लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य

सूची सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य

प्रतापगढ़ का प्राकृतिक मानचित्र सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य ४२२.९५ वर्गकिलोमीटर में फैला है, जो जिला मुख्यालय प्रतापगढ़ से केवल ४० किलोमीटर, उदयपुर से १०० और चित्तौडगढ़ से करीब ६० किलोमीटर दूर है। यह अद्वितीय अभयारण्य प्रतापगढ़ जिले में, राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में अवस्थित है, जहाँ भारत की तीन पर्वतमालाएं- अरावली, विन्ध्याचल और मालवा का पठार आपस में मिल कर ऊंचे सागवान वनों की उत्तर-पश्चिमी सीमा बनाते हैं। आकर्षक जाखम नदी, जिसका पानी गर्मियों में भी नहीं सूखता, इस वन की जीवन-रेखा है। यहां की सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण वन्यजीव प्रजातियों में उड़न गिलहरी और चौसिंघा (four Horned Antelope) हिरण उल्लेखनीय हैं। यहां स्तनधारी जीवों की ५०, उभयचरों की ४० और पक्षियों की ३०० से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत के कई भागों से कई प्रजातियों के पक्षी प्रजनन के लिए यहां आते हैं। वृक्षों, घासों, लताओं और झाडियों की बेशुमार प्रजातियां इस अभयारण्य की विशेषता हैं, वहीं अनेकानेक दुर्लभ औषधि वृक्ष और अनगिनत जड़ी-बूटियाँ अनुसंधानकर्ताओं के लिए शोध का विषय हैं। वनों के उजड़ने से अब वन्यजीवों की संख्या में कमी आती जा रही है। प्रतापगढ़ इतिहास के आरम्भ से ही प्रकृति की नायाब संपदा से धनी क्षेत्र रहा है। इस के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में मूल्यवान सागवान के बड़े सघन जंगल थे, इसलिए अंग्रेज़ी शासन के दौर में इस वन-संपदा के व्यवस्थित देखरेख की गरज से एक अलग महकमा-जंगलात, १८२८ ईस्वी में कायम किया गया.

5 संबंधों: चित्तौड़गढ़ जिला, चौसिंगा, राजस्थान, गिलहरी, उदयपुर

चित्तौड़गढ़ जिला

चित्तौड़गढ़ जिला भारत के राजस्थान प्रान्त का एक शहर है। .

नई!!: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और चित्तौड़गढ़ जिला · और देखें »

चौसिंगा

चौसिंगा, जिसे अंग्रेज़ी में Four-horned Antelope कहते हैं, एक छोटा बहुसिंगा है। यह टॅट्रासॅरस प्रजाति में एकमात्र जीवित जाति है और भारत तथा नेपाल के खुले जंगलों में पाया जाता है। चौसिंगा एशिया के सबसे छोटे गोकुलीय प्राणियों में से हैं। .

नई!!: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और चौसिंगा · और देखें »

राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

नई!!: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और राजस्थान · और देखें »

गिलहरी

गिलहरी की कई प्रजातियों में कालेपन की प्रावस्था पाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बड़े हिस्से में शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक आसानी से देखी जा सकने वाली गिलहरियाँ पूर्वी ग्रे गिलहरियों का कालापन लिया हुआ एक रूप है। गिलहरियाँ छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है। इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियाँ, भू गिलहरियाँ, चिम्पुंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं), उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं। यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है। लगभग चालीस मिलियन साल पहले गिलहरियों को पहली बार, इयोसीन में साक्ष्यांकित किया गया था और यह जीवित प्रजातियों में से पर्वतीय ऊदबिलाव और डोरमाइस से निकट रूप से सम्बद्ध हैं। .

नई!!: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और गिलहरी · और देखें »

उदयपुर

उदयपुर राजस्थान का एक नगर एवं पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति एवम् अपने अाकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे सन् 1559 में महाराणा उदय सिंह ने स्थापित किया था। अपनी झीलों के कारण यह शहर 'झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर शहर सिसोदिया राजवंश द्वारा ‌शासित मेवाड़ की राजधानी रहा है। .

नई!!: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और उदयपुर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »