लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सिमूलिंक

सूची सिमूलिंक

सिमूलिंक ब्लाकों द्वारा राडार डेटा प्रोसेसिंग सिमूलिंक (Simulink), बहुडोमेन वाले गतिज तंत्रों (multidomain dynamic systems) के मॉडलिंग, सिमुलेशन एवं विश्लेषण करने के लिये एक व्यापारिक सॉफ्टवेयर-औजार है। यह द मैथवर्क्स (The MathWorks) द्वारा निर्मित है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह ब्लॉक आरेख पर आधारित ग्राफिक इन्टरफेस प्रदान करता है जिससे मॉडलिंग एवं सिमेशन के लिये किसी प्रोग्राम के लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती और प्रयोक्ता को बहुत सुविधा होती है। इसमें गतिज तन्त्रों में प्रयोग आने वाले विभिन्न अवयवों के लिये ब्लॉक की व्यवस्था है। इसकी ब्लॉक लाइब्रेरी को अपनी आवश्यकता के अनुरूप ढाला जा सकता है। नियंत्रण तंत्र (कन्ट्रोल सिस्टम्स) एवं आंकिक संकेत प्रसंस्करण में सिमुलिंक का बहुतायत में प्रयोग होता है। .

9 संबंधों: नियंत्रण सिद्धान्त, ब्लॉक आरेख, भौतिक मॉडल, मुक्त स्रोत, मैटलैब, साईलैब, साईकॉस, सिमुलेशन, अंकीय संकेत प्रक्रमण

नियंत्रण सिद्धान्त

किसी दी हुई प्रणाली को नियंत्रित करने के लिये ऋणात्मक फीडबैक का कांसेप्ट नियंत्रण सिद्धान्त (Control theory), इंजिनियरी और गणित का सम्मिलित (interdisciplinary) शाखा है जो गतिक तन्त्रों के व्यवहार को आवश्यकता के अनुरूप बदलने से सम्बध रखती है। वांछित ऑउटपुट को सन्दर्भ (रिफरेंस) कहते हैं। .

नई!!: सिमूलिंक और नियंत्रण सिद्धान्त · और देखें »

ब्लॉक आरेख

खण्ड आरेख या ब्लाक आरेख (Block diagram) का प्रयोग किसी तन्त्र (system) की रचना अथवा किसी प्रक्रिया (process) के उच्च-स्तरीय दृष्यात्मक प्रदर्शन के लिये किया जाता है। प्रौद्योगिकी के संसार में इनका हार्डवेयर डिजाइन, साफ्ट्वेयर डिजाइन, तथा प्रक्रियाओं के प्रवाह आरेख को प्रदर्शित करने के लिये बहुतायत से उपयोग किया जाता है। ब्लाक आरेख बनाने के लिये प्रधानतः आयत और वृत आदि ज्यामितीय आकारों का प्रयोग किया जाता है। इन आकृतियों को तीर-युक्त या तीरविहीन रेखाओं से जोडा जाता है जो उनके आपसी सम्बन्धों या प्रक्रिया की दिशा का बोध कराती है। .

नई!!: सिमूलिंक और ब्लॉक आरेख · और देखें »

भौतिक मॉडल

सिंगापुर सिटी सेन्टर का लघु प्रारूप (मॉडल) युद्ध के दृष्य का प्रारूप — आस्ट्रेलियायी युद्ध स्मारक, कैन्बरा किसी वस्तु या प्रक्रम के वास्तविक आकार से बड़ा या छोटा आकार की प्रतिकृति उस वस्तु या प्रक्रम की भौतिक प्रतिरूप या भौतिक मॉडल (physical model) कहलाती है। जिस वस्तु का (भौतिक) मॉडल बनाया जाता है उसका वास्तविक आकार बहुत ही छोटा (जैसे-परमाणु) या बहुत बड़ा (जैसे- सौर तंत्र) हो सकता है; अथवा वास्तविक आकार के बजाय उसका लघु आकार का मॉडल बनाकर परीक्षण करना कम खर्चीला हो सकता है। पहले भौतिक मॉडल का निर्माण बहुत प्रचलित था किन्तु वर्तमान समय में कम्प्यूटर और सिमुलेशन सॉफ्टवेयर की सहायता से गणितीय मॉडल बनाकर सिमुलेशन करना अधिक सस्ता, सरल, सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो गया है। भौतिक मॉडल का उपयोग किसी जटिल वस्तु, तन्त्र या प्रक्रिया के देखने (visualization) के लिये भी किया जाता है/था किन्तु आजकल कम्प्यूटर ग्राफिक्स की सहायता से भांति-भांति से और अलग-अलग कोणों से किसी वस्तु के चित्र को देखा और समझा जा सकता है। .

नई!!: सिमूलिंक और भौतिक मॉडल · और देखें »

मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

नई!!: सिमूलिंक और मुक्त स्रोत · और देखें »

मैटलैब

मैटलैब (MATLAB; matrix laboratory का लघुरूप) आंकिक गणना का सॉफ्टवेयर है। यह चतुर्थ पीढ़ी की प्रोग्रामन भाषा भी है जो अर्रे को मूल मानकर बनायी गयी है। यह मैथवर्क्स (MathWorks) द्वारा निर्मित है। इसके प्रयोग से मैट्रिक्स से संबन्धित गणनाएँ, फलनों एवं आंकड़ों की प्लॉटिंग, किसी अल्गोरिद्म का लागू करना, प्रयोक्ता-इंटरफेस का निर्माण आदि किये जा सकते हैं। यह C, C++ और फोर्ट्रान (Fortran) आदि अन्य प्रोग्रामन भाषाओं में लिखे कोड को भी चला सकती है। .

नई!!: सिमूलिंक और मैटलैब · और देखें »

साईलैब

साईलैब (Scilab) एक मुक्तस्रोत आंकिक विश्लेषण का सॉफ्टवेयर पैकेज है। इसे सन १९९० से ही इन्स्टिट्यूट नेशनल डी रिसर्च एन इन्फार्मेटिक एट एन आटोमेटिक (INRIA) एवं इकोल नेशनल डेस पॉन्ट्स एट चौसेस (ENPC) के अनुसंधानकर्ताओं ने विकसित किया है। सन २००३ में साईलैब कॉन्सोर्सिअम की स्थापना के पश्चात से ही इसकी देख-रेख एवं विकास INRIA द्वारा की जा रही है। साइलैब वास्तव में एक उच्च-स्तर की प्रोग्रामन भाषा है। इसका अर्थ यह है कि कुछ ही लाइन के कोड लिखने पर भी बड़ी-बड़ी गणनाएँ हो जाती हैं। साइलैब सभी मूल डेटा के प्रकारों (primitive data types) को उनके तुल्य एक मैट्रिक्स के रूप में बदलकर काम करता है। जहाँ तक काम का प्रश्न है, यह मैटलैब (MATLAB) जैसा ही है किन्तु यह बिना मूल्य के ही डाउनलोड किया जा सकता है। इसका सिन्टैक्स भी मैटलैब जैसा ही है। किन्तु ऐसा नहीं है कि साईलैब का सभी कोड ज्यों का त्यों मैटलैब में या मैटलैब के सारे कोड साईलैब में पूरी तरह से चल जायेंगे। साईलैब में एक परिवर्तक (कन्वर्टर) की सुविधा भी है जो मैटलैब के स्रोत-कोड को साईलैब के स्रोत-कोड में बदल देता है। सामान्य गणितीय कार्यों के अलावा यह सॉफ्टवेयर, संकेत प्रसंस्करण, सांख्यिकीय विश्लेषण, छवि सुधार तथा नियंत्रण तंत्रों की डिजाइन आदि में बहुत उपयोगी है। साईलैब में एक पैकेज और भी है जिसका नाम एक्स्कॉस (Xcos) है जो साईकॉस (SciCos) का ही एक रूप है। साईकॉस, मैटलैब के साथ आने वाले सिमूलिंक जैसा है जो ग्राफीय ब्लॉक आरेखों का उपयोग करके सतत व डिस्क्रीट गतिक तंत्रों को मॉडल करने व सिमुलेट करने में सहायता करता है। चलते समय साइलैब का एक स्क्रीन-शॉट .

नई!!: सिमूलिंक और साईलैब · और देखें »

साईकॉस

साईकॉस (Scicos) गतिक तंत्रों को ग्राफीय ब्लॉक आरेखों की सहायता से मॉडल एवं सिमुलेट करने वाला एक सॉफ्टवेयर पैकेज है। साइकोस के द्वारा मिश्रित गतिक तन्त्रों की गतिकी को मॉडल करके तत्पश्चात उसे कम्पाइल किया जा सकता है जिससे कार्यकारी (executable) कोड प्राप्त हो जाता है। यह मैटलैब के साथ आने वाले सिमूलिंक जैसा ही एक मुक्तस्रोत पैकेज है। आजकल यह साईलैब के साथ एक पैकेज रूप में आता है और www.scicoslab.org से डाउनलोड किया जा सकता है। साईकॉस, कन्ट्रोल सिस्टम्स के विश्लेषण एवं डिजाइन के लिये बहुत उपयोगी है। इसके अलावा संकेत प्रसंस्करण, एवं अन्य तन्त्रों की मॉडलिंग एवं सिमुलेशन के लिये भी बहुत उपयुक्त है। .

नई!!: सिमूलिंक और साईकॉस · और देखें »

सिमुलेशन

द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त लकड़ी का यांत्रिक घोड़ा (सिमुलेटर) किसी वास्तविक चीज, प्रक्रम (प्रॉसेस) या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से अनुकरण (नकल) करना अनुकार या सिमुलेशन (simulation) कहलाता है। कम्प्यूटरों के कारण सिमुलेशन का कार्य बहुत आम हो गया है। .

नई!!: सिमूलिंक और सिमुलेशन · और देखें »

अंकीय संकेत प्रक्रमण

संकेत प्रक्रमण या संकेत प्रसंस्करण दो तरह से किया जाता है.

नई!!: सिमूलिंक और अंकीय संकेत प्रक्रमण · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »