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साहित्य अकादमी पुरस्कार नेपाली

सूची साहित्य अकादमी पुरस्कार नेपाली

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और नेपाली भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९७७ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

87 संबंधों: चक्रव्यूह, एम. एम. गुरुंग, एकान्तवास, डॉ. पारसमणिको जीवनयात्रा, तुलसी बहादुर क्षेत्री अपतन, तुलसी राम शर्मा कश्यप, द्रोह, नन्‍द हाङखिम, नया क्षितिजको खोज, नि:शब्द, नियति, निसंस्मरण, नगेन्द्रमणि प्रधान, नेपाली भाषा, नेपाली उपन्यास का आधारहरू, नीलकंठ, पर्यवेक्षण, पुष्पलाल उपाध्याय, प्रेम प्रधान, फणीश्वर नाथ "रेणु", बिन्द्या सुब्बा, बिसिरयाको संस्कृति, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, ब्रह्मपुत्रका छेउ–छाउ, बीसौं शताब्दीकी मोनालिसा, भारतीय साहित्य अकादमी, भीम दाहाल, मणिप्रसाद राइ, मत्स्येन्द्र प्रधान, मनप्रसाद सुब्बा, मनबहादुर प्रधान, मनका लहर र रहरहरू, मौलो, मृगतृष्णा, मैला आँचल, मेघदूतम्, मोहन ठकुरी, रामचंद्र गिरि, रामलाल अधिकारी, लक्ष्मण श्रीमल, लक्खीदेवी सुंदास, लील बहादुर क्षेत्री, शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय, शरद क्षेत्री, शान्ति संदेह, शिवकुमार राई, सत्‍ता ग्रहण, समयका प्रतिविम्‍बहरू, समाज दर्पण, समीरण क्षेत्री प्रियदर्शी, ..., सानु लामा, साहित्य अकादमी पुरस्कार, सूनाखारी, हायमन दास राई किरात, हिपोक्रिट चाँप–गुराँस र अन्य कविता, जीवन नामदुंग, जीवन गोरेटोमा, विक्रमवीर थापा, वीर जातिको अमर कहानी, खहरे, गिर्मी शेर्पा, गिरीश कर्नाड, गुप्‍त प्रधान, गुमानसिंह चामलिंग, गैरीगाउँकी चमेली, गोपीनारायण प्रधान, ओकिम ग्विन, आदिम बस्ती, आनन्द मठ, आमा, आर. पी. लामा, आहत अनुभूति, आकाशले पनि ठाउँ खोजिरहेछ, इन्द्रधनुष, इंदिरा रायसम गोस्वामी, इंद्र सुंदास, इंद्रबहादुर राई, करफ्यू, कर्ण–कुंती, कालिदास, कृष्णसिंह मोक्तान, केही नमिलेका रेखाहरू, अथाह, असित राइ, उदय थुलुङ, उदासीन रूखहरू, उषा मंजरी सूचकांक विस्तार (37 अधिक) »

चक्रव्यूह

चक्रव्यूह चक्रव्यूह या पद्मव्यूह हिंदू युद्ध शास्त्रों मे वर्णित अनेक व्यूहों (सैन्य-संरचना) में से एक है। .

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एम. एम. गुरुंग

एम.

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एकान्तवास

एकान्तवास नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार उदय थुलुङ द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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डॉ. पारसमणिको जीवनयात्रा

डॉ॰ पारसमणिको जीवनयात्रा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार नगेन्द्रमणि प्रधान द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तुलसी बहादुर क्षेत्री अपतन

तुलसी बहादुर क्षेत्री अपतन नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य कर्ण–कुंती के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तुलसी राम शर्मा कश्यप

तुलसी राम शर्मा कश्यप नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य आमा के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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द्रोह

द्रोह नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार भीम दाहाल द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नन्‍द हाङखिम

नन्‍द हाङखिम नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी सत्‍ता ग्रहण के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नया क्षितिजको खोज

नया क्षितिजको खोज नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार असित राइ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नि:शब्द

नि:शब्द नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहन ठकुरी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नियति

नियति नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार इंद्र सुंदास द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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निसंस्मरण

निसंस्मरण नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार रामलाल अधिकारी द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नगेन्द्रमणि प्रधान

नगेन्द्रमणि प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनी डॉ॰ पारसमणिको जीवनयात्रा के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नेपाली भाषा

नेपाली भाषा के क्षेत्र नेपाली भाषा या खस कुरा नेपाल की राष्ट्रभाषा था। यह भाषा नेपाल की लगभग ४४% लोगों की मातृभाषा भी है। यह भाषा नेपाल के अतिरिक्त भारत के सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों (आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय) तथा उत्तराखण्ड के अनेक भारतीय लोगों की मातृभाषा है। भूटान, तिब्बत और म्यानमार के भी अनेक लोग यह भाषा बोलते हैं। .

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नेपाली उपन्यास का आधारहरू

नेपाली उपन्यास का आधारहरू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार इंद्रबहादुर राई द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1977 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नीलकंठ

नीलकंठ के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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पर्यवेक्षण

पर्यवेक्षण नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार जीवन नामदुंग द्वारा रचित एक साहित्य–समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पुष्पलाल उपाध्याय

पुष्पलाल उपाध्याय नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह उषा मंजरी के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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प्रेम प्रधान

प्रेम प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास उदासीन रूखहरू के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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फणीश्वर नाथ "रेणु"

फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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बिन्द्या सुब्बा

बिन्द्या सुब्बा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास अथाह के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बिसिरयाको संस्कृति

बिसिरयाको संस्कृति नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार एम. एम. गुरुंग द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1982 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। .

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ब्रह्मपुत्रका छेउ–छाउ

ब्रह्मपुत्रका छेउ–छाउ नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार लील बहादुर क्षेत्री द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1987 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बीसौं शताब्दीकी मोनालिसा

बीसौं शताब्दीकी मोनालिसा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार विक्रमवीर थापा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

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भीम दाहाल

भीम दाहाल नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास द्रोह के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मणिप्रसाद राइ

मणिप्रसाद राइ नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनीपरक निबंध–संग्रह वीर जातिको अमर कहानी के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मत्स्येन्द्र प्रधान

मत्स्येन्द्र प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास नीलकंठ के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मनप्रसाद सुब्बा

मनप्रसाद सुब्बा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह आदिम बस्ती के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मनबहादुर प्रधान

मनबहादुर प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक यात्रा-वृत्‍तांत मनका लहर र रहरहरू के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मनका लहर र रहरहरू

मनका लहर र रहरहरू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार मनबहादुर प्रधान द्वारा रचित एक यात्रा-वृत्‍तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मौलो

मौलो नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार गुमानसिंह चामलिंग द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मृगतृष्णा

मृगतृष्णा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार सानु लामा द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मैला आँचल

भारत छोड़ो आंदोलन का चित्र मैला आँचल फणीश्वरनाथ 'रेणु' का प्रतिनिधि उपन्यास है। यह हिन्दी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है। नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल को पृष्ठभूमि बनाकर रेणु ने इसमें वहाँ के जीवन का, जिससे वह स्वयं ही घनिष्ट रूप से जुड़े हुए थे, अत्यन्त जीवन्त और मुखर चित्रण किया है। सन् १९५४ में प्रकाशित इस उपन्यास की कथावस्तु बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मेरीगंज की ग्रामीण जिंदगी से संबद्ध है। यह स्वतंत्र होते और उसके तुरंत बाद के भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य का ग्रामीण संस्करण है। रेणु के अनुसार इसमें फूल भी है, शूल भी है, धूल भी है, गुलाब भी है और कीचड़ भी है। मैं किसी से दामन बचाकर निकल नहीं पाया। इसमें गरीबी, रोग, भुखमरी, जहालत, धर्म की आड़ में हो रहे व्यभिचार, शोषण, बाह्याडंबरों, अंधविश्वासों आदि का चित्रण है। शिल्प की दृष्टि से इसमें फिल्म की तरह घटनाएं एक के बाद एक घटकर विलीन हो जाती है। और दूसरी प्रारंभ हो जाती है। इसमें घटनाप्रधानता है किंतु कोई केन्द्रीय चरित्र या कथा नहीं है। इसमें नाटकीयता और किस्सागोई शैली का प्रयोग किया गया है। इसे हिन्दी में आँचलिक उपन्यासों के प्रवर्तन का श्रेय भी प्राप्त है। कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की इस युगान्तकारी औपन्यासिक कृति में कथाशिल्प के साथ-साथ भाषाशिल्प और शैलीशिल्प का विलक्षण सामंजस्य है जो जितना सहज-स्वाभाविक है, उतना ही प्रभावकारी और मोहक भी। .

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मेघदूतम्

कालिदास रचित मेघदूतम् मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है। निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है। कामार्त यक्ष सोचता है कि किसी भी तरह से उसका अल्कापुरी लौटना संभव नहीं है, इसलिए वह प्रेमिका तक अपना संदेश दूत के माध्यम से भेजने का निश्चय करता है। अकेलेपन का जीवन गुजार रहे यक्ष को कोई संदेशवाहक भी नहीं मिलता है, इसलिए उसने मेघ के माध्यम से अपना संदेश विरहाकुल प्रेमिका तक भेजने की बात सोची। इस प्रकार आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर उमड़ते मेघों ने कालिदास की कल्पना के साथ मिलकर एक अनन्य कृति की रचना कर दी। मेघदूत की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है। जहाँ एक ओर प्रसिद्ध टीकाकारों ने इस पर टीकाएँ लिखी हैं, वहीं अनेक संस्कृत कवियों ने इससे प्रेरित होकर अथवा इसको आधार बनाकर कई दूतकाव्य लिखे। भावना और कल्पना का जो उदात्त प्रसार मेघदूत में उपलब्ध है, वह भारतीय साहित्य में अन्यत्र विरल है। नागार्जुन ने मेघदूत के हिन्दी अनुवाद की भूमिका में इसे हिन्दी वाङ्मय का अनुपम अंश बताया है। मेघदूतम् काव्य दो खंडों में विभक्त है। पूर्वमेघ में यक्ष बादल को रामगिरि से अलकापुरी तक के रास्ते का विवरण देता है और उत्तरमेघ में यक्ष का यह प्रसिद्ध विरहदग्ध संदेश है जिसमें कालिदास ने प्रेमीहृदय की भावना को उड़ेल दिया है। कुछ विद्वानों ने इस कृति को कवि की व्यक्तिव्यंजक (आत्मपरक) रचना माना है। "मेघदूत" में लगभग ११५ पद्य हैं, यद्यपि अलग अलग संस्करणों में इन पद्यों की संख्या हेर-फेर से कुछ अधिक भी मिलती है। डॉ॰ एस.

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मोहन ठकुरी

मोहन ठकुरी का जन्म 20 अप्रैल 1948 को मंग्पू दार्जिलिंग में हुआ। ये नेपाली भाषा के चर्चित भारतीय कवि, कथाकार और संपादक हैं। 'मेरो अंगाठों को रात', 'हेंग ओभर' (कहानी संग्रह), एवं 'नि:शब्द' (कविता संग्रह) प्रकाशित। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित 'नेपाली कविता संग्रह' तथा' आगम सिंह गिरि रचना संचयन' का संपादन। .

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रामचंद्र गिरि

रामचंद्र गिरि नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य समाज दर्पण के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रामलाल अधिकारी

रामलाल अधिकारी नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह निसंस्मरण के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लक्ष्मण श्रीमल

लक्ष्मण श्रीमल नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक करफ्यू के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लक्खीदेवी सुंदास

लक्खीदेवी सुंदास नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह आहत अनुभूति के लिये उन्हें सन् 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लील बहादुर क्षेत्री

लील बहादुर क्षेत्री नेपाली भाषा के भारतीय कथा लेखक हैं। .

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शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय

शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय (१५ सितंबर, १८७६ - १६ जनवरी, १९३८) बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उनका जन्म हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ। वे अपने माता-पिता की नौ संतानों में से एक थे। अठारह साल की अवस्था में उन्होंने इंट्रेंस पास किया। इन्हीं दिनों उन्होंने "बासा" (घर) नाम से एक उपन्यास लिख डाला, पर यह रचना प्रकाशित नहीं हुई। रवींद्रनाथ ठाकुर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। शरतचन्द्र ललित कला के छात्र थे लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह इस विषय की पढ़ाई नहीं कर सके। रोजगार के तलाश में शरतचन्द्र बर्मा गए और लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया। कुछ समय बर्मा रहकर कलकत्ता लौटने के बाद उन्होंने गंभीरता के साथ लेखन शुरू कर दिया। बर्मा से लौटने के बाद उन्होंने अपना प्रसिद्ध उपन्यास श्रीकांत लिखना शुरू किया। बर्मा में उनका संपर्क बंगचंद्र नामक एक व्यक्ति से हुआ जो था तो बड़ा विद्वान पर शराबी और उछृंखल था। यहीं से चरित्रहीन का बीज पड़ा, जिसमें मेस जीवन के वर्णन के साथ मेस की नौकरानी से प्रेम की कहानी है। जब वह एक बार बर्मा से कलकत्ता आए तो अपनी कुछ रचनाएँ कलकत्ते में एक मित्र के पास छोड़ गए। शरत को बिना बताए उनमें से एक रचना "बड़ी दीदी" का १९०७ में धारावाहिक प्रकाशन शुरु हो गया। दो एक किश्त निकलते ही लोगों में सनसनी फैल गई और वे कहने लगे कि शायद रवींद्रनाथ नाम बदलकर लिख रहे हैं। शरत को इसकी खबर साढ़े पाँच साल बाद मिली। कुछ भी हो ख्याति तो हो ही गई, फिर भी "चरित्रहीन" के छपने में बड़ी दिक्कत हुई। भारतवर्ष के संपादक कविवर द्विजेंद्रलाल राय ने इसे यह कहकर छापने से मना कर दिया किया कि यह सदाचार के विरुद्ध है। विष्णु प्रभाकर द्वारा आवारा मसीहा शीर्षक रचित से उनका प्रामाणिक जीवन परिचय बहुत प्रसिद्ध है। .

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शरद क्षेत्री

शरद क्षेत्री नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह चक्रव्यूह के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शान्ति संदेह

शान्ति संदेह नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार जस योंजन ‘प्यासी’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शिवकुमार राई

शिवकुमार राई नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह खहरे के लिये उन्हें सन् 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सत्‍ता ग्रहण

सत्‍ता ग्रहण नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार नन्‍द हाङखिम द्वारा रचित एक कहानी है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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समयका प्रतिविम्‍बहरू

समयका प्रतिविम्‍बहरू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार गुप्‍त प्रधान द्वारा रचित एक कहानी है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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समाज दर्पण

समाज दर्पण नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार रामचंद्र गिरि द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1984 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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समीरण क्षेत्री प्रियदर्शी

समीरण क्षेत्री प्रियदर्शी नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह गैरीगाउँकी चमेली के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सानु लामा

सानु लामा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह मृगतृष्णा के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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सूनाखारी

सूनाखारी नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार ओकिम ग्विन द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हायमन दास राई किरात

हायमन दास राई किरात नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह केही नमिलेका रेखाहरू के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हिपोक्रिट चाँप–गुराँस र अन्य कविता

हिपोक्रिट चाँप–गुराँस र अन्य कविता नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार गिर्मी शेर्पा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जीवन नामदुंग

जीवन नामदुंग नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक साहित्य–समालोचना पर्यवेक्षण के लिये उन्हें सन् 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जीवन गोरेटोमा

जीवन गोरेटोमा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार कृष्णसिंह मोक्तान द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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विक्रमवीर थापा

विक्रमवीर थापा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह बीसौं शताब्दीकी मोनालिसा के लिये उन्हें सन् 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वीर जातिको अमर कहानी

वीर जातिको अमर कहानी नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार मणिप्रसाद राइ द्वारा रचित एक जीवनीपरक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1997 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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खहरे

खहरे नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार शिवकुमार राई द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गिर्मी शेर्पा

गिर्मी शेर्पा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह हिपोक्रिट चाँप–गुराँस र अन्य कविता के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

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गुप्‍त प्रधान

गुप्‍त प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी समयका प्रतिविम्‍बहरू के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुमानसिंह चामलिंग

गुमानसिंह चामलिंग नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह मौलो के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गैरीगाउँकी चमेली

गैरीगाउँकी चमेली नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार समीरण क्षेत्री ‘प्रियदर्शी’ द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गोपीनारायण प्रधान

गोपीनारायण प्रधान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह आकाशले पनि ठाउँ खोजिरहेछ के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ओकिम ग्विन

ओकिम ग्विन नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास सूनाखारी के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आदिम बस्ती

आदिम बस्ती नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार मनप्रसाद सुब्बा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आनन्द मठ

आनन्द मठ के रचनाकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय। आनन्द मठ बांग्ला भाषा का एक उपन्यास है जिसकी रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने १८८२ में की थी। इस कृति का भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् इसी उपन्यास से लिया गया है। आनंदमठ राजनीतिक उपन्यास है। इस उपन्यास में उत्तर बंगाल में 1773 के सन्यासी विद्रोह का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में देशभक्ति की भावना है। .

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आमा

आमा नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार तुलसी राम शर्मा ‘कश्यप’ द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आर. पी. लामा

आर.

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आहत अनुभूति

आहत अनुभूति नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्खीदेवी सुंदास द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2001 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आकाशले पनि ठाउँ खोजिरहेछ

आकाशले पनि ठाउँ खोजिरहेछ नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार गोपीनारायण प्रधान द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इन्द्रधनुष

अर्धवृत्ताकार दोहरा-इन्द्रधनुष आकाश में संध्या समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है। वर्षा अथवा बादल में पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है। सूर्य की किरणें वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित होने के कारण इन्द्रधनुष बनाती हैं। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है। .

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इंदिरा रायसम गोस्वामी

इंदिरा गोस्वामी (१४ नवम्बर १९४२ - नवम्बर, २०१०) असमिया साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर थीं। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती गोस्वामी असम की चरमपंथी संगठन उल्फा यानि युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम और भारत सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की राजनैतिक पहल करने में अहम भूमिका निभाई। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मामरे धरा तरोवाल अरु दुखन उपन्यास के लिये उन्हें सन् १९८२ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) से सम्मानित किया गया। .

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इंद्र सुंदास

इंद्र सुंदास नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास नियति के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इंद्रबहादुर राई

इंद्रबहादुर राई नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना नेपाली उपन्यास का आधारहरू के लिये उन्हें सन् 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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करफ्यू

करफ्यू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मण श्रीमल द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कर्ण–कुंती

कर्ण–कुंती नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार तुलसी बहादुर क्षेत्री ‘अपतन’ द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कालिदास

कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्व निरूपित हैं। कालिदास अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने वाले कवि माने जाते हैं और कुछ विद्वान उन्हें राष्ट्रीय कवि का स्थान तक देते हैं। अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है। यह नाटक कुछ उन भारतीय साहित्यिक कृतियों में से है जिनका सबसे पहले यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ था। यह पूरे विश्व साहित्य में अग्रगण्य रचना मानी जाती है। मेघदूतम् कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसमें कवि की कल्पनाशक्ति और अभिव्यंजनावादभावाभिव्यन्जना शक्ति अपने सर्वोत्कृष्ट स्तर पर है और प्रकृति के मानवीकरण का अद्भुत रखंडकाव्ये से खंडकाव्य में दिखता है। कालिदास वैदर्भी रीति के कवि हैं और तदनुरूप वे अपनी अलंकार युक्त किन्तु सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके प्रकृति वर्णन अद्वितीय हैं और विशेष रूप से अपनी उपमाओं के लिये जाने जाते हैं। साहित्य में औदार्य गुण के प्रति कालिदास का विशेष प्रेम है और उन्होंने अपने शृंगार रस प्रधान साहित्य में भी आदर्शवादी परंपरा और नैतिक मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है। कालिदास के परवर्ती कवि बाणभट्ट ने उनकी सूक्तियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है। thumb .

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कृष्णसिंह मोक्तान

कृष्णसिंह मोक्तान नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास जीवन गोरेटोमा के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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केही नमिलेका रेखाहरू

केही नमिलेका रेखाहरू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हायमन दास राई ‘किरात’ द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अथाह

अथाह नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार बिन्द्या सुब्बा द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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असित राइ

असित राइ नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह नया क्षितिजको खोज के लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उदय थुलुङ

उदय थुलुङ नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह एकान्तवास के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उदासीन रूखहरू

उदासीन रूखहरू नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रेम प्रधान द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2002 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उषा मंजरी

उषा मंजरी नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार पुष्पलाल उपाध्याय द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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