लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली

सूची साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और मैथिली भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९६६ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

109 संबंधों: चानन घन गछिया, चंद्रनाथ मिश्र अमर, चंद्रभानु सिंह, चेम्मीन, एक चादर मैली–सी, ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, तमस (उपन्यास), ताराशंकर बंद्योपाध्याय, तंत्रनाथ झा, तकजि शिवशंकर पिल्लै, दामोदर माऊज़ो, दु पत्र, ध्वस्त होइत शांति स्तूप, नातीक पत्रक उत्तर, नागार्जुन, नैका बनिजारा, नीरजा रेणु (कामाख्या देवी), पत्रहीन नग्न गाछ, पयस्विनी, पराशर, पसिझैत पाथर, प्रतिज्ञा पांडव, प्रदीप बिहारी, प्रभास कुमार चौधुरी, प्रभासक कथा, प्रेमचंद, बबुआजी झा अज्ञात, बाजि उठल मुरली, ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म, भारतीय साहित्य अकादमी, भीमनाथ झा, भीष्म साहनी, मनमोहन झा, मरीचिका, मायानंद मिश्र, मार्कण्डेय प्रवासी, मिथिला वैभव, मंत्रपुत्र, मंत्रेश्वर झा, मैथिली पत्रकारिता का इतिहास, मैथिली भाषा, यशोधर झा, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रमानंद रेणु, राधा विरह, रामदेव झा, राजमोहन झा, राजिंदर सिंह बेदी, राजेश्वर झा, रघुवीर चौधरी, ..., लिली रे, शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय, शेफालिका वर्मा, सरोकार, सहसमुखी चौक पर, सामाक पौती, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात, साकेतानंद (एस.एन. सिंह), संघर्ष आ सेहन्‍ता, सुधांशु शेखर चौधुरी, सुभद्र झा, सुरेन्द्र झा सुमन, सुरेश्‍वर झा, सूरजमुखी, सोमदेव, सीतायन, हरिमोहन झा, जयन्त विष्णु नार्लीकर, जयमंत मिश्र, जीवन–यात्रा, ई बतहा संसार, विभूति आनंद, विविधा, विवेकानंद ठाकुर, वैद्यनाथ मल्लिक विधु, खिस्‍सा, गणनायक, गिरीन्द्रमोहन मिश्र, गंगा–पुत्र, गंगेश गुंजन, गोपीचंद नारंग, गोविन्द झा, आरसी प्रसाद सिंह, आशा मिश्र, आइ काल्हि परसू, कतेक डारिपर, कतेक रास बात, काठ, कार्मेलिन, काशीकांत मिश्र मधुप, किस्त–किस्त जीवन, किछु देखल किछु सुनल, कविता कुसुमांजलि, कुर्अतुल ऐन हैदर, कृष्ण–चरित, कोटा शिवराम कारन्त, कीर्तिनारायण मिश्र, अतीत, अपक्ष, अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास, अगस्त्यायिनी, उचाट, उचित वक्ता, उदय चंद्र झा विनोद, उपेन्द्र ठाकुर मोहन, उपेन्द्रनाथ झा, उमानाथ झा, ऋतंभरा सूचकांक विस्तार (59 अधिक) »

चानन घन गछिया

चानन घन गछिया मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार विवेकानंद ठाकुर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और चानन घन गछिया · और देखें »

चंद्रनाथ मिश्र अमर

चंद्रनाथ मिश्र अमर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक सर्वेक्षण मैथिली पत्रकारिता का इतिहास के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और चंद्रनाथ मिश्र अमर · और देखें »

चंद्रभानु सिंह

चंद्रभानु सिंह मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य शकुन्तला के लिये उन्हें सन् 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और चंद्रभानु सिंह · और देखें »

चेम्मीन

चेम्मीन मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार तकष़ी शिवशंकर पिळ्ळै द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1957 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और चेम्मीन · और देखें »

एक चादर मैली–सी

एक चादर मैली–सी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार राजिन्दर सिंह बेदी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1965 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और एक चादर मैली–सी · और देखें »

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम · और देखें »

तमस (उपन्यास)

तमस भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। वे इस उपन्यास से साहित्य जगत में बहुत लोकप्रिय हुए थे। तमस को १९७५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इस पर १९८६ में गोविंद निहलानी ने दूरदर्शन धारावाहिक तथा एक फ़िल्म भी बनाई थी। 'तमस' की कथा परिधि में अप्रैल १९४७ के समय में पंजाब के जिले को परिवेश के रूप में लिया गया है। 'तमस' कुल पांच दिनों की कहानी को लेकर बुना गया उपन्यास है। परंतु कथा में जो प्रसंग संदर्भ और निष्कर्ष उभरते हैं, उससे यह पांच दिवस की कथा न होकर बीसवीं सदी के हिंदुस्तान के अब तक के लगभग सौ वर्षो की कथा हो जाती है। यों संपूर्ण कथावस्तु दो खंडों में विभाजित है। पहले खंड में कुल तेरह प्रकरण हैं। दूसरा खंड गांव पर केंद्रित है। 'तमस' उपन्यास का रचनात्मक संगठन कलात्मक संधान की दृष्टि से प्रशंसनीय है। इसमें प्रयुक्त संवाद और नाटकीय तत्व प्रभावकारी हैं। भाषा हिन्दी, उर्दू, पंजाबी एवं अंग्रेजी के मिश्रित रूप वाली है। भाषायी अनुशासन कथ्य के प्रभाव को गहराता है। साथ ही कथ्य के अनुरूप वर्णनात्मक, मनोविशेषणात्मक एवं विशेषणात्मक शैली का प्रयोग सर्जक के शिल्प कौशल को उजागर करता है। आजादी के ठीक पहले सांप्रदायिकता की बैसाखियाँ लगाकर पाशविकता का जो नंगा नाच इस देश में नाचा गया था, उसका अंतरग चित्रण भीष्म साहनी ने इस उपन्यास में किया है। काल-विस्तार की दृष्टि से यह केवल पाँच दिनों की कहानी होने के बावजूद इसे लेखक ने इस खूबी के साथ चुना है कि सांप्रदायिकता का हर पहलू तार-तार उदघाटित हो जाता है और पाठक सारा उपन्यास एक साँस में पढ़ जाने के लिए विवश हो जाता है। भारत में साम्प्रदायिकता की समस्या एक युग पुरानी है और इसके दानवी पंजों से अभी तक इस देश की मुक्ति नहीं हुई है। आजादी से पहले विदेशी शासकों ने यहाँ की जमीन पर अपने पाँव मजबूत करने के लिए इस समस्या को हथकंडा बनाया था और आजादी के बाद हमारे देश के कुछ राजनीतिक दल इसका घृणित उपयोग कर रहे हैं। और इस सारी प्रक्रिया में जो तबाही हुई है उसका शिकार बनते रहे हैं वे निर्दोष और गरीब लोग जो न हिन्दू हैं, न मुसलमान बल्कि सिर्फ इन्सान हैं और हैं भारतीय नागरिक। भीष्म साहनी ने आजादी से पहले हुए साम्प्रदायिक दंगों को आधार बनाकर इस समस्या का सूक्ष्म विश्लेषण किया है और उन मनोवृत्तियों को उघाड़कर सामने रखा है जो अपनी विकृतियों का परिणाम जनसाधारण को भोगने के लिए विवश करती हैं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और तमस (उपन्यास) · और देखें »

ताराशंकर बंद्योपाध्याय

ताराशंकर बंद्योपाध्याय बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आरोग्य निकेतन के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ताराशंकर बंद्योपाध्याय · और देखें »

तंत्रनाथ झा

तंत्रनाथ झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कृष्ण–चरित के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और तंत्रनाथ झा · और देखें »

तकजि शिवशंकर पिल्लै

तकाजी शिवशंकरा पिल्लै (मलयालम: तकऴि शिवशंकरप्पिळ्ळ) मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास चेम्मीन के लिये उन्हें सन् १९५७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। १९८४ में उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।.

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और तकजि शिवशंकर पिल्लै · और देखें »

दामोदर माऊज़ो

दामोदर माऊज़ो (जन्म: १ अगस्त १९४४) गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् १९८३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और दामोदर माऊज़ो · और देखें »

दु पत्र

दु पत्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार उपेन्द्रनाथ झा द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1969 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और दु पत्र · और देखें »

ध्वस्त होइत शांति स्तूप

ध्वस्त होइत शांति स्तूप मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार कीर्तिनारायण मिश्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1997 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ध्वस्त होइत शांति स्तूप · और देखें »

नातीक पत्रक उत्तर

नातीक पत्रक उत्तर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार सुभद्र झा द्वारा रचित एक रम्य रचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1986 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और नातीक पत्रक उत्तर · और देखें »

नागार्जुन

नागार्जुन (३० जून १९११-५ नवंबर १९९८) हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नागार्जुन ने मैथिली में यात्री उपनाम से लिखा तथा यह उपनाम उनके मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र के साथ मिलकर एकमेक हो गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और नागार्जुन · और देखें »

नैका बनिजारा

नैका बनिजारा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार ब्रजकिशोर वर्मा ‘मणिपद्म’ द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1973 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और नैका बनिजारा · और देखें »

नीरजा रेणु (कामाख्या देवी)

नीरजा रेणु (कामाख्या देवी) मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह ऋतंभरा के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और नीरजा रेणु (कामाख्या देवी) · और देखें »

पत्रहीन नग्न गाछ

कोई विवरण नहीं।

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और पत्रहीन नग्न गाछ · और देखें »

पयस्विनी

पयस्विनी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1971 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और पयस्विनी · और देखें »

पराशर

पाराशर ज्‍योतिषियों का गोत्र है। इस गोत्र के लोग ज्‍योतिषीय गणनाएं न भी करें तो भविष्‍य देखने के प्रति और परा भौतिक दुनिया के प्रति अधिक झुकाव रखने वाले लोग होते हैं। भारद्वाज और कश्‍यप गोत्र की तुलना में ये लोग समस्‍याओं के समाधान एक साथ और स्‍थाई ढूंढने की कोशिश करते हैं और अधिकतर सांसारिक समस्‍याओं से पलायन करते हैं। ऐसे में परा से इन लोगों का अधिक संपर्क होता है। इसी कारण ओमेन में भी इन लोगों को अच्‍छा हाथ होता है। श्रेणी:गोत्र श्रेणी:ज्योतिष.

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और पराशर · और देखें »

पसिझैत पाथर

पसिझैत पाथर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार रामदेव झा द्वारा रचित एक नाटक–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और पसिझैत पाथर · और देखें »

प्रतिज्ञा पांडव

प्रतिज्ञा पांडव मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार बबुआजी झा ‘अज्ञात’ द्वारा रचित एक प्रबंधकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 2001 में मैथिली भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और प्रतिज्ञा पांडव · और देखें »

प्रदीप बिहारी

प्रदीप बिहारी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह सरोकार के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और प्रदीप बिहारी · और देखें »

प्रभास कुमार चौधुरी

प्रभास कुमार चौधुरी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह प्रभासक कथा के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और प्रभास कुमार चौधुरी · और देखें »

प्रभासक कथा

प्रभासक कथा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रभास कुमार चौधुरी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और प्रभासक कथा · और देखें »

प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और प्रेमचंद · और देखें »

बबुआजी झा अज्ञात

बबुआजी झा अज्ञात मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक प्रबंधकाव्य प्रतिज्ञा पांडव के लिये उन्हें सन् 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और बबुआजी झा अज्ञात · और देखें »

बाजि उठल मुरली

बाजि उठल मुरली मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार उपेन्द्र ठाकुर ‘मोहन’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और बाजि उठल मुरली · और देखें »

ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म

ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास नैका बनिजारा के लिये उन्हें सन् 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म · और देखें »

भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और भारतीय साहित्य अकादमी · और देखें »

भीमनाथ झा

भीमनाथ झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह विविधा के लिये उन्हें सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और भीमनाथ झा · और देखें »

भीष्म साहनी

रावलपिंडी पाकिस्तान में जन्मे भीष्म साहनी (८ अगस्त १९१५- ११ जुलाई २००३) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे। १९३७ में लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने १९५८ में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। भारत पाकिस्तान विभाजन के पूर्व अवैतनिक शिक्षक होने के साथ-साथ ये व्यापार भी करते थे। विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर समाचारपत्रों में लिखने का काम किया। बाद में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से जा मिले। इसके पश्चात अंबाला और अमृतसर में भी अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। १९५७ से १९६३ तक मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लॅग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। यहां उन्होंने करीब दो दर्जन रूसी किताबें जैसे टालस्टॉय आस्ट्रोवस्की इत्यादि लेखकों की किताबों का हिंदी में रूपांतर किया। १९६५ से १९६७ तक दो सालों में उन्होंने नयी कहानियां नामक पात्रिका का सम्पादन किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियायी लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन) से भी जुड़े रहे। १९९३ से ९७ तक वे साहित्य अकादमी के कार्यकारी समीति के सदस्य रहे। भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। वे मानवीय मूल्यों के लिए हिमायती रहे और उन्होंने विचारधारा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े होने के साथ-साथ वे मानवीय मूल्यों को कभी आंखो से ओझल नहीं करते थे। आपाधापी और उठापटक के युग में भीष्म साहनी का व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था। उन्हें उनके लेखन के लिए तो स्मरण किया ही जाएगा लेकिन अपनी सहृदयता के लिए वे चिरस्मरणीय रहेंगे। भीष्म साहनी हिन्दी फ़िल्मों के जाने माने अभिनेता बलराज साहनी के छोटे भाई थे। उन्हें १९७५ में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९७५ में शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार), १९८० में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, १९८३ में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड तथा १९९८ में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया। उनके उपन्यास तमस पर १९८६ में एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और भीष्म साहनी · और देखें »

मनमोहन झा

मनमोहन झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह गंगा–पुत्र के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मनमोहन झा · और देखें »

मरीचिका

गर्मी में मरीचिका मरीचिका एक प्रकार का वायुमंडलीय दृष्टिभ्रम है, जिसमें प्रेक्षक अस्तित्वहीन जलाश्य एवं दूरस्थ वस्तु के उल्टे या बड़े आकार के प्रतिबिंब तथा अन्य अनेक प्रकार के विरूपण देखता है। वस्तु और प्रेक्षक के बीच की दूरी कम होने पर प्रेक्षक का भ्रम दूर होता है, वह विरुपित प्रतिबिम्ब नहीं देख पाता। गरम दोपहरी में सड़क पर मोटर चलाते समय किसी सपाट ढालवीं भूमि की चोटी पर पहुँचने पर, दूर आगे सड़क पर, पानी का भ्रम होता है। यह मरीचिका का दूसरा सुपरिचित स्वरूप है। इस घटना की व्याख्या प्रकाश के अपवर्तन के सिद्धांत के आधार पर की जाती है। जब पृथ्वी की सतह से सटी हुई हवा की परत गरम हो जाती है, तब वह विरल हो जाती है और ऊपर की ठंढी परतों की अपेक्षा कम अपवर्तक (refracting) होती है। अत: किसी सुदूर वस्तु से आनेवाला प्रकाश (जैसे पेड़ की चोटी से आता हुआ) ज्यों-ज्यों हवा की परतों से अपवर्तित होता आता है, त्यों त्यों वह अभिलंब (normal) से अधिकाधिक विचलित (deviate) होता जाता है और अंत में पूर्णत: परावर्तित हो जाता है। फलत: प्रेक्षक वस्तु का काल्पनिक उल्टा प्रतिबिंब देखता है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मरीचिका · और देखें »

मायानंद मिश्र

मायानंद मिश्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मंत्रपुत्र के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मायानंद मिश्र · और देखें »

मार्कण्डेय प्रवासी

मार्कण्डेय प्रवासी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य अगस्त्यायिनी के लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मार्कण्डेय प्रवासी · और देखें »

मिथिला वैभव

मिथिला वैभव मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार यशोधर झा द्वारा रचित एक दार्शनिक प्रबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 1966 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मिथिला वैभव · और देखें »

मंत्रपुत्र

मंत्रपुत्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मायानंद मिश्र द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मंत्रपुत्र · और देखें »

मंत्रेश्वर झा

मंत्रेश्वर झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक संस्मरण कतेक डारिपर के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मंत्रेश्वर झा · और देखें »

मैथिली पत्रकारिता का इतिहास

मैथिली पत्रकारिता का इतिहास मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार चंद्रनाथ मिश्र ‘अमर’ द्वारा रचित एक सर्वेक्षण है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मैथिली पत्रकारिता का इतिहास · और देखें »

मैथिली भाषा

मैथिली भारत के उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में नेपाल के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और मैथिली भाषा · और देखें »

यशोधर झा

यशोधर झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक दार्शनिक प्रबंध मिथिला वैभव के लिये उन्हें सन् 1966 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और यशोधर झा · और देखें »

रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और रबीन्द्रनाथ ठाकुर · और देखें »

रमानंद रेणु

रमानंद रेणु मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कतेक रास बात के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और रमानंद रेणु · और देखें »

राधा विरह

राधा विरह मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार काशीकांत मिश्र ‘मधुप’ द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और राधा विरह · और देखें »

रामदेव झा

रामदेव झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक–संकलन पसिझैत पाथर के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और रामदेव झा · और देखें »

राजमोहन झा

राजमोहन झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह आइ काल्हि परसू के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और राजमोहन झा · और देखें »

राजिंदर सिंह बेदी

राजिंदर सिंह बेदी एक हिन्दी और उर्दू उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार थे। इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। यह पहले अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उर्दू लेखक थे। जो बाद में हिन्दी फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, संवाद लेखक बन गए। यह पटकथा और संवाद में ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म अभिमान, अनुपमा और सत्यकाम; और बिमल रॉय की मधुमती के कारण जाने जाते हैं। यह निर्देशक के रूप में दस्तक (1970) की फ़िल्म जिसमें संजीव कुमार और रेहना सुल्तान थे, के कारण जानते जाते हैं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और राजिंदर सिंह बेदी · और देखें »

राजेश्वर झा

। लेखक । | नाम .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और राजेश्वर झा · और देखें »

रघुवीर चौधरी

रघुवीर चौधरी रघुवीर चौधरी (पटेल) गुजराती के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कवि एवं आलोचक हैं। वे अनेक समाचारपत्रों में स्तम्भलेखक भी रहे हैं। उन्होने गुजरात विश्वविद्यालय में अध्यापन किया और वहाँ से १९९८ में सेवानिवृत्त हुए। गुजराती के अलावा उन्होने हिन्दी में भी लेखन कार्य किया है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास उपरवास कथात्रयी के लिये उन्हें सन् १९७७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और रघुवीर चौधरी · और देखें »

लिली रे

लिली रे मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मरीचिका के लिये उन्हें सन् 1982 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और लिली रे · और देखें »

शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय

शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय (१५ सितंबर, १८७६ - १६ जनवरी, १९३८) बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उनका जन्म हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ। वे अपने माता-पिता की नौ संतानों में से एक थे। अठारह साल की अवस्था में उन्होंने इंट्रेंस पास किया। इन्हीं दिनों उन्होंने "बासा" (घर) नाम से एक उपन्यास लिख डाला, पर यह रचना प्रकाशित नहीं हुई। रवींद्रनाथ ठाकुर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। शरतचन्द्र ललित कला के छात्र थे लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह इस विषय की पढ़ाई नहीं कर सके। रोजगार के तलाश में शरतचन्द्र बर्मा गए और लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया। कुछ समय बर्मा रहकर कलकत्ता लौटने के बाद उन्होंने गंभीरता के साथ लेखन शुरू कर दिया। बर्मा से लौटने के बाद उन्होंने अपना प्रसिद्ध उपन्यास श्रीकांत लिखना शुरू किया। बर्मा में उनका संपर्क बंगचंद्र नामक एक व्यक्ति से हुआ जो था तो बड़ा विद्वान पर शराबी और उछृंखल था। यहीं से चरित्रहीन का बीज पड़ा, जिसमें मेस जीवन के वर्णन के साथ मेस की नौकरानी से प्रेम की कहानी है। जब वह एक बार बर्मा से कलकत्ता आए तो अपनी कुछ रचनाएँ कलकत्ते में एक मित्र के पास छोड़ गए। शरत को बिना बताए उनमें से एक रचना "बड़ी दीदी" का १९०७ में धारावाहिक प्रकाशन शुरु हो गया। दो एक किश्त निकलते ही लोगों में सनसनी फैल गई और वे कहने लगे कि शायद रवींद्रनाथ नाम बदलकर लिख रहे हैं। शरत को इसकी खबर साढ़े पाँच साल बाद मिली। कुछ भी हो ख्याति तो हो ही गई, फिर भी "चरित्रहीन" के छपने में बड़ी दिक्कत हुई। भारतवर्ष के संपादक कविवर द्विजेंद्रलाल राय ने इसे यह कहकर छापने से मना कर दिया किया कि यह सदाचार के विरुद्ध है। विष्णु प्रभाकर द्वारा आवारा मसीहा शीर्षक रचित से उनका प्रामाणिक जीवन परिचय बहुत प्रसिद्ध है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय · और देखें »

शेफालिका वर्मा

शेफालिका वर्मा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक आत्मकथा किस्त–किस्त जीवन के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और शेफालिका वर्मा · और देखें »

सरोकार

सरोकार मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रदीप बिहारी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सरोकार · और देखें »

सहसमुखी चौक पर

सहसमुखी चौक पर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार सोमदेव द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2002 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सहसमुखी चौक पर · और देखें »

सामाक पौती

सामाक पौती मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार गोविन्द झा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सामाक पौती · और देखें »

साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और साहित्य अकादमी पुरस्कार · और देखें »

साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात

साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार गोपी चंद नारंग द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात · और देखें »

साकेतानंद (एस.एन. सिंह)

साकेतानंद (एस.एन. सिंह) मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह गणनायक के लिये उन्हें सन् 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और साकेतानंद (एस.एन. सिंह) · और देखें »

संघर्ष आ सेहन्‍ता

संघर्ष आ सेहन्‍ता मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार सुरेश्‍वर झा द्वारा रचित एक संस्‍मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और संघर्ष आ सेहन्‍ता · और देखें »

सुधांशु शेखर चौधुरी

सुधांशु शेखर चौधुरी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास ई बतहा संसार के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सुधांशु शेखर चौधुरी · और देखें »

सुभद्र झा

सुभद्र झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक रम्य रचना नातीक पत्रक उत्तर के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सुभद्र झा · और देखें »

सुरेन्द्र झा सुमन

सुरेन्द्र झा सुमन मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पयस्विनी के लिये उन्हें सन् 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सुरेन्द्र झा सुमन · और देखें »

सुरेश्‍वर झा

सुरेश्‍वर झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक संस्‍मरण संघर्ष आ सेहन्‍ता के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सुरेश्‍वर झा · और देखें »

सूरजमुखी

पूरा बीज (दाएं) और कर्नेल बिना छिलके के (बाएं) सूरजमुखी या 'सूर्यमुखी' (वानस्पतिक नाम: हेलियनथस एनस) अमेरिका के देशज वार्षिक पौधे हैं। यह अनेक देशों के बागों में उगाया जाता है। यह कंपोजिटी (Compositae) कुल के हेलिएंथस (Helianthus) गण का एक सदस्य है। इस गण में लगभग साठ जातियाँ पाई गई हैं जिनमें हेलिएंथस ऐमूस (Helianthus annuus), हेलिएंथस डिकैपेटलेस (Helianthus decapetalus), हेलिएंथिस मल्टिफ्लोरस (Helianthus multiflorus), हे.

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सूरजमुखी · और देखें »

सोमदेव

सोमदेव (अनुमानतः ग्यारहवीं शताब्दी) कथासरित्सागर के रचयिता हैं। वे कश्मीर के निवासी थे। सोमदेव के जीवन के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उनके पिता का नाम 'राम' था। सम्भवतः १०६३ और १०८१ के मध्य उन्होने रानी सूर्यमती के चित्तविनोद के लिये उन्होने इस महाग्रन्थ की रचना की। सूर्यमती जालन्धर की राजकुमारी और कश्मीर के राजा अनन्तदेव की पत्नी थीं। कहा जाता है कि भयानक राजनैतिक अशान्ति, रक्तपात और जटिल परिस्थितियों के कारण बिषादग्रस्त हुई रानी के मानसिक स्वास्थ्य के लिये इस ग्रन्थ की रचना हुई। सोमदेव शैव ब्राह्मण थे। तथापि बौद्ध धर्म के प्रति भी उनकी अगाध श्रद्धा थी। कथासरित्सागर के किसी-किसी कथा में इसी कारण बौद्ध प्रभाव परिलक्षित होता है। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सोमदेव · और देखें »

सीतायन

सीतायन मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार वैद्यनाथ मल्लिक ‘विधु’ द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1976 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और सीतायन · और देखें »

हरिमोहन झा

हरिमोहन झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक आत्मकथा जीवन–यात्रा के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और हरिमोहन झा · और देखें »

जयन्त विष्णु नार्लीकर

जयन्त विष्णु नार्लीकर जयन्त विष्णु नार्लीकर (मराठी: जयन्त विष्णु नारळीकर; जन्म 19 जुलाई 1938) प्रसिद्ध भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में अनेक पुस्तकें लिखी हैं। ये ब्रह्माण्ड के स्थिर अवस्था सिद्धान्त के विशेषज्ञ हैं और फ्रेड हॉयल के साथ भौतिकी के हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और जयन्त विष्णु नार्लीकर · और देखें »

जयमंत मिश्र

जयमंत मिश्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कविता कुसुमांजलि के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और जयमंत मिश्र · और देखें »

जीवन–यात्रा

जीवन–यात्रा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हरिमोहन झा द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में मैथिली भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और जीवन–यात्रा · और देखें »

ई बतहा संसार

ई बतहा संसार मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार सुधांशु शेखर चौधुरी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ई बतहा संसार · और देखें »

विभूति आनंद

विभूति आनंद मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह काठ के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और विभूति आनंद · और देखें »

विविधा

विविधा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार भीमनाथ झा द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1992 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और विविधा · और देखें »

विवेकानंद ठाकुर

विवेकानंद ठाकुर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह चानन घन गछिया के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और विवेकानंद ठाकुर · और देखें »

वैद्यनाथ मल्लिक विधु

वैद्यनाथ मल्लिक विधु मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य सीतायन के लिये उन्हें सन् 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और वैद्यनाथ मल्लिक विधु · और देखें »

खिस्‍सा

खिस्‍सा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मनमोहन झा द्वारा रचित एक कहानी है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और खिस्‍सा · और देखें »

गणनायक

गणनायक मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार साकेतानंद (एस.एन. सिंह) द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गणनायक · और देखें »

गिरीन्द्रमोहन मिश्र

गिरीन्द्रमोहन मिश्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक संस्मरण किछु देखल किछु सुनल के लिये उन्हें सन् 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गिरीन्द्रमोहन मिश्र · और देखें »

गंगा–पुत्र

गंगा–पुत्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मनमोहन झा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में मैथिली भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गंगा–पुत्र · और देखें »

गंगेश गुंजन

गंगेश गुंजन मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह उचित वक्ता के लिये उन्हें सन् 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गंगेश गुंजन · और देखें »

गोपीचंद नारंग

गोपीचंद नारंग को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात के लिये उन्हें सन् १९९५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गोपीचंद नारंग · और देखें »

गोविन्द झा

गोविन्द झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह सामाक पौती के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और गोविन्द झा · और देखें »

आरसी प्रसाद सिंह

मैथिली और हिन्दी के महाकवि आरसी प्रसाद सिंह (१९ अगस्त १९११ - नवम्बर १९९६) रूप, यौवन और प्रेम के कवि के रूप में विख्यात थे। बिहार के चार नक्षत्रों में वियोगी के साथ प्रभात और दिनकर के साथ आरसी सदैव याद किये जायेंगे। आरसी बाबू का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के एरौत गाँव में १९ अगस्त १९११ में हुआ था। Thanks.

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और आरसी प्रसाद सिंह · और देखें »

आशा मिश्र

आशा मिश्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्‍यास उचाट के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और आशा मिश्र · और देखें »

आइ काल्हि परसू

आइ काल्हि परसू मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार राजमोहन झा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और आइ काल्हि परसू · और देखें »

कतेक डारिपर

कतेक डारिपर मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मंत्रेश्वर झा द्वारा रचित एक संस्मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कतेक डारिपर · और देखें »

कतेक रास बात

कतेक रास बात मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार रमानंद रेणु द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कतेक रास बात · और देखें »

काठ

काठ मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार विभूति आनंद द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और काठ · और देखें »

कार्मेलिन

कार्मेलिन कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार दामोदर मावज़ो द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कार्मेलिन · और देखें »

काशीकांत मिश्र मधुप

काशीकांत मिश्र मधुप मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य राधा विरह के लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और काशीकांत मिश्र मधुप · और देखें »

किस्त–किस्त जीवन

किस्त–किस्त जीवन मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार शेफालिका वर्मा द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और किस्त–किस्त जीवन · और देखें »

किछु देखल किछु सुनल

किछु देखल किछु सुनल मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार गिरीन्द्रमोहन मिश्र द्वारा रचित एक संस्मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 1975 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और किछु देखल किछु सुनल · और देखें »

कविता कुसुमांजलि

कविता कुसुमांजलि मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार जयमंत मिश्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कविता कुसुमांजलि · और देखें »

कुर्अतुल ऐन हैदर

ऐनी आपा के नाम से जानी जानी वाली क़ुर्रतुल ऐन हैदर (२० जनवरी १९२७ - २१ अगस्त २००७) प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कुर्अतुल ऐन हैदर · और देखें »

कृष्ण–चरित

कृष्ण–चरित मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार तंत्रनाथ झा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कृष्ण–चरित · और देखें »

कोटा शिवराम कारन्त

कोटा शिवराम कारन्त (October 10, 1902 - December 9, 1997) ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता। वह कन्नड लेखक, यक्षगान कलाकार और फिल्म के निदेशक आदि थे। इनके द्वारा रचित एक लोक नाट्य–विवेचन यक्षगान बायलाट के लिये उन्हें सन् १९५९ में साहित्य अकादमी पुरस्कार () से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कोटा शिवराम कारन्त · और देखें »

कीर्तिनारायण मिश्र

कीर्तिनारायण मिश्र मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह ध्वस्त होइत शांति स्तूप के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और कीर्तिनारायण मिश्र · और देखें »

अतीत

अतीत मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार उमानाथ झा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1987 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और अतीत · और देखें »

अपक्ष

अपक्ष मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार उदय चंद्र झा ‘विनोद’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और अपक्ष · और देखें »

अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास

अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार राजेश्वर झा द्वारा रचित एक साहित्येतिहास है जिसके लिये उन्हें सन् 1977 में मैथिली भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास · और देखें »

अगस्त्यायिनी

अगस्त्यायिनी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मार्कण्डेय प्रवासी द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और अगस्त्यायिनी · और देखें »

उचाट

उचाट मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार आशा मिश्र द्वारा रचित एक उपन्‍यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उचाट · और देखें »

उचित वक्ता

उचित वक्ता मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार गंगेश गुंजन द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उचित वक्ता · और देखें »

उदय चंद्र झा विनोद

उदय चंद्र झा विनोद मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अपक्ष के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उदय चंद्र झा विनोद · और देखें »

उपेन्द्र ठाकुर मोहन

उपेन्द्र ठाकुर मोहन मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह बाजि उठल मुरली के लिये उन्हें सन् 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उपेन्द्र ठाकुर मोहन · और देखें »

उपेन्द्रनाथ झा

उपेन्द्रनाथ झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास दु पत्र के लिये उन्हें सन् 1969 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उपेन्द्रनाथ झा · और देखें »

उमानाथ झा

उमानाथ झा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अतीत के लिये उन्हें सन् 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और उमानाथ झा · और देखें »

ऋतंभरा

ऋतंभरा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार नीरजा रेणु (कामाख्या देवी) द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली और ऋतंभरा · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »