जाता है। साधारण धुलाई में इसे ब्लीचिंग एजेंट रूप में प्रयोग करते हैं। ब्लीच और कीटाणुनाशक बनाने के कारखाने में काम करने वाले लोगों में इससे प्रभावित होने की आशंका अधिक रहती है। यदि कोई लंबे समय तक इसके संपर्क में रहता है तो उसके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसकी तेज गंध आंखों, त्वचा और श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक होती है। इससे गले में घाव, खांसी और आंखों व त्वचा में जलन हो सकती है, इससे सांस लेने में समस्या होती है। .

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कोबाल्ट

कोबाल्ट एक रासायनिक तत्व है और संक्रमण धातु के समूह का सदस्य है। अपने शुद्ध रूप में यह धातु सख़्त, चमकीली और सलेटी-चाँदी रंग की है, लेकिन यह पृथ्वी पर केवल अन्य रासायनिक तत्वों के साथ बने यौगिकों के रूप में ही मिलती है। कुछ मात्रा में यह निकल की तरह पृथ्वी पर उल्काओं में गिरती है और वहीं शुद्ध रूप में देखी जा सकती है। .

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