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साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू

सूची साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और उर्दू भाषा इन में से एक भाषा हैं। .

113 संबंधों: चौथा आसमान, ए.ए. अंसारी, एक चादर मैली–सी, तनक़ीदी अफ़कार, तसव्‍वुफ और भक्ति (तनकीदी और तकाबुली मुतलीया), ताऊस चमन की मैना, ताराशंकर बंद्योपाध्याय, तारीख़–ए–अदब–ए–उर्दू, तज़किरा–इ–मुआसिरीन, दो गज़ ज़मीन, निदा फ़ाज़ली, निर्मल वर्मा, निज़ाम सिद्दिक़ी, नज़र और नज़रिया, नवाए–आवारा, नैयर मसूद, परिन्दों भरा आसमान, पिछले मौसम का फूल, पखेरू, फ़ायर एरिया, फ़ायर ऑन द माउंटेन, फ़िराक़ गोरखपुरी, बलराज कोमल, बशीर बद्र, बादे सबा का इंतिज़ार, बाज़गोयी, भारतीय साहित्य अकादमी, मसूद हुसैन ख़ान, मालिक राम, मिर्ज़ा ग़ालिब, मज़हर इमाम, मखदूम मोहिउद्दीन, मख़मूर सईदी, मआल और मशीअत, मआसिर तनक़ीदी रवय्ये, मुनव्वर राना, मेरी हदीस–ए–उम्र–ए–गुरेज़ाँ, मोहम्मद इदरीस अंबर बहराइची, मोहम्मद अल्वी, युसूफ़ हुसैन ख़ाँ, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रशीद अहमद सिद्दीक़ी, रामलाल, रास्ता और मैं, राजिंदर सिंह बेदी, रेत पर खेमा, लहू के फूल, शम्सुर्रहमान फारुकी, शमीम तारिक, शाहदाबा, ..., शिकस्ता बुतों के दरमियाँ, शेख़ अब्दुल्ला, शीन काफ़ निज़ाम, सलमान खुर्शीद, सलाम बिन रज़ाक, सलाहुद्दीन परवेज़, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात, सुरिन्दर प्रकाश, सैयद मसूद हसन रिज़वी, सैयद मुहम्मद अशरफ़, सूखी टहनी पर हरियल, सीताकांत महापात्र, हयातुल्लाह अंसारी, हाफिज़ और इक़बाल, जयंत परमार, ज़फ़र हुसैन ख़ाँ, ज़िन्दगीनामा - ज़िन्दा रुख़, जाँनिसार अख्तर, जाबिर हुसैन, जावेद जाँनिसार अख्तर, जिगर मुरादाबादी, जिक्र–ओ–फिक्र, ज्ञान सिंह शातिर, ज्ञानचंद जैन, वहाब अशरफी, विश्वास पाटील, वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य, खलील मामून, खोया हुआ–सा कुछ, ग़ालिब की शख़सियत और शायरी, ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ, गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ, गुर्फ–ए–ग़ैब, गुलज़ार (गीतकार), गुल–ए–नग़मा, गोपीचंद नारंग, आतिशे गुल, आतिशे–चिनार, आनंद नारायण मुल्ला, आफ़ाक़ की तरफ़, आबिद हुसैन (लेखक), आले अहमद सुरूर, आस, आवारा सजदे, आइडेण्टिटी कार्ड, इम्तियाज़ अली अर्शी, इयारुइंगम, इलयास अहमद गद्दी, इक़बाल की नज़री–ओ–अमली शेरियात, क़ौमी तहज़ीब का मसला, कुर्अतुल ऐन हैदर, कृष्ण कुमार तूर, कृष्णा सोबती, कैफ़ी आज़मी, अनीता देसाई, अबुल कलाम क़ासमी, अब्दुस्समद, अमृता प्रीतम, अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार', अख़्तर-उल-ईमान, उर्दू ड्रामा और स्टेज, उर्दू भाषा सूचकांक विस्तार (63 अधिक) »

चौथा आसमान

चौथा आसमान उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहम्मद अल्वी द्वारा रचित एक कविता–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 1992 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ए.ए. अंसारी

ए.ए. अंसारी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना इक़बाल की तेरह नजमें के लिये उन्हें सन् १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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एक चादर मैली–सी

एक चादर मैली–सी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार राजिन्दर सिंह बेदी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1965 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तनक़ीदी अफ़कार

तनक़ीदी अफ़कार उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार शम्शुर्रहमान फारूक़ी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1986 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तसव्‍वुफ और भक्ति (तनकीदी और तकाबुली मुतलीया)

तसव्‍वुफ और भक्ति (तनकीदी और तकाबुली मुतलीया) उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार शमीम तारिक द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ताऊस चमन की मैना

ताऊस चमन की मैना डॉ॰ मसूद नैयर द्वारा रचित उर्दू कहानी संग्रह है। इसको बिड़ला फाउंडेशन द्वारा २००६ के सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया था। श्रेणी:सरस्वती सम्मान से सम्मानित कृति श्रेणी:साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत उर्दू भाषा की पुस्तकें.

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ताराशंकर बंद्योपाध्याय

ताराशंकर बंद्योपाध्याय बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आरोग्य निकेतन के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तारीख़–ए–अदब–ए–उर्दू

तारीख़–ए–अदब–ए–उर्दू उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार वहाब अशरफी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तज़किरा–इ–मुआसिरीन

तज़किरा–इ–मुआसिरीन उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मालिक राम द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दो गज़ ज़मीन

दो गज़ ज़मीन उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार अब्दुस्समद द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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निदा फ़ाज़ली

मुक़्तदा हसन निदा फ़ाज़ली या मात्र निदा फ़ाज़ली (ندا فاضلی.) हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे इनका निधन ०८ फ़रवरी २०१६ को मुम्बई में निधन हो गया। .

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निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९- २५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे (१९५८) से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं। ब्रिटिश भारत सरकार के रक्षा विभाग में एक उच्च पदाधिकारी श्री नंद कुमार वर्मा के घर जन्म लेने वाले आठ भाई बहनों में से पांचवें निर्मल वर्मा की संवेदनात्मक बुनावट पर हिमांचल की पहाड़ी छायाएं दूर तक पहचानी जा सकती हैं। हिन्दी कहानी में आधुनिक-बोध लाने वाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम लिखा है परंतु जितना लिखा है उतने से ही वे बहुत ख्याति पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहानी की प्रचलित कला में तो संशोधन किया ही, प्रत्यक्ष यथार्थ को भेदकर उसके भीतर पहुंचने का भी प्रयत्न किया है। हिन्दी के महान साहित्यकारों में से अज्ञेय और निर्मल वर्मा जैसे कुछ ही साहित्यकार ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर भारतीय और पश्चिम की संस्कृतियों के अंतर्द्वन्द्व पर गहनता एवं व्यापकता से विचार किया है।। सृजन शिल्पी। ७ अक्टूबर २००६ .

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निज़ाम सिद्दिक़ी

निज़ाम सिद्दिक़ी भारतीय उर्दू भाषा के विख्यात समालोचक एवं लेखक हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकि़यात तक के लिये उन्हें सन् २०१६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। सिद्दिक़ी उर्दू भाषा के साथ हिन्दी, अरबी, फ्रेंच, अंग्रेज़ी और फारसी साहित्य में भी रुची रखते हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा इलाहाबाद में हुई और फिर कानपुर विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन और पेास्ट ग्रैजुएशन पूरा किया। बतौर समालोचक उनकी तीन किताबे छपी हैं और लेखक के रूप में उन्होंने सात पुस्तकोंका प्रकाशन किया हैं। .

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नज़र और नज़रिया

नज़र और नज़रिया उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार आले अहमद सुरूर द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1974 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नवाए–आवारा

नवाए–आवारा उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नैयर मसूद

नैयर मसूद सरस्वती सम्मान से सम्मानित उर्दू साहित्यकार थे। 23 जुलाई 2017 को उनका निधन हुआ। .

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परिन्दों भरा आसमान

परिन्दों भरा आसमान उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार बलराज कोमल द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पिछले मौसम का फूल

पिछले मौसम का फूल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मज़हर इमाम द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पखेरू

पखेरू उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार रामलाल द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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फ़ायर एरिया

फ़ायर एरिया उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार इलयास अहमद गद्दी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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फ़ायर ऑन द माउंटेन

फ़ायर ऑन द माउंटेन अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार अनीता देसाई द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में अंग्रेज़ी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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फ़िराक़ गोरखपुरी

फिराक गोरखपुरी (मूल नाम रघुपति सहाय) (२८ अगस्त १८९६ - ३ मार्च १९८२) उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्षा अरबी, फारसी और अंग्रेजी में हुई। .

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बलराज कोमल

राज कोमल उर्दू के एक प्रसिद्ध शायर थे। उनका जन्म 25 सितंबर 1928 को सियालकोट (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। देश के विभाजन के बाद उन्होंने दिल्ली को ही अपना निवास स्थल और कर्म भूमि बनाया था। .

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बशीर बद्र

डॉ॰ बशीर बद्र (जन्म १५ फ़रवरी १९३६) को उर्दू का वह शायर माना जाता है जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फतेह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। साहित्य और नाटक आकेदमी में किए गये योगदानो के लिए उन्हें १९९९ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इनका पूरा नाम सैयद मोहम्मद बशीर है। भोपाल से ताल्लुकात रखने वाले बशीर बद्र का जन्म कानपुर में हुआ था। आज के मशहूर शायर और गीतकार नुसरत बद्र इनके सुपुत्र हैं। डॉ॰ बशीर बद्र 56 साल से हिन्दी और उर्दू में देश के सबसे मशहूर शायर हैं। दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा मुल्कों में मुशायरे में शिरकत कर चुके हैं। बशीर बद्र आम आदमी के शायर हैं। ज़िंदगी की आम बातों को बेहद ख़ूबसूरती और सलीके से अपनी ग़ज़लों में कह जाना बशीर बद्र साहब की ख़ासियत है। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को एक नया लहजा दिया। यही वजह है कि उन्होंने श्रोता और पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है। .

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बादे सबा का इंतिज़ार

बादे सबा का इंतिज़ार उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार सैयद मुहम्मद अशरफ़ द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बाज़गोयी

बाज़गोयी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार सुरिन्दर प्रकाश द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

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मसूद हुसैन ख़ान

मसूद हुसैन ख़ान (28 जनवरी 1919 - 16 अक्टूबर 2010) एक प्रख्यात भारतीय शिक्षाविद, भाषाविद् और साहित्यकार थे। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान के पहले प्रोफेसर एमेरिटस थे और नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इस्लामिया के पांचवें कुलपति थे। वर्ष-१९८४ में उनकी साहित्यिक आलोचना की पुस्तक इक़बाल की नज़री–ओ–अमली शेरियात के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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मालिक राम

मालिक राम उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनी तज़किरा–इ–मुआसिरीन के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” (२७ दिसंबर १७९६ – १५ फरवरी १८६९) उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है। यद्दपि इससे पहले के वर्षो में मीर तक़ी "मीर" भी इसी वजह से जाने जाता है। ग़ालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है। ग़ालिब को भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हे दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला का खिताब मिला। ग़ालिब (और असद) नाम से लिखने वाले मिर्ज़ा मुग़ल काल के आख़िरी शासक बहादुर शाह ज़फ़र के दरबारी कवि भी रहे थे। आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों को लिए याद किया जाता है। उन्होने अपने बारे में स्वयं लिखा था कि दुनिया में यूं तो बहुत से अच्छे कवि-शायर हैं, लेकिन उनकी शैली सबसे निराली है: “हैं और भी दुनिया में सुख़न्वर बहुत अच्छे कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़-ए बयां और” .

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मज़हर इमाम

मजहर इमाम (1928 - 2012), वर्ष 1928 में बिहार के दरभंगा जिले में पैदा हुए, जो उर्दू के कवि, शायर और आलोचक थे। वे मगध विश्वविद्यालय से उर्दू और बिहार विश्वविद्यालय से फारसी में एमए की डिग्री प्राप्त करने के बाद, 1951 में कलकत्ता दैनिक समाचार पत्र से जुड़े और उसके बाद 1958 में ऑल इंडिया रेडियो में शामिल होने से पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम किया। ऑल इंडिया रेडियो में वे तीन दशकों तक अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1988 में वे दूरदर्शन, श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने उर्दू शायरी के चार संस्करणों सहित तेरह पुस्तकें लिखी थी, जिसमें प्रमुख है ज़ख्म ई तमन्ना (1962), रिश्ता गूंगे सफ़र का (1974), पिछले मौसम का फूल (1988) और बंद होता बाज़ार आदि। 1994 में उन्हें उनकी पुस्तक, 'पिछले मौसम का फूल' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। वे उर्दू शायरी में आजाद ग़ज़ल विधा के सूत्रपात हेतु जाने जाते हैं। .

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मखदूम मोहिउद्दीन

मखदूम मोहिउद्दीन (مخدوم محی الدین., మఖ్దూం మొహియుద్దీన్) या अबू सईद मोहम्मद मखदूम मोहिउद्दीन हुजरी (4 फ़रवरी 1908 - 25 अगस्त 1969), भारत से उर्दू के एक शायर और मार्क्सवादी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे एक प्रतिष्ठित क्रांतिकारी उर्दू कवि थे। .

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मख़मूर सईदी

मख़मूर सईदी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह रास्ता और मैं के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मआल और मशीअत

मआल और मशीअत उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार ज़फ़र हुसैन ख़ाँ द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 1955 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मआसिर तनक़ीदी रवय्ये

मआसिर तनक़ीदी रवय्ये उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार अबुल कलाम क़ासमी द्वारा रचित एक समालोचनात्मक अध्ययन है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मुनव्वर राना

मुनव्वर राना (जन्म: 26 नवंबर 1952, रायबरेली, उत्तर प्रदेश) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे लखनऊ में रहते हैं। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं। उनके लेखन की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचनाओं का ऊर्दू के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है। .

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मेरी हदीस–ए–उम्र–ए–गुरेज़ाँ

मेरी हदीस–ए–उम्र–ए–गुरेज़ाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार आनंद नारायण मुल्ला द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1964 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मोहम्मद इदरीस अंबर बहराइची

मोहम्मद इदरीस अंबर बहराइची उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह सूखी टहनी पर हरियल के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मोहम्मद अल्वी

मोहम्मद अल्वी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन चौथा आसमान के लिये उन्हें सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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युसूफ़ हुसैन ख़ाँ

युसूफ़ हुसैन ख़ाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना हाफिज़ और इक़बाल के लिये उन्हें सन् 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रशीद अहमद सिद्दीक़ी

रशीद अहमद सिद्दीक़ी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना ग़ालिब की शख़सियत और शायरी के लिये उन्हें सन् 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रामलाल

रामलाल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह पखेरू के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रास्ता और मैं

रास्ता और मैं उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मख़मूर सईदी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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राजिंदर सिंह बेदी

राजिंदर सिंह बेदी एक हिन्दी और उर्दू उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार थे। इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। यह पहले अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उर्दू लेखक थे। जो बाद में हिन्दी फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, संवाद लेखक बन गए। यह पटकथा और संवाद में ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म अभिमान, अनुपमा और सत्यकाम; और बिमल रॉय की मधुमती के कारण जाने जाते हैं। यह निर्देशक के रूप में दस्तक (1970) की फ़िल्म जिसमें संजीव कुमार और रेहना सुल्तान थे, के कारण जानते जाते हैं। .

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रेत पर खेमा

रेत पर खेमा उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार जाबिर हुसैन द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लहू के फूल

लहू के फूल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हयातुल्लाह अंसारी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शम्सुर्रहमान फारुकी

शम्सुर्रहमान फारुकी सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार और उर्दू ज़बान व अदब के नामवर आलोचक हैं। उनको उर्दू आलोचना के टी.एस.एलियट के रूप में माना जाता है और उन्होंने साहित्यिक समीक्षा के नए मॉडल तैयार किए हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तनक़ीदी अफ़कार के लिये उन्हें सन् १९८६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। .

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शमीम तारिक

शमीम तारिक उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तसव्‍वुफ और भक्ति (तनकीदी और तकाबुली मुतलीया) के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शाहदाबा

शाहदाबा उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मुनव्‍वर राना द्वारा रचित एक कविता है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शिकस्ता बुतों के दरमियाँ

शिकस्ता बुतों के दरमियाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार सलाम बिन रज़ाक द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शेख़ अब्दुल्ला

शेख अब्‍दुल्‍ला (१९०५-१९८२) जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री दो विभिन्न अवसरों पर रहे। उनके बेटे फारूक और पोते उमर भी मुख्य मन्त्री रहे हैं। .

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शीन काफ़ निज़ाम

शीन काफ़ निज़ाम उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सलमान खुर्शीद

सलमान खुर्शीद (जन्म 1 जनवरी 1953) भारत सरकार में भूूूतपूर्व विदेश मंत्री रहे हैं पंद्रहवीं लोकसभा के मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल में सहकारी एवं अल्पसंख्यक मामलों से संबंधित मंत्रालय में मंत्री बनाया गया है। सलमान खुर्शीद एक भारतीय राजनीतिज्ञ, नामित वरिष्ठ अधिवक्ता, प्रख्यात लेखक और कानून शिक्षक हैं। वह विदेश मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित हैं वह एक वकील और एक लेखक है जो 2009 की आम चुनाव में फर्रुखाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए। इससे पहले वह फर्रुखाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 10 वीं लोकसभा (1991-1996) के लिए चुने गए थे। वह जून 1991 में वाणिज्य के केंद्रीय उप मंत्री बने, और बाद में विदेश मामलों के राज्य मंत्री (जनवरी 1993 - जून 1996) बन गए। उन्होंने 1981 में प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक विशेष अधिकारी के रूप में इंदिरा गांधी के प्रधान मंत्री के तहत अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। .

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सलाम बिन रज़ाक

सलाम बिन रज़ाक उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह शिकस्ता बुतों के दरमियाँ के लिये उन्हें सन् 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सलाहुद्दीन परवेज़

सलाहुद्दीन परवेज़ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह आइडेण्टिटी कार्ड के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात

साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार गोपी चंद नारंग द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुरिन्दर प्रकाश

सुरिन्दर प्रकाश उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह बाज़गोयी के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सैयद मसूद हसन रिज़वी

सैयद मसूद हसन रिज़वी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उर्दू नाटक और रंगमंच का इतिहास उर्दू ड्रामा और स्टेज के लिये उन्हें सन् 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सैयद मुहम्मद अशरफ़

सैयद मुहम्मद अशरफ़ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह बादे सबा का इंतिज़ार के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सूखी टहनी पर हरियल

सूखी टहनी पर हरियल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहम्मद इदरीस ‘अंबर बहराइची’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सीताकांत महापात्र

ओड़िया के प्रसिद्ध कवि सीताकान्त महापात्र सीताकांत महापात्र (जन्म: १७ सितम्बर १९३७) उड़िया साहित्यकार हैं। इन्हें 1993 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें सन २००३ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। सीताकान्त की कविता का काव्य संसार यथार्थ और अनुभूति के सोलेन सम्मिश्रम से निर्मित हुआ है। उनकी कविताओं का सांस्कृतिक धरातल उनके अनुभव की उपज है। अतीत के जिस झरोखे से वे गांव की पगडंडी, तालाब, नदी, घर मन्दिर, सूर्योदय, ढलती शाम व मानवीय संबंधों इत्यादि का अवलोकन करते हुए सहजता से अपनी कविता में अभिव्यक्ति करते हैं, वह अनायास ही पाठकों को अपने में बांध लेती हैं। .

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हयातुल्लाह अंसारी

हयातुल्लाह अंसारी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास लहू के फूल के लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हाफिज़ और इक़बाल

हाफिज़ और इक़बाल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार युसूफ़ हुसैन ख़ाँ द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जयंत परमार

जयंत परमार उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पेन्सिल और दूसरी नजमें के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज़फ़र हुसैन ख़ाँ

ज़फ़र हुसैन ख़ाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध मआल और मशीअत के लिये उन्हें सन् 1955 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज़िन्दगीनामा - ज़िन्दा रुख़

ज़िन्दगीनामा - ज़िन्दा रुख़ हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कृष्णा सोबती द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जाँनिसार अख्तर

जाँनिसार अख्तर (उर्दू: جان نثار اختر;अंग्रेजी:Jan Nisar Akhtar, 18 फ़रवरी 1914 – 19 अगस्त 1976) भारत से 20 वीं सदी के एक महत्वपूर्ण उर्दू शायर, गीतकार और कवि थे। वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी गाने लिखे.

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जाबिर हुसैन

जाबिर हुसैन का जन्म सन् १९४५ में गाँव नौनहीं राजगिर, जिला नालंदा, बिहार में हुआ। आप अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। सक्रिय राजनीति में भाग लेते हुए १९७७ में मुंगेर से बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री बने। वर्ष १९९५ से बिहार विधान परिषद के सभापति हैं। जाबिर हुसैन हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी (तीनों भाषाओं में समान अधिकार के साथ लेखन करते रहे हैं। उनकी हिंदी रचनाओं में- डोला बीबी का मजार, अतीत का चेहरा, लोगां, एक नदी रेत भरी प्रमुख हैं। अपने लंबे राजनैतिक-सामाजिक जीवन के अनुभवों में उपस्थित आम आदमी के संघर्षों को उन्होंने अपने साहित्य में प्रकट किया है। संघर्षरत आम आदमी और विशिष्ट व्यक्तित्वों पर लिखी गई उनकी डायरियाँ चर्चित-प्रशंसित हुई हैं। जाबिर हुसैन ने डायरी विधा में एक अभिनव प्रयोग किया है जो अपनी प्रस्तुति, शैली और शिल्प में नवीन है। श्रेणी:हिन्दी साहित्य श्रेणी:साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत उर्दू भाषा के साहित्यकार.

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जावेद जाँनिसार अख्तर

जावेद अख्तर हिन्दी फिल्मों के एक गीतकार हैं। .

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जिगर मुरादाबादी

जिगर मुरादाबादी (उर्दू: جِگر مُرادآبادی‎), एक और नाम: अली सिकंदर (1890–1960), 20 वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध उर्दू कवि और उर्दू गजल के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक। उनकी अत्यधिक प्रशंसित कविता संग्रह "आतिश-ए-गुल" के लिए उन्हें 1958 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। .

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जिक्र–ओ–फिक्र

जिक्र–ओ–फिक्र उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार ज्ञानचंद जैन द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1982 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज्ञान सिंह शातिर

ज्ञान सिंह शातिर उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास ज्ञान सिंह शातिर के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज्ञानचंद जैन

ज्ञानचंद जैन उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना जिक्र–ओ–फिक्र के लिये उन्हें सन् 1982 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वहाब अशरफी

वहाब अशरफी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तारीख़–ए–अदब–ए–उर्दू के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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विश्वास पाटील

विश्वास पाटील (जन्म:28 नवम्बर, 1959) मराठी भाषा के एक साहित्यकार, इतिहासकार और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने रायगढ़ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुंबई उपनगर जिला के जिलाधिकारी के रूप में काम किया है। .

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वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य

वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (१ अप्रैल, १९२४ - ६ अगस्त, १९९७) असमिया साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास इयारुइंगम के लिये उन्हें सन् १९६१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) से सम्मानित किया गया। इन्हें १९७९ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। समाजवादी विचारों से प्रेरित श्री भट्टाचार्य कहानीकार, कवि, निबंधकार और पत्रकार थे। वे साहित्य अकादमी, दिल्ली और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे। उन्होंने १९५० में संपादित असमी पत्रिका रामधेनु का संपादन कर असमिया साहित्य को नया मोड़ दिया। इनके चर्चित उपन्यासों इयारूंगम, मृत्युंजय, राजपथे, रिंगियाई, आई, प्रितपद, शतघ्नी, कालर हुमुनियाहहैं। इनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए, कलंग आजियो बोइ और सातसरी। .

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खलील मामून

खलील मामून उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह आफ़ाक़ की तरफ़ के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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खोया हुआ–सा कुछ

खोया हुआ–सा कुछ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार निदा फ़ाज़ली द्वारा रचित एक कविता–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ग़ालिब की शख़सियत और शायरी

ग़ालिब की शख़सियत और शायरी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार रशीद अहमद सिद्दीक़ी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1971 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह नवाए–आवारा के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ

गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार शीन काफ़ निज़ाम द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुर्फ–ए–ग़ैब

गुर्फ–ए–ग़ैब उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार कृष्ण कुमार तूर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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गुल–ए–नग़मा

गुल–ए–नग़मा उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार फिराक़ गोरखपुरी (रघुपति सहाय) द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1960 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गोपीचंद नारंग

गोपीचंद नारंग को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना साख्तियात पस–साख्तियात और मशरीक़ी शेरियात के लिये उन्हें सन् १९९५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। .

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आतिशे गुल

आतिशे गुल उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार जिगर मुरादाबादी (अली सिकंदर) द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1958 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आतिशे–चिनार

आतिशे–चिनार उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार शेख़ मुहम्मद अब्दुल्ला द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में उर्दू भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आनंद नारायण मुल्ला

आनंद नारायण मुल्ला (1901–1997) भारत से उर्दू के एक शायर, कवि, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ थे। उनके पिता जगत नारायण मुल्ला एक प्रमुख वकील और सरकारी अभियोजक थे। वे भी स्वयं एक प्रमुख वकील थे और 1954 से 1961 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहे। वे लखनऊ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चौथी लोक सभा (1967-1970) के लिए निर्वाचित हुए थे। बाद में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा (1972-1978) के सदस्य के रूप में निर्वाचित किए गए थे। .

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आफ़ाक़ की तरफ़

आफ़ाक़ की तरफ़ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार खलील मामून द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आबिद हुसैन (लेखक)

आबिद हुसैन उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित भारतीय संस्कृति के सर्वेक्षण पर आधारीत किताब क़ौमी तहज़ीब का मसला के लिये उन्हें सन् १९५६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। इन्हें को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९५७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश राज्य से थे। .

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आले अहमद सुरूर

आले अहमद सुरूर (९ सितंबर १९११) उर्दू के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। उनका जन्म बदायूँ में हुआ। पहला कविता संग्रह सल सबिल १९३५ में प्रकाशित हुआ। नए और पुराने चिराग, तनक़ीद क्या है, अदब और नज़रिया, (आलोचनात्मक निबंध) ख़्वाब बाकी है (आत्मकथा) आदि रचनाओं के रचयिता आले अहमद को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, साहित्य अकादमी, इक़बाल पुरस्कार तथा पद्म भूषण (१९९१) से सम्मानित किया जा चुका है। .

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आस

आस उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार बशीर बद्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आवारा सजदे

आवारा सजदे उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार कैफ़ी आज़मी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1975 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आइडेण्टिटी कार्ड

आइडेण्टिटी कार्ड उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार सलाहुद्दीन परवेज़ द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इम्तियाज़ अली अर्शी

इम्तियाज़ अली अर्शी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक ग़ालिब के काव्य का विवेचनात्मक संपादन दीवान–ए–ग़ालिब के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इयारुइंगम

इयारुइंगम असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार बीरेन्द्रकुमार भट्टाचार्य द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1961 में असमिया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इलयास अहमद गद्दी

इलयास अहमद गद्दी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास फ़ायर एरिया के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इक़बाल की नज़री–ओ–अमली शेरियात

इक़बाल की नज़री–ओ–अमली शेरियात उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मसूद हुसैन ख़ाँ द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1984 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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क़ौमी तहज़ीब का मसला

क़ौमी तहज़ीब का मसला उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार आबिद हुसैन द्वारा रचित एक भारतीय संस्कृति का सर्वेक्षण है जिसके लिये उन्हें सन् 1956 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुर्अतुल ऐन हैदर

ऐनी आपा के नाम से जानी जानी वाली क़ुर्रतुल ऐन हैदर (२० जनवरी १९२७ - २१ अगस्त २००७) प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं। .

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कृष्ण कुमार तूर

कृष्ण कुमार तूर उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह गुर्फ–ए–ग़ैब के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कृष्णा सोबती

कृष्णा सोबती (१८ फ़रवरी १९२५, गुजरात (अब पाकिस्तान में)) हिन्दी की कल्पितार्थ (फिक्शन) एवं निबन्ध लेखिका हैं। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था। अपनी संयमित अभिव्यक्ति और सुथरी रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। उनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने हमारे समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किए हैं। .

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कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी (असली नाम: अख्तर हुसैन रिजवी) उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है। .

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अनीता देसाई

अनीता देसाई (जन्म: 24 जून 1937) एक प्रख्यात लेखिका हैं।.

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अबुल कलाम क़ासमी

अबुल कलाम क़ासमी उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचनात्मक अध्ययन मआसिर तनक़ीदी रवय्ये के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अब्दुस्समद

अब्दुस्समद उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास दो गज़ ज़मीन के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम (१९१९-२००५) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी। पंजाब (भारत) के गुजराँवाला जिले में पैदा हुईं अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग १०० पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा 'रसीदी टिकट' भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था। अमृता प्रीतम का जन्म १९१९ में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। बचपन बीता लाहौर में, शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से लिखना शुरू किया: कविता, कहानी और निबंध। प्रकाशित पुस्तकें पचास से अधिक। महत्त्वपूर्ण रचनाएं अनेक देशी विदेशी भाषाओं में अनूदित। १९५७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९५८ में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कृत, १९८८ में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार;(अन्तर्राष्ट्रीय) और १९८२ में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। उन्हें अपनी पंजाबी कविता अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ के लिए बहुत प्रसिद्धी प्राप्त हुई। इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुई भयानक घटनाओं का अत्यंत दुखद वर्णन है और यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में सराही गयी। .

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अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'

अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान (१६ जून १९३६ – १३ फ़रवरी २०१२), जिन्हें उनके तख़ल्लुस या उपनाम शहरयार से ही पहचाना जाना जाता है, एक भारतीय शिक्षाविद और भारत में उर्दू शायरी के दिग्गज थे। .

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अख़्तर-उल-ईमान

अख़्तर-उल-ईमान का जन्म 12 नवम्बर 1915 को किला, नजीबाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ। ये मुख्यत: नज़्म के शायर थे। ये आधुनिक उर्दू नज़्म के संस्थापकों में शामिल हैं। उर्दू नज़्म पर इनका काफ़ी प्रभाव रहा है। फ़िल्म धर्मपुत्र (1963) और वक़्त (1966) में संवाद लेखन के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला।.

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उर्दू ड्रामा और स्टेज

उर्दू ड्रामा और स्टेज उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार सैयद मसूद हसन रिज़वी द्वारा रचित एक उर्दू नाटक और रंगमंच का इतिहास है जिसके लिये उन्हें सन् 1959 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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