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सुई राजवंश

सूची सुई राजवंश

सुई राजवंश (चीनी: 隋朝, सुई चाओ; अंग्रेज़ी: Sui Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था। यह केवल ५८९ ईसवी से ६१८ ईसवी (यानि २९ वर्ष) तक चला लेकिन इस समय में वह सशक्त रहा। सुई काल से पहले उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों का काल था और उसके बाद तंग राजवंश सत्ता में आया। .

20 संबंधों: चांगआन, चीन, चीन का सम्राट, चीन के राजवंश, चीन की विशाल दीवार, चीनी भाषा, चीनी लोक धर्म, एशिया, तांग राजवंश, ताओ धर्म, बौद्ध धर्म, यांग्त्सीक्यांग, लुओयांग, ह्वांगहो, गौतम बुद्ध, कुन्फ़्यूशियसी धर्म, कोरिया, कोकुर्यौ, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तरी और दक्षिणी राजवंश

चांगआन

दक्षिण-पूर्वी चांग'आन में स्थित ६५२ ईसवी में बना महान जंगली बत्तख़ पगोडा चांग'आन (चीनी: 長安, अंग्रेज़ी: Chang'an) प्राचीन चीन में एक शहर था जो दस से भी अधिक राजवंशों कि राजधानी रहा। आधुनिक काल में इसका नाम शियान (西安, Xi'an) है और यह जनवादी गणतंत्र चीन के शान्शी प्रान्त में स्थित है। शास्त्रीय चीनी भाषा में चांग'आन का अर्थ 'अनंत शान्ति' है। सुई राजवंश के काल में इसका नाम दाशिंग था। मिंग राजवंश के दौरान इसका नाम 'पश्चिमी शान्ति' (शि'आन) रख दिया गया। इस नगर के क्षेत्र में नवपाषाण युग (नियोलिथिक) से लोग बसे हुए हैं। आठवी सदी में चांगआन पृथ्वी का सब से बड़ा शहर था और इसमें १० लाख से अधिक लोग रहते थे।, Steven Maddocks, Dale Anderson, Jane Bingham, Peter Chrisp, Christopher Gavett, Marshall Cavendish Corporation, 2006, ISBN 978-0-7614-7613-9,...

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीन का सम्राट

चीन का सम्राट (皇帝 huáng dì, हिंदी.

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चीन के राजवंश

इतिहास में चीन के विभिन्न राजवंशों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र चीन में कई ऐतिहासिक राजवंश रहे हैं। कभी-कभी इनके वर्णनों में ऐसा प्रतीत होता है के चीन में एक राजवंश स्वयं ही समाप्त हो गया और नए राजवंश ने आगे बढ़कर शासन की बागडोर संभाल ली। वास्तव में ऐसा नहीं था। कोई भी राजवंश स्वेच्छा से ख़त्म नहीं हुआ। अक्सर ऐसा होता था के नया राजवंश शुरू तो हो जाता था लेकिन वह कुछ अरसे तक कम प्रभाव रखता था और पहले से स्थापित राजवंश से लड़ाइयाँ करता था। ऐसा भी होता था के कोई पराजित राजवंश हारने के बावजूद कुछ इलाक़ों में प्रभुत्व रखता था और चीन का सिंहासन वापस छीनने की कोशिश में जुटा रहता था। उदहारण के लिए सन् 1644 में मान्चु नस्ल वाले चिंग राजवंश ने बीजिंग पर क़ब्ज़ा जमा लिया और चीन को अपने अधीन कर लिया। लेकिन चिंग राजवंश सन् 1636 में ही शुरू हो चुका था और उस से भी पहले सन् 1616 में एक अन्य नाम ("उत्तरकालीन जिन राजवंश") के नाम से अस्तित्व में आ चुका था। मिंग राजवंश बीजिंग की राजसत्ता से तो 1644 में हाथ धो बैठा, लेकिन उनके वंशज 1662 तक सिंहासन पर अपना अधिकार जतलाते रहे और उसे वापस लेने के प्रयास करते रहे। .

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चीन की विशाल दीवार

चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।डैमियन ज़िमर्मैन,, ICE केस स्टडीज़, दिसंबर, १९९७ चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी:Qi), यान (अंग्रेजी:Yan) और जाहो (अंग्रेजी:Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी:Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू.

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी लोक धर्म

चीनी लोक धर्म (चीनी भाषा .

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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तांग राजवंश

तांग राजवंश (चीनी: 唐朝, तांग चाओ) चीन का एक राजवंश था, जिसका शासनकाल सन् ६१८ ईसवी से सन्न ९०७ ईसवी तक चला। इनसे पहले सुई राजवंश का ज़ोर था और इनके बाद चीन में पाँच राजवंश और दस राजशाहियाँ नाम का दौर आया। तांग राजवंश की नीव 'ली' (李) नामक परिवार ने रखी जिन्होनें सुई साम्राज्य के पतनकाल में सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिए। इस राजवंश के शासन में लगभग १५ साल का एक अंतराल आया था, जो ८ अक्टूबर ६९० से ३ मार्च ७०५ तक चला, जिसमें दुसरे झऊ राजवंश की महारानी वू ज़ेतियाँ ने कुछ समय के लिए राजसिंहासन पर नियंत्रण हासिल कर लिया।, Tonia Eckfeld, Psychology Press, 2005, ISBN 978-0-415-30220-3, Dora Shu-fang Dien, Wu hou (Empress of China), Nova Science Publishers, 2003, ISBN 978-1-59033-804-9 तांग साम्राज्य ने शिआन के शहर को अपनी राजधानी बनाया और इस समय शिआन दुनिया का सब से बड़ा नगर था। इस दौर को चीनी सभ्यता की चरम सीमा माना जाता है। चीन में पूर्व के हान राजवंश को इतनी इज़्ज़त से याद किया जाता है कि उनके नाम पर चीनी जाति को हान चीनी बुलाया जाने लगा, लेकिन तांग राजवंश को उनके बराबर का या उनसे भी महान वंश समझा जाता है। ७वीं और ८वीं शताब्दियों में तांग साम्राज्य ने चीन में जनगणना करवाई और उन से पता चलता है कि उस समय चीन में लगभग ५ करोड़ नागरिकों के परिवार पंजीकृत थे। ९वीं शताब्दी में वे जनगणना पूरी तो नहीं करवा पाए लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि देश में ख़ुशहाली होने से आबादी बढ़कर ८ करोड़ तक पहुँच चुकी थी। इस बड़ी जनसँख्या से तांग राजवंश लाखों सैनिकों की बड़ी फौजें खड़ी कर पाया, जिनसे मध्य एशिया के इलाक़ों में और रेशम मार्ग के बहुत मुनाफ़े वाले व्यापारिक रास्तों पर यह वंश अपनी धाक जमाने लगी। बहुत से क्षेत्रों के राजा तांग राजवंश को अपना मालिक मानने पर मजबूर हो गए और इस राजवंश का सांस्कृतिक प्रभाव दूर-दराज़ में कोरिया, जापान और वियतनाम पर भी महसूस किया जाने लगा। तांग दौर में सरकारी नौकरों को नियुक्त करने के लिए प्रशासनिक इम्तिहानों को आयोजित किया जाता था और उस आधार पर उन्हें सेवा में रखा जाता था। योग्य लोगों के आने से प्रशासन में बेहतरी आई। संस्कृति के क्षेत्र में इस समय को चीनी कविया का सुनहरा युग समझा जाता है, जिसमें चीन के दो सब से प्रसिद्ध कवियों - ली बाई और दू फ़ू - ने अपनी रचनाएँ रची। हान गान, झांग शुआन और झऊ फ़ंग जैसे जाने-माने चित्रकार भी तांग ज़माने में ही रहते थे। इस युग के विद्वानों ने कई ऐतिहासिक साहित्य की पुस्तकें, ज्ञानकोश और भूगोल-प्रकाश लिखे जो आज तक पढ़े जाते हैं। इसी दौरान बौद्ध धर्म भी चीन में बहुत फैला और विकसित हुआ।तांग राजवंश के काल में काफी विकास हुआ और स्थिरता आई चीन में, सिवाय अन लुशान विद्रोह और केन्द्रीय सत्ता के कमजोर होने के बाद जो के साम्राज्य के अंतिम वर्षो में हुआ। तांग शासकों ने जिएदूशी नाम के क्षेत्रीय सामंतो को नियुक्त किया अलग अलग प्रान्तों में पर ९वी सदी के अंत तक इन्होने तांग साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध शुरू कर दिया और खुदके स्वतंत्र राज्य स्थापित किये। .

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ताओ धर्म

ताओ धर्म (चीनी: 道教 दाओ-ज्याओ) चीन का एक मूल धर्म और दर्शन है। असल में पहले ताओ एक धर्म नहीं बल्कि एक दर्शन और जीवनशैली थी। बाद में बौद्ध धर्म के चीन पहुँचने के बाद ताओ ने बौद्धों से कई धारणाएँ उधार लीं और एक "धर्म" बन गया। बौद्ध धर्म और ताओ धर्म में आपस में समय समय पर अहिंसात्मक संघर्ष भी होता रहा है। अब कई चीनी बौद्ध तथा ताओ दोनों धर्मों को एकसात मानती है। एक सर्वेक्षण के अनुसार चीन में 50% से 80% आबादी बौद्ध धर्म को मानती है। इसमें 50% बौद्ध और 30% ताओ आबादी हो सकती है। ताओ धर्म और दर्शन, दोनो का स्रोत दार्शनिक लाओ-त्सी द्वारा रचित ग्रन्थ दाओ-दे-चिंग और ज़ुआंग-ज़ी है। хуй вам! र्म है। सर्वोच्च देवी और देवता यिन और यांग हैं। देवताओं की पूजा के लिये कर्मकाण्ड किये जाते हैं और पशुओं और अन्य चीज़ों की बलि दी जाती है। चीन से निकली ज़्यादातर चीज़ें, जैसे चीनी व्यंजन, चीनी रसायनविद्या, चीनी कुंग-फ़ू, फ़ेंग-शुई, चीनी दवाएँ, आदि किसी न किसी रूप से ताओ धर्म से सम्बन्धित रही हैं। क्योंकि ताओ धर्म एक संगठित धर्म नहीं है, इसलिये इसके अनुयायियों की संख्या पता करना मुश्किल है। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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यांग्त्सीक्यांग

'''यांग्त्सी नदी''' यांग्त्सीक्यांग, चीन की सबसे लम्बी नदी है, जो सीकांग के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर, दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, पूर्वी चीन सागर में गिरती है। इसे चांग ज्यांग (Simplified Chinese 长江, Traditional Chinese 長江, Cháng Jiāng) या यांग्त्सी या यांग्ज़ी भी कहते हैं। यह विश्व की चौथी सबसे लम्बी नदी है। प्रायः पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहने वाली इस नदी की लम्बाई लगभग ६३०० किलोमीटर है। यह सर्वप्रथम कुछ दूर उच्च पहाड़ी क्षेत्र में बहने के पश्चात् लाल बेसिन में प्रसेश करती है, जहाँ धरातल अत्यंत कटा फटा एवं कुछ असमतल है। यहाँ मिलक्यांग, चुंगक्यांग, सुइनिंग और कयाओलिंगक्यांग सहायक नदियाँ उत्तर से आकर मिलती हैं। ये सभी नाव्य हैं तथा उपजाऊ घाटियाँ बनाती हैं। लाल बेसिन को पार कर यांग्त्सीक्यांग एक गहरी घाटी में बहती हुई समतल भूभाग में प्रवेश करती है। यहाँ कई झीलें मिलती हैं, जिनमें से तीन मिट्टी भर जाने से महत्वपूर्ण थालों का रूप ले चुकी हैं। दो थालों को तो नदी ने दो दो भागों में बाँट दिया है। तीसरा काफी नीचा है, जहाँ कभी कभी बाढ़ आ जाती है। नदी घाटी का यह भाग काफी उपजाऊ है। यहाँ उत्तर से हेन और दक्षिण से सियांग नामक सहायक नदियाँ इसमें आकर मिलती हैं, जो नाव्य हैं। बड़े समुद्री जहाज यांग्त्सीक्यांग द्वारा हैंकाऊ तथा बड़ी नावें और स्टीमर आइशांग तक आ जा सकते हैं। तत्पश्चात् यांग्त्सीक्यांग क्यांगसू प्रांत में डेल्टा बनाती है, जहाँ का भूभाग कुछ पहाडियों को छोड़कर लगभग समतल है। डेल्टा की संपूर्ण समतल भूमि बहुत उपजाऊ है। यांग्त्सी घाटी के विभिन्न भागों में धान, गेहूँ, जौ, कपास, चाय, ज्वार- बाजरा, मक्का, गन्ना, तंबबाकू, अफीम, तिलहन, मटर, बीन, फल और शाक भाजियाँ आदि उपजते हैं। रेशम का भी यहाँ उत्पादन होता है। अत: कृषि एवं यातायात की सुलभता के कारण संपूर्ण यांग्त्सीघाटी में जनसंख्या बहुत घनी हो गई है। .

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लुओयांग

लुओयांग के कुछ नज़ारे चीन के नक़्शे में लुओयांग लुओयांग (चीनी: 洛阳, अंग्रेज़ी: Luoyang) चीन के मध्य भाग में स्थित हेनान प्रांत के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक विभाग स्तर का शहर है। यह मध्य चीन के मैदान में स्थित है और इसे चीनी सभ्यता के जन्मस्थानों में से एक माना जाता है। हेनान राज्य की राजधानी झेंगझोऊ (郑州, Zhengzhou) इस से पूर्व में स्थित है।, Simon Foster, Jen Lin-Liu, Sharon Owyang, Sherisse Pham, Beth Reiber, Lee Wing-sze, John Wiley & Sons, 2010, ISBN 978-0-470-52658-3,...

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ह्वांगहो

ह्वांगहो या ह्वांगहे या ह्वांगहा जिसे पीली नदी भी कहा जाता है, चीन से होकर बहने वाली एक नदी है। लम्बाई के हिसाब से यह विश्व में सातवां स्थान रखती है। .

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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कुन्फ़्यूशियसी धर्म

कुफ़ु के कुन्फ़्यूशियस मन्दिर का दाचेंग हाल कनफ़ूशीवाद या कुंगफुत्सीवाद या कुन्फ़्यूशियसी धर्म (en:Confucianism, चीनी: 儒學, अर्थात विद्वानों का आश्रम) चीन का एक प्राचीन और मूल धर्म, दर्शन और सदाचार की विचारधारा है। इसके प्रवर्तक थे चीनी दार्शनिक कुन्फ़्यूशियस (en:Confucius, चीनी: कुंग-फ़ू-त्सू), जिनका जन्म 551 ईसापूर्व और मरण 479 ईसापूर्व माना जाता है। ये धर्म मुख्यतः सदाचार और दर्शन की बातें करता है, देवताओं और ईश्वर के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहता। इसलिये इसे धर्म कहना ग़लत प्रतीत होता है, इसे जीवनशैली कहना अधिक उचित है। ये धार्मिक प्रणाली कभी चीनी साम्राज्य का राजधर्म हुआ करती थी। .

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कोरिया

कोरिया (कोरियाई: 한국 या 조선) एक सभ्यता और पूर्व में एकीकृत राष्ट्र जो वर्तमान में दो राज्यों में विभाजित है। कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थित, इसकी सीमाएं पश्चिमोत्तर में चीन, पूर्वोत्तर में रूस और जापान से कोरिया जलसन्धि द्वारा पूर्व में अलग है। कोरिया 1948 तक संयुक्त था; उस समय इसे दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में विभाजित कर दिया गया। दक्षिण कोरिया, आधिकारिक तौर पर कोरिया गणराज्य, एक पूंजीवादी, लोकतांत्रिक और विकसित देश है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र संघ, WTO, OECD और G-20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सदस्यता है। उत्तर कोरिया, आधिकारिक तौर पर लोकतांत्रिक जनवादी कोरिया गणराज्य, किम इल-सुंग द्वारा स्थापित एक एकल पार्टी कम्युनिस्ट देश है और सम्प्रति उनके बेटे किम जोंग-इल के दूसरे बेटे किम जोंग-उन द्वारा शासित है। उत्तर कोरिया की वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ में सदस्यता है। पुरातत्व और भाषाई सबूत यह सुझाते हैं कि कोरियाई लोगों की उत्पत्ति दक्षिण-मध्य साइबेरिया के अल्टायाक भाषा बोलने वाले प्रवासियों में हुई थी, जो नवपाषाण युग से कांस्य युग तक लगातार बहाव में प्राचीन कोरिया में बसते गए। 2 शताब्दी ई.पू.

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कोकुर्यौ

४७६ ईसवी में अपने चरम पर गोगुरयेओ राज्य गोगुरयेओ (कोरियाई: 고구려, अंग्रेज़ी: Goguryeo) एक प्राचीन कोरियाई राज्य था जो आधुनिक कोरिया, दक्षिणी मंचूरिया और रूस के प्रिमोर्स्की क्राय प्रान्त के दक्षिणी भाग पर फैला हुआ था। यह ३७ ईसापूर्व से ६६८ ईसवी तक अस्तित्व में रहा। बेकजे और सिल्ला के साथ यह 'प्राचीन कोरिया के तीन राज्यों' में से एक था। कोरियाई प्रायद्वीप में राजनैतिक प्रभाव के साथ-साथ गोगुरयेओ अपने पड़ोस के चीन और जापान के क्षेत्रों में भी दख़ल देता था।, Jae-un Kang, Jae-eun Kang, Homa & Sekey Books, 2006, ISBN 978-1-931907-37-8,...

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तरी और दक्षिणी राजवंश

उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों के काल में ४४० ईसवी में उत्तरी वेई और लिऊ सोंग राज्यों की स्थिति उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों की ५६० ईसवी में स्थिति उत्तरी और दक्षिणी राजवंश (चीनी: 南北朝, नान बेई चाओ; अंग्रेज़ी: Northern and Southern Dynasties) प्राचीन चीन के एक काल को कहते हैं जो जिन राजवंश के बाद शुरू हुआ और ४२० ईसवी से लेकर ५८९ ईसवी तक चला। इस काल में चीन बहुत से राज्यों में खंडित हो गया और राजनैतिक अस्थिरता और गृहयुद्ध का वातावरण बना रहा। आपस में लड़ते हुए राजवंशों को इतिहासकार उत्तरी राजवंशों और दक्षिणी राजवंशों में बांटते हैं। उत्तरी राजवंश थे: उत्तरी झोऊ, उत्तरी ची, उत्तरी वेई, पश्चिमी वेई और पूर्वी वेई। दक्षिणी राजवंश थे: लिऊ सोंग, लियांग, चेन और दक्षिणी ची।, Mark Edward Lewis, Harvard University Press, 2009, ISBN 978-0-674-02605-6, Chunjiang Fu, Asiapac Books Pte Ltd, 2003, ISBN 978-981-229-328-2,...

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