1 संबंध: संथाल विद्रोह।
संथाल विद्रोह
६०० संथालों का दल ४०वें रेजिमेण्ट के ५० सिपाहियों पर आक्रमण करता हुआ। वर्ष १८५५ में बंगाल के मुर्शिदाबाद तथा बिहार के भागलपुर जिलों में स्थानीय जमीनदार, महाजन और अंग्रेज कर्मचारियों के अन्याय अत्याचार के शिकार संताल जनता ने एकबद्ध होकर उनके विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूँक दिया था। इसे संथाल विद्रोह या संथाल हुल कहते हैं। संथाली भाषा में 'हूल' शब्द का शाब्दिक अर्थ है-'विद्रोह'। यह अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम सशस्त्र जनसंग्राम था। सिधु-कान्हू, चाँद-भैरो भाइयों और फूलो-झानो जुड़वा बहनों ने संथाल हल का नेतृत्व, शाम टुडू (परगना) के मार्गदर्शन में किया। 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा आरम्भ किए गए स्थाई बन्दोबस्त के कारण जनता के ऊपर बढ़े हुए अत्याचार इस विद्रोह का एक प्रमुख कारण था। .